ऋषि राज सिंह एक नाम है, आने वाले युग के पार्श्व गायन के एक नये धूमकेतु का. ऋषि इंडियन आइडल में 2 अप्रैल रविवार को विजेता घोषित किए गए और 25 लाख रुपए नगद एक चमचमाती कार के साथ नए भविष्य की दहलीज पर खड़े हैं.
सोनी टीवी पर पर प्रसारित होने वाले ‘इंडियन आइडल’ के 13 वें सीजन के विजेता बन गए हैं अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में जन्मे पढ़ें लिखे ऋषि राज सिंह. रविवार 2 अप्रैल2023 की देर रात प्रतियोगिता के अंतिम चरण में एक लंबे चरमोत्कर्ष के सफर के बाद ऋषि सिंह विजेता घोषित किए गए. विजेता बनने तक का सफर ऋषि सिंह अपने शब्दों में बताते हैं – यह ऐसा रोमांच से भरा रहा जिसकी उन्होंने अपने जीवन में कभी कल्पना भी नहीं की थी, बॉलीवुड के एक से बढ़कर एक सितारों से आमना सामना, उनके सामने अपना प्रदर्शन करना और फिर विजेता घोषित होना उनकी जीवन के लिए अहम स्थान रखता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऋषि सिंह की जीत पर ट्वीट कर लिखा, -“आपकी अटूट संगीत साधना को समर्पित उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश समेत पूरे संगीत जगत को गर्व है. मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे, आपकी स्वर्णिम सफलता का क्रम अनवरत चलता रहे, यही कामना है. ” देश की संगीत के नए सितारे ऋषि सिंह अयोध्या के रहवासी हैं. और आपका पूरा नाम है -ऋषि राज सिंह . उनकी गायिकी के मुरीद क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली से लेकर सुभाष घाई और राकेश रोशन जैसे बड़े फिल्म निर्माता भी हैं. मजे की बात है कि ऋषि सिंह ने इससे पूर्व इंडियन आइडल के 11वें सीजन के लिए भी आडिशन दिया था, लेकिन उस वक्त वे आडिशन के चौथे दौर में बाहर हो गए थे.
‘इंडियन आइडल’ के हाल के सीजन में ऋषि ने मंच साझा कर रहे हम उम्र सोनाक्षी कर, शिवम सिंह, चिराग कोटवाल, बिदिप्ता चक्रवर्ती और देवोस्मिता राय को काफी पीछे छोड़ विजेता बन गए . दरअसल ऋषि सिंह इस शो की शुरुआत से ही काफी लोकप्रिय हो गए थे. ऋषि सिंह से जब इंडियन आइडल के संदर्भ में उनकी भविष्य की योजना के बारे में पूछा गया तो इस बात का खुलासा किया – वह एक बार फिर इस शो में आना चाहते हैं. मगर एक नए स्वरूप में. इंडियन आइडल में एक जज बन कर.
इंडियन आइडल के संदर्भ में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ऋषि सिंह को इस कार्यक्रम को निरंतर देखने वाले दर्शकों की तरफ से सबसे ज्यादा मत मिले थे. विजेता घोषित होने के बाद ऋषि को 25 लाख रुपए की पुरस्कार राशि और एक चमचमाती कार मिली. इस जीत के बाद ऋषि को सोनी म्यूजिक इंडिया के साथ काम करने का मौका भी मिला हैं. प्रसन्नता जाहिर करते हुए करते हुए ऋषि सिंह ने बताया कि जब उनका नाम विजेता के रूप में घोषित किया गया तो वह अपने आंसू नहीं रोक पाए . दरअसल यह खुशी के आंसू थे जिसके लिए उसने न जाने कितने सपने सजाए थे कितनी बड़ी बड़ी चुनौतियां थी मगर सब को पार करते हुए आखिरकार विजेता बन ही गया.
ऋषि सिंह की प्रारंभिक शिक्षा कैंब्रियन स्कूल से हुई है. शिक्षा हासिल करने के बाद वह फिलहाल देहरादून के हिमगिरी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं. प्रतियोगिता के दौरान मंच पर ही उनके जीवन का एक रहस्य खुला कि उनकी सगी मां ने अनाथ ही छोड़ दिया था. उनके माता-पिता ने उन्हें गोद लिया है, जिसके लिए उन्हें ताने भी सुनने पड़े. ऋषि ने कहा कि अगर मेरे इन माता-पिता ने उन्हें पाला न होता को वह कहीं अनाथालय के अंधेरे में रह रहे होते.
ऋषि सिंह ने कहा, ‘इस शो से मेरा एक खास रिश्ता जुड़ गया है. इस शो ने मुझे विशिष्ट पहचान दी है. मैं इस शो में दोबारा आना चाहता हूं, लेकिन प्रतियोगी के रूप में नहीं बल्कि एक जज के रूप में. जब भी यह दिन मेरी जिंदगी में आएगा, उस दिन मुझे ऐसा लगेगा कि मैंने सच में जिंदगी में कोई बड़ा मुकाम हासिल किया है. विशेष ने बताया कि ऋषि सिंह ने बताया कि इंडियन आइडल के इस मंच को यादें कभी भुलाई नहीं जा सकती जहां उन्हें उनके प्रतिभागी प्यारे दोस्त मिले और बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारों का सानिध्य मिला.