सुहागरात पर मसाज का मजा लिया क्या?

अमूमन यह माना जाता है कि सुहागरात पर जिस्मानी रिश्ता तो हर कीमत पर बनना ही चाहिए. दूल्हे के दिमाग में तो यह भर दिया जाता है कि पहली रात को ही अपनी दुलहन को अपने जिस्म से मसल देना. बहुत सी लड़कियां भी सुहागरात पर ऐसा ही कुछ चाहती हैं कि उन का दूल्हा बादाम का दूध पीने के बाद उस की पूरी कीमत वसूले.

लेकिन एक बड़ा सच यह भी होता है कि अपनी शादी की रस्मों की थकावट के बाद दूल्हा और दुलहन इस कदर परेशान हो चुके होते हैं कि वे सुहारागत पर सेक्स से ज्यादा मसाज की चाहत रखते हैं. लिहाजा, जब दूल्हा-दुलहन अपने कमरे में बंद होते हैं तो वे एकदूसरे को मसाज दे कर शुरू होने वाले रिश्ते को नई गरमाहट दे सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के एक नौजवान ने यही तरीका अपनाया था. उस की बरात बहुत दूर किसी ठेठ देहात में गई थी. शादी हुई और दुलहन चल पड़ी अपने ससुराल. हालांकि वह नौजवान कार से अपनी दुलहन को घर ला रहा था, पर रास्तेभर उस ने देखा कि उस की नई नवेली दुल्हन अपने भारी लहंगे और नींद की खुमारी में हद से ज्यादा परेशान थी.

ससुराल में भी रस्मों के नाम पर दुलहन की चकरघिन्नी बना दी गई. रात हुई तो उसे सुहाग सेज के लिए सजा दिया गया, पर असल में तो यह उस के लिए बहुत बड़ी सजा थी.

रात को जब पति कमरे में आया तो दुल्हन की सांसें ऊपर-नीचे होने लगीं, पर वह नौजवान बड़ा समझदार निकला. उस ने चंद बातें करने के बाद अपनी दुलहन को एक नाइटी गिफ्ट की और खुद भी कपड़े बदल कर बिस्तर पर एक तरफ लेट गया.

जब दुलहन नाइटी पहन कर कमरे में आई तो उस का हाथ पकड़ कर अपने पास लिटा लिया. थोड़ी देर में ही उस नौजवान के हाथ अपनी पत्नी के बदन से ऐसे खेलने लगे जैसे कोई मसाज करता है. पत्नी को थोड़ा आराम मिला तो पति ने लाइट बंद कर के उस की अपने मजबूत हाथों से इस तरह अच्छी मसाज की कि पत्नी उस के आगोश में ही सो गई. पत्नी की सारी थकावट जो उतर गई थी.

इस के बाद तो पत्नी की नींद सुबह 5 बजे ही टूटी. पति बगल में सो रहा था. पत्नी ने उसे प्यार से चूम लिया. पति की नींद खुल गई. उस ने दोबारा अपनी पत्नी को गले से लगा लिया.

पत्नी ने कहा, ‘‘अब मेरी बारी. आप भी तो बहुत थके हुए लग रहे हैं.’’

रात को पति से जो मसाज करने का गुर सीखा था, पत्नी ने वही अपनाया. कुछ देर बाद ही पति की नींद काफूर हो गई. अब तो वे दोनों पूरी तरह खुल चुके थे और बड़े तरोताजा लग रहे थे. पति ने इसी बात का फायदा उठाते हुए अपनी पत्नी को चूम लिया. इस के बाद उन दोनों के बीच वही हुआ जिस की सुहागरात पर उन से उम्मीद की जा रही थी और हुआ भी बड़े अच्छे तरीके से.

सर्द मौसम में सैक्स का लुत्फ उठाने के लिए अपनाएं ये हौट टिप्स

हर मौसम में प्रेमी प्रेमिका के प्यार का अपना अलग ही अंदाज होता है. बारिश के मौसम में, सर्दी के सर्द मौसम में प्रेमीप्रेमिका के बीच रंगीनियत अधिक बढ़ जाती है. सर्दियों की गुलाबी ठंड में दोनों आपस में एकदूसरे की बांहों में गरमाहट का एहसास पाना चाहते हैं. साथ ही, ऐसे में सहवास का मजा और बढ़ जाता है. ‘‘ठंड के मौसम में पशुपक्षी से ले कर इंसान तक सभी ज्यादा से ज्यादा सहवास करने के इच्छुक होते हैं.’’ इसीलिए अपनाएं कुछ हौट टिप्स जिन के माध्यम से आप सैक्स का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं :

