सौजन्य- सत्यकथा
तीनों पुलिस टीमों ने वारदातस्थल खूंटेटों का रास्ता से किशनपोल बाजार, अजमेरी गेट, अहिंसा सर्किल, गवर्नमेंट प्रेस चौराहा, विशाल मेगामार्ट, अजमेर पुलिया और 2 सौ फुट बाइपास तक सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इन मार्गों पर चलने वाले आटो चालकों, मिनी व लो फ्लोर बस चालकों और कंडक्टरों से पूछताछ की गई.
दूसरे दिन फुटेज देखने से पता चला कि लुटेरा किशनपोल बाजार से आटो में सवार हो कर अहिंसा सर्किल तक गया. तीसरे दिन देखी गई फुटेज से पता चला कि लुटेरा अहिंसा सर्किल से मिनी बस में सवार हो कर पुलिस कमिश्नरेट तक गया. वहां से दूसरी बस में बैठ कर वह अजमेर पुलिया पहुंचा.
हेलमेट, मास्क व दस्ताने पहन कर वारदात करने और इस के बाद बारबार वाहन बदलने से पुलिस को यह अहसास जरूर हो गया कि लुटेरा बहुत शातिर है. चौथे दिन पुलिस को कुछ और सुराग मिले.
इस बीच, पुलिस अधिकारी हवाला औफिस के दोनों कर्मचारियों पार्थ व प्रियांशु को रोजाना थाने बुला कर पूछताछ करते रहे.
आखिर पुलिस ने 14 मार्च को हवाला कंपनी के औफिस से हुई 45 लाख रुपए की लूट का खुलासा कर 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
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इन में गुजरात के पाटन जिले के चानस्मा थाना इलाके के कंबोई गांव का रहने वाला प्रियांशु शर्मा उर्फ बंटी, उस का भाई रवि शर्मा, इन की मां हंसा शर्मा उर्फ पूजा के अलावा गुजरात के पाटन जिले के चंद्रूमाणा गांव के रहने वाले पार्थ व्यास, जयपुर के भांकरोटा इलाके में केशुपुरा का रहने वाला हनुमान सहाय बुनकर और जयपुर के चित्रकूट इलाके में गोविंद नगर डीसीएम का रहने वाला मोहित कुमावत शामिल थे.
इनमें प्रियांशु अपनी मां हंसा उर्फ पूजा और भाई रवि शर्मा के साथ आजकल जयपुर में चित्रकूट थाना इलाके के वैशाली नगर में सेल बी हौस्पिटल के पास रहता था. प्रियांशु शर्मा उर्फ बंटी इसी हवाला कंपनी में करता था. लुटेरे ने प्रियांशु और दूसरे कर्मचारी पार्थ को धमका कर टेप से उन के मुंह बंद कर दिए और हाथ बांध दिए थे.
आरोपी पार्थ व्यास को गुजरात के पाटन और बाकी 5 अपराधियों को जयपुर से पकड़ा गया. पुलिस ने इन आरोपियों से लूट की पूरी 45 लाख रुपए की रकम बरामद कर ली.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस की पूछताछ में जो कहानी उभर कर सामने आई, वह रिश्तों में विश्वासघात का किस्सा था.
गुजरात के पाटन जिले के चानस्मा थाना इलाके में आने वाले गांव कंबोई की रहने वाली हंसा देवी शर्मा उर्फ पूजा का पति कैलाश चंद शर्मा लेबर कौन्ट्रैक्ट का काम करता था. मार्च, 2020 में कोरोना के कारण हुए लौकडाउन के दौरान उस का काम ठप हो गया. मजदूर अपने गांव चले गए.
लौकडाउन खुलने के बाद भी वह परेशानी से नहीं उबर पाया. उसे लेबर कौन्ट्रैक्ट का काम मिलना कम हो गया. इस से कैलाश के परिवार को आर्थिक परेशानी होने लगी.
इस से पहले कैलाश और हंसा ने मिल कर जयपुर की वैशाली नगर कालोनी में लोन पर एक फ्लैट ले लिया था. पहले लौकडाउन और फिर आई आर्थिक परेशानी के कारण उन के सामने फ्लैट के लोन की किश्तें चुकाना मुश्किल हो गया था. फ्लैट की कुर्की की नौबत आने लगी थी. उन पर बाजार का कर्ज भी चढ़ गया था.
हंसा देवी के 2 बेटे हैं. एक रवि और दूसरा प्रियांशु. इन में रवि शर्मा प्राइवेट नौकरी कर रहा था, लेकिन उसे तनख्वाह कम मिलती थी. दूसरा बेटा प्रियांशु कोई काम नहीं कर रहा था. परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चल रहा था.
परेशानी की इस हालत में हंसा को पता चला कि गुजरात के पाटन का रहने वाला रोहित शर्मा जयपुर में हवाला कंपनी केडीएम एंटरप्राइजेज का मैनेजर है. रोहित शर्मा दूरदराज के रिश्ते में हंसा का भाई लगता था. उस ने रोहित से रिश्तेदारी निकाल कर फरवरी में बेटे प्रियांशु को उस की हवाला कंपनी में नौकरी पर लगवा दिया.
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गुजरात के ही रहने वाले पार्थ व्यास ने जयपुर की ही एक हवाला फर्म में नौकरी की थी. करीब एकडेढ़ साल पहले उसे किसी बात पर नौकरी से हटा दिया गया था. पार्थ व्यास भी रिश्ते में प्रियांशु का मामा और हंसादेवी का भाई लगता था.
पार्थ व्यास नौकरी से हटाए जाने से खफा था. उसे शक था कि केडीएम एंटरप्राइजेज के मालिक और उस के रिश्तेदार रोहित तथा दूसरे लोगों के कहने से ही उसे हवाला कंपनी से नौकरी से हटाया गया था. वह इस का बदला लेना चाहता था. जब उसे पता चला कि उस के भांजे प्रियांशु ने रोहित की हवाला फर्म में नौकरी कर ली है, तो वह अपनी बहन हंसा के जरिए इस फर्म को लूटने की योजना बनाने लगा.
अगले भाग में पढ़ें- पार्थ व्यास और प्रियांशु की ने लूटी गई रकम का क्या किया