महत्वपूर्ण तथ्य उभर कर आया है कि कैसे एक शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्षरत नवयुवक को जब पैसों के लिए परेशान हलाकान किया गया तब, एक नाबालिग मित्र के साथ मिलकर उन्होंने दो लोगों की नृशंस हत्या कर दी. जिसे उजागर करने में पुलिस के भी पसीने छूट गए.
यह भी की एक करार (एग्रीमेंट) कब, कितना भारी पड़ जाता है, यह इस हत्याकांड से समझा जा सकता है. वहीं हमारी संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को नंगा करता यह हत्याकांड, यह सवाल भी हमारे बीच छोड़ जाता है कि आज की शिक्षा व्यवस्था पैसों को लेकर कितनी बदतर हालात मे हैं.
परीक्षा में पास करा, मांगते थे पैसे
दरअसल, इस सनसनीखेज हत्या में स्कूल संचालक और आरोपी के बीच 10 वीं कक्षा में उत्तीर्ण कराने के एवज में पैसे का करार कारण बना. आरोपी से मृतक द्वारा लगातार पैसे की मांग की जा रही था. जिससे हालाकान होकर आरोपी ने वारदात को अंजाम दे दिया. पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी व उसके नाबालिग साथी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
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यह मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला के अंडा थाना क्षेत्र के विनायकपुर व रनचिरई थाना क्षेत्र का है,जहां मिले शव की शिनाख्त पुलिस द्वारा एक निजी श्रेया पब्लिक स्कुल के संचालक विजय नंदा वानखेड़े व उनके साथी एकाउंटेंट आनंद बीबे के रूप में की गई. एसएसपी अजय यादव ने हमारे संवाददाता को बताया कि मुख्य आरोपी पुरेन्द्र साहू (21 वर्ष) स्कूल संचालक व उसके साथी से परेशान और भयभीत हो चला था.
इस घटनाक्रम में महत्वपूर्ण तथ्य है कि मृतको द्वारा आरोपी पुरेन्द्र साहू को दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण कराने के एवज में 20 हजार रुपए मांगा जा रहा था. इसके लिए वे उसे बेहद परेशान करते थे. दोनों से बचने के लिए आरोपी ने पैसे देने के बहाने से दोनों को बुलाकर आरोपी ने अपने एक नाबालिक साथी के साथ मिलकर हत्या की घटना कारित की.
और कर दी हत्या!
इस मामले में शव मिलने के बाद पहले मृतकों की शिनाख्त अंडा थाना क्षेत्र में तस्दीक की गई. पुलिसिंग पूछताछ में मृतकों के दो लड़कों के साथ देखे जाने की जानकारी सामने आई. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो आरोपियों ने हत्या को अंजाम देने स्वीकार किया. पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में इस्तेमाल हथियार, बाईक व दस्तावेज बरामद किया है.
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पुलिस के अनुसार आरोपी पुरेन्द्र साहू 10 वीं कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया था. जिसके बाद 2018 में विजयनंदा वानखेड़े व आनंद बीबे से संपर्क में आया. दोनों ने पुरेन्द्र को पत्राचार के माध्यम से पास कराने का भरोसा देते हुए पैसे का सौदा किया. मृतकों के मार्गदर्शन में पुरेन्द्र साहू ने पत्राचार से परीक्षा दी और परिणाम स्वरूप उत्तीर्ण हो गया. लेकिन बाद मे आरोपी द्वारा करार किये गये पैसे नहीं देने पर स्कूल संचालक एवं अकाउंटेंट आरोपी से 20 हजार रुपए देने के लिए लगातार मांगते रहे.
लेकिन आरोपी पैसे देने में असमर्थ था. और जब दोनों द्वारा लगातार फोन करके व उनके घर दबिश देकर 20 हजार के लेने के लिए धमकियां देते थे. लगातार धमकियों से परेशान आरोपी ने हत्या की योजना बनाई. इसके लिए उसने अपने एक नाबालिग दोस्त के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया. आरोपियों ने 2 दिसम्बर को मृतकों को पैसे देने के लिए बुलाया फिर को मिलते ही स्कूल संचालक विजय नंदा वानखेड़े को हथौड़ी से सर पर वारकर और उनके साथी आनंद बीबे का हथौड़ी व पत्थर से चहेरे-सिर पर वार व पत्थर से गला दबाकर कर हत्या कर दी.