पूर्व कथा

स्कूल बस से उतरते हुए नेहल सोचती है कि सौतेली मां, पापा और स्नेहा के होने के बाद भी घर कितना सूना लगता है. मां के मरने के बाद जूलियन मौम ने घर में आते ही स्नेहा की जिम्मेदारी उसे सौंप दी. जूलियन मौम बार में नौकरी करती थी. पापा के कहने पर नौकरी तो छोड़ दी लेकिन दिन भर दोस्तों के साथ मौजमस्ती करती. घर का सारा काम नेहल को करना पड़ता.

घर में घुसते ही उसे अपनी मम्मी की याद आने लगती है. जब वह 4 साल की थी तब वे विदेश आए थे. वे सब कितना मजे करते थे. पापामम्मी उन्हें घुमाने के लिए डिजनीलैंड भी ले कर गए थे. लेकिन पापा के प्रमोशन के बाद से उन की व्यस्तता बढ़ गई थी. एक दिन आधी रात को नेहल अपने मम्मीपापा के लड़ने की आवाजों में ‘जूलियन’  का नाम सुनती है. नेहल अपनी मम्मी से जूलियन के बारे में पूछती है.

इस झगड़े के बाद से मम्मी बीमार रहने लगी थीं. बीमार मम्मी और बेटियों की देखभाल के लिए जरीना नानी घर में आ गई थीं. जरीना नानी को उन के बेटेबहू ने घर से निकाल दिया था. एक रात मम्मी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो पापा उन्हें अस्पताल ले जाते हैं और साथ में स्नेहा और नेहल को भी.

और अब आगे…

‘क्या हुआ मम्मी को?’ अचानक नींद से जगाई गई नेहल भौचक थी.

एम्बुलेंस में मम्मी को अस्पताल ले जाया गया था. मम्मी की आंखें बंद थीं. चेहरे पर तकलीफ साफ झलक रही थी. नेहल अनजाने डर से कांप रही थी. अगर मम्मी को कुछ हो गया तो कहां जाएगी नेहल? अस्पताल पहुंचने के पहले ही मम्मी उसे अकेला छोड़ कर हमेशा के लिए जा चुकी थीं. डाक्टर ने बताया था कि मम्मी को मैसिव हार्ट अटैक पड़ा था.

रोतेरोते नेहल बेहाल थी. नेहल से चिपकी स्नेहा, बहन के आंसू पोंछने की नाकाम कोशिश कर रही थी. उसी रात नेहल ने जूलियन नाम की औरत को देखा था. दोनों बेटियों को जूलियन के हवाले कर पापा अस्पताल की औपचारिकताएं पूरी कर रहे थे. जूलियन ने दोनों बच्चियों को समझाया था :

‘जो इस दुनिया में आता है उसे एक दिन जाना ही होता है. मम्मी के लिए रोने से उन्हें तकलीफ होगी. रोना बंद करो और सो जाओ.’

मम्मी को तकलीफ न पहुंचे इसलिए नेहल ने जबरन आंसू पोेंछ डाले, पर मन में आंधी चल रही थी, अब उन का क्या होगा? मम्मी ने शायद इसी दिन के लिए कहा था कि नाना के पास चली जाना. कहां हैं उस के नाना?

जरीना नानी के आंसू नहीं रुक रहे थे. उन की तो बेटी ही चली गई. दोनों  बच्चियों  को  सीने  से  चिपटा  तसल्ली दी थी, ‘रोते नहीं, तेरी नानी अभी जिंदा है.’

पापा की मदद के लिए जूलियन उन की नई मौम बन कर आ गई. पापा ने उन्हें समझाया था, ‘यह तुम्हारी जूलियन मौम हैं. तुम्हें इन से बहुत कुछ सीखना है. इन की गाइडेंस में तुम होशियार और वेल मैनर्ड लड़कियां बन सकोगी.’

जूलियन मौम ने आते ही घर की फुजूलखर्ची पर पाबंदी लगा दी. जरीना नानी की अब कोई जरूरत नहीं रह गई थी. रोती बच्चियों को चिपका कर नानी खूब रोई थीं. पापा से विनती की थी, ‘हमें कुछ नहीं चाहिए. बस, इन बच्चियों से अलग मत कीजिए.’

