News Story: ओडिशा के पुरी जिले में 19 साल की एक कालेज छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया. छात्रा अपने बौयफ्रैंड के साथ कैसुरीना के जंगली इलाके में घूमने गई थी. वहां कुछ लड़कों ने उस के बौयफ्रैंड को बंधक बनाया और उस के सामने ही लड़की का गैंगरेप किया. पुलिस ने घटना में 3 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने बताया कि शुरुआत में सदमे के चलते छात्रा अपराध की रिपोर्ट करने में हिचकिचा रही थी.
‘‘अरे मम्मी, आज मैं मैच खेलने जाऊंगा. बड़े दिनों से मेरे दोस्त बुला रहे हैं. आज संडे है तो सोच रहा हूं कि दोस्तों को भी थोड़ा टाइम दे देता हूं,’’ नाश्ते की टेबल पर बैठे विजय ने चिल्ला कर रसोईघर में आलू के परांठे बना रही अपनी मम्मी से कहा.
विजय के इस तरह चिल्लाने की एक वजह यह भी थी कि उस के पापा ने बाइक का पौल्यूशन चैक कराने को कहा था, पर अभी तक हुआ नहीं था. अगर पापा को याद आ जाता तो वे उसे टोक देते, पर शायद पापा के दिमाग से यह बात निकल गई थी.
हालांकि, मम्मी आलू के परांठे बना रही थीं, फिर भी किसी भी तरह के लालच को छोड़ते हुए विजय ने चाय के साथ एक परांठा ही खाया. हां, 4-5 परांठे पैक जरूर करा लिए कि मैच खत्म होने के बाद भूख लगेगी, तो कुछ तो होगा पेट में जाने के लिए.
मैदान ज्यादा दूर नहीं था तो विजय पैदल ही निकल गया. चूंकि मैच टैनिस गेंद से खेला जाने वाला था, तो विजय ने सिर्फ अपना ट्रैक सूट पहना हुआ था. उस के हाथ में था वही बैट जो कभी अनामिका ने उसे गिफ्ट में दिया था.
विजय ने अनामिका को फोन लगाया और बोला, ‘‘सुनो बेबी, मैं यहीं के पास के मैदान पर क्रिकेट खेलने जा रहा हूं. दोपहर के 1 बजे तक फ्री हो जाऊंगा. तुम वहीं आ जाना, फिर मैं तुम्हें अपने घर ले चलूंगा. मम्मी बोल रही थीं कि बड़े दिन से अनामिका नहीं दिखी.’’
‘ठीक है. मैं आ जाऊंगी. मुझे भी अंकलआंटी से मिलना है,’ उधर से अनामिका की आवाज आई.
विजय जब मैदान पर पहुंचा, तो उस के दोस्त आ चुके थे. दूसरी टीम वाले भी जानपहचान के ही थे. विजय की टीम ने टौस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया… मैच शुरू हो गया.
विजय की टीम अच्छा खेल रही थी कि इसी बीच विरोधी टीम के एक गेंदबाज ने अंपायर द्वारा आउट न दिए जाने पर गुस्से में बल्लेबाज को गाली दे दी.
इस बात से खेल का माहौल बिगड़ गया और क्रिकेट का मैच लड़ाई के घमासान में बदल गया. वह तो अच्छा था कि ज्यादातर लड़के एकदूसरे को जानते थे, तो थोड़ी सी ?ाड़प के बाद मामला शांत करा दिया गया.
लेकिन इस के बाद दोनों टीमें ऐसे खेलने लगीं, जैसे भारत और पाकिस्तान खेलते हैं. शब्दों के बाण चलने लगे.
विजय ने अपने बल्लेबाज से चीख कर कहा, ‘‘भाई, यह गेंदबाज शाहिद अफरीदी की तरह बड़ा उछल रहा है. इसे इतना बुरी तरह पेल कि खेल और सियासत दोनों भूल जाए. सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ बड़ा गंदा बोलता है. इसे शाहिद अफरीदी समझ कर छक्केचौके की बरसात कर दे.’’
दूसरी टीम वाले कहां कम थे. एक फील्डर बोला, ‘‘देखो, अब पाकिस्तानी खुद को हिंदुस्तानी समझ रहे हैं. हर बार तो हम से हारते हैं और अब हमें ही पाकिस्तानी कह रहे हैं. हमारा जसप्रीत बुमराह अभी तुम्हारे बाबर आजम का बैंड बजाता है.’’
इन्हीं चुटीली बातों के बीच मैच चलता रहा और विजय की टीम हार गई. अब तो विजय का मूड एकदम खराब. संडे खराब हुआ सो अलग, बाइक का पौल्यूशन भी नहीं कराया. पापा को याद गया तो झाड़ पड़ेगी.
गुस्साए विजय ने आलू के परांठे भी नहीं खाए और अनामिका के आने पर भी मुंह फुला कर बैठा रहा.
‘‘अरे यार, एक मैच ही तो हारे हो. इस में इतना बिगड़ने वाली कौन सी बात है,’’ अनामिका बोली.