गरम बाथ का मजा लें

प्रेमी-प्रेमिका अकसर पिकनिक पर जाते हैं. पिकनिक स्पौट पर बने रूम में बाथटब है तो ठंड के मौसम में हलके गरम पानी का मजा बाथटब में उठा सकते हैं. बाथटब में कुनकुने पानी में चंदन और गुलाब की कुछ बूंदें डालें व बाथरूम को सुगंधित कैंडल से सजा दें. आप का यह तरीका ऐक्साइटमैंट में नया जोश भर देगा. प्यार में नया तरीका व नई उमंग प्रेमीप्रेमिका के संबंधों में ऊर्जा का संचार करेगी.

कैंप फायर का आनंद लें

ठंड के मौसम में कैंप फायर का मजा ही कुछ अलग है. प्रेमीप्रेमिका अकसर ठंड के मौसम में हिल स्टेशन जाते हैं. ऐसे में अलाव जला कर अपने हमदम के साथ बैठ कर आग सेंकने का मजा उठाएं, इस का अलग ही आनंद है. ठंड में यह कैंप फायर दोनों तरफ अलग ही आग लगा देती है. अनोखे अंदाज में प्रेमीप्रेमिका शारीरिक आनंद उठाते हैं.

नृत्य करें

गुलाबी ठंड के मौसम में रोमांटिक गाना बजाएं और स्लो मोशन में प्रेमी-प्रेमिका एकसाथ एकदूसरे की कमर में हाथ डाल कर डांस करें. संगीत की धुन पर आप दोनों के कदम अपनेआप थिरकने लगेंगे. इस से प्यार की तलब और बढ़ेगी. ध्यान रखें कि गाना प्रेमीप्रेमिका की पसंद का हो.

थोड़ी शरारत करें

हलकीफुलकी शरारत से मुहब्बत का इजहार और भी गहरा हो जाता है. प्रेमी-प्रेमिका दोनों एकदूसरे के साथ शरारत और मनुहार करें, छेड़छाड़ करें, एकदूसरे को अचानक बांहों में भर लें, किस करें, साथी को फोर प्ले के लिए तैयार करें. यह छेड़छाड़ प्रेमी-प्रेमिका के रिश्तों को मजबूत बनाएगी.

स्पर्श करें

स्पर्श, अभिव्यक्ति का सब से अच्छा माध्यम माना जाता है. प्रेमी-प्रेमिका एकदूसरे को प्यारभरा स्पर्श दें ताकि ठंड के मौसम में केवल प्यार और सहवास का आनंद उठा सकें.

एक हो जाएं

गुलाबी ठंड का मौसम बेहद हसीन होता है. इस दौरान प्रेमी-प्रेमिका एकदूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारना चाहते हैं. सिंगल ब्लैकफिट का प्रयोग करें. सर्द मौसम सेक्स के लिहाज से सब से उपयुक्त है. इस मौसम में एकदूसरे से दूर रहना प्रेमी-प्रेमिका के लिए असंभव होता है, ऐसे में जब मौका भी हो तो कहने ही क्या, तो आजमाइए ये हौट टिप्स और उठाइए बिंदास प्रेम का लुत्फ.

शादी से पहले सैक्स, क्या रोमांस बढ़ाएगा दोगुना

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं.

विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

अधूरी है सैक्स नौलेज, तो ले पूरी जानकारी

प्रेमिका को खुश रखने की युवा हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन जब सेक्स संबंधी समस्या हो तो उसे भी दूर करना होगा. युवा प्रेमियों को लगता है कि सेक्स का अधूरा ज्ञान उन्हें मंझधार में ले जा सकता है. सेक्स संबंधों के दौरान सेक्स क्षमता का बहुत महत्त्व है. सहवास करने की क्षमता ही व्यक्ति को पूर्ण पुरुष के रूप में स्थापित करती है.

कई ऐसे कारण हैं जिन पर हम खुल कर चर्चा नहीं करते न ही उन्हें दूर करने का उपाय खोजते हैं. नतीजतन, सेक्स लाइफ का मजा काफूर हो जाता है. ऐसी  कई समस्याएं हैं जिन्हें दूर कर हम वैवाहिक जिंदगी जी सकते हैं.

