राहुल गांधी के जन्मदिवस पर यह पहली बार हुआ कि देशव्यापी स्तर पर उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली पर चर्चा हुई यह अपने आप में एक अनोखी और महत्वपूर्ण बात है कि राहुल गांधी को जन्मदिवस पर इस दफा जिस तरीके से उन्हें नोटिस में लिया गया वह यह बता गया कि आगामी समय में राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री पद के सशक्त दावेदार हैं.

जैसा कि हम सभी जानते हैं राहुल गांधी ने 19 जून को 51 वर्ष पूरे किए और बावनवें वर्ष की देहरी पर पांव रखा है. सुबह से ही राहुल गांधी के जन्मदिन पर सोशल मीडिया में चर्चा का दौर शुरू हो गया, लोगों ने यह खुलकर कहना शुरू कर दिया कि जिस तरीके से वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी असफलताओं से गिर गए हैं और एक ऐसे चक्र व्यूह में फंस गए हैं उससे निकल पाना अब मुश्किल जान पड़ता है. ऐसे में आखिर देश का नेतृत्व कौन सा व्यक्ति कर सकता है. इसमें लगभग लोगों की यही राय थी कि राहुल गांधी की चाहे विपक्ष के लोग कितने ही मजाक उड़ा कर उनकी छवि खराब करने का प्रयास करें मगर उन में बहुत सारी खुशियां भी है. जिस तरीके से उन्होंने सादगी और मानवता का बार-बार परिचय दिया है वह यह बताता है कि वह  दिल के साफ है, यही कारण है कि लोगों दिलों में राहुल गांधी अब राज करने लगे हैं.

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यह माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा  चुनाव में जब भाजपा चारों खाने चित हो जाएगी तो राहुल गांधी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनेगी और प्रधानमंत्री बन कर राहुल गांधी देश को एक सशक्त नेतृत्व दे सकते हैं.

दरअसल, राहुल गांधी ने बारंबार यह जाहिर किया है कि वे देश और देश की माटी यहां के जन-जन से इस तरीके से वाकिफ हो चुके हैं यहां के माहौल को जिस नवाचार के साथ उन्होंने आत्मसात किया है वैसा नेतृत्व दूसरी राजनीतिक दल में कहीं दिखाई नहीं देता.

विरोध और लोगों के दिलों में जगह!

धीरे-धीरे इस बात का भी खुलासा हो चुका है कि विपक्ष अर्थात भारतीय जनता पार्टी और उसकी अनेक संस्थाओं के सोशल मीडिया कर्मियों ने राहुल गांधी के खिलाफ सोची-समझी रणनीति के तहत उन्हें बार-बार पप्पू का कहकर देश के जनमानस में उन्हें एक बेचारा शख्स बना करके यह जताया कि देश को एक सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है.

देश को नरेंद्र दामोदरदास मोदी जैसे 56 इंच के व्यक्ति की आवश्यकता है जो देश के भीतर और देश के बाहर दोनों जगह पर देश के आत्म सम्मान को ऊंचाई देकर  देश  को समझ सके और अच्छा कर सके.

लोग सोशल मीडिया के  प्रपंच में फंस करके राहुल गांधी के अच्छाइयों को न देखते हुए सिर्फ बताई गई बिना तथ्य की बातों के आधार पर मन, भावना बना कर कांग्रेस और राहुल को हाशिए पर डालते चले गए.

धीरे धीरे नरेंद्र मोदी विफलताओं के शिखर की ओर बढ़ रहे हैं तो लोगों को सच्चाई का एहसास हो रहा है कि किस तरीके से सोशल मीडिया में  सफेद झूठ बता करके उन्हें भ्रमित किया गया था. परिणाम स्वरूप अब राहुल गांधी के प्रति लोगों की संवेदना जाग रही है. लोगों को उनकी अच्छाइयां दिख रही हैं. उनके जन्मदिवस पर जिस तरीके से लोगों ने उनके प्रधानमंत्री पद संभालने की अपेक्षा के साथ स्नेह पूर्वक याद किया वह अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण कहा जा सकता है. और यह बात आने वाले समय में सच भी सिद्ध हो सकती है.

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चुनौतियां ही चुनौतियां हैं!

मगर, इसके बावजूद राहुल गांधी के सामने चुनौतियां कम नहीं है. एक तरफ कांग्रेस के भीतर वे चुनौतियों से घिरे हुए हैं तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व किस तरीके से इन दिनों राजनीति की एक नई एबीसीडी लिख रहा है उसमें एक सीधे सरल सादगी पसंद राहुल गांधी को चक्रव्यू भेद पाना मुश्किल दिखाई देता है. क्योंकि आज की राजनीति इतनी गंदली हो चुकी है उसमें साम, दाम, दंड, भेद से आगे का खेल खेला जाता है.

कांग्रेस अपने सिद्धांतों के साथ राजनीति के मैदान में लोगों से वोट मांगती है मगर आज की राजनीति उससे आगे निकल कर के एक ऐसे खतरनाक और भयावह रास्ते पर बढ़ गई है जिसमें कोई नैतिकता, कोई धर्म नहीं बचता. इसके अलावा भी राहुल के समक्ष बहुत सारी चुनौतियां हैं जिसमें महत्वपूर्ण है उनका आत्मविश्वास के साथ भाजपा के साथ चुनाव में उतरना, कांग्रेस का नेतृत्व का मामला भी एक बड़ा प्रश्न है जिसे सबसे पहले सुलझाना होगा, इसके साथ ही जिस तरीके से कांग्रेस के नेता पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं या फिर उन्हें लालच देकर के आकर्षित किया जा रहा है यह भी राहुल गांधी के लिए एक अनसुलझा सवाल है.

इन सब के बावजूद जिस तरीके से सोशल मीडिया में राहुल गांधी को उनके जन्मदिवस पर लोगों ने इसमें पूर्वक और एक सम्मान के भाव के साथ याद किया वह बताता है कि आने वाला समय राहुल गांधी का है.

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