‘अब ये बच्चियां नहीं हैं. कुछ ही महीनों में नेहल 10 बरस की हो जाएगी. अमेरिका में इस उम्र की लड़कियां इंडिपेंडेंट हो जाती हैं. आप परेशान न होें. उन की देखरेख के लिए मैं हूं,’ रुखाई से अपनी बात कह कर, जूलियन मौम ने नानी के लिए दरवाजे बंद कर दिए.

नेहल ने अपने साथियों से दूसरी मां के बारे में सुना था. वह खराब नहीं होती, पर जूलियन मौम उन से अलग थी. नेहल की टे्रनिंग कड़ाई से शुरू की गई. स्नेहा की पूरी जिम्मेदारी अब नेहल पर थी. उसे बस स्टैंड पहुंचाने, लाने के अलावा अपने दोनों के लिए लंच बनाना और पैक करना, नेहल का दायित्व था. अपनी भारी बेड शीट्स बदलना, कपड़े वाशर में धोना और सुखाना भी नेहल का ही काम था. स्नेहा से मदद संभव नहीं थी. स्कूल में पहले नंबर पर आने वाली नेहल को इतने काम निबटाने के बाद होमवर्क के लिए टाइम नहीं बचता था.

जूलियन मौम कहती, ‘अमेरिका में रहना है तो यहां के तौरतरीके अपनाने होंगे. तुम्हारी मां ने तुम्हें बच्ची बना कर रखा है. चलो, आज से डिशेज लगाओ.’

एक दिन नेहल ने पापा से डरतेडरते कहा, ‘पापा, हम नाना के पास जाएंगे.’

‘यह नाना कहां से आ गए?’ पापा दहाड़े.

‘मम्मी ने कहा था, हम उन के पास जा सकते हैं.’

‘अच्छा, जातेजाते यह सीख दे गई है. तुम्हारे नाना मर चुके हैं. खबरदार जो फिर कभी नाना का नाम भी लिया. यहां तुम्हें क्या तकलीफ है. अच्छा खाती हो, अच्छे स्कूल में पढ़ती हो. जूलियन तुम्हारी जितनी केयर करती है, तुम्हारी मां भी नहीं कर पाई.’

‘नहीं, हमारी मम्मी बहुत अच्छी थीं,’ अपनी बात कह कर नेहल पापा के सामने से हट गई.

स्कूल में जौन नेहल का साथी था. उस से डेढ़ साल बड़ा जौन, नेहल का दोस्त था. पहले की खिलीखिली नेहल का मुरझाया चेहरा जौन से छिपा नहीं रहा. बहुत प्यार से बारबार पूछने पर नेहल फूट पड़ी थी. जौन को नेहल से बहुत हमदर्दी थी.

‘तुम 911 को फोन क्यों नहीं करतीं,’ जौन ने कहा था, ‘घर के इतने सारे काम करने के लिए तुम्हें पैसे नहीं दिए जाते. तुम्हें मेंटल टार्चर किया जाता है. ऐसे मांबाप के साथ रहने से तो स्टेट कस्टडी में रहना ज्यादा अच्छा होगा.’

‘नहीं, जौन. हम ऐसा नहीं कर सकते. स्नेहा अभी बहुत छोटी है. उसे छोड़ कर हम कहीं नहीं जा सकते,’ नेहल ने अपनी विवशता स्पष्ट कर दी.

उस दिन डिशेज लगाते वक्त नेहल के हाथ से एक कीमती कांच का डोंगा टूट गया. डोंगा टूटने की आवाज सुन कहीं बाहर से लौटी जूलियन मौम चीख पड़ी, ‘यू ईडियट, क्या पैसा मुफ्त का आता है? इतना कीमती डोंगा तोड़ डाला. इस का हर्जाना तुम्हें भरना होगा.’

हर्जाना भरने की बात ने नेहल को डरा दिया. उस के पास उतने पैसे कहां से आएंगे? पापा से बात करना तो बेकार ही था. बच्चों की ओर से मुंह मोड़ कर, वह जूलियन के साथ मौजमस्ती मना रहे थे. घर में नई मौम और पराए हो गए पापा के असहनीय व्यवहार के बावजूद, नेहल घर छोड़ने का साहस नहीं कर पाती.