1. झिझक 

सहवास की पूर्ण जानकारी न होना, सेक्स के बारे में झिझक, संबंध बनाने से पहले ही घबराना, यौन दुर्बलता से सेक्स इच्छा की कमी, मानसिकरूप से खुद को सेक्स के प्रति तैयार न कर पाना, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, मोबाइल सेक्स आदि समस्याओं से युवावर्ग पीडित है. सेक्स में मंझधार में न रहें, समस्याओं को समझें व इन्हें दूर करें और सेक्स का भरपूर आनंद उठाएं.

2. सैक्स इच्छा में मानसिक कारणों को दूर करें

आज की भागदौड़भरी जिंदगी में धनपदयश पाने की उलझन में फंसे युवा एक खास मुकाम तक पहुंचने के चक्कर में सहवास के बारे में अंत में सोचते हैं. वे इस तनाव से ऐसे ग्रस्त हो गए हैं कि उन का वैवाहिक जीवन इस से प्रभावित हुआ है.

3. सैक्स में डरें नहीं

डर यौनसुख को सब से ज्यादा प्रभावित करता है. इस की वजह से शीघ्र स्खलित होना, कोई देख लेगा, कमरे के बाहर आवाज सुनाई देने का डर, पार्टनर द्वारा उपहास, गर्भ ठहरने का खतरा आदि युवाओं की यौनक्षमता पर प्रश्नचिह्न लगा देते हैं. युवावस्था में यौन इच्छा चरम पर होती है इसलिए सेक्स संबंध जल्दीजल्दी बना लेते हैं, लेकिन धीरेधीरे समय में ठहराव कम हो जाता है, क्योंकि विवाह से पहले प्रेमिका से संबंध बनाना उसे अपराधबोध लगता है और वह शीघ्र स्खलित हो जाता है. इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए सेक्स संबंध बनाएं.

4. मोबाइल सैक्स

इंटरनैट के परिवेश में आज का युवा मोबाइल पर सैक्सी फिल्में देखता है और खुद को भी सेक्स में लिप्त कर लेता है. यही कारण है कि वह वास्तविक जीवन में सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठा पाता.

5. स्वयं पर विश्वास करें

कुछ युवा स्वस्थ होते हुए भी सेक्स के प्रति आत्मविश्वासी नहीं होते. सहवास के दौरान वे धैर्य खो बैठते हैं. ऐसे युवाओं में कोई कुंठा छिपी होती है, जो उन्हें पूर्ण सेक्स करने से रोकती है. खुद पर विश्वास रखें, अन्यथा किसी अच्छे सैक्सोलौजिस्ट एवं मनोचिकित्सक को दिखाएं.

6. यौनांग पर चोट

किसी ऐक्सिडैंट या अत्यंत तेजी से शारीरिक संबंध बनाते हुए या कष्टप्रद आसनों से यौनांग को चोट पहुंचती है. इस से युवती का सेक्स से मन हटने लगता है. अत: यौनांग पर चोट न पहुंचे, ऐसा प्रयास करें.

7. शारीरिक कारण

आज युवाओं का सेक्स में सफल न हो पाना दवाओं का दुष्प्रभाव है. बीटा रिसेप्टार्स, प्रोपेनोलोल, मिथाइल डोपा, सिमेटिडिन आदि दवाएं सेक्स इच्छा में कमी लाती हैं. खुद को बीमारी से दूर रखने का प्रयास करें. यौनांग में कसावट होने (फिमोसिस) के फलस्वरूप दर्द, जलन होना, तनाव व स्खलन के कारण सहवास में कमी आ जाती है. अत: शल्यक्रिया द्वारा इसे दूर किया जा सकता है.

8. गुप्तांग में तनाव न आना

सहवास के दौरान तनाव न आना और यदि  तनाव आता भी है तो कम समय के लिए आता है. युवावस्था में ऐसा होने के कई कारण हैं, जैसे मातापिता का व्यवहार व मानसिक तनाव सेक्स क्रिया में असफलता की मुख्य वजह है.

9. सीमेन की मात्रा कम होना

कई बार स्खलन का समय सामान्य होता है, लेकिन सीमेन काफी कम मात्रा में निकलने से सेक्स के दौरान पूर्णआनंद नहीं आता. युवा यदि इस समस्या से पीडि़त हों तो चरमोत्कर्ष तक नहीं पहुंच पाते. ऐसे में सैक्सोलौजिस्ट से मिलें. मानसिक रूप से खुद को तैयार कर के सहवास करें, समस्या अवश्य दूर होगी.

