फिल्म वालों की हमेशा से यह कोशिश रही है कि मौसम जो भी हो, उस पर कुछ इस तरह गाना फिल्माया जाए कि दर्शक उस से खुद को जोड़ कर देखें, तभी फिल्म हिट हो पाती है. हालांकि सर्दी पर फिल्माए गए गानों की तादाद भी अच्छीखासी है, लेकिन ज्यादातर में सर्दी के सीन एकाध मिनट के ही हैं, जो ठूंसे गए ज्यादा लगते हैं या फिर हिल स्टेशनों पर फिल्माए गए हैं. कुछ ही गानों में जाड़ों और उस के रोमांस को दिखाया गया है. उन में से कुछ खास हैं :

सरकाई लो खटिया

सर्दी पर फिल्माए गरमागरम गानों में सब से पहला नंबर फिल्म ‘राजा बाबू’ के हिट गाने ‘सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे, जाड़े में बलमा प्यारा लगे…’ का आता है. फिल्म ‘राजा बाबू’ जनवरी, 1994 में सिनेमाघरों में लगी थी, जिस के डायरैक्टर डेविड धवन थे. पहले दिन से ही फिल्म हाउस फुल हो गई थी, क्योंकि यह कौमेडी से लबालब थी और इसकी कहानी भी उस दौर के हिसाब से मौजूं थी.

इसी लव और ड्रामा स्टोरी में खटिया वाला गाना था, जिस ने हाहाकार मचा दिया था. गोविंदा और करिश्मा कपूर की जोड़ी ने इस गाने में बेहद सैक्सी सीन दिए थे, खासतौर से करिश्मा कपूर ने तो बिना किसी लिहाज के खटिया पर तकरीबन हमबिस्तरी वाली अदाएं दिखाई थीं, तो दर्शक सिमट कर बैठने को मजबूर हो गए थे.

यह गाना उस दौर के मशहूर गीतकार समीर ने लिखा था, जिसे पूर्णिमा और कुमार शानू ने गाया था. इस गाने के रिकौर्डतोड़ कैसेट बिके थे, लेकिन धर्म और संस्कृति के ठेकेदारों ने एतराज जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी, पर चूंकि यह आम दर्शकों की पसंद का था, जिन्होंने खटिया वाले गाने को देखने के लिए ही कई बार फिल्म देखी थी, इसलिए नैतिकता के ठेकेदारों का विरोध फुस हो कर रह गया था.

इस गाने की एक और खूबी यह थी कि पूरे गाने में जाड़े के कहर का जिक्र था, जो बलमा के साथ रजाई में घुस कर सोने से ही दूर हो सकता था. आज भी सर्दियों में यह गाना नौजवान शिद्दत से सुनते और गाते हैं, क्योंकि इस से सर्दी कम गरमी ज्यादा लगने लगती है और मन अपने पार्टनर के साथ रजाई में घुस जाने को होने लगता है.

मुझ को ठंड लग रही है

साल 1971 में आई फिल्म ‘मैं सुंदर हूं’ का गाना ‘मुझ को ठंड लग रही है, मुझ से दूर तू न जा…’ अपने दौर की सैक्सी हीरोइन लीना चंद्रावरकर और हीरो विश्वजीत पर फिल्माया गया था. इस में हीरोइन हीरो से कह रही है कि ठंड के चलते मुझ से दूर तू न जा. इस के जवाब में हीरो कहता है कि आग दिल में लगी है, मेरे पास तू न आ.

यह गाना हिल स्टेशन पर फिल्माया गया था, जिस के झरने और बर्फ देख कर दर्शकों को भी ठंड का एहसास होने लगता है. उन की ठंड भी गरमी में तभी तबदील होती है, जब हीरो और हीरोइन एकदूसरे से चिपक जाते हैं. 70 के दशक के इस हिट गाने को आनंद बख्शी ने लिखा था, जिसे किशोर कुमार और आशा भोसले ने गाया था. यह गाना तब के नए जोड़ों और प्रेमियों की जबान पर खासतौर पर ठंड के मौसम में रहता ही था.