पिछले कुछ माह से हर वीकेंड पर पार्टी के शोरगुल से घर में देर रात तक चहलपहल रहती. शराब के दौर चलते. जूलियन मौम के ढेर सारे फें्रड्स आते. सब मिल कर डांस करते. नेहल और स्नेहा अपने कमरे में बैठी आवाजें सुनतीं. उन्हें बाहर न आने की सख्त हिदायत दी जाती. उस तेज म्यूजिक के शोर में नींद आना भी मुश्किल होता.

एक रात जूलियन मौम का फ्रेंड एड्रियन शराब में धुत उन के कमरे में आ गया. पलंग पर लेटी नेहल को एड्रियन ने अपने से सटा कर उस पर चुंबनों की बौछार कर दी. डर से जड़ नेहल, किसी तरह अपने को छुड़ा कर कमरे से बाहर भाग आई. थरथर कांपती नेहल पापा के सामने जा खड़ी हुई.

‘पापा…’ आगे कुछ न कह, नेहल रो पड़ी.

‘क्या हुआ? तुम यहां क्यों आईं?’ पापा नाराज थे.

‘शायद कोई डरावना सपना देखा होगा,’ पीछे से आए एड्रियन ने पुचकारा.

‘सिली गर्ल. इतनी बड़ी हो गई. अब भी डरती है. नाउ गो टु योर रूम,’ जूलियन ने डांट लगाई.

झिड़की सुन कर नेहल कमरे में चली गई. पलंग पर सो रही स्नेहा को कस कर चिपटा लिया. अब वही तो उस की एकमात्र अवलंब थी.

दूसरी सुबह आफिस जाने को तैयार हो रहे पापा से डरतेडरते कहा, ‘पापा, वह एड्रियन अंकल रात में हमारे कमरे में आए थे. हमें किस कर रहे थे.’

‘क्या? जूलियन, एक बात अच्छी तरह से समझ लो. एड्रियन की यह गंदी हरकत मुझे बरदाश्त नहीं. आगे से उसे घर में आने की इजाजत नहीं होगी.’

‘शटअप. इस घर पर मेरा भी उतना ही हक है जितना तुम्हारा है. इस लड़की का दिमाग गंदा है. छोटी बच्ची समझ कर अगर किस कर लिया तो कौन सा तूफान आ गया. एड्रियन जरूर आएगा. वह मेरा बेस्ट फ्रेंड है.’

खैर, किसी तरह मामला तूल पकड़तेपकड़ते रह गया. पापा आफिस चले गए और ?जूलियन अपनी दिनचर्या में व्यस्त हो गई.नेहल अपने स्कूल पहुंची. आज वह उदास थी. उसे उदास, गुमसुम देख जौन ने पूछा, ‘नेहल, क्या बात है जो आज तुम इतनी उदास हो?’

नेहल ने उसे बीती रात की घटना कह सुनाई.

पूरी बात सुन कर जौन ने नेहल को समझाया.

‘अब तुम उस घर में सेफ नहीं हो. जल्दी से जल्दी घर छोड़ने में ही तुम्हारी भलाई है, वरना पछताओगी.’

‘हम क्या करें, जौन? कहां जाएं?’

‘मेरे एक अंकल हैं. वह तुम्हारे जैसे बेसहारा बच्चों की हेल्प करते हैं. अगर तुम चाहो तो स्नेहा को भी अपने साथ ले जा सकती हो.’

‘क्या वह हमें प्यार से रखेंगे, जौन? तुम वहां हम से मिलने तो आते रहोगे?’

‘जरूर, नेहल, मैं अंकल से बात कर के सब तय कर लूंगा. सब तय हो जाने पर तुम्हें उन के पास ले चलूंगा. बस, कुछ दिन इंतजार करना होगा. अंकल 3 सप्ताह के लिए यूरोप गए हुए हैं.’

जौन की बात सुन कर नेहल ने जैसे आश्वस्ति की सांस ली. वैसे भी पिछले कुछ दिनों से घर में तनाव चल रहा था. जूलियन मौम पिछले 2 वीकेंड्स पर एड्रियन के साथ बाहर रही थीं. पता नहीं उन्होंने पापा से क्या कहा, पर पापा उन की एबसेंस में खूब शराब पीते रहे. नेहल और स्नेहा सहमीसहमी रहीं. पापा से तो अब बातचीत शायद ही कभी हो पाती. उन दोनों की पूरी जिम्मेदारी जूलियन पर छोड़, पापा निश्चिंत थे. नेहल सोचती, जब मम्मी थीं तब पापा को घर में शराब पीते उस ने कभी नहीं देखा था. पता नहीं जूलियन मौम को कौन से काम आ जाते हैं, वह पापा को छोड़ कर शहर से बाहर चली जाती हैं.