10. इजाक्युलेशन

जब युवा अपने पार्टनर को संतुष्ट किए बिना ही स्खलित हो जाते हैं तो इसे इजाक्यूलेशन कहा जाता है. सैक्सुअल संबंधों के दौरान ऐसा होने से वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आती है.

11. प्रीमैच्योर इजाक्युलेशन

युवाओं में सेक्स में और्गेज्म की अनुभूति इजाक्युलेशन से पूरी होती है. सहवास शुरू करने के 30 सैकंड से 1 मिनट पहले स्खलित होने पर उसे प्रीमैच्योर इजाक्युलेशन कहते हैं. गुप्तांग की कठोरता खत्म हो जाती है और इस वजह से पार्टनर की इच्छा पूरी नहीं हो पाती है. यह वास्तव में समस्या नहीं बल्कि चिंता, संतुष्ट न कर पाने का डर, मानसिक अशांति, मानसिक तनाव, डायबिटीज या यूरोलौजिकल डिसऔर्डर के कारण होता है. इस के लिए ऐंटीडिप्रैंसेट दवाओं का सेवन डाक्टर की सलाह ले कर करें.

12. ड्राइ इजाक्युलेशन

इस में पुरुषों की ब्लैडर मसल्स ठीक से काम नहीं करतीं, जिस कारण सीमेन बाहर नहीं निकल पाता. इस से फर्टिलिटी प्रभावित होती है, लेकिन आर्गेज्म या सेक्स संतुष्टि पर कोई असर नहीं पड़ता.

13. पौष्टिक आहार व पर्याप्त नींद लें

संतुलित व पर्याप्त पौष्टिक भोजन के अभाव में शरीर परिपुष्ट नहीं हो पाता. ऐसे में सीमेन का पतलापन और इजाक्युलेशन जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. पर्याप्त नींद और भोजन से शरीर में सेक्स हारमोन का स्तर काफी बढ़ जाता है, जो सफल सहवास के लिए जरूरी है.

14. तनाव से दूर रहें

तनाव के दौरान कभी भी सेक्स संबंध न बनाएं. तनाव सेक्स प्रक्रिया को पूरी तरह प्रभावित करता है और इंसान को कई बीमारियों से ग्रसित कर देता है. मुंबई की मशहूर मनोचिकित्सक डा. यदुवीर पावसकर का मानना है कि युवाओं के एक बहुत बडे़ वर्ग, जिसे तनाव ने अपने घेरे में ले लिया है, को सेक्स से अरुचि होने लगी है. इस का मुख्य कारण भागदौड़ भरी दिनचर्या है.

15. फोरप्ले को समझें

शारीरिक संबंध बनाने से पहले पूर्ण शारीरिक स्पर्श, मुखस्पर्श, नख, दंत क्रीड़ा करने के बाद ही सहवास शुरू करें. सेक्स प्रक्रिया का पहला चरण फोरप्ले है. बिना फोरप्ले युवकों को उतनी समस्या नहीं आती लेकिन ज्यादा नोचनेखसोटने से युवती को पीड़ा हो सकती है. उस का सहवास से मन हट सकता है. इसलिए शारीरिक संबंध बनाते समय पार्टनर की भावनाओं की भी कद्र करें और अगर उसे इस दौरान दर्द हो रहा है तो अपने ऐक्शंस पर थोड़ा कंट्रोल करें.

16. सैक्स ऐंजौय करने के कुछ उपाय

–       पूरी नींद लें.

–       पौष्टिक आहार लें.

–       नियमित व्यायाम करें.

–       शराब या तंबाकू का सेवन न करें.

–       नियमित रूप से हैल्थ चैकअप करवाएं.

–       साल में 1-2 बार किसी हिल स्टेशन पर जाएं.

–       शारीरिक संबंध तभी बनाएं जब पार्टनर भी तैयार हो.

सेक्स और प्यार!

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए. कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

5 टिप्स: सिंगल सेक्स को लेकर युवतियों के बदलते विचार

परिवर्तन के इस दौर में न सिर्फ युवतियों के विचार बदले हैं बल्कि उस से कई कदम आगे वे दैहिक स्वतंत्रता की बोल्ड परिभाषा को नए कलेवर में गढ़ती और बुनती नजर आ रही हैं.

