Wildlife Problem: अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.

सवाल -

मैं 19 साल की लड़की हूं. मैं हिमाचल प्रदेश के एक गांव में रहती हूं. हमारे यहां शाम होते ही भालू का आतंक हो जाता है. भालू ने कई बार बच्चों और औरतों पर हमला किया है. एक दिन तो शाम के समय एक बड़ा भालू मेरे पीछे पड़ गया था. तभी पीछे से एक कार सड़क से गुजरी तो उस के शोर से भालू भाग गया. इस बात से मैं दहशत में आ गई. जब मैं ने यह बात अपने परिवार वालों को बताई तो वे बोले कि यहां जंगल का इलाका है तो हमें भालू के साथ ही जिंदगी गुजारनी होगी. बस, हमें सावधान रहना होगा. पर क्या इतना कह देने से भालू का आतंक कम हो जाएगा? मुझे अपनी समस्या किसे बतानी चाहिए कि भालू का भी इलाज हो जाए?

जवाब -

न केवल पहाड़ी, बल्कि मैदानी इलाकों के लोग भी पीढि़यों से इसी तरह रह रहे हैं जैसा कि आप को परिवार वालों ने बताया और समझाया है. भालू के आतंक का एकलौता इलाज सावधानी बरतना है.

वैसे आप अपने जिले के कलक्टर से मिल कर अपनी समस्या बता सकती हैं. जंगल महकमे को भी चिट्ठी लिखें या खुद कुछ गांव वालों के साथ जा कर सरकारी अफसरों से मिलें. मीडिया को भालू की दहशत के बारे में बताती रहें, जिस से प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करे.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 8588843415 भेजें. Wildlife Problem

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 399₹ 299
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 480₹ 399
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...