‘‘बात मैच हारने की नहीं है, बल्कि सामने वाली टीम ने हमें पाकिस्तानी कह कर चिढ़ाया और कहा कि अगले संडे को भी हमारा यही हाल करेंगे. बोल रहे थे कि हम ने ‘आपरेशन सिंदूर’ का बदला क्रिकेट के मैदान पर भी ले लिया,’’ विजय ने कहा.
‘‘इस में ‘आपरेशन सिंदूर’ कहां से बीच में आ गया. वैसे, एक बात तो है कि जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में खटास आई थी, तो भारत को एशिया कप में पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेलना चाहिए था,’’ अनामिका बोली.
‘‘पहले घर चलें, फिर तुम्हारे इस टौपिक पर बात करेंगे. तुम ने यह मुद्दा छेड़ कर मेरा मूड और भी खराब कर दिया है,’’ विजय ने कहा.
‘‘मैं क्या तुम से डरती हूं. घर पर ही बात करते हैं अब,’’ अनामिका बोली और तेज कदमों से आगे बढ़ गई. उसे विजय का घर वहां से मालूम था.
घर पर अनामिका सब से मिली और विजय के पापा से बोली, ‘‘अंकल, आप को क्या लगता है, भारत को एशिया कप में भारत के साथ खेलना चाहिए था या नहीं?’’
‘‘पापा क्या बताएंगे. मैं कह रहा हूं कि भारत ने सही किया और पाकिस्तान को उस की औकात दिखा दी,’’ विजय बीच में बोला.
अनामिका ने एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के मैच खेलने और इन दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को ले कर विजय को आईना दिखाते हुए कहा, ‘‘तुम भूल रहे हो कि पहलगाम आतंकी हमले और ‘आपरेशन सिंदूर’ के बाद दुबई में हो रहे एशिया कप 2025 क्रिकेट टूर्नामैंट में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले को ले कर जम कर सियासत हुई थी. साथ ही, देश में कई जगह धरने और प्रदर्शन भी हुए थे.
‘‘तुम कितना जल्दी भूल गए कि इस हाई वोल्टेज मुकाबले के विरोध में विपक्षी दलों ने 14 सितंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया था और आम लोगों से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के साथ इस मुकाबले का बहिष्कार करने की अपील की थी. शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और जम्मू में विरोध प्रदर्शन किए थे, जबकि आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया था.
‘‘भाजपा और केंद्र पर निशाना साधते हुए शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रवाद और देशप्रेम का मखौल उड़ाते हुए कहा था कि भाजपा का हिंदुत्व एक तमाशा है. इस मैच को ले कर देश की सामान्य जनता में रोष है, इसलिए प्रधानमंत्री ने इस मैच से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मणिपुर जाने का फैसला किया.
‘‘इस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रवक्ता आनंद दुबे की अगुआई में विरोध प्रदर्शन किया, टीवी तोड़े और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मुंबई में महिला कार्यकर्ताओं ने हाथ में सिंदूर ले कर प्रदर्शन किया.’’
‘‘विपक्ष का तो काम ही जनता को भड़काना है,’’ विजय बोला.
यह सुन कर अनामिका ने कहा, ‘‘बात विपक्ष की नहीं है, बल्कि जनता के सामने हकीकत रखने की है.
‘‘कांग्रेस नेता उदित राज ने भी तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि मैच की अनुमति देने के पीछे व्यावसायिक हित हैं. उधर, बैंगलुरु में शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा फूंका.
‘‘इतना ही नहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने के फैसले पर सवाल उठाया और भाजपा से पूछा कि क्या मैच से कमाया गया पैसा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 नागरिकों की जान से ज्यादा कीमती है?
‘‘यहां बात सिर्फ विपक्ष की नहीं है, बल्कि भारतीय फिल्म और टैलीविजन निर्देशक संघ के अध्यक्ष अशोक पंडित ने भी मैच का विरोध करते हुए इसे देश के लिए काला दिन बताया और कहा कि क्रिकेटरों को शर्म आनी चाहिए, पैसा ही सबकुछ नहीं है.’’
‘‘पर हमें इस के दूसरे पहलू पर भी गौर करना चाहिए…’’ विजय ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दुनियाभर में खेल का अपना एक अनुशासन होता है और कोरम होता है. ये मैच पाकिस्तान में नहीं, बल्कि दुबई में हो रहे हैं.
‘‘पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘आपरेशन सिंदूर’ चलाया गया, जो बड़ा काम था. इस की चारों ओर तारीफ हुई है. आज भी हम ने दुश्मनों को चेतावनी दी हुई है कि नापाक हरकत करने पर कड़ा जवाब दिया जाएगा.
‘‘पाकिस्तान से दुश्मनी स्थायी बनाए रखनी है, ऐसा नहीं है. हां, हमारी कुछ शर्तें हैं. पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करना होगा और गुलाम जम्मूकश्मीर को वापस भारत को देना होगा. पाकिस्तान ये शर्तें माने तो अच्छे संबंध बनाने में कोई अड़चन नहीं है.
‘‘इतना ही नहीं, शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि कुछ लोग देश के प्रति नकली देशभक्ति और अवसरवादी प्रेम का दिखावा करते हैं. सशस्त्र बल और प्रधानमंत्री मोदी सिंदूर की देखभाल के लिए हैं.’’