1. सेक्सुअलल बोल्डनैस का बोलबाला

आज युवतियों ने सेक्स को अपने बोल्ड व बिंदास अंदाज से बदल दिया है. युवतियां न केवल सोशल फोरम में व सार्वजनिक जगहों पर सेक्स जैसे बोल्ड इश्यू को सरेआम उठा रही हैं बल्कि उस के पक्ष में अपना मजबूत तर्क भी पेश कर रही हैं. वे कैरियर ओरिऐंटिड होने के साथसाथ सेक्स ओरिऐंटिड भी हैं. सेक्स के टैबू होने के मिथक को वे काफी पीछे छोड़ चुकी हैं. वे सेक्स को बुराई नहीं समझतीं बल्कि उस का भरपूर लुत्फ उठाना चाहती हैं.

2. सिंगल सेक्स की पैरोकार आज की युवतियां

कुछ समय पहले तक युवतियों के अकेले रहने या सफर करने पर सवाल उठाए जाते थे, पर जवान होती युवापीढ़ी ने वर्षों से चली आ रही नैतिक व सेक्स से जुड़े सामाजिक मूल्यों की अपनी तरह से व्याख्या की है. सहशिक्षा व बौद्धिक विकास ने इसे बदलने में काफी सहायता की है. शिक्षित स्वतंत्र कम्युनिटी के इस बोल्ड अंदाज ने आम मध्यवर्गीय सोच में भी अपनी पैठ बना ली है. निम्न वर्गों में तो पहले से ही स्वतंत्रता थी. बगावती सुरों ने आजादी पाने की राह आसान कर दी है. युवतियों की आर्थिक स्वतंत्रता ने भी इस में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.  सिंगल रहने वाली अधिकतर युवतियां इस सेक्सुअलल फ्रीडम का बेबाकी से फायदा उठाती नजर आती हैं. वे सेक्स को ऐंजौय करने में हिचकिचाती नहीं हैं. यह भी शरीर की एक आवश्यकता है.

3. सेफ सेक्स, सेफ लाइफ का फंडा

आधी आबादी का एक बड़ा वर्ग सेफ सेक्स को तरजीह देता है. सेक्स अब इंटरकोर्स का माध्यम मात्र नहीं बल्कि सुरक्षित व आनंददाई बन गया है. युवतियां अलर्ट हैं, जागरूक हैं और अपनी सेहत को ले कर सजग भी हैं. सेक्सुअलल इंटरकोर्स के दौरान वे दुनियाभर के उपाय जैसे पिल्स, कंडोम आदि का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. सिंगल रहने वाली युवतियां अब सेक्स का भी मजा ले रही हैं और फिटनैस भी बरकरार रख रही हैं.

4. सिंगल सेक्स के फायदे

वर्जनाएं अब टूट रही हैं. पढ़ाई, नौकरी या कामकाज के सिलसिले में युवतियां अपनी जद की सीमाएं लांघ रही हैं. ऐसे में बेरोकटोक वाली एकाकी जिंदगी उन्हें ज्यादा रास आ रही है. माना कि आम भारतीय परिवारों में विवाहपूर्व सेक्स को अभी भी वर्जित समझा जाता है और इसे चोरीछिपे ही अंजाम दिया जाता है, लेकिन यही रोकटोक युवाओं को सेक्स के और अधिक करीब खींच कर ला रही है. वैसे तो सिंगल सेक्स अपनेआप में एक फ्रीडम का एहसास कराता है, पर इस के कुछ फायदे भी हैं जैसे :

  •    इस से बोल्डनैस का एहसास होता है.
  •    यह कथित वर्जनाओं को तोड़ने का चरम एहसास कराता है.

माना कि सिंगल सेक्स आप को रियल सेक्सुअलल फन दे सकता है, पर अपनी सेक्सुअलल प्राइवेसी को ले कर सतर्क भी रहें. सेक्सुअलल फ्रीडम की भी लिमिट तय करें तभी आप इस के आनंद के चरम पर पहुंच सकती हैं और इस के बिंदास अंदाज में रंग सकती हैं. सेक्सुअलल इंडिपैंडैंसी जहां आप को बेबाक व बोल्ड बनाती है वहीं मोरल पुलिसिंग का शिकार भी इसलिए फन के साथ केयर का भी खयाल रखें.

