कत्ल की यह गुत्थी सुलझाने में पुलिस को हालांकि 10 दिन लग गए, लेकिन जब वजह का खुलासा हुआ, तो हर कोई हैरान रह गया कि ऐसा भी होता है.
दरअसल, 24 साला जातवथ तरुण तेलंगाना के नगरकुरनूल में आटोरिकशा चलाता था. 2 साल पहले ही उस ने अपनी माशूका झांसी से लव मैरिज की थी. जल्द ही उन दोनों के प्यार की निशानी एक प्यारी सी बेटी पैदा हुई. जिंदगी मजे में नन्ही बच्ची के लिए सपने बुनती कट रही थी. 20 मई, 2023 को तरुण ने बड़े प्यार से हमबिस्तरी की ख्वाहिश जाहिर की, तो झांसी ने बेरुखी से मना कर दिया.
यह बेरुखी असल में थकान थी, जिस से तरुण ने कोई वास्ता नहीं रखा और जबरदस्ती करने लगा तो झांसी भी बिफर उठी. इसे विरोध या बचाव जो भी कह लें, पर तरुण को गुस्सा आ गया और वह थकीहारी झांसी को दबोचने लगा. इस पर भी वह काबू में नहीं आई, तो उस ने बीवी का मुंह अपने हाथ से दबा दिया और फिर देखते ही देखते गुस्से में झांसी का गला घोंट दिया.
बाद में घबराए तरुण ने अपने घर वालों को खबर दी, जो भागेभागे आए और झांसी को नजदीक के ओबेसी अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने झांसी को मरा बता दिया. लाश को पोस्टमार्टम के लिए उस्मानिया अस्पताल ले जाया गया. मौत चूंकि शक के दायरे में थी, इसलिए अस्पताल वालों ने पुलिस को बुला लिया.
शुरुआती पूछताछ में तो तरुण और उस के घर वालों ने पुलिस को चकमा दे दिया, लेकिन झूठ 10 दिन ही टिक पाया. 1 जून, 2023 की पूछताछ में तरुण ने अपना गुनाह कबूलते हुए सच उगल दिया और झांसी की हत्या की वजह भी बता दी.
जाहिर है कि झांसी बहाना नहीं बना रही थी और तरुण की मंशा भी उसे जान से मार देने की नहीं थी, लेकिन इस से उस का गुनाह कमतर नहीं हो जाता.
यह थी बहानेबाजी
बीवी के बिस्तरबाजी के लिए राजी न होने पर हत्या की एक और वारदात तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से सामने आई थी, जब 34 साला श्रीनिवासन ने अपनी बीवी अम्मू की हत्या कर दी थी.
इस मामले में श्रीनिवासन की सैक्स की मांग अम्मू ने यह कहते हुए ठुकरा दी थी कि वह सैक्स करेगी तो सिर्फ अपने आशिक से, तो श्रीनिवासन को मरनेमारने की हद तक गुस्सा आना कुदरती बात थी. उस ने चाकू से अम्मू को मार डाला.
अदालत में मामला गया, तो श्रीनिवासन के वकील की दलीलों से इत्तिफाक रखते हुए उस की उम्रकैद की सजा जज ने कम करते हुए 10 साल कर दी.
अदालत ने महसूस किया कि श्रीनिवासन का इरादा हत्या करने का नहीं था. अम्मू ने उसे बिस्तर से धक्का देते हुए उकसाया था और सैक्स करने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि वह दूसरे मर्द के साथ सैक्स करेगी. नतीजतन, मियांबीवी में झगड़ा हुआ.
क्या करें जब…
तरुण को चाहिए था कि वह झांसी के इनकार को दिल पर नहीं लेता, क्योंकि छोटे बच्चे की देखभाल में औरत बहुत थक जाती है और उस की सैक्स की इच्छा भी दम तोड़ने लगती है. यह हालत कुछ दिनों में ठीक भी हो जाती है और बीवी पहले की तरह सैक्स का मजा लेने और देने भी लगती है.
