छाप तिलक को देख कर, करे कबीर विचार. देखा सब धर्मस्थलों में, बस रंगा सियार. सुरासुंदरी देख कर रहिमन करे विचार. गई संस्कृति भाड़ में, क्यों बथ रहा कपार.