छत्तीसगढ़ में नशीला पदार्थ एमडीएम अर्थात ” मिथाइलीन डाइआक्सी मेथैमफेटामाइन” ड्रग्स का व्यापार जोरों से चल रहा है. देश के पंजाब प्रांत और अन्य प्रमुख राज्यों के ड्रग्स विक्रेता रायपुर में बुरी तरह अपने पैर पसार चुके परिणाम स्वरुप राजधानी से लेकर छत्तीसगढ़ के अन्य नगरों में भी ड्रग्स पहुंच रहा है और शासन-प्रशासन कुंभकरणी निद्रा में है और जब यह नींद टूटती है तो नाम मात्र की कार्रवाई करने के बाद पुलिस प्रशासन पुनः कुंभकरण की तरह सो जाता है.
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हाल ही में अक्टूबर माह में हुए खुलासे के बाद भी प्रशासन को जिस तरह छत्तीसगढ़ में अलर्ट होना चाहिए था और अंकुश लगाया जाना था, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. पुलिस न्यायधानी बिलासपुर में रैकेट से जुड़े लोगों के बारे में बेखबर रही तो उसकी खबर मीडिया में सुर्खियां बन गई. आश्चर्य यह की रायपुर पुलिस की टीम रात को बिलासपुर पहुंची और हेमूनगर तोरवा निवासी गौरव पिता वेद प्रसाद शुक्ला को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई. और बिलासपुर पुलिस को पता ही नहीं चला. अब जब छत्तीसगढ़ में नशे की व्यापार की चर्चा जोरों पर है तो यह तथ्य सामने आया है की नशे के सौदागरों का सम्पर्क कालेजों के छात्रों से भी है. बिलासपुर में ड्रग्स रैकेट का खुलासा होने की उम्मीद में पुलिस अब रायपुर से मामल में पूरी डिटेल लेने व सामने आने वाले नामों पर कार्रवाई करने की बात कह रही हैं. रायपुर एसएसपी ने ड्रग्स गैंग का खुलासा करते हुए बताया कि रायपुर व बिलासपुर में दो अलग-अलग गैंग ड्रग्स की सप्लाई का काम कर रहे हैं. बिलासपुर में मिन्हाज मेमन सप्लाई का काम किया करता था. लंबे समय से नशे के व्यापार में लगा यह शख्स पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा और युवा पीढ़ी को नशे का आदी बनाता रहा.
राजधानी बननी “केंद्र बिंदु”
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ड्रग्स के एक बड़े रैकेट का खुलासा पुलिस द्वारा किया गया है. लाखों के ड्रग्स के साथ रायपुर पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार सभी ड्रग्स पेंडलर है, जो की सिर्फ नशे के सामान की सप्लाई ही नहीं किया करते थे बल्कि नए ग्राहकों की खोज उन्हें नशे की आदत भी डालत थे. एसएसपी अजय यादव ने नशे के सौदागरों के रैकेट का सनसनीखेज खुलासा किया. महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस ड्रग्स के केस का पहला मामला 30 सितंबर02020 को दर्ज किया गया और शीघ्र ही 15 लाख के ड्रग्स के साथ 7 लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है कि इस नशे के व्यापार में मिन्हाज मेमन उर्फ हनी एलिन सोरेन, रोहित आहूजा राकेश अरोरा उप सोनू, लक्ष्मण गाईन एवं अब्दुल अजीज उर्फ सद्दाम जुड़े है.जिसके आधार पर आरोपी मिन्हाज उर्फ हनी, ऐलेन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा अब्दुल अजीम उर्फ सद्दाम एवं लक्ष्मण गाईन को बिलासपुर के अलग-अलग स्थानों से पकड़ कर गिरफ्तार किया गया. अभिषेक शुक्ला डेविड आरोपी रोहित आहूजा और राकेश उर्फ सोनू अरोरा के माध्यम से बिलासपुर एवं रायपुर जिलो में सप्लाई करते थे. सबसे महत्वपूर्ण और चिंता का सबब यह है कि नशे की यह कारोबारी पंजाब, बिहार की तरह छत्तीसगढ़ में भी युवाओं को नशे का आदी बना रहे हैं और युवा पीढ़ी को एक तरह से खत्म करने का षड्यंत्र जारी है.
