आज भी देश में तंत्रमंत्र, दकियानूसी मान्यताएं और नासमझी इतनी ज्यादा हावी है कि लोग अपने फायदे के लिए दूसरे का नुकसान करने में जरा भी देर नहीं लगाते हैं. ऐसा ही कुछ हाल ही में हुआ, जब एक मंदिर की चौखट पर एक सिरफिरे ने किसी नौजवान की कुल्हाड़ी से वार कर के हत्या कर दी.
दरअसल, मध्य प्रदेश के रीवां जिले के बैकुंठपुर थाने के बेढ़ौआ गांव में बने एक देवी मंदिर के नजदीक 6 जुलाई, 2022 को एक नौजवान की लाश बरामद हुई थी, जिस की गला काट कर हत्या की गई थी.
पुलिस कार्यवाही में उस नौजवान की पहचान 18 साल के दिव्यांश कोल के रूप में हुई, जो क्योंटी इलाके का रहने वाला था. साथ ही, यह भी जानकारी मिली कि दिव्यांश कोल को उसी दिन रामलाल प्रजापति के साथ देखा गया था, जो क्योंटी का ही रहने वाला था.
पुलिस ने शक के आधार पर रामलाल प्रजापति को हिरासत में ले कर थाने में पूछताछ की, तो एक ऐसा खौफनाक सच सामने आया कि सुन कर ही रोंगटे खड़े हो जाएं.
रामलाल प्रजापति ने पुलिस को बताया कि उस की 3 बेटियां थीं और उस ने एक बेटे के लिए देवी से मन्नत मांगी थी. बाद में उस की मन्नत पूरी हो गई और उसे एक बेटा हुआ.
अब मन्नत पूरी करने की बारी थी, जिस के मुताबिक उसे एक नौजवान की बलि देवी को देनी थी, जिस के लिए वह किसी लड़के की तलाश कर रहा था.
वारदात के दिन रामलाल प्रजापति को बकरियां चराता हुआ दिव्यांश कोल मिल गया था. वह उसे अपने साथ बेढ़ौआ गांव में बने देवी मंदिर में ले गया, जो काफी सुनसान जगह पर था. वहां पर उस ने दिव्यांश कोल की कुल्हाड़ी से गला काट कर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया.
बाद में यह भी पता चला कि आरोपी रामलाल प्रजापति तंत्रमंत्र का काम करता था और गांव के लोगों के बीच झाड़फूंक करता था. वह गले तक धार्मिक प्रपंचों में डूबा हुआ था.
32 साल का रामलाल प्रजापति अकेला ऐसा इनसान नहीं है, जिस पर अपने फायदे के लिए नरबलि की सनक सवार हुई हो. उत्तर प्रदेश के सीतापुर में भी एक नौजवान की बलि देने की कोशिश की गई थी.
गांव डिघरा के नंदराम के मुताबिक, 22 जून, 2022 को गांव का ही राहुल जरूरी काम बता कर उसे बुला ले गया था और सुबह 10 बजे से देर रात तक उसे घर में बिठाए रखा. 3 लोग घर में गड्ढा खोद रहे थे. राहुल की मां नंदराम पर चावल छिड़कती रही.
नंदराम का आरोप है कि वे लोग गड्ढे में दबा कर उस की बलि देना चाहते थे, पर वह किसी तरह बच कर घर आया और आपबीती परिवार वालों को बताई.
नंदराम के भाई अनिल का आरोप है कि राहुल के घर तांत्रिक आए थे, जो मंत्रों का उच्चारण करते हुए बलि दिए जाने की बात कह रहे थे. घर के करीब 12 फुट गहरा गड्ढा खोदा गया था.
इसी तरह साल 2015 की बात है. महाराष्ट्र के नासिक जिले में तंत्र साधना के लिए 2 औरतों की बलि देने का मामला सामने आया था. तब घोटी पुलिस ने तांत्रिक औरत वछीबाई खडगे समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. वछीबाई ने पुलिस को बताया था कि उस ने अपने गुरु के कहने पर ये बलि दी थीं.
घोटी पुलिस के मुताबिक, इगतपुरी के पास एक आदिवासी गांव की औरत वछीबाई खडगे तंत्र साधना करना चाहती थी. उस के गुरु ने उसे बताया था कि
इस के लिए उसे 7 औरतों की बलि
देनी होगी. इस के बाद वछीबाई ने औरतों की तलाश शुरू कर दी थी.
इसी बीच तांत्रिक वछीबाई की एक शिष्या बुगीबाई ने उसे बताया कि उस की सास उसे काफी तंग करती है, जिस पर वछीबाई ने कहा कि उस की सास पर भूत का साया है. इस के बाद झाड़फूंक के नाम पर वछीबाई ने सास की दर्दनाक हत्या कर दी और उस की लाश को दफना दिया.
इस के बाद वछीबाई ने गांव के ही
2 भाइयों गोविंद और काशीनाथ को भी बरगला कर उन की मां को मौत के घाट उतार दिया. इस के बाद उस ने उन की बहन को भी लपेटे में लेने की कोशिश की, लेकिन बहन को इस की भनक लग गई और वह किसी तरह उन के चंगुल से निकल कर पुलिस थाने पहुंच गई.
साल 2016 में मुंबई के मालाड इलाके में एक रात वंजारी पाडा के लोग उस वक्त हैरान हो गए, जब उन्हें इलाके के ही एक झोंपड़े के अंदर जमीन में गड्ढा खोदने की भनक लगी.
हैरान पड़ोसी हकीकत जानने के लिए जब उस झोंपड़े में घुसे, तो वहां मौजूद 4 में से 3 लोग भाग गए, लेकिन एक शख्स पकड़ में आ गया.
पकड़े गए शख्स ने बताया कि वे जमीन में गड़ा सोना पाने के लिए नरबलि देने की तैयारी में थे. पकड़े गए शख्स के बेटे धर्मेंद्र गौड़ ने आरोप लगाया है कि नरबलि दे कर जमीन में गड़ा सोना पाने की साजिश एक मौलाना की थी, जो लोगों के घर में घुसते ही बाकी आरोपियों के साथ भाग गया.
भारत में नरबलि एक जघन्य अपराध है और इस पर कानूनी तौर पर पूरी तरह से रोक है, फिर भी लोग अपने फायदे के लिए किसी दूसरे की जान लेने में भी नहीं झिझकते हैं.
इस तरह की नरबलि की जड़ में अंधविश्वास होता है, जिस में तंत्रमंत्र
का तड़का उसे और ज्यादा भयावह बना देता है.
रामलाल प्रजापति की 3 बेटियां थीं, पर उस पर बेटा पाने की सनक सवार थी और इस के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता था, जो उस ने साबित भी कर दिया. उस ने जरा भी नहीं सोचा कि दिव्यांश कोल किसी के घर का चिराग है और जब बेटा पैदा ही हो चुका है, तो क्यों किसी मासूम की बलि दी जाए.
पर चूंकि रामलाल प्रजापति देवी से वादा कर चुका था, तो फिर यह नाफरमानी कैसे कर सकता था. धर्म का डर उस पर इतना ज्यादा हावी हो गया कि उस ने यह कांड कर दिया.