शादी में महफिल जमाने का काम दोस्त और रिश्तेदार करते हैं. रिश्तेदारों में भी मामा बड़े ही खास होते है. जो बचपन से बच्चों को खूब प्यार देते हैं और शादियों में अपनी रस्में पूरी कर खुशीखुशी दुल्हादुल्हन को आशीर्वाद देते हैं. भारत के अलगअलग राज्यों की शादियों में मामा खास रस्में निभाते हैं.
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इन दिनों अनंत और राधिका की शादी सुर्खियों में है. इनका 3 जुलाई को मुबंई में ग्रैंड रिसेप्शन हुआ, जहां परिवार वालों न दुल्हा-दुल्हन के लिए खास ‘ममेरू फंक्शन’ भी रखा. गुजरात में ‘ममेरू’ को मामा कहा जाता है. मामा शादियों की जान होती है, इसलिए मामा के लिए अलग से स्वागत और खाने का इंतजाम होता है. अंबानी परिवार ने ममेरू फंक्शन भी बडे ही धूमधाम से किया.
राधिका मर्चेंट ने ‘ममेरू समारोह’ के लिए मशहूर फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के कलेक्शन से एक बंधनी लहंगा चुना. डुअल कलर के बंधनी लहंगे में गुजराती प्रिंट थे, जिन्हें रानी पिंक कलर में बनारसी ब्रोकेड पर तैयार किया गया था. इस फंक्शन में राधिका के साथ जेठानी श्लोका भी बहुत खूबसूरत दिख रही थीं. 
गुजराती शादी में मामी की रस्म क्या
गुजराती शादी की बहुत जरूरी रस्में होती है जो कि मामा मनाते है. इसमें शादी से एक दिन पहले दुल्हन के मामा उसके घर आकर दुल्हन को कपड़े, गहने और सुहाग का सामान उपहार में देते हैं.
बिहारी शादी में मामा की रस्म
बिहार की शादी में भी मामा की ओर से ‘इमली घुटाई’ की रस्म की जाती है जो शादी के आखिरी समय में की जाती है. इसमें दूल्हे के मामा दूल्हे को बुरी चीजों और आदतों से दूर रहने की सलाह देते हैं, इस समारोह में दूल्हे को उसके मुंह में रखने के लिए एक सुपारी दी जाती है.
यूपी की शादी में मामा की रस्म
शादी के समय लड़का या लड़की का ‘भात’ उसके मामा के यहां से आता है. इस रिवाज के हिसाब से मामा अपने भांजे-भांजी को अलगअलग तरह के गिफ्ट्स देते हैं जिसमें गोल्ड ज्वैलरी, पकवान और मिठाई, ड्रैसेस दी जाती है. हालांकि भात की रस्म लड़का और लड़की दोनों की तरफ से ही निभाई जाती है. मतलब दोनों तरफ के मामा का ही गेस्ट की लिस्ट में सबसे टौप पर होते हैं.
पंजाबी शादी में मामा की रस्म
पंजाबी शादी की अपनी रस्में और रीति-रिवाज होते हैं. पंजाबी शादी का मतलब मस्ती, ढोल, शोर शराबा होता है. पंजाबी शादी की रस्में अलग होती है और इनमें भी मामा की खास रस्में होती है. लड़की को लाल रंग का चूड़ा मामा द्वारा पहनाया जाता है. चूड़े को पहले दूध और गुलाब में रखा जाता है. फिर सभी शादी में आए लोग उसको हाथ लगाते हैं और आशीर्वाद देते हैं. इसके बाद दुल्हन आपनी आंखे बंद करती हैं और उसे मामा और मामी चूड़ा पहनाते हैं. लेकिन शादी के समय तक इस चूड़े को ढक दिया जाता है. इसके साथ ही कलीरा भी मामा की तरफ से आता है. जिसे कुंवारी लड़की या लड़कों पर गिराया जाता है जिसपर गिर जाएं उसकी शादी जल्दी होती है.



 
                
            
