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(कहानी सौजन्य-मनोहर कहानियां)

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मनचाहा मजा दे कर प्रीति रायपुर से वापस बिलासपुर लौट तो गई लेकिन चेतन के दिल और जिंदगी में मुकम्मल खलबली मचा गई. जाने के बाद दोनों के बीच फोन और सोशल मीडिया पर बातचीत होती रही और दोनों उस रात की यादें और अनुभव साझा करते रहे.

फंसे फिर धंसते गए

चेतन का मन अब चैटिंग से नहीं भर रहा था, लिहाजा उस रात जैसा लुत्फ हर कभी उठाने के लिए वे खुद बिलासपुर जाने लगे. वे भी वहां के महंगे होटलों में ठहरते थे, इस से एक फायदा यह था कि ऐसे होटलों में कोई आप के प्राइवेट मामलों में दखल नहीं देता कि कौनकौन आजा रहा है और कमरे के अंदर क्या हो रहा है. प्रीति होटल के उन के रूम में आती थी दोनों मौजमस्ती भरा मनचाहा सेक्स करते थे और एकाध दो दिन बाद चेतन रायपुर लौट जाते थे.

जाने से पहले वे प्रीति को बेशकीमती तोहफे दिलाते थे और उस पर दिल खोल कर खर्च करते थे. यही प्रीति चाहती भी थी. उस का मकसद मुफ्त के मजे लेना और पैसा हथियाना था. लेकिन इस दौरान वह चेतन को यह अहसास जरूर कराती रहती थी कि वह कोई ऐसीवैसी बाजारू लड़की नहीं है, बस उसे तो उन से प्यार हो गया है.

चेतन के मन में कोई संशय न रहे इस बाबत भी प्रीति ने साफ कर दिया था कि वह जानती है कि उन की पत्नी है, छोटी सी बेटी है, अपनी इज्जत है, घरगृहस्थी और कारोबार है. वह इस में कभी अड़ंगा नहीं बनेगी, उसे तो बस अपने हिस्से का वक्त और प्यार चाहिए.

बिस्तर में कुलांचे भरने वाली प्रीति की यह अदा भी चेतन को आश्वस्त करती थी कि वह उन्हें चाहती है. खुद के बारे में भी वह बता चुकी थी कि उस के पिता मनेंद्रगढ़ में ठेकेदारी करते हैं और उन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है.

वह चेतन को बताती थी कि तुम में जाने क्या है जो मैं कइयों को ठुकरा कर तुम पर मर मिटी. खैर, मर ही मिटी हूं तो जब तक तुम चाहोगे तुम्हारी रहूंगी और नहीं चाहोगे तो भी तुम्हारे नाम की माला जपती रहूंगी.

चेतन के पास पैसों की कोई कमी तो थी नहीं, कारोबार मुनाफे में चल रहा था लिहाजा लाख 2 लाख रुपए तो वे अपनी इस समर्पित प्रेमिका पर यूं ही उड़ा देते थे. देखा जाए तो प्रीति एक तरह से चेतन की रखैल बन गई थी. उधर चेतन को बेफिक्री यह थी कि इस से उन का कुछ नहीं बिगड़ रहा था, बल्कि स्वर्ग जैसा जो सुख मिल रहा था, उस का कोई मोल नहीं था. लिहाजा प्रीति पर पैसे लुटाने की तादाद बढ़ती जा रही थी.

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अब तक शायद प्रीति के मन में भी यही था कि जितना हो सके मालमत्ता लपेट लो बाद की बाद में देखी जाएगी. वह चेतन को अपने हुस्न जाल और सैक्सी अदाओं से फंसाए रखने का कोई टोटका नहीं छोड़ती थी. उस के लिए चेतन एक तरह से सोने का अंडा देने वाली मुर्गी था.

प्रीति की पैसों की जरूरत तो पूरी हो रही थी, लेकिन वह जानती थी यह अस्थाई है और अगर यह स्थाई हो जाए तो फिर जिंदगी भर कुछ नहीं करना पड़ेगा. इधर कालेज छोड़ने का वक्त भी नजदीक आ रहा था. ऐसे में अगर वह अनूपपुर वापस चली जाती तो चेतन के साथसाथ उस की दौलत भी छूट जाती.

लिहाजा उस ने एक दिन दुखी होने का नाटक करते हुए चेतन को वे बातें बता दीं जिन का अपना एक मकसद भी था. चेतन को भी यह जान कर झटका लगा कि अगर प्रीति घर वापस चली गई तो सब कुछ आज जैसा आसान नहीं रह पाएगा. लेकिन क्या किया जाए, इस का हल उन्हें नहीं सूझ रहा था.

प्लान के मुताबिक यह समस्या भी प्रीति ने ही यह कहते हुए दूर कर दी कि अगर तुम मुझे रायपुर में फ्लैट दिला दो तो मैं वहीं रह जाऊंगी. फिर हमारी मौजमस्ती में कोई अड़चन पेश नहीं आएगी. इस सुझाव पर चेतन को भी लगा कि सौदा घाटे का नहीं है क्योंकि अभी वे होटलों में ठहरने, खानेपीने और तोहफों पर जो खर्च कर रहे हैं, वह बच जाएगा और प्रीति से मिलने जाने में कोई डर नहीं रहेगा.

लिहाजा उन्होंने प्रीति को रायपुर के गायत्री नगर इलाके में 50 लाख रुपए का फ्लैट दिला दिया और अपनी एक हुंडई कार भी दे दी, जिस से उसे उन की गैरहाजिरी में घूमनेफिरने में कोई परेशानी न हो. प्रीति फ्लैट में शिफ्ट हो गई और चेतन के पैसों पर ऐश की जिंदगी गुजारने लगी. जब भी जरूरत होती वह चेतन से खर्च के नाम पर पैसे मांग लेती थी और चेतन भी मांगा हुआ पैसा उसे दे देते थे.

