देश की राजधानी दिल्ली के एक ऑटो चालक ने किस तरह एक युवती को फेसबुक के जरिए अपनी दोस्ती के जाल में फंसा कर उसकी अस्मत को लूट लिया. अक्सर यह कहा जाता है कि एक लड़का और लड़की अच्छे दोस्त क्यों नहीं हो सकते, एक दूसरे की मदद क्यों नहीं कर सकते. जमाना आज 21 वी शताब्दी का है तो क्यों नहीं दोनों साथ साथ कदम दर कदम मिलाकर के दोस्ती की एक नई इबारत नहीं लिख सकते.
जी हां! यह अपने आप में एक पक्ष है, दूसरा पक्ष अंधेरे वाला भी है. जहां फेसबुक पर दोस्ती के बाद लड़का लड़की को धोखा देता है. इसलिए  सावधान! आंख मूंदकर लड़कियों का किसी पर विश्वास करना भारी पड़ सकता है.

दिल्ली की सड़कों पर आवारा सा घूमने वाले एक ऑटो चालक ने झूठी कहानी गढ़ कर
छत्तीसगढ़ की अंबिकापुर शहर की एक युवती रजनी (काल्पनिक नाम) को फेसबुक पर दोस्ती कर फंसाया  . जैसा कि आजकल चलन है सोशल मीडिया फेसबुक की मित्रता अपने उफान पर है बड़े महानगरों के लड़कों पर लड़कियां विश्वास भी कर लेती हैं.

ऐसे में युवती की दोस्ती फेसबुक के माध्यम से  राजधानी दिल्ली के एक युवक आशीष से हो गई. जैसा कि अक्सर होता है शातिर युवक आशीष ने बड़ी-बड़ी बातें करके लड़की को अपने संजाल में फंसा लिया. जब रजनी ने कहा कि उसके सामने रोजी रोटी और भविष्य का सवाल है फिर तो मानो आशीष को मौका ही मिल गया वह बोला- अगर तुम दिल्ली आ जाओ तो मैं तुम्हें नौकरी भी दिलवा दूंगा और तुम एक हाई क्लास जिंदगी जी सकोगी. रजनी उसके मीठी चुपड़ी बातों में आ गई.

ये भी पढ़ें- Crime: फ्री का लॉलीपॉप, बड़ा लुभावना!

मगर आगे देखिए! उसके साथ क्या हश्र हुआ.

और बना लिया “बंधक”!

ऑटो चालक आशीष गुप्ता ने लड़की को दिल्ली बुलाया और सामान्य रूप से कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि कोई युवक ऐसा दुस्साहस भी कर सकता है. जब फेसबुक मित्र आशीष के झांसे में आकर रजनी घर से झूठ बोलकर दिल्ली पहुंच गई तो वहां युवक ने उसे मीठी चुपड़ी बातें करके अपने घर ले जाकर  युवती को अपने कमरे में  बंधक बनाकर रखा मारपीट करता और उसके साथ अनाचार करता रहा. शायद युवक मानसिक विकृति लिए हुए था. इसलिए वह उसे सिगरेट से यदा-कदा  दागता भी था. प्रताड़ना के लंबे दौर से गुजरने के बाद  किसी तरह रजनी ने एक दिन आशीष के मोबाइल से ही नातेदारों से संपर्क किया.

परिजनों की जब दोबारा बातचीत बंद हो गई तो उन्होंने अंबिकापुर, पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच शिकायत दर्ज कराई इस पर उन्होंने  कोतवाली पुलिस को जांच के निर्देश दिया.

पुलिस हरकत में आई मोबाइल ट्रेस कर दिल्ली पहुंची तो रजनी की एक एक बात सच निकली.  पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से आशीष को दिल्ली से गिरफ्तार कर रजनी को उसके कब्जे से मुक्त कराया. पुलिस ने हमारे संवाददाता को बताया बीस साल की रजनी  ( काल्पनिक नाम)  की पहचान फेसबुक के माध्यम से दिल्ली के आदित्य गुप्ता नामक युवक से हुई.

ये भी पढ़ें- Manohar Kahaniya: बबिता का खूनी रोहन

युवक ने युवती से झूठ कहा कि  वह दिल्ली में एक कॉल सेंटर में काम करता है, यदि वह दिल्ली आएगी तो उसे भी बेहतर काम दिला देगा. दिल्ली राजधानी है यहां काम की कमी नहीं है और फिर छत्तीसगढ़ के जाने कितने लड़के लड़कियां यहां काम कर रहे हैं. इन बातों में आकर के रजनी अपने घर से दिल्ली की ओर  28 दिसंबर 2020 को युवती घर से निकल पड़ी. उसने घरवालों से कहा  वह परीक्षा देने जा रही है.  वहां पहुंचकर युवक से संपर्क किया तो वह लेने आ गया.

इसके बाद रजनी को वह अपने कमरे में ले गया और उसके साथ अनाचार अत्याचार करने लगा. रजनी का परिवार जनों से संपर्क टूट गया तो परेशान हो करके उन्होंने 31 दिसंबर2020 को अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. रजनी का मोबाइल भी तोड़ दिया गया था ताकि वह अपने परिजनों से बात न कर सके. 6 महीने10 दिन  युवक आशीष युवती से अनाचार करता रहा. उसके विरोध करने पर वह उसे सिगरेट से भी दाग देता था.

ये भी पढ़ें- Crime- टोनही प्रथा: आत्महत्या के बाद!

अंबिकापुर के थाना प्रभारी ने हमारे संवाददाता को बताया- युवती सरगुजा क्षेत्र की रहने वाली है. युवक को गिरफ्तार करके उसका और युवती का बयान लिया गया पुलिस ने युवक पर सख्त कार्रवाई करते हुए जय जेल भेज दिया है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...