जवाब: चुनौतियां ही नहीं, मैं शुरू में बहुत डिप्रैशन में थी. डिप्रैशन मतलब मैं ने अपनेआप को मजबूत बनाने के लिए खुद को ही दूसरों से अलगथलग कर लिया था. मैं ने हर किसी से दूरी बना ली थी. मैं ने खुद को अपने दोनों बेटों तक ही सीमित कर लिया था. देखिए, एक औरत होते हुए मुझे अपने बेटों के लिए मां से कहीं ज्यादा पिता बनना था. मुझे अपनी ताकत दिखानी थी कि एक मर्द इस तरह से होना चाहिए. मुझे अपने बेटों की परवरिश कमजोर हो कर नहीं करनी चाहिए थी. मुझे अपने बेटों को इस तरह से तैयार करना था कि वे अपनी जिंदगी में किसी भी चुनौती का सामना कर सकें.
सवाल: आज जब आप के दोनों बेटे अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं, तो अब आप के किस तरह के अहसास हैं?
जवाब: बहुत अच्छा लगता है. मैं, मेरी बहन भानु प्रिया और मेरी मां तीनों सिंगल पैरेंट्स हैं. मेरे लिए खुशी की बात है कि मेरे बच्चे भी सैल्फमेड हैं. मेरे बच्चों ने कभी किसी से नहीं कहा कि वे
वी. शांताराम के परिवार से हैं या भानु प्रिया उन की मौसी हैं या फिर उन की मम्मी शांति प्रिया फिल्म कलाकार हैं, इसलिए आज मेरे दोनों बेटे जिस मुकाम पर हैं, उस से मैं बहुत खुश हूं.
सवाल: आप दूसरी सिंगल पैरेंट को किस तरह की सलाह देना चाहेंगी?
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