Bhojpuri Industry: भारत देश में देखा जाए तो सिनेमा का एक अलग ही महत्त्व है और लोगों के अंदर सिनेमा के लिए जो दीवानगी है वह कहीं और देखने को नहीं मिल सकती. लोगों के दिलों में फिल्मों के प्रति ऐसा लगाव है कि वे अपनी पसंदीदा फिल्मों और पसंदीदा स्टार्स को देखने के लिए हर समय उत्सुक रहते हैं.

हमारे देश में सिनेमा भी कई हिस्सों में बंटा हुआ है जैसे कि हिंदी फिल्मों के लिए बौलीवुड, पंजाबी फिल्मों के लिए पौलीवुड, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ फिल्मों के लिए साउथ इंडस्ट्री और उत्तर भारत यानी कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की पसंदीदा है भोजपुरी इंडस्ट्री. आज हम बात करेंगे कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री बाकी फिल्म इंडस्ट्री खासतौर से साउथ फिल्म इंडस्ट्री से पीछे कैसे है.

टैक्नोलौजी और बजट

साउथ की फिल्मों को देखने से ही पता चलता है कि मेकर्स उन फिल्मों में कई सारी टैक्नोलौजी जैसे कि, वीएफएक्स, कैमरा रिसोल्यूशन, एडिटिंग स्किल्स का इस्तेमाल कर उन्हें ऐसा बना देते हैं कि देखने वालों को एक अलग ही एक्सपीरियंस मिले फिर चाहे वह एक्शन हो या रोमांस. वहीं दूसरी तरफ बजट कम होने के कारण भोजपुरी फिल्म मेकर्स इन्हीं टैक्नोलौजी में पीछे रह जाते हैं.

कंटैंट और कहानी

साउथ फिल्मों की कहानी इस कदर अच्छी और सब से हट कर होती है कि बौलीवुड वाले भी कई बार साउथ फिल्मों के कंटैंट को कौपी पर हिंदी फिल्में बनाते हैं जो कि बौक्स औफिस पर कमाल भी कर दिखाती हैं. वहीं दूसरी तरफ भोजपुरी फिल्मों की कहानी में इतना दम नहीं होता और वे उतनी अच्छी कहानी दर्शकों को नहीं दे पाते जितना उन्हें देना चाहिए.

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