इसी बीच घर वालों ने बुलंदशहर में अपने गांव के पास के एक परिवार की लड़की से उस का रिश्ता तय कर दिया. लड़की का नाम था गीता. गीता की मां अपने पति को छोड़ कर अपने बच्चों के साथ दिल्ली में आ बसी थी.यहां उसे एनडीएमसी में सफाईकर्मी के रूप में काम मिल गया तो गृहस्थी की गाड़ी आराम से चलने लगी. गीता की शादी संजीव से तय हुई तो दोनों के ही परिजन खुश थे. मगर इस रिश्ते में खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई.
दरअसल, संजीव शुरू से ही इधरउधर मुंह मारने का आदी था. मतलब एक औरत से उस की हवस शांत नहीं होती थी. शादी के बाद भी उस ने पत्नी के अलावा कई औरतों से शारीरिक संबंध बना रखे थे, जिसे ले कर गीता और संजीव में आए दिन झगड़े होने लगे.इस बीच संजीव से गीता को 2 बच्चे हुए. बेटा ललित जो अब 27 साल का है और बेटी कोमल जिस की उम्र इस समय 21 साल है, घर में आए दिन मांबाप के बीच होने वाली मारपीट गालीगलौज के बीच दोनों बच्चे बड़े होने लगे.
उस की रासलीलाओं को देख कर गीता अंदर ही अंदर घुली जाती थी. पति के अत्याचार से तंग आ कर गीता कभीकभी बच्चों को ले कर अपनी मां के पास चली जाती थी.संजीव ने सरकारी नौकरी करते हुए गोविंदपुरी इलाके में 200 गज का एक प्लौट, 2 मकान, डीडीए का एक मकान, नोएडा के परी चौक जैसे एरिया में एक प्लौट और एक अन्य मकान छोटी सी अवधि में बना लिए थे. उस के पास इतना पैसा कहां से आ रहा था, यह कोई नहीं जानता.
भाइयों की जमीन करा ली थी अपने नाम यही नहीं, संजीव ने गांव में अपने बूढ़े और कम पढ़ेलिखे पिता पर दबाव डाल कर और झूठ बोल कर फरजी तरीके से भाइयों के हिस्से की जमीन भी अपने नाम लिखवा ली थी. जिस का पता चलने पर पिता ने उसे अपनी सभी संपत्तियों से बेदखल कर दिया था. जिस के बाद मातापिता से संजीव के रिश्ते पूरी तरह खत्म हो गए थे.
बस, यहां उस की पत्नी गीता थी, जो तमाम उत्पीड़न और हिंसा सहते हुए भी संजीव के भाइयों के परिवार से नातारिश्ता जोड़े हुए थी. मगर एक दिन जब संजीव अपने से आधी उम्र की लड़की नजमा को अपनी दूसरी पत्नी बना कर घर ले आया तो गीता की बरदाश्त करने की हद समाप्त हो गई. वह अपने दोनों बच्चों को ले कर हमेशा के लिए अपनी मां के घर चली गई.
उस की मां ने जोड़जुगाड़ लगा कर बेटी की नौकरी बतौर सफाई कर्मचारी एनडीएमसी में लगवा दी तो गीता के लिए जीवन के रास्ते कुछ आसान हो गए. वह अकेली ही अपने दोनों बच्चों को पालने लगी. जब चार पैसे आने लगे तो उस ने दक्षिणपुरी इलाके में एक मकान किराए पर ले लिया और बच्चों के साथ उस में शिफ्ट हो गई.इधर नजमा से संजीव की शादी की कहानी भी गजब की थी. नजमा झारखंड के गोड््डा की रहने वाली थी. नजमा के भाई काम की आस में कभीकभी दिल्ली आया करते थे और यहां वे संजीव के मकान में किराएदार के रूप में ठहरते थे. एकाध बार नजमा भी अपने भाइयों के साथ दिल्ली आई.
जब संजीव की नजर कमसिन नजमा पर पड़ी तो उस की कामुक चाहतें पंख फड़फड़ाने लगीं. योजना के अनुसार, उस ने नजमा के भाइयों से नजदीकियां बढ़ाईं. फिर उस की नजमा से भी बातचीत शुरू हो गई. संजीव ने नजमा के भाइयों से कहा कि वह उन की बहन के लिए एक अच्छा रिश्ता देखेगा और उस की शादी करवा देगा. इस तरह संजीव ने उन के दिल में अपनी जगह बना ली.
मौका मिलने पर संजीव एक दिन एक लड़के को साथ ले कर नजमा के गांव पहुंचा और उस लड़के से नजमा के निकाह की बात कह कर वह नजमा को अपने साथ दिल्ली ले आया. नजमा से कर ली दूसरी शादी
यहां आ कर उस ने नजमा को अपने घर में रख लिया और अपनी लच्छेदार मीठीमीठी बातों में फंसा कर उसे अपने साथ शादी करने के लिए राजी कर लिया और एक मंदिर में शादी कर ली. उधर संजीव की अपनी पत्नी गीता ने तूफान खड़ा कर दिया. दोनों के बीच जम कर लड़ाईझगड़ा और जूतमपैजार हुई.