अनामिका बोली, ‘‘पर तुम पहलगाम हमले के पीडि़तों का दर्द भूल रहे हो. पीडि़तों के परिवार के सदस्यों ने मैच के लिए सरकार की आलोचना की. हमले में अपने पिता और भाई को खोने वाले सावन परमार ने इस मैच पर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि ‘आपरेशन सिंदूर’ अब बेकार लगता है. पाकिस्तान से किसी भी तरह का संबंध नहीं रहना चाहिए. अगर आप मैच खेलना चाहते हैं, तो मेरे 16 साल के भाई को वापस ले आइए.
‘‘उन की मां किरण यतीश परमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि अगर ‘आपरेशन सिंदूर’ अभी पूरा नहीं हुआ है, तो यह मैच क्यों कराया जा रहा है? पीडि़त परिवारों के जख्म अभी भरे नहीं हैं.
‘‘हमले के पीडि़त संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक है. पहलगाम की घटना को अभी 6 महीने भी नहीं हुए हैं. उस के बाद ‘आपरेशन सिंदूर’ हुआ था. मुझे बुरा लगता है कि इतना कुछ होने के बावजूद बीसीसीआई को मैच के आयोजन में कोई शर्म नहीं है.
‘‘उन्होंने क्रिकेटरों पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्हें इस आतंकी हमले में जान गंवाने वालों की कोई परवाह नहीं है.
‘‘कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि जब खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते, तो एशिया कप में भारतपाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच कैसे खेल सकता है?
‘‘है कोई जवाब इस का तुम्हारे पास?’’ अनामिका ने तिलमिलाते हुए कहा, ‘‘मोदी सरकार ने मजाक बना कर रख दिया है देशभक्ति को.’’
यह सुन कर विजय का भी पारा हाई हो गया और वह बोला, ‘‘पर भारत ने पाकिस्तान को हरा कर करारा जवाब तो दिया न… हमारे कप्तान सूर्यकुमार यादव की अगुआई में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को नानी याद दिला दी. छक्का मार कर 7 विकेट से मैच जिता दिया.
‘‘तुम शायद भूल गई हो कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव जब दुबई इंटरनैशनल क्रिकेट स्टेडियम में वे टौस के लिए मैदान पर आए तब उन्होंने पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा को उस की औकात याद दिला दी और पारंपरिक तरीके से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया.
‘‘मैच खत्म होने के बाद भारतीय टीम के किसी भी खिलाड़ी ने पाकिस्तानी टीम के साथ हाथ नहीं मिलाया था. पोस्ट मैच प्रैजेंटेशन सैरेमनी में कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जीत भारतीय सेना को समर्पित कर दिया.
‘‘मैच के बाद हुई मैच कौन्फ्रैंस में सूर्यकुमार यादव ने साफ किया कि हम सरकार और बीसीसीआई के साथ पूरी तरह से एकजुट थे. हम यहां सिर्फ मैच खेलने आए थे और हम ने सही जवाब दिया.
‘‘कुछ चीजें खेल भावना से भी ऊपर होती हैं. हम पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीडि़तों और उन के परिवारों के साथ खड़े हैं और अपनी एकजुटता जाहिर करते हैं.’’
‘‘यह सही है. मैच खेल लो, पर हाथ मत मिलाओ. जब मैच हो ही गया था, तो हाथ मिला लेने में क्या घिस जाता?’’ अनामिका ने सवाल किया.
‘‘यह कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. पाकिस्तानी बेकार में हल्ला मचा रहे थे कि यूएई के साथ अगला मैच नहीं खेलेंगे, टूर्नामैंट बीच में छोड़ देंगे, पर ऐसा करते तो वे ही नुकसान में रहते. अकेले इस एशिया कप से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को तकरीबन 140 करोड़ रुपए की कमाई होने वाली थी. ऐसे में अगर पाकिस्तान टूर्नामैंट से हटता है तो उस के लिए यह बड़ा ?ाटका साबित हो सकता है.
‘‘वैसे भी इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल का ऐसा कोई नियम नहीं है कि मैच पूरा होने के बाद दोनों टीमों के खिलाडि़यों का हाथ मिलाना जरूरी है. यह सिर्फ एक परंपरा है और खेल भावना की निशानी है,’’ विजय ने समझाया.
‘‘जो भी हो, पर पहलगाम पीडि़तों के नजरिए यह मैच खेलने की नौटंकी नहीं होनी चाहिए थी. अगर पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश है और अभी दोनों देशों के बीच हालात सही नहीं हैं, तो केंद्र सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए थे. दुबई में इस मैच के दौरान स्टेडियम का हाउसफुल न होना इस बात का सुबूत है कि आम जनता भी अभी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच होने को ले कर खफा दिख रही थी.
‘‘भले ही 14 सितंबर का मैच भारत ने आसानी से जीत लिया था, पर कूटनीति में भारत सरकार नाकाम दिखी,’’ अनामिका ने इतना कहा और ड्राइंगरूम से उठ कर किचन में चली गई. विजय हैरान सा उसे देखता रह गया. News Story