अपराध का एक कारण प्रेम और प्रेमिका भी होता है. आमतौर पर देखा जाता है कि समाज में घटित होने वाले अनेक छोटे या फिर गंभीर अपराध तक आलम सिर्फ और सिर्फ माशुका ही होती है. इसके खातिर जाने कितने तरह के छोटे बड़े अपराध समाज में घटित होते रहते हैं, आज हम इस आलेख में आपको कुछ ऐसे अपराधों के संबंध में बताएंगे जो समाज को सचेत करते हैं ताकि ऐसे अपराधिक धुरी से बच सकें.
पहला मामला- माशुका ने बातों बातों में ज्वेलरी की भूमिका बांधी तो श्याम ने दूसरी रात को एक ज्वेलरी दुकान में घुसकर चोरी की और सोने के के बाद माशूका को ला कर दिए मगर दूसरे ही दिन पुलिस ने उसे धर दबोचा.
दूसरा मामला-प्रेमिका ने प्रेमी से रुपयों की मांग की तू प्रेमी अपने एक दोस्त के साथ एटीएम मशीन को तोड़ने पहुंच गया और रंगे हाथ पुलिस के द्वारा पकड़ लिया गया.
तीसरा मामला-फिल्मी गाने जब तेरी से दवाई स्कीम की क्या तुम्हारे पास कभी कोई चार पहिया वाहन होगा जिसमें हम घूमेंगे तो फिर मिलने चार पहिया वाहन पार कर दिया और पकड़ा गया.
ऐसे जाने कितने मामले हमारे आसपास घटित हो रहे हैं जो यह बताते हैं कि प्रेमी प्रेमिका के लिए या फिर प्रेमिका प्रेमी के लिए क्या कुछ कर  जाते हैं मगर अपराध तो अपराध होता है जिसका परिणाम होता है सजा ही होती है.
भूमिका के लिए कार पार कर दी!

इसे आप कोई फिल्मी कहानी समझें मगर यह सच है कि माशूका को लुभाने के लिए आशिक ने दुस्साहसिक कदम उठा लिया और यही कदम उसके जीवन की सबसे बड़ी भूल बन गया. दरअसल, माशुका‌ ने बातों बातों  में  प्रेमी से लांग ड्राइव पर चलने के लिए कहा तो फटे हाल प्रेमी ने एक अदद कार ही चुरा ली. और जब वह प्रेमिका को लेकर लांग ड्राइव पर निकला तो प्रेमी-प्रेमिका पुलिस द्वारा धर दबोचे गए . पुलिस ने प्रेमी के साथ उसके एक मददगार दोस्त को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.
एक सच्ची कहानी है इसका नायक है राहुल नामक युवक जिसने अपनी माशूका को घुमाने के लिए फतेहपुर से कार चुराई थी. लेकिन उसने एक बेवकूफी कर दी की कार का नंबर नहीं बदला. उधर, फतेहपुर में कार मालिक ने पुलिस में शिकायत कर दी. इधर पुलिस सक्रिय हो गई. जब कार चुराने का आरोपी राहुल अपनी प्रेमिका और एक दोस्त के साथ चकेरी की तरफ घुमने जा रहा था‌ उन्हें हाईवे पर पुलिस ने कार का नंबर देखकर  रोका. चेकिंग के दौरान युवक पकड़ लिया गया. गिरफ्तारी के वक्त कार में प्रेमिका और उसका एक दोस्त भी मौजूद था.

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समझदारी के साथ सावधानी भी जरूरी

यह कहा जा सकता है कि आज पुलिस और न्यायालय में इस तरह के अनेक मुआमलें आ रहे हैं जो समाचार पत्रों में सुर्खियां भी बटोरते हैं  मगर इसका हल क्या हो इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जाता.
इस रिपोर्ट के माध्यम से हम युवा पीढ़ी को यह संदेश दे रहे हैं की प्रेम में आप इतना मत डूब जाइए कि कानून को अपने हाथ में ले लें और अपने भविष्य को बर्बाद कर लें. क्योंकि यह उम्र कुछ ऐसी होती है जब आदमी को जीवन की सच्चाई का आभास नहीं होता कानून का ज्ञान नहीं होता और वह अपराध कर बैठता है.

मगर जब पुलिस द्वारा धर दबोचा जाता है तो आरोपी युवक की आंखें खुलती है और प्रेमिका भी पछताती है कि मैंने क्यों ऐसी चीज मांग ली जो उसके प्रिय के बस में नहीं थी. कुल मिलाकर  समझदारी दोनों पक्षों के लिए आवश्यक है.

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विधि विद्वान अधिवक्ता डॉ उत्पल अग्रवाल के मुताबिक हाल ही में एक प्रकरण मेरे पास भी ऐसा ही आया था जिसमें प्रेमी के लिए प्रेमिका ने अपने घर के जेवरात और रुपए चुरा लिए थे और मामला पुलिस से होते हुए न्यायालय पहुंचा था. दरअसल, ऐसे मामले युवावस्था में प्रेम की झोंके में घटित हो जाते हैं जो स्वयं को सिर्फ अपमानित कराते हैं. समझदारी का तकाजा यही है कि युवा प्रेम के भंवर में फंस करके कभी भी कानून को अपने हाथों में ना लें.
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