प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सब से बड़े नेता शरद पवार का राजनीति के मैदान में घातप्रतिघात का दौर चल रहा है. नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास में लगे हुए हैं कि शरद पवार को अपने पक्ष में ले कर देश की राजनीति का मानचित्र ही बदल दें. वहीं दूसरी ओर शरद पवार हैं कि लगातार लाख कोशिशों के बावजूद नरेंद्र मोदी के संजाल में फंसने के बजाय नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बड़ी लकीर खींचते चले जा रहे हैं, ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में शरद पवार की एक बड़ी भूमिका सामने आने की संभावना दिखाई देने लगी है.
शरद पवार के गृह प्रदेश महाराष्ट्र के साथसाथ देश की सियासत में उठापटक जारी है. इसी उठापटक के बीच खबर आई है कि नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार को कैबिनेट मंत्री का पद औफर किया गया है. लेकिन खुद शरद पवार ने इन अटकलों पर प्रतिक्रिया दी है और जो कहा है, उस से नरेंद्र मोदी के हाथों के तोते उड़ने लगे होंगे.
शरद पवार ने कहा, “मैं नरेंद्र मोदी केबिनेट में आ रहा हूं, इस से वाकिफ नहीं हूं. सीक्रेट मीटिंग की बातें हो रही हैं, लेकिन वास्तविकता ये है कि इस बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. केंद्र सरकार ने मुझे कैबिनेट मंत्री बनने का औफर किया है. इस तरह की बातों में कोई सचाई नहीं है.
“भारत में राजनीतिक माहौल मोदी के पक्ष में नहीं है. केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भाजपा सत्ता में नहीं है. यहां तक कि चंद्रबाबू नायडू भी इंडिया गठबंधन से जुड़ गए हैं. महाराष्ट्र और मध्य
प्रदेश में नरेंद्र मोदी की भाजपा ने सरकारों को अस्थिर किया. दिल्ली, झारखंड, बंगाल और अन्य राज्यों में भाजपा सत्ता में नहीं है. देश के लोगों ने यह तय कर लिया है कि उन्हें क्या करना है. इसलिए अब नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि मैं वापस आऊंगा. पवार ने कहा कि भाजपा ने कई राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने का काम किया है.”
सचाई देश को बता दी
देश के महत्वपूर्ण नेताओं में एक शरद पवार ने बेबाक तरीके से अपनी बात रखी है. शरद पवार ऐसे नेताओं में हैं, जिन की बात देश बड़ी गंभीरता से सुनता है और जो बहुत ही सालदोरिक तथ्य के साथ अपनी बात रखते हैं. सरसावा में जो कुछ कहा है, उसे अगर हम सच मानें, तो नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के रूप में उलटी गिनती शुरू हो गई है.
शरद पवार ने कहा, “मोदी की अगुआई में चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने का काम किया जा रहा है. मणिपुर चीन की सीमा पर है. इस वजह से यह संवेदनशील राज्य है. हमें सचेत रहने की जरूरत है. लेकिन उत्तर भारत में जो हो रहा है, वह चिंताजनक है. पुलिस बलों पर हमला किया गया. दो समुदायों के बीच जहर घोला जा रहा है. नरेंद्र मोदी मणिपुर को ले कर लोकसभा में सिर्फ तीन से चार मिनट ही बोलते हैं.”
इस तरह शरद पवार ने सबकुछ देश को बता दिया है. जो आप सोचतेसमझते हैं और इन बातों में सचाई भी है. इस तरह उन्होंने एक अलग लाइन खींच दी है. इस सब के बाद विपक्ष के नएनए गठबंधन इंडिया में एक नई ताकत का संचार होना स्वाभाविक है और नरेंद्र मोदी के लिए चिंता का सबब.