26 साल की नाइजीरिया की एक औरत जौन काल्जी को जब यह पता चला कि उसे ब्रैस्ट कैंसर है और उसे ठीक करने के लिए बच्चा गिराना पड़ेगा, तो वह सहम उठी, क्योंकि वह 6 महीने के पेट से थी और यह उस का पहला बच्चा था.
डाक्टर ने उसे बताया कि उस के दाएं स्तन में कैंसर है, जिस का आपरेशन बच्चे को बिना निकाले करना मुमकिन है.
कैंसर का नाम सुन कर ही ज्यादातर लोग डर जाते हैं. ऐसे में जौन काल्जी की 6 महीने की प्रैग्नैंसी थी, इसलिए ऐसी दशा में डाक्टरों ने उसे कैंसर के ट्यूमर का पहले आपरेशन करने की सलाह दी. उसे यह भी कहा गया कि आपरेशन के दौरान उस के बच्चे का भी ध्यान रखा जाएगा. एक अस्पताल में पूरी टीम ने आपरेशन पर काम किया और 9 महीने बाद उस ने एक सेहतमंद बच्चे को जन्म दिया.
आजकल औरतों में ब्रैस्ट कैंसर सब से ऊपर है. उस के बाद सर्विक्स का कैंसर पाया जाता है. ब्रैस्ट कैंसर का बढ़ना आज की मौडर्न लाइफस्टाइल का हिस्सा है. भारत में 14 औरतों में से एक औरत ब्रैस्ट कैंसर से पीडि़त है, जबकि पश्चिमी देशों में 8 औरतों में से एक औरत ब्रैस्ट कैंसर से पीडि़त है.
पहले भारत में 20 औरतों में से एक औरत को ही ब्रैस्ट कैंसर होता था. शहरों में इस की तादाद ज्यादा है, जबकि गांवों में कम. इस की वजह यह है कि आज शहरी औरतें अपने कैरियर को ज्यादा तवज्जुह देती हैं. इस के चलते ज्यादा उम्र में शादी होती है. 30 साल की उम्र के बाद बच्चा पैदा होता है और बहुत सी तो बच्चे को अपना दूध भी नहीं पिलाती हैं.
इस बीमारी के होने पर औरतें मानसिक रूप से बहुत प्रभावित होती हैं. ब्रैस्ट हटाने के बाद उन्हें लगता है कि सब उन्हें देख रहे हैं. वे अपने कंधों को झुका कर चलती हैं. इस से स्पाइनल कौर्ड कई बार टेढ़ी हो जाती है, इसलिए मरीज की काउंसलिंग कर के उस के आत्मविश्वास को बढ़ाया जाता है.
ब्रैस्ट कैंसर में मरीज के परिवार और दोस्तों का जबरदस्त जुड़ाव होना चाहिए. कई बार पति से उस पीडि़त औरत को सताने की खबरें आती हैं, जबकि औरत सैक्सुअली पूरी तरह से फिट होती है. ऐसे में औरत अपनेआप को असुरक्षित महसूस करने लगती है.
डाक्टर किसी की लाइफस्टाइल को तो बदल नहीं सकते, इसलिए उसे प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा कृत्रिम स्तन लगाने की सलाह देते हैं.
कैंसर कभी भी किसी को हो सकता है. इस के लिए वंशानुक्रम कोई माने नहीं रखता. शुरुआती जांच में अगर इस का पता लगा लिया जाता है, तो इलाज मुमकिन है.
आपरेशन के बाद मरीज को पहले 3 महीने, फिर 6 महीने और फिर एक साल बाद जांच के लिए आना पड़ता है. 5 साल तक अगर मरीज ठीक रहता है, तो कैंसर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है. लिहाजा, कहीं भी किसी तरह की गांठ स्तन में होने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
इस के बाद अगला कैंसर सर्विक्स का होता है, जो ज्यादातर एचपी वायरस की वजह से हो रहा है. इसे होने का डर मल्टीपल सैक्स करने वाली औरतों में ज्यादा है, इसलिए जो औरतें मल्टीपल पार्टनर के पास जाती हैं, उन्हें अपने पार्टनर को कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह देनी चाहिए, ताकि वे इस बीमारी से बच सकें. इस के इंजैक्शन भी बाजार में मिलते हैं. इस की 3 सूई अलगअलग समय के अंतराल पर लगा दी जाती हैं. फ्रांस में इसे 12 साल की उम्र में हर लड़की को लगा दिया जाता है, जबकि भारत में ऐसी जागरूकता की कमी है.
हमारे यहां नैतिकता का मतलब अब बदल चुका है. सर्विक्स का कैंसर लोअर और अपर क्लास के लोगों में ज्यादा है. औरतों को साल में एक बार पूरा चैकअप कराना चाहिए, ताकि वे किसी तरह की बीमारी से अपनेआप को बचा सकें.
मर्दों में हैड ऐंड नैक (सिर और गले) का कैंसर सब से ऊपर है. इस के बाद फेफड़े का कैंसर और फिर आंतड़ियों का कैंसर ज्यादा पाया जा रहा है. शरीर के किसी भाग में अगर कोई समस्या हो, तो डाक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. एक 26 साल के नौजवान को 18 किलोग्राम का ट्यूमर था, जिसे वह अपनी छाती में ले कर घूम रहा था.
लिहाजा, सभी तरह के तंबाकू, गुटका और पान पर पूरी तरह से पाबंदी होनी चाहिए. लेकिन राजनीतिक दबाव में आ कर कंपनी बंद हो कर भी खुल जाती हैं. डाक्टर कहते हैं कि तंबाकू और गुटके का सेवन जहर के बराबर है, जिसे हम पैसे दे कर बाजार से खरीदते हैं.
हैड ऐंड नैक कैंसर ज्यादातर 35 से 40 साल की उम्र के लोगों को हो रहा है, जो चिंता की बात है. इस के अलावा आंतड़ियों का कैंसर आज आम है, क्योंकि लोग घर का खाना कम खाते हैं. जंक फूड खाने से लोगों को कब्ज की शिकायत होने पर यह कैंसर हो सकता है, इसलिए खाने में रेशेदार चीजों और सब्जियों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है.



 
  
                 
            




 
                
                
                
                
                
                
                
               