तभी एक दिन पापा और जूलियन मौम की तेज आवाजों से नेहल की नींद खुल गई. पापा चिल्ला रहे थे, ‘जानता हूं, कौन से जरूरी काम से एड्रियन के साथ तुम गई थीं. उस के साथ रातें बितानी थीं तो मुझ से शादी क्यों की? मेरे साथ यह सब नहीं चलेगा, समझी.’

‘बकवास बंद करो. मुझे अपनी जिंदगी अपनी तरह से जीने की पूरी आजादी है. अच्छी तरह से सुन लो, मैं तुम्हारी इंडियन वाइफ की तरह गुलामी नहीं सहूंगी,’ जूलियन मौम चीखी.

‘खबरदार, जो मेरी पत्नी का नाम लिया. तुम उस की क्या बराबरी करोगी. तुम जैसी बाजारू औरत तो किसी की भी पत्नी बनने लायक नहीं है. आज एड्रियन, कल जेम्स…’

‘तुम ने मुझे बाजारू औरत कहा. मैं अभी तुम्हें छोड़ कर जा रही हूं. रहो अपनी इन 2 बच्चियों के साथ. आई कांट स्टैंड देम.’

तड़ाक से पापा के चांटे की आवाज सुनाई पड़ी थी. साथ ही जूलियन मौम ने फोन डायल किया था. नेहल जान गई, 911 काल कर के मौम कौप को बुला रही थीं.

‘पुलिस स्टेशन?’

‘यस,’ दूसरी ओर से जवाब मिला.

‘प्लीज कम टु 1560, मेवल स्ट्रीट इमीडिएटली.’

‘यह क्या कर रही हो? आई एम सौरी, जूलियन. प्लीज,’ पापा की डरी हुई आवाज सुनाई दी थी.

‘मुझ पर हाथ उठाने की तुम ने हिम्मत कैसे की? अब सड़ना जेल में.’

डोर बेल बजते ही नेहल पलंग से उठ गई. अगर पापा जेल चले गए तो? कौप (पुलिस मैन) के भारी बूटों की आवाज सुनते ही नेहल डर से कांपने लगी.

लियन मौम ने कौप से पापा की शिकायत कर दी. पत्नी पर हाथ उठाना भारी अपराध था. पापा गिड़गिड़ा रहे थे. कौप उन की बात सुन कर नेहल के कमरे में आए थे.

‘सौरी, तुम्हारे पापा को पुलिस कस्टडी में ले जाना है.’

‘नहीं…नहीं, पापा को छोड़ दीजिए, प्लीज. हम किस के साथ रहेंगे?’ नेहल रो पड़ी.

‘डरो मत. तुम्हारे पास तुम्हारी मौम तो हैं.’

‘यह हमारी मौम नहीं हैं, सर. यह तो हमें टार्चर करती हैं. हमें प्यार नहीं करतीं. हमें ‘बिच’ कहती हैं,’ हिम्मत कर के नेहल ने अपनी बात कह दी.

‘शटअप, क्या बक रही है. अपने पापा को सेव करने के लिए झूठ बोल रही है,’ जूलियन ने आंखें तरेरीं.

‘नहीं, हम सच कह रहे हैं. यह हमारे साथ बुरा बरताव करती हैं. हमें घर का बहुत काम करना होता है. हम होमवर्क भी नहीं कर पाते,’ बड़ेबड़े आंसू नेहल की आंखों से गिर रहे थे. जौन की सीख ने हिम्मत दे डाली.

‘प्लीज, सर, मेरी बच्चियों पर दया कीजिए. अब कभी ऐसी गलती नहीं होगी,’ पापा दयनीय हो आए थे.

‘अगर आप पापा को ले जाएं तो हमें जौन के अंकल के पास पहुंचा दीजिए. वह हमें प्यार से रखेंगे.’

‘यह जौन कौन है?’ कौप ने गंभीरता से पूछा.

‘होगा कोई इस का ब्वाय फ्रेंड,’ कड़वाहट से जूलियन ने कहा.

