Story In Hindi: वह जानता था कि उस का अंत क्या होगा. वह जो करने जा रहा है, उस का नतीजा क्या होगा. लेकिन वह खुद को मजबूर पा रहा था. हवस का जहरीला कीड़ा उस की रगरग में समा चुका था. दिल ने साथ देना बंद कर दिया था और दिमाग पर तो जैसे जंग लग चुका था.

उस के पास मोबाइल था, जिस में वह हमेशा पोर्न साइट देखता था. दिमाग में एक ही चीज भरी हुई थी कि औरत महज एक शरीर और मर्द की जरूरत पूरी करने का साधन है.

इस घने जंगल में एक घायल लड़की भी थी. बेहोश होने से पहले लड़की ने बताया था कि जानवर चराते हुए वह राह भटक गई. एक भालू ने अचानक उस पर हमला किया. खुद को बचाते हुए वह भागती रही और जंगल के बहुत अंदर आ गई थी. उसे घर जाना था.

वह लड़की कराह रही थी. भालू के पंजे की चोट और उस के डर ने उसे बेहोश कर दिया था, लेकिन इस आदमी को देख कर तो वह ऐसे डरी, जैसे अब बचना नामुमकिन हो. इस तरह तो कोई जानवर दूसरे जानवर को देख कर भी नहीं डरता, वह तो फिर भी इनसान है.

इनसान का इनसान से डरना कहां तक ठीक है? हां, ठीक ही है, क्योंकि इनसान के रूप में उसे वह लड़की महज एक शरीर के रूप में नजर आ रही थी.

वह शिकार का मजा लेने अपने एक दोस्त के साथ छिप कर इस जंगल में आया था. मचान बनाने के बाद बंदूक ले कर वह पहले मचान पर चढ़ा.

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