देश में ज्यादातर नौजवानों के नौकरीपेशा होते दौर में शादी की औसत उम्र बढ़ती जा रही है, लेकिन शारीरिक संबंध बनाना तो कुदरती जरूरत है. लिहाजा, आपसी सम?ादारी से शादी से पहले ही सैक्स संबंध बन रहे हैं.
लड़केलड़कियों के एकसाथ काम करने और बदलती सोच के चलते नौजवान शादी से पहले सैक्स संबंधों को बनाना खराबी नहीं मानते हैं. ऐसे में शादी से पहले लड़कियों को रीवर्जिनटी या वजाइना को पुराने आकार में लाने के लिए सर्जरी की शरण में जाना पड़ता है.
पहले लोअर क्लास की लड़कियों के पास रीवर्जिनिटी कराने के लिए पैसे नहीं होते थे और अपर क्लास को इन चीजों से कोई मतलब नहीं रहता. पर अब लोअर क्लास में लड़कियां भी कामकाजी होने लगी हैं, इसलिए वे खुद इस सर्जरी का खर्च जुटा सकती हैं.
लड़की के घर वाले शादी तक दहेज की चिंता में ही जुटे रहते हैं. वहीं अपर क्लास सोसाइटी में कपल्स को पता रहता है कि स्कूलकालेज टाइम में सभी के अफेयर रहते ही हैं.
इस सोसाइटी के नौजवानों का टीनऐज में अगर किसी का अफेयर न हो, तो ऐसे मामलों में घर वाले और रिश्तेदार चिंता तक करने लगते हैं. ऐसे में कपल्स यही मान कर शादी करते हैं कि उन के पुराने अफेयर्स रहे होंगे. मिडिल क्लास ही नैतिकता की इस कशमकश में फंसा रहता है. इसी क्लास के लड़कों की कुंआरी दुलहनों की डिमांड रहती है.
दिल्ली व एनसीआर में इस तरह की सर्जरी कराने के लिए ज्यादातर लड़कियां हरियाणा की आती हैं. यों तो दिल्ली ही आसपास के छोटे शहरों और राज्यों का मैडिकल हब है और यहां हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब समेत कई राज्यों के छोटेबड़े शहरों के लोग इलाज कराने आते हैं.
इस के अलावा देश की राजधानी होने के चलते बाकी राज्यों के मुकाबले यहां हाई क्लास मैडिकल सुविधाएं मौजूद हैं. दूसरे देशों के मुकाबले इलाज सस्ता होने के चलते यह शहर मैडिकल टूरिज्म का भी हब है. फिर भी इन सभी राज्यों और देशों के मुकाबले यह सर्जरी कराने में हरियाणा की लड़कियां नंबर वन हैं. यह सर्जरी कराने वाली कुल लड़कियों में से तकरीबन 40 फीसदी लड़कियां अकेले हरियाणा की होती हैं.
पोर्नोग्राफी ने बढ़ाया बिजनैस
भारत में पोर्न फिल्में देखने का चलन बढ़ने के बाद से अपने प्राइवेट पार्ट को घूरने और निहारने का चलन भी बढ़ा है. पोर्न फिल्मों के मौडलों और ऐक्टरों के डिजाइनर प्राइवेट पार्ट को देख कर लड़कियां और किशोरी अपनी वजाइना को उन की वजाइना से कंपेयर करती रहती हैं, तभी सर्जरी कराने की जरूरत महसूस होती है.
देश में पोर्न फिल्मों के चलन से पहले तक तो प्राइवेट पार्ट्स के आसपास उगने वाले बालों प्यूबिक हेयर की सफाई तक का चलन नहीं था, पर अब हर ब्यूटी पार्लर में इसकी सुविधा है और ब्राइडल पैकेज में तो इसे खासतौर पर शामिल किया जाता है.
इस तरह पोर्न फिल्मों से भी हाइमनोप्लास्टी और डिजाइनर वजाइना (लेबियाप्लास्टी) का चलन बढ़ा है. पोर्न फिल्मों की तरह वजाइना से अपने पार्टनर की यौन संतुष्टि के लिए भी लड़कियां सर्जरी का रास्ता अपना रही हैं.
सखी बनती है हमराज
यह लेखिका जब कौस्मैटिक सर्जरी करने वाले एक क्लिनिक पहुंची, तो वहां डाक्टर को आने में थोड़ी देरी थी. तब तक बातोंबातों में वहां की रिसैप्शनिस्ट अलका ने बताया कि लड़कियां वर्जिनिटी सर्जरी सैंटरों में मजबूरी में ही आती हैं और सैंटर पर फोन कर वे कहती हैं कि उन्हें प्राइवेट पार्ट की सर्जरी के बारे में पता करना है.
डाक्टर के मुताबिक, कम उम्र की लड़कियां इस सर्जरी के लिए अपने घर वालों के साथ नहीं आती हैं. इस राज को वे अपनी सहेली के साथ ही बांटती हैं. वहीं, बड़ी उम्र की लड़कियां या औरतें अपने परिवार के साथ भी आती हैं. तलाकशुदा या रेप सर्वाइवर इस सर्जरी के लिए घर वालों को ले कर आती हैं. जाहिर है, दोनों तरह की लड़कियों की अपनी मजबूरी हैं, जिस में वे मौके के हिसाब से अपने राजदार को चुनती हैं.
जानें यह भी
चेहरे की त्वचा पर जैसे साबुन व पानी नुकसान पहुंचाता है, तो वहीं वजाइना की स्किन पर इस का क्या असर पड़ता होगा. साबुन या दूषित पानी वजाइना के एसिड संतुलन को खराब करते हैं.