‘जौन मेरे साथ पढ़ता है. उस के साथ मैं अपनी तकलीफें शेयर करती हूं. उस ने ही अंकल के बारे में मुझे बताया है.’

‘हूं. जौन के अंकल के बारे में जानकारी लेनी होगी,’ कौप गंभीर थे.

कुछ देर सोचने के बाद कौप ने जूलियन से कहा, ‘मैडम, इस लड़की ने आप की भी शिकायत की है. इस की शिकायत पर आप भी मुश्किल में आ जाएंगी. आज आप दोनों को वार्निंग दे कर छोड़ रहा हूं, पर अगर दूसरी बार कुछ ऐसा हुआ तो आप दोनों में से एक को जेल जाना होगा. हां, नेहल हमें अपने फें्रड जौन से मिलाओगी?’

‘यस, सर. थैंक्यू वेरी मच,’ नेहल की आंखों में खुशी जगमगा उठी.

सुबह होते ही जूलियन अपना सामान पैक कर के हमेशा के लिए घर छोड़ गई. बहुत दिनों बाद पापा ने प्यार से कहा, ‘आई एम सौरी. मेरी गलती की वजह से तुम दोनों को बहुत सफर करना पड़ा. अब मैं पूरी केयर करूंगा.’’

‘पापा…’ कहती नेहल और स्नेहा अपने पिता से चिपट गईं.

कुछ दिनों बाद पुलिस इंस्पेक्टर आए थे. पापा से बोले, ‘मिस्टर नाथ, आप का समय अच्छा था सो आप की बेटी बच गई.’

‘क्यों, क्या हुआ, इंस्पेक्टर?’ पापा घबरा गए.

‘जौन का मुंहबोला अंकल एक क्रिमिनल है. वह लड़कियों को अवैध कामों में लगाता है. नेहल की वजह से हम एक क्रिमिनल को पकड़ सके. नेहल ने जब जौन के अंकल के पास जाने की बात कही तभी मुझे शक हो गया था. अगर आप की बेटियां उस के हाथ पड़ जातीं तो न जाने क्या हाल होता. अब केयरफुल रहिएगा.’

‘थैंक्स, इंस्पेक्टर. मेरी भूल की वजह से मेरी बच्चियां न जाने किस नरक में पहुंच जातीं. मैं जूलियन के झूठ में अंधा हो गया था.’

आज स्कूल से लौटी नेहल को पापा ने रिसीव किया था.

‘‘पापा, आप घर में हैं?’’

‘‘हां, बेटी, आज मैं ने छुट्टी ली है. तुम्हें सरप्राइज जो देना है.’’

‘‘सच, पापा. आप हमें सरप्राइज देंगे?’’ नेहल को याद आया, जब मम्मी थीं तो पापा और मम्मी उन्हें अकसर सरप्राइज गिफ्ट्स दिया करते थे. आज बहुत दिनों बाद पापा उसे सरप्राइज देने वाले थे.

घर में प्रवेश करते ही सामने सोफे पर बैठी जरीना नानी पर नजर पड़ी. स्नेहा उन की गोद में बैठी कुछ खा रही थी.

‘‘जरीना, नानी…’’ कहती नेहल उन से लिपट गई. आंसू थे कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. जरीना नानी भी रो रही थीं.

‘‘जरीना नानी, रोइए नहीं,’’ नन्ही स्नेहा बोली.

‘‘ये तो खुशी के आंसू हैं मेरी बच्ची.’’

‘‘अब आप हमें छोड़ कर तो नहीं जाएंगी?’’

‘‘नहीं, नेहल. अब तुम्हारी नानी तुम्हें छोड़ कर कभी नहीं जाएंगी. जरीना आंटी, आज से इन दोनों बच्चियों की पूरी जिम्मेदारी आप की है,’’ पूरे अधिकार से पापा ने कहा.

‘‘यह तो मेरी खुशकिस्मती होगी,’’ दुपट्टे के छोर से अपने आंसू पोंछती नानी बोलीं, ‘‘मुझे मेरी बेटियां वापस मिल गईं.’’

महीनों बाद नेहल बालकनी में खड़ी देख रही थी, पेड़ों पर हरीहरी पत्तियां झूम रही थीं. अब फाल सीजन खत्म हो चुका था. खयालों से वापस निकली तो दौड़ कर नीचे गई और जरीना नानी से चिपट कर हंस पड़ी.

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