भोजपुरी गायन की बदौलत जिन गायकों ने भोजपुरी फिल्मों में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया, वही फिल्मों में बतौर हीरो आने के बाद धीरेधीरे गायन से दूर होते गए. लेकिन भोजपुरी गायक रितेश पांडे ने भोजपुरी गायन से न केवल शोहरत बटोरी, बल्कि वे आज भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार भी बन चुके हैं. इस के बावजूद उन्होंने भोजपुरी गायन को न केवल अपनी प्राथमिकता में रखा, बल्कि वे हर साल भोजपुरी के कई सुपरहिट गीत देते रहे हैं. इस समय उन के पास भोजपुरी की कई फिल्में भी हैं.

बिहार के सासाराम जिले के करगहर इलाके के रहने वाले रितेश पांडे से एक लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश:

आप का भोजपुरी गायन और फिल्मों में आना कैसे हुआ?

मेरे पिताजी पेशे से टीचर हैं और वे बनारस में पढ़ाते थे. मेरी पढ़ाईलिखाई उन्हीं के साथ बनारस में पूरी हुई. इस दौरान मैं स्कूल के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया करता था. वहीं से मेरा गायन की तरफ रुझान बढ़ता गया और मैं ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से बैचलर औफ म्यूजिक की डिगरी ली.

इस के बाद मैं ने भोजपुरी गायन में जाने का फैसला किया और अपने पहले म्यूजिक अलबम ‘तेरी नजर’ से कैरियर की शुरुआत की. इस के बाद मेरे दूसरे अलबम ‘कड़ुआ तेल’ को लोगों ने इतना ज्यादा पसंद किया कि मुझे भोजपुरी के सुपरहिट गायकों की कतार में खड़ा कर दिया.

आप के सब से ज्यादा पसंद किए जाने वाले गीत कौन से हैं?

सब से ज्यादा पसंद किया जाने वाला मेरा गीत ‘जा ऐ चंदा ले आवा खबरिया’ रहा. इस के बाद मैं ने कई अलबमों में अपने सुर दिए, जिन में ‘दर्द दिल के’, ‘मारता लाइन रे’, ‘जहिया गईलू तू भईल जियल मुश्किल’, ‘कमर तोहार चाकर’, ‘लपलप करे कमरिया’, ‘कड़ुआ तेल’, ‘पश्चिम टोला’, ‘पलानी में जवानी रोअता’, ‘काटल जाई चानी’, ‘हसुआ धराई जनि’, ‘सोनार राजाजी’, ‘खरिहानी में…’ खास रहे.

भोजपुरी फिल्मों में आने का श्रेय क्या आप के गायन को जाता है?

जी हां, मेरा भोजपुरी फिल्मों में आने का सारा श्रेय गायन को ही जाता है. मैं तो यही कहूंगा कि भोजपुरी सिनेमा में जितने भी सुपरस्टार हुए हैं, उन में से ज्यादातर का बैकग्राउंड भोजपुरी गायन ही रहा है.

फिल्मकार रितेश कुमार ठाकुर और डायरैक्टर विष्णु शंकर बेलू फिल्म ‘बलमा बिहार वाला-2’ का औफर ले कर मेरे पास आए थे. यह फिल्म सुपरडुपर हिट रही थी.

इस फिल्म की कामयाबी के बाद मेरे पास कई फिल्मों के औफर आए, लेकिन मैं ने फिल्म की कहानी को प्राथमिकता में रखा.

आप की नई आने वाली फिल्म ‘इंडिया वर्सेज पाकिस्तान’ की क्या खासीयत है?

भारत पाकिस्तान संबंधों पर बनी अब तक की सभी फिल्मों से अलग हट कर इस फिल्म की कहानी है. इस में मैं ने भारतीय सेना के मेजर का किरदार निभाया है.

आप की कौन कौन सी फिल्में आने वाली हैं?

मेरी 2 फिल्में बन कर तैयार हैं, जिन में से ‘नाचे नागिन गलीगली’ का ट्रेलर भी लौंच हो चुका है. यह फिल्म मारधाड़ व रोमांस से भरपूर है. दूसरी फिल्म ‘सिंदूर की सौगंध’ है.

इस के अलावा मेरी एक और फिल्म ‘वंदेमातरम’ है, जिस में तनुश्री ने काम किया है. इस के अलावा तनुश्री के साथ एक और फिल्म आ रही है ‘दरार-2’, जो एक पारिवारिक फिल्म है.

आप को कौन कौन सी हीरोइनों के साथ काम करना अच्छा लगता है?

मैं ने जिन हीरोइनों के साथ काम किया है, उन में पाखी हेगड़े, माही खान, प्रियंका पंडित, कनक पांडे, निधि झा व तनुश्री खास हैं. इन हीरोइनों की एक खासीयत है कि ये अपने साथी कलाकार को हमेशा आगे बढ़ने में मदद करती हैं.

भोजपुरी के दो मतलब वाले बेहूदा गीतों पर आप क्या कहेंगे?

भोजपुरी के दो मतलब वाले गीतों में ही इस की मिठास छिपी है. लेकिन जो लोग भोजपुरी में बेहूदगी परोस कर इसे बदनाम करते हैं, वे ज्यादा दिनों तक भोजपुरी सिनेमा व गायन के क्षेत्र में टिक नहीं पाए.

आप ने खुद को फिल्मों और गायन में एकसाथ कैसे बनाए रखा?

फिल्मों और गायन में एकसाथ समय दे पाना थोड़ा मुश्किल है. मगर मैं उतनी ही फिल्में कर रहा हूं, जिस से मेरे भोजपुरी गायन पर कोई बुरा असर न पड़े.

आप अपने चाहने वालों को कुछ कहना चाहेंगे?

मैं ‘सरस सलिल’ पत्रिका के जरीए अपने चाहने वालों से इतना ही कहना चाहूंगा कि वे अपना प्यार और दुलार इसी तरह मुझ पर बनाए रखें, जिस से मैं आप लोगों के लिए हर बार कुछ नया कर पाऊं.

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