Exclusive Interview: साल 2017 में आई एक तेलुगु फिल्म ‘प्रेमथो मी कार्तिक परिचयम’ से अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत करने वाली सिमरत कौर पंजाबी हैं और उन की परवरिश मुंबई में हुई है.

तेलुगु में 4 फिल्में करने के बाद उन्हें साल 2023 में अनिल शर्मा के डायरैक्शन में बनी हिंदी फिल्म ‘गदर 2’ में मुसकान का किरदार निभाने का मौका मिला था.

साल 2024 में वे अनिल शर्मा की ही फिल्म ‘वनवास’ में नजर आई थीं और अब वे विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ में भारती बनर्जी के किरदार में दिखाई दी हैं.

पेश हैं, सिमरत कौर से हुई लंबी बातचीत के खास अंश :

आप अपने अब तक के फिल्म सफर को ले कर क्या कहना चाहेंगी?

मेरी परवरिश मुंबई में हुई है और मैं ने कंप्यूटर से बीएससी किया है. मैं कराटे में ब्लैक बैल्ट हूं और गोल्ड मैडलिस्ट भी हूं. सच कहूं तो मैं मन से एक खिलाड़ी हूं और अचानक न चाहते हुए भी ग्लमैर वर्ल्ड यानी ऐक्टिंग जगत में आ गई हूं.

मैं अब तक 4 तेलुगु और 3 हिंदी फिल्में कर चुकी हूं. बीच में कोविड काल के चलते मेरे कैरियर की रफ्तार धीमी रही थी, पर पिछले 2 साल के अंदर मेरी 3 हिंदी फिल्में रिलीज हुई हैं और तीनों फिल्मों को दर्शकों ने अपना प्यार दिया है. ये तीनों फिल्में मैं ने बड़े कलाकारों के साथ की हैं.

आप के कराटे सीखने के पीछे मूल वजह क्या थी?

मैं ने 7 साल की उम्र से कराटे सीखना शुरू किया था. उस वक्त मुझे ज्यादा समझ नहीं थी, पर मां ने कहा तो सीखना पड़ा. 11 साल की उम्र में मैं ने नेपाल जा कर पहली बार कराटे प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता में भारत से 23 बच्चे गए थे. हम वहां से ब्रौंज मैडल जीत कर आए थे. मैं भारत की एकमात्र लड़की थी, जो जीत कर आई थी, बाकी 22 बच्चे हार गए थे.

मुझे लगता है कि कराटे सीखने पर आप को अपने शरीर पर कंट्रोल करना आ जाता है. गुस्सा आने पर आप उस पर काबू कर सकते हैं. अपने जज्बात पर कंट्रोल कर सकते है. जिंदगी में अनुशासन आ जाता है. इसी के साथ कराटे से आप अपनी हिफाजत कर सकते हैं. वैसे, मैं ने तो कत्थक डांस भी सीखा है.

आप को कत्थक डांस की क्या उपयोगिता नजर आई?

कत्थक डांस सीखने से चाल में एक लचक आ जाती है, जो हर लड़की में होनी चाहिए. मैं ने अब तक जिस दौर के किरदार निभाए हैं, उस दौर की लड़कियों में यह खूबी कुदरती थी.

फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के अपने किरदार को ले कर आप क्या कहना चाहेंगी?

मैं ने इस फिल्म में यंग भारती का किरदार निभाया है, जबकि पल्लवी जोशी ने मां भारती का किरदार निभाया है. इस तरह का किरदार निभाना आसान नहीं था. भारती के किरदार की शुरुआत ही गर्वनर को गोली मारने से होती है. मुझे असली बंदूक पकड़ाई गई थी, जिस में ब्लैंक बुलेट थी यानी खाली बुलेट, जिस में से आवाज तो पूरी आती है, पर बुलेट निकलती नहीं है.

मैं ठहरी पंजाबी, जबकि भारती बनर्जी तो बंगाली है. तो मुझे भाषा से ले कर रहनसहन, चालढाल, पहनावे पर काम करना पड़ा. मुझे सीखना पड़ा कि बंगाल की लड़कियां किस तरह से साड़ी पहनती हैं.

इस फिल्म में आप का भारती बनर्जी का किरदार कहीं न कहीं बंगाल के एक रियल किरदार से प्रेरित है, जिस ने साल 1936 में गर्वनर को गोली मार दी थी. इस पर आप क्या कहेंगी?

माफ कीजिए, पर यह फिल्म उस लड़की की बायोपिक नहीं है. भारती का किरदार उस लड़की से थोड़ा सा प्रेरित मात्र है. फिल्म के डायरैक्टर विवेक अग्निहोत्री सर ने कहा था कि यह लड़की क्रांतिकारी है और भगत सिंह के विचारों पर यकीन करती है.

अब भगत सिंह के बारे में तो हम सभी जानते ही हैं. मैं ने तो उन पर बनी हुई फिल्में भी देखी हैं. डायरैक्टर ने मुझे बताया था कि भारती के किरदार की शुरुआत भगत सिंह की तरह होगी, जो क्रांतिकारी है, इसलिए वह गर्वनर को गोली मारने से पहले सोचेगी नहीं. मुझे बताया गया था कि भारती पहले भगत सिंह की तरह क्रांति करेगी, उस के बाद वह गांधीजी के रास्ते पर चलेगी.

क्या आप को लगता है कि फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ में जोकुछ भी दिखाया है, वह सब सच है?

इतिहास तो वह है, जो घट चुका है. हर किसी ने अपनेअपने हिसाब से इतिहास में चीजें डाल दी हैं, इसलिए इतिहास में जोकुछ दर्ज है, उस के सच या झूठ होने की गारंटी देना मुश्किल है.

आज अगर मैं इंस्टाग्राम पर डाल दूं कि फलां इनसान हमारा भगवान है, तो सौ साल बाद लोग उसे भगवान मानने लगेंगे, क्योंकि उस वक्त हम तो सच बताने के लिए रहेंगे नहीं… लिहाजा, सही या गलत मैं नहीं बता सकती. किसी के लिए कुछ सही है और किसी के लिए कुछ और सही है. एक कलाकार के तौर पर मेरा फर्ज बनता है कि मैं स्क्रिप्ट के मुताबिक अपने काम को अंजाम दूं. मुझे कुछ चीजें नहीं पता थीं, जो कि अब पता चली हैं. पर वे कितनी सच हैं, उस का दावा कम से कम मैं तो नही कर सकती. मैं ही क्यों गूगल या कोई भी इनसान नहीं बता सकता, इसलिए पूरा सच आप कभी नहीं जान सकते.

भविष्य में आप किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं?

मैं एक खिलाड़ी का किरदार निभाना चाहती हूं, क्योंकि मैं ने कराटे चैंपियनशिप में भाग लिया है. मैं किसी बायोपिक में दमदार किरदार निभाना पसंद करूंगी. Exclusive Interview

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