रोज-रोज का झगड़ा और छोटी सी बात की लड़ाई किस कदर, क्या मोड़ ले लेती है, इसका सच वही जानता है जो इसे भोग चुका है.

आज इस रिपोर्ट में हम इस गंभीर विषय पर चर्चा करते हुए आपको बताना चाहेंगे कि ऐसी परिस्थितियों में कब क्या हो जाता है और हमें किस तरह बच सकते हैं .

प्रथम घटना-

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अशोक विहार कालोनी में एक शख्स ने अपनी पत्नी की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह आये दिन बात बे बात पति को टोकती रहती. कटु वचन के कारण अंततः यह हत्या कांड हो गया.

दूसरी घटना-

बिलासपुर के रमन कॉलोनी में एक शख्स ने अपने ही मित्र की हत्या कर दी क्योंकि वह अक्सर उसे कटु शब्दों में निंदा करते हुए छोटी-छोटी बात पर, कुछ ना कुछ कहता रहता.

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तीसरी घटना-

औद्योगिक नगर कोरबा के बालको नगर में एक शख्स ने अपने ही भाई की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह शराब पीकर मां के साथ अक्सर गाली गलौज करता था.

रोज रोज का झगड़ा

छत्तीसगढ़ के जिला बालोद में रोज-रोज की गाली-गलौज से तंग आकर एक युवक ने अपने पड़ोसी की फावड़े से मारकर हत्या कर दी. बाद में थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया. वहीं मारा गया युवक विवाद के चलते ही पहले जेल जा चुका था. जमानत पर छूटा तो फिर से आकर लड़ाई झगड़ा और गालियां देनी शुरू कर दी. अंततः बात इतनी बढ़ गई की मामला खून खराबे तक पहुंच गया.

जांच अधिकारी के अनुसार ग्राम कोबा निवासी रीकेश घीलेंद्र (34) का अक्सर ही शराब के नशे में अपने पड़ोसी जीवन सतनामी (42) से विवाद होता रहता था. इससे तंग आकर रीकेश ने कई बार जीवन की शिकायत भी थाने में की थी.इसके बाद भी जीवन नहीं सुधरा और फिर गाली-गलौज और मारपीट करता रहता. रीकेश की शिकायत पर पुलिस ने जीवन को गिरफ्तार कर शांति भंग में जेल भेज दिया था

मगध घटना दिनांक के दिन मृतक उसे बार-बार छेड़ता रहा गाली गलौज करता था अंततः गुस्से में रीकेश घर के अंदर से फावड़ा लेकर आया और वार कर दिया.इस संपूर्ण घटनाक्रम में महत्वपूर्ण और आश्चर्यजनक तथ्य है कि जीवन जेल से जमानत पर छूटकर आया था और आने के पश्चात फिर रीकेश के घर के बाहर खड़े होकर गालियां देनी शुरू कर दी. पहले तो रीकेश ने उसे समझाया, लेकिन जब जीवन नहीं माना तो गुस्से में रीकेश घर के अंदर से फावड़ा लेकर आ गया. इसके बाद जीवन पर हमला कर दिया.सिर पर फावड़े के एक के बाद एक कई वार से जीवन वहीं गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

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छोटे-छोटे वाद-विवाद की फांस

अक्सर हम अपने आसपास, मोहल्ले में छोटी-छोटी बातों पर वाद विवाद होते देखते हैं. और इसका परिणाम कभी-कभी बहुत ही खतरनाक रूप में सामने आता है. इस महत्वपूर्ण विषय पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अधिवक्ता बी के शुक्ला के मुताबिक मेरी 40 वर्ष की वकालत के दरमियान अनेकों ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें मैंने पैरवी की है और पाया है कि बहुत छोटी सी बात पर गांव कस्बे और शहर में भी अक्सर हत्या जैसी घटना घटित हो जाती है. हालांकि बाद में मैंने यह भी पाया है कि हत्या करने वाले दोषी इसके लिए बहुत पछतावा करते हैं.मगर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. और इस घटना कांड से जाने कितनी जिंदगियां तबाह हो जाती है.

सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर रमाकांत श्रीवास के मुताबिक गांव गांव में जब ऐसी घटनाएं होती है और हमने जब निकट से उसका सच जानना चाहा तो यह जान कर बड़ा आश्चर्य होता है कि कभी किसी महिला की हत्या सिर्फ इसलिए हो जाती है कि उसने पति के लिए मनपसंद खाना नहीं बनाया. अक्सर पड़ोसियों और अपने नाते रिश्तेदारों के बीच भी विवाद होने पर छोटी-छोटी बातों पर हत्याकांड हो जाते हैं.

मनोविज्ञान के जानकार डाक्टर जी.आर.पंजवानी के मुताबिक यह सब क्षणिक आवेश में होता है अगर उभय पक्ष शांति और सौहार्द्र सहजता से घटनाक्रम को स्वीकार करते हुए व्यवहार करे तो ऐसे बड़े हत्याकांड नहीं होंगे.

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