वजाइना का पीएच बैलेंस 3.5 से 4.5 और इस अनुकूलित संतुलन में लैक्टोबैक्ली और दूसरी फायदेमंद कोशिकाएं बनती हैं. पानी (पीएच 7) और साबुन (पीएच 8 से 11) दोनों से सफाई करेंगे तो संतुलन बिगड़ जाएगा. संतुलन के बिगड़ने से सूखापन, बदबू, संक्रमण की संभावना हो सकती है. पीरियड के दौरान पीएच 7.4 हो जाता है, असुरक्षित सैक्स (स्पर्म पीएच 7.1) और हार्मोनल बदलाव से खुजली और सूजन हो जाती है.
माहिरों की मानें, तो लड़कियां साफसफाई के बारे में चर्चा भी नहीं करतीं. वजाइना को लैक्टिक एसिड से साफ करना चाहिए, ताकि पीएच बैलेंस रहे और माइक्रोफ्लोरा ज्यादा न बढ़े.
कई लोगों का मानना है कि प्राइवेट पार्ट के ढीले होने के चलते उन्हें सैक्सुअल संतुष्टि नहीं मिलती?
हां, बहुत ज्यादा सैक्स करने पर या कई बच्चों के जन्म के बाद फीमेल प्राइवेट पार्ट का ढीला होना स्वाभाविक है. यह सोच गलत है कि ज्यादा बार सैक्स करने से प्राइवेट पार्ट ढीला होता है.
वजाइना की दीवार बेहद लचीली होती है. यह कुदरती रूप से फैलने और फिर अपने आकार में आ जाने की प्रवृत्ति होती है. महिला सैक्सुअल संबंध के प्रति उत्तेजित हो तो वजाइना लुब्रिकेटिड हो जाता है और इस का भीतरी दोतिहाई भाग फैल जाता है. इस के फैलने के चलते ही मर्दों को यह लगता है कि यह हिस्सा ढीला है, जबकि ऐसा नहीं होता.
बच्चे को जन्म देने के बाद भी वजाइना का ढीला होना स्वाभाविक है. नौर्मल डिलीवरी में बच्चा इसी रास्ते से बाहर आता है, जिस से वजाइना की वौल्स बहुत ज्यादा फैलती हैं और ढीली पड़ती हैं, पर यह भी जरूरी नहीं कि यह शिकायत भी सभी औरतों को हो. गायनोकोलौजिस्ट के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद वजाइना को अपने आकार में वापस आने में तकरीबन 6 महीने का समय लग सकता है.
क्या ज्यादा सैक्स करने से फीमेल प्राइवेट पार्ट में ढीलापन आता है?
ऐसा कुछ नहीं है. कितनी बार भी संबंध बनाए जाएं, पर वजाइना की मासंपेशियां अपने दोबारा आकार में लौट ही आती हैं.
कैसे जानें नौर्मल हैं आप
जरूरी नहीं है कि जैसी वजाइना पोर्न फिल्मों में दिखाई जाती है, वही आदर्श वजाइना है. हर किसी का प्राइवेट पार्ट उस की शारीरिक संरचना के हिसाब से होता है. जिस तरह सभी लड़कियों की आंखें या नाक एकजैसी नहीं हो सकती, उसी तरह उन की वजाइना भी एकजैसी नहीं हो सकती है. अगर आप को समय पर पीरियड होते हैं, प्राइवेट पार्ट में उत्तेजना महसूस होती है तो आप नौर्मल हैं.
इस के अलावा लड़कियों में एक डर यह भी रहता है कि वह फर्स्ट नाइट को ‘?ोल’ पाएंगी या नहीं. इस के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है. वजाइना की संरचना ऐसी होती है कि उत्तेजित होने पर वह अपने आकार से दोगुनी हो जाती है.
वैसे, वजाइना का साइज 3 से 4 इंच होता है और सैक्सुअल ऐक्साइटमैंट के दौरान साइज दोगुना फैलता है, इसलिए ज्यादा समय तक फोरप्ले ऐक्साइटमैंट को बढ़ाता है.
ये सर्जरी अपनी शारीरिक बनावट को ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए कर रही हैं.
2014 में ‘द डेली स्टार’ में छपी वजाइना की हकीकत
* वजाइना 3 से 4 इंच होती है और उत्तेजना के दौरान यह दोगुना बड़ी हो जाती है.
* क्लूपेरिस में 8,000 तंत्रिकाएं होती हैं, जबकि मर्दाना अंग में 4,000 होती हैं.
* एक शोध के मुताबिक, आमतौर पर हर 5 में से एक औरत की वजाइना में कैंडिड फंगस पाया जाता है.
* गंध, गीलापन, डिस्चार्ज होने पर परफ्यूम न डालें, यह नुकदानदायक होता है.
* वजाइना खुद को साफ रखती है, इस के लिए किसी उत्पाद की जरूरत नहीं होती.
* सैक्स के दौरान वजाइना की आंतरिक वौल अंब्रेला की तरह खुल जाती है.
* वजाइना में नैचुरल लुब्रिकैंट होता है.
* एक घंटे में महिलाओं को 134 बार और्गेनिज्म होता है, जबकि मर्दों को 16 बार ही होता है.
* प्यूबिक हेयर की लाइफ 3 हफ्ते तक होती है, जबकि सिर के बालों की लाइफ 7 साल तक.
* वजाइना से आने वाली गंध आप के खानेपीने की डाइट पर बहुत निर्भर करती है.