सैक्स करने की इच्छा पत्नी की नहीं थी, लेकिन पति की तो थी, लिहाजा उसे संतुष्ट करने के लिए वह उस के अंग की मालिश करते हुए उस का हस्तमैथुन कर सकती थी या मुख मैथुन से भी उसे संतुष्ट कर सकती थी, जो आजकल के नए शादीशुदा जोड़ों में आम बात है. इस से सांप भी मर जाता और लाठी भी नहीं टूटती.
श्रीनिवासन ने जो किया, कोई भी मर्द गुस्से में वही करता. इस मामले में पत्नी गलत थी, लेकिन श्रीनिवासन के इस जुर्म को सही नहीं ठहराया जा सकता.
जब बीवी बिलकुल मना कर दे
इन 2 मामलों से जाहिर होता है कि अगर बीवी बिस्तरबाजी के लिए बहाना बनाए या मना करे, तो नतीजे खतरनाक और जानलेवा भी हो सकते हैं. असल दिक्कत तो उन शौहरों को होती है, जिन की बीवी सैक्स के लिए बिना वजह उन्हें तरसाती हैं.
भोपाल के 28 साला मुकेश नामदेव (बदला हुआ नाम) की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिस की बीवी रंजना (बदला हुआ नाम) हमबिस्तरी के लिए पिछले 2 साल से राजी नहीं हो रही है. वजह पूछने पर वह साफसाफ कुछ नहीं बताती, तो मुकेश की परेशानी और बढ़ जाती है.
रंजना घरगृहस्थी के बाकी कामकाज ठीक से करती है और पति व दोनों बच्चों का ध्यान भी बराबर रखती है, लेकिन जब कभी रात को मुकेश की इच्छा सैक्स की होती है, तो वह मना कर देती है.
शुरू में उस ने सिरदर्द, थकान और ‘आज मन नहीं कर रहा’ जैसे चलताऊ बहाने बनाए, तो मुकेश मान जाता था, पर बाद में मुकेश समझ गया कि बात कुछ और है. अब तो उस की पहल करने की भी इच्छा नहीं होती. सैक्स की अपनी भूख मिटाने के लिए वह हस्तमैथुन करने लगा है. लेकिन नाश्ते से पेट नहीं भरता.
वह आह सी भरते हुए बताता है, ‘खाना तो खाना ही पड़ता है और मेरी हालत तो नदी किनारे पड़े प्यासे जैसी हो गई है. जो पानी देख तो सकता है, पर उस से प्यास नहीं बुझा सकता.’
रंजना की बहानेबाजी की वजह मुकेश को पता चले तो वह कुछ करे, अब वह दिक्कत में है कि किस से परेशानी बता कर इस का हल पूछे. खुद फिट है या नहीं, इस के लिए 2 साल में वह 2 दफा कालगर्ल्स के पास जा चुका है, लेकिन वहां उसे मजा नहीं आया, क्योंकि एक तो कालगर्ल्स महंगी पड़ती हैं, दूसरे पुलिस और बीमारियों का डर भी सिर पर सवार रहता है. ‘जल्दी निबट लो’ की नसीहत का गर्ल्स पहले ही दे देती हैं और पूरी रात के लिए उन्हें रखने की मुकेश की हैसियत नहीं.
पति ध्यान दें
मुकेश अब दिमाग के डाक्टर या सैक्सोलाजिस्ट के पास जाने का विचार कर रहा है, जिस से रंजना के बाबत कुछ हो सके. दरअसल, वह कई औरतों की तरह ठंडेपन का शिकार हो चली है, लेकिन मुकेश को इस की जानकारी नहीं, जबकि छिंदवाड़ा के 30 साला राजेश पंवार (बदला हुआ नाम) ने समय रहते अपनी बीवी सलोनी (बदला हुआ नाम) की परेशानी को समझा और उसे डाक्टर के पास ले गया तो कुछ दिनों में ही सलोनी बिस्तरबाजी में पहले की तरह दिलचस्पी लेने लगी.