युवा बने नशे के आदी
छत्तीसगढ़ में नशे का यह कारोबार अपने पैर फैलाता चला जा रहा है और यह जानकारी भी सामने आ रही है कि इसके पीछे राजनेताओं का संरक्षण भी है.हालांकि अभी तक पुलिस ने कोई नाम जाहिर नहीं किया है. मगर सूत्रों के अनुसार पुलिस इस दिशा में भी सुबूत जुटाने में लगी हुई है.इस संदर्भ में पुलिस के उच्च अधिकारी बताते हैं कि बिलासपुर के मिन्हाज ने अभिषेक को अपनी टीम शामिल किया, लेकिन नशा कंपनी की ये दोस्ती ज्यादा नहीं चली, पैसे को लेकर दोनों में विवाद हो गया, जिसके बाद दोनों ने अपना अलग-अलग कारोबार शुरू किया.
अभिषेक ने इस दौरान अपने पैर फैलाए और इसमें एलिन सोरेन को शामिल कर लिया. ऐलिन स्टूडेंट है .पुलिस सूत्रों ने हमारे संवाददाता को बताया कि ऐलिन गोवा में ड्रग्स का कारोबार करने वाले नाइजीरियन के संपर्क में आया और उसी कारोबार में शामिल हो गया.एलिन सोरेन ने गोवा में अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड़ का संपर्क नाइजीरियन (नीग्रो) से कराया तब से अभिषेक अपने पेडलर रोहित आहूजा और राकेश अरोरा के साथ कई बार जाकर ड्रग्स गोवा से लेकर आये और बिक्री करने लगे. यही नहीं लक्ष्मण गाईन जो कि रेलवे पुलिस में आरक्षक के पद पर बिलासपुर में कार्यरत है ने अभिषेक को ड्रग्स के लिये पैसा फायनेंस किया तो नशे का व्यापार शहर में चल निकला.
हमारे संवाददाता को पुलिस अधिकारी ने बताया अभिषेक और लक्ष्मण बिलासपुर में क्रिकेट खेलने के दौरान संपर्क में आये . तब से कई बार लक्ष्मण की कार से भी ड्रग्स लेने गोवा गये. 27 सितंबर को भी लक्ष्मण और अभिषेक रायपुर में ड्रग्स की डिलीवरी करने आये थे. तब पुलिस को भनक लगने पर भाग गये. रोहित और राकेश अरोरा को रायपुर व बिलासपुर में एक बार का ड्रग्स सप्लाई करने पर अच्छा पैसा मिलता था अभिषेक द्वारा एक हजार रूपए दिया जाता था. चूंकि राकेश और रोहित साधारण परिवार से हैं इसलिये पूरी तरह इस काम में जुट गए.
यही नहीं नशे के सौदागर फ्लाइट से नशेे की खेप लाने जाते थे, और नशे का सामान लेकर निजी वाहन से रायपुर लौटते थे. आरोपी लक्ष्मण गाईन के कब्जे से घटना में प्रयुक्त हुण्डई वर्ना कार क्रमांक सी जी/04/एच क्यू/1011 को भी जप्त किया गया है. इस तरह से रायपुर पुलिस द्वारा इस ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े पूरे नेटवर्क को उजागर करते हुये सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया .रायपुर के कुछ अन्य ड्रग्स कारोबारी का नाम सामने आया है जो आरोपी श्रेयांस झाबक एवं विकास बंछोर की गिरफ्तारी के बाद से फरार हो गये हैं.