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10 मार्च, 2021 की सुबह करीब 9 बजे का वक्त था. दक्षिणी दिल्ली के एंड्रयूजगंज इलाके में हर रोज की तरह उस वक्त भी चहलपहल काफी बढ़ गई थी.

उस दिन बुधवार होने के कारण वर्किंग डे था, इसलिए सरकारी और निजी औफिसों में काम करने वाले लोगों का आवागमन शुरू हो चुका था. धंधा करने वाले लोग भी अपने कारोबारी ठिकानों की तरफ निकल रहे थे.

सिलवर टेन कलर की एक वैगनआर कार सड़क पर भीड़ के कारण रेंगते हुए चल रही थी, जिस की ड्राइविंग सीट पर बैठा चालक गाड़ी में इकलौता सवार था. अचानक वैगनआर गाड़ी की ड्राइविंग सीट के बगल की तरफ एक बाइक पीछे से तेजी के साथ आ कर धीमी हो गई, उस पर भी हेलमेट लगाए इकलौता सवार था. वैगनआर के चालक ने अचानक बगल में आ कर धीमी हुई बाइक के सवार की तरफ देखा तो उस के मुंह से निकला, ‘अबे साले तू यहां?’

वैगनआर चालक के आगे के शब्द हलक में ही फंसे रह गए, क्योंकि तब तक बाइक सवार ने हाथ में लिए हुए पिस्तौल से उस के ऊपर बेहद नजदीक से फायर कर दिया था. गोली वैगनआर चालक की गरदन में लगी और अचानक उस के पैर खुदबखुद गाड़ी के ब्रेक पर जाम हो गए. गोली चलने की आवाज और अचानक वैगनआर का तेजी से ब्रेक लगना दोनों ऐसी घटनाएं थीं, जिन्होंने सड़क पर चल रहे हर राहगीर का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया.

एक पल के लिए लोग हतप्रभ रह गए, लेकिन अगले ही पल लोग वैगनआर की तरफ दौड़ पड़े. लेकिन तब तक वैगनआर चालक पर फायर झोंकने वाला बाइक सवार हवा से बात करते हुए भीड़ के बावजूद बाइक लहराते हुए नौ दो ग्यारह हो चुका था.

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