बकौल राजेश, डाक्टरनी ने कुछ दवाएं देते हुए बताया था कि कई बार औरतें कई कारणों से सैक्स में दिलचस्पी लेना कम या बंद कर देती हैं. इन में खास हैं सैक्स से डरने लगना, जिंदगी में कोई हादसा हो जाना जैसे किसी अपने की मौत, जरूरत से ज्यादा धर्मकर्म में लग जाना या फिर सैक्स को गलत ढंग से करना.
राजेश ने डाक्टरनी की दी टिप्स को अपनाया, तो नतीजे उस के हक में आए. उस ने पहले फोरप्ले पर ध्यान दिया कि इसे जितना हो सके लंबा खींचा जाए और जरूरी नहीं कि हर बार सैक्स किया ही जाए. जब तक पत्नी मना न
करे या कोई बहाना न बनाए तब तक फोरप्ले जारी रखा जाए. इस के अलावा सैक्स करते समय पोजीशन बदलना भी जरूरी है.
कई बार पत्नियों को कुछ अलग चाहिए रहता है, लेकिन वे शर्म और पति क्या सोचेगा के चलते सैक्स को मशीनी ढंग से करती रहती हैं और इस से न केवल बोर होने लगती हैं, बल्कि धीरेधीरे कतराने भी लगती हैं, जिस का पति को अंदाजा भी नहीं होता.
पहले बहाने को गंभीरता से लें
यही वह स्थिति होती है, जहां से बात बिगड़ती है, इसलिए जब बीवी पहली बार बहाना बनाए तो पति को अलर्ट हो जाना चाहिए और जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. पत्नी से प्यार से इस की वजह जाननी चाहिए, लेकिन उसे उस के हाल पर नहीं छोड़ देना चाहिए.
बीवी सिरदर्द, बदनदर्द और आज मूड नहीं है जैसे बहाना बनाए, तो दर्द भगाने के बहाने उस के बदन की मालिश करना शुरू कर देना चाहिए, जिस से उसे लगे कि आप उस का ध्यान रखते हैं. इसी मालिश के चलते उस के नाजुक अंगों को सहलाते रहने से वह तैयार भी हो सकती है. लेकिन इस के लिए शौहर में सब्र का होना जरूरी है.
एकदम न टूट पड़ें
बीवी इसलिए भी बहाने बनाना शुरू कर देती है कि पति सैक्स का मूड बनते ही जानवरों की तरह उस पर टूट पड़ता है और खुद का काम निकलते ही करवट बदल कर सो जाता है.
पत्नी को नींद की गोली समझने वाले पति की पत्नी असंतुष्ट रह जाती है और ऐसा अगर बारबार होता है तो फिर वह बहाने गढ़ना शुरू कर देती है, इसलिए मौका पाते ही बीवी से छेड़छाड़, सैक्सी बातें जरूर करते रहना चाहिए और कभीकभी उस के साथ बैठ कर पोर्न फिल्में भी देखनी चाहिए.
शक से बचें
किसी भी शौहर के लिए पत्नी से न सुनना जिंदगी के वाहियात तजरबों में से एक होता है. ऐसे में ज्यादातर शौहर खुद की मर्दानगी और पत्नी के चालचलन पर शक करने लगते हैं. जरूरी नहीं कि पत्नी अगर बिस्तर में बहाने बना रही है, तो उस का कहीं और चक्कर शुरू हो गया हो.
हालांकि श्रीनिवासन के मामले से लगता है कि ऐसा होता होगा तभी तो बीवी मना कर रही है यानी अपनी जिस्मानी भूख कहीं और से मिटा रही है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है, इसलिए बिना सुबूत के बीवी के चालचलन
पर शक नहीं करना चाहिए और न ही खुद की फिटनैस को ले कर चिंतित होना चाहिए.
सैक्स के अलावा भी बहुतकुछ
गलत नहीं कहा जाता कि मियांबीवी गाड़ी के दो पहियों की तरह होते हैं, जिन की घरेलू और सामाजिक जिम्मेदारियां भी होती हैं. दोनों पहिए ठीकठाक चलते रहें, इस के लिए सैक्स के अलावा जमाने में और भी चीजें हैं.