5. सिंगल सेक्स के नुकसान

भले ही सिंगल रहने वाली युवतियां सेक्स को ले कर मुखरित हों पर इस के अपने कुछ नुकसान भी हैं:

  •   मल्टी पार्टनर्स से संक्रमण के खतरे बढ़ जाते हैं.
  •  चीटिंग का खतरा हमेशा बना रहता है.
  •  लंबे समय तक ऐसी फ्रीडम आप को फिजिकल प्रौब्लम्स भी दे सकती है.

कमजोर न पड़ जाएं सेक्स संबंध

शहर कहें या गांव, भारतीय और इसलामिक समाज में स्त्रियों के लिए सेक्स पर चर्चा तथा इस मामले में अपनी इच्छाओं की अभिव्यक्ति को नीच मानसिकता कह कर अनुत्साहित किया जाता है. वैसी स्त्रियां जो अपने पार्टनर से सेक्स के बारे में अपनी इच्छाएं खुल कर कहना चाहती हैं सभ्य और सुसंस्कृत नहीं मानी जातीं. बड़े शहरों की बिंदास लड़कियों को छोड़ दें, तो बाकी सेक्स को पति की सेवा का ही अहम हिस्सा मान कर चलती हैं तथा अपनी इच्छाअनिच्छा पति से बोलने की जरूरत महसूस नहीं करतीं.

1. भेदभाव क्यों

थोड़ा गहराई में जाएं तो पाएंगे कि सेक्स की इच्छा और क्षमता को मानव जीवन का प्रधान तत्त्व समझा जा सकता है. सेक्स जीवन को नियंत्रित करने में जीववैज्ञानिक, नैतिक, सांस्कृतिक, कानूनी, धार्मिक आदि विभिन्न दृष्टिकोणों का योगदान होता है यानी सेक्स जीवन और इस की अभिव्यक्ति पर इन बातों का बहुत प्रभाव रहता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने व्यक्ति के सेक्स जीवन की महत्ता पर बल देते हुए इस के प्रति सकारात्मक और सम्माननीय दृष्टिकोण अपनाने की बात कही है. इस संगठन ने माना कि अपने साथी के साथ सेक्स संबंध बिना किसी भेदभाव, हिंसा और शारीरिक, मानसिक शोषण के पूरी ऊर्जा और भावनात्मक संतुलन के साथ होना चाहिए.

सवाल अहम है कि हमारे देश में जहां स्त्रियों पर सेक्स से संबंधित बलात्कार, मानसिक शोषण, घरेलू हिंसा बदस्तूर जारी है, स्त्री के सेक्स संबंधी अधिकार और सेक्स के प्रति खुली राय क्या स्वीकार्य है?

अगर जागरूकता आ जाए और स्त्रियां भी इस मामले में अपनी भावनाओं को पूरा महत्त्व दें व पार्टनर से खुली बातचीत करें तो बहुत फायदे मिल सकते हैं.

2. आपस में दोस्ती का रिश्ता:

अगर पतिपत्नी के बीच दोस्ती की भावना विकसित हो जाए तो इन के बीच ऊंचनीच, बड़ेछोटे का अहंकारपूर्ण भेद अपनेआप मिट जाए. दोनों का आपस में एकदूसरे की सेक्स इच्छाओं के बारे में बताने से यह आसानी से हो सकता है.

3. व्यक्तित्व का विकास:

अगर स्त्री सेक्स के मामले में सिर्फ समर्पिता न रह कर पसंदनापसंद को जाहिर करे, तो वह पुरुष पार्टनर के दिल में आसानी से अपने लिए रुचि जगा सकती है, जो व्यक्तित्व विकास में सहायक है.

4. आत्मविश्वास की बढ़ोत्तरी:

सिर्फ पुरुष की इच्छा पर चलना सेक्स जीवन में एक मशीनी प्रभाव उत्पन्न करता है, लेकिन स्त्री भी इस दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए तो जीवन में फिर से नई ऊर्जा का संचार हो जाए.

वैसे तो भारतीय परिवेश को अभी भी लंबा वक्त लगेगा कुसंस्कारों के बंधनों से मुक्त होने में, लेकिन उन कारकों के बारे में बातें कर पिछड़ी मानसिकता को कुछ हद तक कम करने की कोशिश तो कर ही सकते हैं.

बचपन से ही पारिवारिक माहौल में लड़कियों को यह शिक्षा मिलती है कि सेक्स निकृष्ट है और इस से लड़कियों को दूर रहना चाहिए.