सर्दसर्द रातों में…

कड़कड़ाती सर्दी हो और पति का मूड इश्क और रोमांस के साथसाथ सैक्स का भी हो रहा हो, जिस से गरमी आए, लेकिन ऐसे में बीवी कमरे के बाहर ठिठुरने के लिए छोड़ दे, तो शौहर पर क्या गुजरेगी, यह सीन 1981 में आई सुपरहिट फिल्म ‘एक ही भूल’ में दिखाया गया था, जिस में रेखा किसी बात पर गुस्सा हो कर जितेंद्र को कमरे के बाहर धकेल देती हैं.

तब जितेंद्र मजबूरी में गाते हैं, ‘सर्दसर्द रातों में थाम के दिल हाथों में, मैं ने तुझे याद किया…’ यह सुन कर रेखा गुस्से में गाती हैं, ‘तुम हो मतलब के यार पिया…’ यानी सैक्स की ख्वाहिश के वक्त ही बीवी के आगेपीछे घूमते हो.

इस गाने में ठंड को सही माने में दिखाया गया है. कांपते हुए जितेंद्र की हालत देख दर्शक भी चाहने लगते हैं कि रेखा इस ठंड में न इतनी बेरुखी दिखाएं और जितेंद्र को कमरे में आ कर सर्दी दूर करने करने के लिए वह सब करने दें, जो एक पति का हक होता है.

ऐसा होता भी है और गाने के आखिर में रेखा पिघल जाती हैं और जितेंद्र को बिस्तर में आने देती हैं. वे दोनों गुत्थमगुत्था हो कर एक ही रजाई में घुस जाते हैं. आनंद बख्सी के लिखे इस गरमागरम गाने को साउथ के गायक एसपी बालासुब्रमण्यम और आशा भोसले ने शिद्दत से गाया था.

मीठीमीठी सर्दी है

ठंड की रातों में पार्टनर पास न हो और उस की याद और जरूरत सताए, तो क्या करें? यह हालत साल 1986 की फिल्म ‘प्यार किया है प्यार करेंगे’ में पद्मिनी कोल्हापुरे की हुई थी, जो जलते अलाव को देख कर यह गाने को मजबूर हो गई थीं, ‘मीठीमीठी सर्दी है, भीगीभीगी रातें हैं, ऐसे में चले आओ तुम… मौसम मिलन का है अब और न तड़पाओ, सर्दी के महीने में माथे पे पसीना है.’

जाड़ों के मौसम की तनहा रातों में आशिक या माशूक की याद किस तरह सताती है, इसे अनिल कपूर और पद्मिनी कोल्हापुरे ने इस गाने में अपनी ऐक्टिंग के जरीए दिखाया था. उस तड़प को सर्द रातों में वही महसूस कर सकता है, जिस का पार्टनर दूर कहीं हो. एसएच बिहारी के लिखे इस गरमागरम गाने को लता मंगेशकर और मोहम्मद अजीज ने गाया था.

हवा सर्द है

अपने दौर के सदाबहार हीरो ऋषि कपूर ने फिल्मों में तरहतरह के स्वेटर पहने हैं. जब भी वे कश्मीर या शिमला शूटिंग के लिए जाते थे, तो घर के बने रंगबिरंगे स्वेटर ले जाते थे.

इन्हीं ऋषि कपूर की एक हिट फिल्म थी ‘बोल राधा बोल’, जिस की शूटिंग भी एक हिल स्टेशन पर हुई थी. इस फिल्म में उन की हीरोइन जूही चावला थीं.

फिल्म ‘बोल राधा बोल’ का अभिजीत और कविता कृष्णमूर्ति का गाया यह गाना इन दोनों पर फिल्माया गया था, ‘हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो, बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो.’

इस गाने के दौरान खिड़की से ठंडी हवा आती रहती है, जिस से बचने के लिए ऋषि कपूर जूही चावला को पकड़ने उन के पीछे दौड़ते हैं और आखिर में अपनी चाहत को बुलंद कर लेते हैं.

ठंड की रातों में खुली खिड़की से आती ठंडी हवा किस तरह प्रेमियों को परेशान करती है, यह इस गाने में दिखाया गया था कि एकदूसरे के जिस्म की गरमी पाने के लिए हीरोहीरोइन आपस में लिपटलिपट जाते हैं.

साल 1992 में आई फिल्म ‘बोल राधा बोल’ में भी ऋषि कपूर ने नई डिजाइन के स्वेटर पहने थे, पर उन की ठंड जूही चावला ही दूर कर पाई थीं.

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