पतिपत्नी की दीगर जरूरतों और सेहत का ध्यान रखें. खाली समय में उस से बातचीत करते रहें, उसे कभीकभार घुमानेफिराने ले जाएं, जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर उसे तोहफा दें और खानेपीने यानी किचन में भी दिलचस्पी लें तो पत्नी से बौंडिंग बढ़ती है और सैक्स कोई बड़ी समस्या नहीं रह जाती.
लेकिन इन का क्या
दिक्कत तब खड़ी होती है, जब मियांबीवी में किसी भी मसले पर तकरार होती है और दोनों में से कोई भी झुकने के लिए तैयार नहीं होता. तब पत्नी को लगता है कि वह सैक्स के लिए तरसा और तड़पा कर पति को सबक सिखा सकती है, तो भी वह बहाने बनाने लगती है. दोनों में कलह अगर होती है, तो भी पत्नी बिस्तरबाजी में नखरे दिखा कर बदला लेने पर उतारू हो आती है.
ऐसे में सैक्स होना तो दूर की बात है, रिश्ता ही टूटने के कगार पर आ जाता है और दोनों अदालत में एकदूसरे के खिलाफ सच्चे कम, झूठे इलजाम ज्यादा लगाते नजर आते हैं यानी बहाना बनाना जिंदगी के सुकून और गृहस्थी के सलामत बने रहने पर भी असर डालता है. किसी बात पर गुस्सा हो कर पत्नी लंबे समय के लिए मायके चली जाती है तो भी उस की सैक्स की इच्छा खत्म होने लगती है.
क्या कहती हैं अदालतें
सैक्स बेहद अहम है और शादी का एक बड़ा मकसद भी है, लेकिन जब मियांबीवी बिस्तर में करवट बदल कर सोने लगें तो कई विवाद और फसाद भी खड़े होने लगते हैं, जो अदालत की चौखट तक भी पहुंचते हैं.
जून के महीने में एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि पति या पत्नी द्वारा सैक्स के लिए मना करना क्रूरता नहीं है. हिंदू विवाह अधिनियम में क्रूरता को तलाक का आधार माना गया है, लेकिन जीवनसाथी द्वारा सैक्स से इनकार करना आईपीसी नियमों के तहत क्रूरता नहीं है.
लेकिन एक दूसरे मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने ही तलाक की डिक्री दे दी थी. इस मामले में पत्नी ने कहा था कि उस का पति हमेशा ब्रह्मचर्य की वकालत करता है और आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारी के वीडियो देखता है. इसी तरह के एक मामले में 25 मई, 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि बिना किसी पर्याप्त कारण के जीवनसाथी के साथ लंबे समय तक सैक्स से इनकार करना मानसिक क्रूरता के समान है.
यह मामला हालांकि उलझा हुआ है, जिस में शादी 1979 में हुई थी और 1994 में पंचायत ने पतिपत्नी का तलाक रजामंदी से करा दिया था. तब पति ने कहा था कि उस ने कई बार शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की, लेकिन पत्नी ने इस से साफ इनकार कर दिया.
न झांसी बनें, न तरुण बनें
साफ दिख रहा है कि अदालतें भी इस मसले पर अभी एक राय नहीं हैं, लेकिन पति और खासतौर पर बहानेबाज पत्नियों को तो बिस्तर पर एक राय होना ही पड़ेगा, कि हां हम सैक्स के लिए इनकार नहीं करेंगे और इसे सबक सिखाने का हथियार नहीं बनाएंगे, नहीं तो हमारी हंसतीखेलती घरगृहस्थी खतरे में पड़ जाएगी और सैक्स का मजा भी हम से छिन जाएगा.
हां, पत्नी अगर कभीकभार यह कहे कि पहले साड़ी दिलाओ या सिनेमा ले जाओ या बाजार ले जा कर चाटपकौड़ी, मिठाई खिलाओ, तो इस को बहानेबाजी नहीं माना जाएगा. पति अपनी हैसियत के मुताबिक पत्नी की ऐसी मांगें पूरी करेगा. भलाई इसी में है कि पति तरुण और पत्नी झांसी जैसे कभी न बनें.