हर देश और समाज में शादी की अलगअलग परंपराएं होती हैं और शादियों की इन परंपराओं और रस्मों में स्थानीय संस्कृति का बड़ा ही महत्त्व होता है. कई बार अजीबअजीब तरह की रस्में भी इन परंपराओं का हिस्सा बन जाती हैं. ऐसी ही एक अजीब परंपरा  इंडोनेशिया के सुम्बा द्वीप की है. यहां पर शादी के लिए युवती का अपहरण कर लिया जाता है. अपहरण के बाद उस के साथ शादी की जाती है.

सुम्बा द्वीप में शादी की इस अजीबोगरीब प्रथा को काविन टांगकाप कहा जाता  है. वैसे यह प्रथा अजीब तो है ही लेकिन इस के साथ ही विवादित भी ज्यादा है. इस प्रथा के अनुसार शादी के लिए इच्छुक व्यक्ति, उस के दोस्त या परिवार वाले बलपूर्वक किसी भी युवती का अपहरण कर लेते हैं. इस के बाद उस लड़की की शादी कर दी जाती है.

पिछले साल बीबीसी के माध्यम से ऐसी ही एक कहानी सामने आई थी जिस में युवती का शादी के लिए अपहरण कर लिया गया था, हालांकि ऐसा नहीं है कि इस प्रथा को ले कर पूरा सुम्बा समाज एक मत है, कई महिला अधिकार समूह लंबे समय से इस के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और सरकार से रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.

सरकार ने भी इस प्रथा को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं लेकिन पिछले दिनों2 युवतियों के किडनैप होने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार इसे ले कर सतर्क हो गई थी और इस पर सख्ती से रोक लगा दी थी. इस के बावजूद सुम्बा के कई हिस्सों में अभी भी यह प्रथा चल रही है.

शादी के लिए अपहरण की गई एक युवती ने अपने अपहरण की जो कहानी बताई वह मार्मिक और खौफनाक है. उस ने बताया कि कैसे वह कार के अंदर से अपने मातापिता को मैसेज करने में कामयाब रही.अपहर्त्ता उसे जहां ले कर जा रहे थे, उस घर में शादी की तैयारियां पहले ही हो चुकी थीं. वह घर उस के पिता के ही एक दूर के रिश्तेदार का था. युवती ने बताया कि वहां शादी की रस्मों के लिए तैयार महिलाएं भी उस का इंतजार कर रही थीं. उस के वहां पहुंचते ही महिलाओं ने गीत गाने शुरू कर दिए और फिर शादी के कार्यक्रम शुरू हो गए. सुम्बा सभ्यता पर 3 धर्मों की परंपराओं का पालन किया जाता है. यहां इसलाम और ईसाई धर्म के अलावा मारापू धर्म का भी पालन किया जाता है. कहते हैं कि इस में दुनिया को संतुलित रखने के लिए आत्माओं को बलियों से खुश करने की परंपरा है.

उस युवती ने बताया कि अपहर्त्ता उसे बारबार यही समझा रहे थे कि वह शादी के लिए मन से तैयार हो जाए. लेकिन महिला उस का विरोध करती रही. इस की वजह यह थी कि वह युवती किसी और से प्यार करती थी.

उस युवती  ने उस की एक बात न मानी. वह लगातार रोती रही. रोतेरोते उस का गला सूख गया और वह फर्श पर गिर गई. तब उस ने अपना सिर लकड़ी के एक बड़े पिलर पर मारा. वह चाहती थी कि इस से शायद उन लोगों को उस पर दया आ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.अगले 6 दिन तक उसे एक तरह से एक घर में कैदी की तरह रखा गया. वह सारी रात रोती रहती थी. वह बिलकुल भी नहीं सोती थी. उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह मर रही है. उस ने खानापीना बंद कर दिया था.

प्रथा के अनुसार यह भी मानना है कि यदि अपहरण की गई युवती खाना खा लेती है तो इस का मतलब यह होता है कि उस ने वह शादी स्वीकार कर ली है लेकिन उस युवती ने उनके घर खाना नहीं खाया. इतना ही नहीं उस ने बता दिया कि वह शादी करने के लिए राजी नहीं है.

दूसरी तरफ उस ने फोन द्वारा अपने घरवालों को जो सूचना दी थी उस के बाद घर वालों ने महिला समूह से संपर्क किया. और कहा कि वह उन की बेटी को उन के चंगुल से छुड़ाने की कोशिश करें. महिला अधिकार समूह पेरुआती ने पिछले 4 साल में महिलाओं के अपहरण की इस तरह की सरकार 7 घटनाओं को दर्ज कराया. समूह का मानना है कि इस तरह की और भी कई घटनाएं हुई होंगी. जो प्रकाश में नहीं आईं. लेकिन इनमें से केवल 3 युवतियां ही खुशकिस्मत निकलीं जो विरोध के कारण ऐसी शादी से बच निकलीं.

पेरुआती की स्थानीय प्रमुख बिंटांग पुष्पयोगा  कहती हैं कि वे शादियों में बनी रहती हैं क्योंकि उन के पास इस का कोई विकल्प नहीं होता. काविन टांगकाप कई दफा एक अरेंज मैरिज का ही रूप होता है. वे कहती हैं कि जो महिलाएं शादी तोड़ने का फैसला लेती हैं, उन्हें  बहुत समझाने की कोशिश की जाती है.

बहरहाल महिला अधिकार समूह के सहयोग से युवती को अपहर्त्ता के चंगुल से मुक्त कराया  और बाद में उस युवती के बौयफ्रैंड के साथ उस की शादी कर दी गई.

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