चरित्र को भी सेक्स के साथ जोड़ा जाता है. सेक्स की इच्छा को दबा कर या इस के बारे में अपनी राय को छिपा कर ही सद्चरित्र रहा जा सकता है.

चरित्र को परिवार की इज्जत के साथ जोड़ा जाता है. लड़की परिवार की इज्जत मानी जाती है यानी सेक्स के बारे में निजी खुली सोच दुष्चरित्र होने की निशानी है, जिस से परिवार की इज्जत मिट्टी में मिल जाती है.

शादी के बाद यही संस्कार स्त्री में मूलरूप से जमे होते हैं और वह सेक्स के बारे में पति से स्वयं अपनी इच्छा बताने में भारी संकोच महसूस करती है. इस मामले में आम पुरुषों की सोच भी परंपरावादी सामंती प्रथा से प्रभावित लगती है. उन्हें अपनी पत्नी का सेक्स मामले में खुलना और इच्छा जाहिर करना स्त्री सभ्यता के विपरीत लगता है. इस सोच के साथ पुरुष स्त्रियों का कई बार मजाक भी उड़ाते हैं या उन की भावनाओं की कद्र नहीं करते. तब स्त्री के पास भी अपनी खोल में सिमट जाने के अलावा और कोई चारा नहीं होता. बाद में यही पुरुष सेक्स के वक्त स्त्री के मृत जैसा पड़े रहने के उलाहने भी देते हैं, जो संबंध में भ्रम की स्थिति पैदा कर देते हैं.

स्त्री जब इन सारी बाधाओं को पार कर समान मूल्य और अधिकार का आनंद ले पाएगी तभी वह एक भोग्या की तरह नहीं एक सही साथी की तरह जिंदगी के इन खुशगवार पलों का उपभोग कर पाएगी.

डेटिंग टिप्स: सेक्स को लें गंभीरता से

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सेक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सेक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सेक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सेक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सेक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखा देखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सेक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सेक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सेक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सेक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सेक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सेक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सेक्स

सेक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सेक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सेक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सेक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सेक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सेक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सेक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सेक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सेक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सेक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सेक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सेक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सेक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सेक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सेक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सेक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सेक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सेक्स न करें

सेक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सेक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सेक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सेक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

  • हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सेक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.
  • अगर फिर भी आप ने सेक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सेक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सेक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.
  • सेक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.
  • अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.
  • अगर सेक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सेक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें. पढ़ाई आप की पहली जरूरत है, बाकी सब बाद में.

आप भी पा सकते हैं मल्टिपल और्गैज्म

आप इस सच को अच्छा भी कह सकती हैं और बुरा भी, क्योंकि इससे सेक्शुअल संबंधों में आपका दबदबा कम भी हो सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि हालांकि मल्टिपल और्गैज्म (एक से अधिक बार चरम पर पहुंचना) पाना महिलाओं की शारीरिक विशेषता है, लेकिन यदि पुरुष इसे पाने के लिए थोड़ी मशकक्त करें तो वे भी इसका आनंद ले सकते हैं. यह मानना कि पुरुष हर सत्र में केवल एक बार ही और्गैज्म का अनुभव करते हैं, मिथक है.

इस राज का खुलासा

पुरुषों के लिए मल्टिपल और्गैज्म कोई नई संकल्पना नहीं है, बल्कि यदि आप प्राचीन ताओइस्ट की तकनीकों में मल्टिपल और्गैज्म के राज़ का खुलासा किया गया है. ताओइस्ट मान्तक चिया की किताब दि मल्टी-ऑर्गैज़्मिक मैन: सेक्शुअल सीक्रेट्स एवरी मैन शुड नो के अनुसार,‘‘और्गैज्म और इजेकुलेशन (स्खलन)-जो दो अलग-अलग शारीरिक प्रक्रियाएं हैं, के बीच के अंतर को सीखकर पुरुष मल्टिपल और्गैज्म पा सकते हैं.’’

