शनाया को नए पीजी में कुछ दिन तो थोड़ा अजीब लगा पर अब उसे काफी अच्छा लगने लगा था. चारों लड़कियों प्रीति, रुचि, रागिनी और आईना के साथ उस की बहुत अच्छी बनती थी. बस, श्वेता थोड़ा मूडी थी. वह कभी तो बहुत अच्छा व्यवहार करती, लेकिन कभीकभी बिना वजह छोटी सी बात का बतंगड़ बना देती. रुचि के पास एक कार थी. कभीकभी सभी सहेलियां उसी कार से रात को डिस्को चली जाती थीं.
आज भी अचानक ऐसे ही प्लान बन गया. शनाया पहले कभी रात को घर से बाहर नहीं निकलती थी. मम्मी ने उसे सख्ती से मना किया था. बस, पीजी से औफिस और औफिस से पीजी आनाजाना ही होता था. यही शनाया का रूटीन था, पर इस नए पीजी में आने के बाद शनाया में काफी बदलाव आ गया था. वह अपने लुक्स और पहनावे को ले कर सजग हो रही थी.
वह नएनए डांस स्टैप्स भी सीख रही थी. उस ने सभी लड़कियों को नईनई पत्रिकाएं पढ़ने का शौक लगा दिया था. आज श्वेता का मूड भी काफी अच्छा था. डिस्को जाने के लिए वह हमेशा तैयार रहती थी. डिस्को में बार भी था, जहां श्वेता ने पांचों के लिए बियर और्डर की.
शनाया ने साफ मना कर दिया. बहुत जोर देने पर रुचि और प्रीति ने श्वेता का साथ दिया, पर श्वेता ने थोड़ी देर में एक के बाद एक कई पैग चढ़ा लिए. बड़ी मुश्किल से श्वेता को घर वापस लौटने के लिए मनाया गया.
ये सब शनाया और रागिनी को बिलकुल पसंद नहीं आया. रागिनी ने प्रीति और रुचि को भी समझाया कि अलकोहल लेना गलत है. आगे से ऐसी गलती न करे. अगर श्वेता जिद करती है तो ना कहना सीखे.
ये बातें श्वेता के कानों में भी पड़ीं और इस पर बुरी तरह बहस हुई. श्वेता ने पांचों को खूब बुराभला कहा. खैर, कुछ ही दिन में सब सामान्य हो गया. शनाया ने श्वेता को किसी से फोन पर बात करते हुए सुना था, ‘तुम मेरे लिए एक अच्छा फ्लैट ढूंढ़ दो. यहां तो कंपनी ही बेकार है. पांचों लड़कियां जाहिल हैं.’
शनाया ने बात को बढ़ाना उचित नहीं समझा पर उस की फैमिली के बारे में जरूर पूछा. प्रीति ने बताया कि उस के पिता विधायक हैं. इस से ज्यादा कोई भी नहीं जानता था. वह प्रौपर्टी डीलर के जरिए आ पाई थी. ‘मकानमालिक ने वैरिफिकेशन तो कराया ही होगा,’ पता नहीं क्यों शनाया गहराई से सोच रही थी.
मकानमालिक ने वैसे तो सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे, लेकिन वह लड़कियों को कुछ कहते नहीं थे. वे रहते भी काफी दूर थे. बस, महीने बाद किराया वसूलने आते थे.
एक दिन खुशगवार मौसम देख कर श्वेता ने कुछ निकाला. पैकेट देख कर शनाया समझ गई कि यह ड्रग्स है, ‘‘किसी को ट्राई करना हो तो कर सकता है,’’ श्वेता ने रुचि को कहा.
‘‘यार, यह तो गैरकानूनी है. दिस इस वैरी बैड,’’ शनाया ने कह ही दिया. बस, श्वेता को चुप कराना मुश्किल हो गया. अगले दिन पांचों लड़कियों ने श्वेता से साफसाफ कह दिया, ‘‘देखो श्वेता, अलकोहल तक तो ठीक है लेकिन ये सब हम बरदाश्त नहीं करेंगे. आगे से ऐसा मत करना वरना कहीं और रहने का इंतजाम कर लो.’’
श्वेता ने नया फ्लैट देख लिया था. जाने से पहले पांचों ने श्वेता को फेयरवैल देने की योजना बनाई. केक काटने के बाद सब जम कर नाचे. श्वेता की जिद पर सब ने हलकेहलके पैग लिए. खूब मस्ती कर सब सो गए. अगली सुबह श्वेता अपना सामान ले कर चली गई. मांगने पर भी उस ने उन को एड्रैस नहीं बताया.
अब सबकुछ सामान्य था. शनाया भी काफी खुश रहती थी. अचानक एक दिन एक छोटा सा वीडियो शनाया को किसी ने भेजा. वीडियो देख कर वह स्तब्ध रह गई. वे पांचों हाथों में गिलास ले कर नाच रही थीं. उन के कपड़े भी बेहद अस्तव्यस्त थे. वैसे भी लड़कियों के फ्लैट में कपड़ों का खयाल रखता कौन है. उन के अंग साफ दिख रहे थे.
श्वेता जाहिर है, वीडियो शूट कर रही थी. पांचों लड़कियां जैसे गश खा कर गिरीं लगभग 10-15 दिन रोनेधोने के बाद उन्होंने श्वेता को खोज लिया.
‘‘देखो, किसी फ्रैंड ने यह अपलोड किया है. तुम लोग चाहो तो खुशी से साइबर पुलिस से शिकायत करो,’’ श्वेता बोली. वह बेहद चालाक थी. उस ने साइबर पुलिस को भी बताया कि वह वीडियोज फ्रैंड्स को शेयर करती रहती है. उस का फोन भी हरवक्त उस के पास नहीं रहता. इसलिए कैसे, क्या हुआ, वह नहीं बता कती.
श्वेता तो साफ बच निकली पर इन पांचों को फेयरवैल का गिफ्ट जरूर दे गई. खैर, पांचों ने इस शहर को छोड़ कर अन्य किसी शहर में नौकरी करने में ही अपनी भलाई समझी.