बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के अचानक इस फानी दुनिया से रुखसत हो जाने के बाद, इस युवा स्टार कै फैस आश्चर्यजनक व्यवहार कर रहे हैं. कोई आत्महत्या कर रहा है, कोई जहर खा रहा है, कोई इस दुनिया से चला जाना चाहता है. आखिर एक फिल्म स्टार अथवा सेलिब्रिटी की आत्महत्या करने के बाद लोगों की इस तरह की प्रतिक्रिया सामने क्यों आती है इसका मनोविज्ञान क्या है?
एक तरफ चर्चित फिल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत के मामले को कई कोणों से संदिग्ध मान मुंबई पुलिस जांच कर रही हैं. मगर छत्तीसगढ़ की भिलाई सिटी में इस सिने स्टार की नन्ही फैन एंजेला ने आत्महत्या कर ली . जिसकी वजह से यह चिंतन का विषय हो गया है की आखिर सेलिब्रिटी की मौत या आत्महत्या के बाद लोग निराशा अंधकार से क्यों घिर जाते हैं और क्यों आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं.
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सुशांत की आत्महत्या से दुखी भिलाई की रहने वाली एक 13 साल की फैन ने घर पर फांसी लगा ली . बालिका ने एक नोट छोड़ा है जिसमें फांसी लगाने की बात लिखी है.
पुलिस के अनुसार जिस वक्त बच्ची ने ये कदम उठाया उस वक्त उसके माता पिता घर पर नहीं थे. पुलिस के अनुसार, लड़की अपने परिवार के साथ भिलाई में रहती थी.जिस समय उसने ये कदम उठाया उस समय लड़की के परिजन बाहर गए हुए थे. बालिका के पिता एस.सतीश राजधानी रायपुर स्थित निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. विगत दिनों अचानक बच्ची ने खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगा ली. जब पिता घर वापस आए और उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई फिर उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो बच्ची की बॉडी पंखे से लटकी हुई थी. इसके बाद दरवाजा तोड़कर बेटी की लाश को नीचे उतारा गया और सेक्टर-9 अस्पताल पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के पश्चात उसे मृत घोषित कर दिया.
सेलिब्रिटी की मौत के बाद
एंजेला मात्र 13 वर्ष की थी और सुशांत सिंह राजपूत की बहुत बड़ी प्रशंसक थी. सुशांत सिंह की फांसी लगाकर आत्महत्या करने की खबर पर वह बहुत मायूस हो गई थी. लोग बताते हैं वह काफी दुखी थी. फांसी लगाने से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा जिस पर लिखा – “सुशांत सिंह राजपूत के जाने से काफी दुखी हूं इसलिए आत्महत्या कर रही हूं.”
बच्ची के पिता के कथनानुसार वह सुशांत के जाने से काफी दुखी थी, वो उसकी हर फिल्म को बड़े मनोयोग से देखा करती थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार भी फांसी लगाने से पहले सुशांत सिंह राजपूत की छिछोरे देखी थी.
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फिल्म स्टार सेलिब्रिटी अथवा बड़े राजनीतिज्ञों के मृत्यु के बाद अक्सर इस तरह की घटनाएं घटित होती हैं. हिंदी प्रदेश में ऐसा कम देखा गया है जबकि दक्षिण में बड़े फिल्म स्टार अथवा राजनीतिज्ञों के देहांत के बाद आत्महत्याओं की घटना बड़े पैमाने पर होने लगती है. जैसे विगत वर्षों में एक समय की फिल्म तारीका व तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद अनेक लोगों ने आत्महत्या कर ली थी.
एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि इसका एकमात्र कारण आम लोगों का सज्जन और सरल, भोला भाला होना है.वह यह भूल जाते हैं कि मृत्यु एक अटल सत्य है और सोचने लगते हैं कि हमारा जीवन तो अंधकारमय हो गया है. इसी सदमे, सन्निपात में आकर आत्महत्या करने की भूल करते हैं. हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद हिंदी प्रदेश में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं. इस संदर्भ में हम यहां इस लेख में यही पड़ताल कर रहे हैं आखिर इसके पीछे का मनोविज्ञान क्या है यह आज के युवाओं को और आम लोगों को समझना चाहिए और भूल कर भी आत्महत्या का विचार नहीं करना चाहिए.