जिंदगी अब मजे से गुजर रही थी, चेतन का जब मन होता था तब वे प्रीति के साथ मौजमस्ती करने चले जाते थे. अब मन में रहासहा डर भी खत्म हो गया था. क्योंकि लंबे समय से वे यही कर रहे थे और किसी को हवा भी नहीं लगी थी. प्रीति भी इस बात का ध्यान रखती थी कि जब चेतन कारोबार में व्यस्त हों या फिर घर पर हों, तब उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना है.

मांबाप भी जान गए प्रीति की हकीकत

अब तक मांबाप से झूठ बोल कर तरहतरह के बहाने बनाने वाली प्रीति को अब अपना भविष्य गारंटीड दिख रहा था, इसलिए साल 2015 में उस ने अपनी मम्मीपापा को भी रायपुर बुला लिया. इन दोनों ने बेटी से उस की आलीशान जिंदगी के बारे में क्या पूछा और जवाब में उस ने क्या बताया यह तो पता नहीं, लेकिन उन की समझ यह जरूर आ गया था कि यह सब चेतन की मेहरबानियां हैं, लिहाजा जब यह नाजायज दामाद आए और प्रीति के बैडरूम में जाए तब उन्हें उन को डिस्टर्ब नहीं करना है.

चेतन के लिए यह सोने पे सुहागा जैसी बात थी, क्योंकि प्रीति अब परिवार सहित रह रही थी जो उन के लिए एक तरह का सुरक्षा कवच ही था.

चेतन प्रीति के लिए एक ऐसी एटीएम मशीन बन गया था जिस में वह अपनी सैक्सी अदाओं का पासवर्ड डाल कर मनचाहा पैसा निकाल लेती थी, जिस पर अब उस के मांबाप भी ऐश कर रहे थे.

अब तक चेतन प्रीति की प्रीत पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए उड़ा चुके थे और 5 साल का लंबा वक्त गुजर जाने के बाद उन्हें लगने लगा था कि प्रीति के चक्कर में अब व्यापार पहले सा नहीं चल रहा है और घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है.

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दूसरी ओर प्रीति की मांगें और फरमाइशें कम होने के बजाय बढ़ती जा रही थीं. आखिर वह चेतन की ब्याहता पत्नी तो थी नहीं, जो इस और ऐसी बातों का खयाल रखती. उसे तो बस पैसों से मतलब था.

जब चेतन इस मतलब को और पूरा करने में असमर्थता जताने लगे तो प्रीति को समझ आ गया कि अब वक्त आ गया है कि आखिरी दांव खेला जाए. एक दिन जब चेतन ने उस के फ्लैट पर और पैसे देने से कुछ गिड़गिड़ाते और कुछ सख्ती दिखाते हाथ खड़े कर दिए तो प्रीति ने अपना असली रंग दिखाते हुए उन के सामने वे वीडियो दिखा दिए, जिन में दोनों तरहतरह से रतिक्रीड़ाएं करते नजर आ रहे हैं. ये वीडियो वक्तवक्त पर प्रीति छुपे कैमरे से बनाती रही थी.

चेतन के होश उस वक्त और फाख्ता हो गए, जब प्रीति ने खुली धौंस दे डाली कि अगर पैसे नहीं दिए तो ये वीडियो तुम्हारी पत्नी को दिखा दूंगी और पूरे रायपुर में वायरल भी कर दूंगी. मेरा जो बिगड़ेगा मैं भुगत लूंगी, तुम अपनी सोचो और बताओ क्या करना है.

अब चेतन की चेतना जागी कि वे सरासर ब्लैकमेल किए जा रहे हैं. साथ ही यह बात भी उन की समझ में आ रही थी कि कल तक रखैल की तरह खुशीखुशी तैयार रहने वाली प्रीति क्यों कुछ महीनों से उन से शादी करने को कह रही थी. वह जानती थी कि चेतन पत्नी, बच्ची और सामाजिक प्रतिष्ठा की वजह से कभी शादी के लिए तैयार नहीं होंगे, लिहाजा उन पर मानसिक दबाव बनाया जाए.

एंट्री रिंकू शर्मा की

आज नहीं तो कल, चेतन पैसे देना बंद कर देगा यह बात भी प्रीति को समझ आ गई थी. लिहाजा कुछ दिन पहले ही उस ने फेसबुक पर एक दूसरा मुर्गा खोज लिया था. इस नए आशिक का नाम था रिकचंद शर्मा उर्फ रिंकू. हरियाणा के इस कारोबारी को भी प्रीति ने वैसे ही फांसा था जैसे 6 साल पहले चेतन को फांसा था.

अब तक प्रीति चेतन को इतना निचोड़ चुकी थी कि यह करोड़पति कंगाली के कगार पर आ पहुंचा था. चेतन ने प्रीति की मांग पूरी करने के लिए रिश्तेदारों से भी पैसा उधार लिया था और व्यापारियों से भी. इतना ही नहीं, उन्होंने शंकरनगर के इलाके का अपना आलीशान मकान भी 1 करोड़ 42 लाख रुपए में बेच दिया था, जिस का बड़ा हिस्सा उधारी चुकाने में चला गया था.

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इस के बाद भी वह फाइनल सेटलमेंट के तौर पर आखिरी किस्त के 50 लाख रुपए की मांग कर यह भरोसा दिला रही थी कि इस के बाद वह विदेश चली जाएगी और फिर कभी चेतन को ब्लैकमेल नहीं करेगी.

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