चंदा सचमुच आसमान के चंदा जैसी खूबसूरत थी. वह सुशील, भोलीभाली, सरल स्वभाव की लड़की थी. 17 साला चंदा की एक झलक पाने को मंझावन गांव के नौजवान उस के घर के आसपास चक्कर काटते थे. उस के घर के पास ही पानकी एक गुमटी थी और वहां अकसर चहलपहल रहती थी.

चंदा अपने मातापिता की तरह सीधीसादी थी. वह रोज सुबह से ही काम पर लग जाती थी और शाम को मां के साथ खाना बनाती थी.

गांव में चंदा की एक ही सहेली थी, जिस का नाम कोमल था. उन दोनों की दोस्ती बचपन से थी. कोमल गुणरूप में चंदा के ठीक उलट मनचली और सांवले रंग की थी. पर उस के बदन में गजब का कसाव था. जब वह चलती थी, तब उस की जवानी अंगअंग से छलकती थी.

यही वजह थी कि कोमल के कई लड़कों से प्रेमसंबंध चल रहे थे, लेकिन चंदा को कोमल की इन हरकतों की कभी भनक नहीं लगी, क्योंकि वह उस पर आंख मूंद कर भरोसा करती थी.

जबजब कोमल के प्रेमी उसे लहंगाचोली, पायल, चूड़ी या झुमकी देते, तो वह उन चीजों को जरूर दिखाती थी. चंदा भी बहुत खुश होती थी. उस के पूछने पर कोमल झूठ बोल जाती थी. कभी वह कहती कि बाजार से खरीदे हैं या गंगा मेले से लाई है, तो कभी कहती कि उस की मौसी, मामी या बूआ ने दिए हैं.

वे दोनों सहेलियां अकसर कुएं पर पानी भरने जाती थीं, रसोई के लिए सूखी लकडि़यां बीनती थीं और खेतों से चारे का गट्ठर सिर पर ढो कर लाती थीं. रास्ते में अगर कोई मनचला चंदा का रास्ता रोकता या हाथ पकड़ने की कोशिश करता, तो वह गुस्से से उसे चेतावनी देती थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...