होती है योग्यता

स्टेट यूनिवर्सिटी औफ न्यूयौर्क के एम ई डन और जेई फ्रॉस्ट द्वारा वर्ष 1979 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में मल्टिपल और्गैज़्म पाने की योग्यता होती है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक मान्यता के अनुसार एक स्वस्थ पुरुष में और्गैज्म के दो चरण होते हैं-और्गैज्म के बाद तुरंत स्खलन और फिर थोड़ा समय, जो सामान्य होने में लगता है. पर अपने शोध के दौरान डन और फ्रॉस्ट ने पाया कि एक नॉन-इजैकुलेटरी और्गैज्म भी होता है, जो इजैकुलेटरी और्गैज्म के पहले या बाद में भी आ सकता है. और इस तरह के कई और्गैज्म आ सकते हैं. ‘‘अध्ययनों से पता चलता है कि मास्टबेशन के दौरान युवकों को कई ऑगैज़्मिक पीक्स का अनुभव होता है, खासतौर पर इजैकुलेशन से ठीक पहले,’’ यह कहना है डॉ फेलिस डनास का, जो क्लीनिकल चायनीज मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं.

इस कला को अर्जित किया जा सकता है

पुरुषों के लिए मल्टिपल और्गैज्म नाबिल्कुल अपने सपनों की महिला को पाने जैसा होता है-इसके लिए लगन, संयम और तीव्र इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेक्सोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश कोठारी इसे अर्जित कर सकनेवाली कला मानते हैं. वे कहते हैं,‘‘हालांकि पुरुषों में मल्टिपल और्गैज्म पाने की स्वाभाविक विशेषता नहीं होती, लेकिन सही तकनीक को सीख कर वे इसका आनंद उठा सकते हैं.’’

सेक्स का डबल मजा लेना चाहते हैं तो आज ही आजमाएं ‘डर्टी टौकिंग’

यों तो भारतीय समाज का एक बड़ा तबका सेक्स पर खुल कर बात नहीं पसंद करता व सेक्स आनंद की चीज है, यह तो पता होता है पर सिर्फ रात के अंधेरे में ही. कमरे की बत्तियों को बुझा कर सेक्स का लुत्फ उठाने वालों के लिए यह भले ही एक सामान्य प्रक्रिया लगती हो, पर विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में नए नए प्रयोग शारीरिक सुख के साथ साथ मानसिक खुशी भी देती है.

लंबे सेक्स लाइफ के दौरान उब गए हों, कुछ नयापन चाहते हों, सेक्स संबंध के दौरान चुहूलबाजी कर उसे और भी मजेदार बनाना चाहते हों, तो डर्टी टौकिंग विद सेक्स संबंधों में गरमाहट ला देगी.

क्या है डर्टी टौकिंग

सेक्स के दौरान डर्टी टौकिंग न तो गाली है न ही ऐसी कोई बात कहनी होती है, जो सेक्स पार्टनर को बुरी लगे. सेक्स में डर्टी टौकिंग सेक्स क्रिया के दौरान साथी के अंगों को निहारना, सहलाना, हलकी छेड़छाड़ व खुल कर बातचीत करनी होती है.

कैसे बनाएं मजेदार

अगर आप को अपने प्यार भरे शब्दों के बाण से साथी को घायल करने में थोङी भी महारत हासिल है, तो डर्टी टौकिंग का कुछ इस तरह अंदाज गुदगुदी का एहसास कराएगी-

* सेक्स के दौरान कमरे की बत्तियों को जलने दें. संभव हो तो रंगीन बल्व जलाएं.

* हलका म्यूजिक चला दें. इस से मदहोशी का आलम बना रहेगा.

* एकदूसरे के अंगों को अपलक निहारें और उन की तारीफ करें.

* सेक्स के दौरान बातचीत उस पल को और हसीन बनाता है. आप चाहें तो तेज स्वर में भी बातचीत कर सकते हैं.

* अंगों का खुल कर नाम लें और बताएं कि वे आप को कितने पसंद हैं. सेक्स पार्टनर से भी ऐसा ही करने को कहें.

* इस दौरान सेक्स पार्टनर को अपनी आंखें खुली रखने के लिए बोलें.

* किचन में, बाथरूम में, बाथटब में बनाए सेक्स संबंधों को याद करें और खूब हंसें.

* कंडोम्स को ले कर भी खुल कर बात करें कि आप के सेक्स पार्टनर को कौन सी पसंद हैं.

* मार्केट में कई फ्लेवर्स व रंगों के कंडोम्स उपलब्ध हैं. उन पर खुल कर बात करिए और उन्हें आजमाइए भी.

यकीन मानिए, सेक्स की उपरोक्त क्रियाएं तनाव व भागदौड़ भरी जिंदगी से अलग ही सुकून देंगी और न सिर्फ रोमांचक लगेंगी, रिश्तों में नई जान व ताजगी का एहसास भी कराएंगी. याद रखिए कि सेक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है.

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