नीलम ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आ जाओ, मैं तो सुबह से तुम्हारा इंतजार कर रही हूं.’’
वक्त फिर अपनी गति से आगे बढ़ने लगा. इस में हलचल तो उस समय मची जब रात में लगभग 9 बजे नीलम की मां ने लकी की मां यानी समधिन को फोन कर जमाई के कटला आने के बारे में पूछा. यह सुन कर लकी की मां चौंक गई क्योंकि बेटा तो शाम को ही घर से निकल गया था. और उसे अब तक कटला पहुंच जाना चाहिए था.
लेकिन बेटा अब तक कटला नहीं पहुचा था तो उन का दिल घबराने लगा. क्योंकि इस दौरान खुद नीलम ने भी अपनी सास से बात की और बताया कि लकी का फोन बंद आ रहा है, इसलिए उस से बात नहीं हो पा रही है.
यह सब बात जान कर घबराई मां ने अपने सब रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दी, जिस से रात में ही लकी की खोजबीन शुरू हो गई. सुबह तक कोई सफलता नहीं मिलने पर परिजनों ने मेघनगर के टीआई संजय रावत से मिल कर उन्हें लकी के गायब होने की जानकारी देते हुए गुमशुदगी दर्ज करा दी.
इस बीच 5 जून, 2022 की दोपहर मेघनगर टीआई टी.एस. डाबर को थाने की सीमा में पिपलौदा बड़ागांव के जंगल में लकी पांचाल की सिर कुचली लाश मिलने की सूचना मिली. खबर लकी के घर वालों को मिली तो घर में कोहराम मच गया.
लकी के सिर पर गहरी चोट के निशान होने के अलावा उस के गले पर गहरा काला निशान भी था. जिस से पहली ही नजर में मामला हत्या का नजर आया. सूचना पा कर एसडीपीओ बबीता बामनिया और एसपी (झाबुआ) अरविंद तिवारी भी मौके पर पहुंच गए.
अगले दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हत्या का मामला सामने आने पर मेघनगर थाने में हत्या का मामला दर्ज हो गया. मामला दर्ज होते ही एसपी अरविंद तिवारी ने एसडीपीओ बबीता बामनिया के नेतृत्व में एक टीम गठित की. टीम में टीआई (मेघनगर) टी.एस. डाबर, टीआई (थांदला), टीआई (कोतवाली) संजय रावत एवं टीआई (पेटलावद) को शामिल किया गया.
चूंकि पुलिस को पहले ही यह जानकारी मिल चुकी थी कि मृतक 4 जून की शाम को बाइक से गुजरात स्थित अपने ससुराल कटला जाने के लिए निकला था. मगर उस का शव जहां मिला था, वह रास्ता उस रास्ते से काफी दूर था.
मौके से मृतक की बाइक और मोबाइल भी गायब था. इसलिए पुलिस समझ गई कि लकी की हत्या में एक से अधिक हत्यारे शामिल हो सकते हैं.
पुलिस लकी के दोस्तों और दुश्मनों के अलावा पे्रम त्रिकोण की संभावना पर भी काम कर रही थी. दरअसल, लकी की शादी को केवल 4-5 महीने ही हुए थे. इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता था कि लकी की हत्या के पीछे स्वयं उस का या उस की पत्नी नीलम का पे्रम त्रिकोण हो.
इस रास्ते पर चल कर पुलिस को लकी के पे्रम प्रसंग की कोई जानकारी नहीं मिली, अलबत्ता उस की पत्नी नीलम के बारे में जरूर यह बात सामने आई कि शादी के पहले नीलम का गहरा पे्रम प्रसंग कटला में रहने वाले रोहित राजपूत के साथ था.
इस जानकारी के बाद रोहित की खोजखबर ली गई तो पता चला कि 2 जून, 2022 को रोहित की मां का देहांत हो जाने के कारण वह घर पर ही था.
पुलिस ने उस से पूछताछ की, जिस में उस ने नीलम से पे्रम प्रसंग के बजाए दोस्ती होने की बात स्वीकार की. लेकिन उस का कहना था कि नीलम की शादी हो जाने के बाद वह दोस्ती भी लगभग खत्म हो चुकी थी.
पुलिस ने नीलम और उस के प्रेमी रोहित राजपूत के फोन नंबरों की काल डिटेल्स निकलवा कर अध्ययन किया.
इस जांच में पता चला कि लकी के मोबाइल पर उस रोज एक ऐसे नंबर से फोन आया था, जिस से उस दिन से पहले उस की कभी बात नहीं हुई थी. जिस जगह पर लकी का शव मिला था, वहां 4 और मोबाइल नंबरों की लोकशन लकी के मोबाइल के साथ मिल रही थी. ये चारों नंबर गुजरात के थे.
पुलिस को मालूम हुआ कि घटना वाले दिन खुद नीलम ने ही फोन कर के उसे कटला बुलाया था.
लेकिन लकी की काल डिटेल्स में घटना वाले दिन नीलम के मोबाइल नंबर पर उस से एक बार भी बात होने की जानकारी नहीं थी. इस का मतलब साफ था कि उस रोज नीलम अपना नंबर छिपा कर किसी और नंबर से बात कर रही थी.
इस नए मोबाइल नंबर की डिटेल्स निकालने के बाद पता चला कि इस नंबर से लकी के अलावा एक और नंबर पर बात की गई थी. और जिस नंबर पर बात की गई थी, वह नंबर उन मोबाइल नंबरों के संपर्क में था, जिन की लोकेशन घटनास्थल की मिल रही थी.
इस से पुलिस समझ गई कि लकी की हत्या में नीलम व उस के पे्रमी रोहित राजपूत का ही हाथ है. इसलिए पुलिस ने एक बार फिर रोहित और नीलम को थाने बुला कर उन के साथ सख्ती से पूछताछ की तो लकी की हत्या का पूरा सच 10 दिन बाद सामने आ गया.
कटला, गुजरात के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी नीलम रूप और सौंदर्य के मामले में बहुत ही रईस थी. किशोर उम्र मेें कालोनी के नवयुवकों के दिलों में जगह बनाने वाली नीलम जिस भी गली से गुजरती थी वह गली महकने लगती थी. इसलिए गलीमोहल्ले के कई युवक उस से दोस्ती की इच्छा ले कर उस के घर के आसपास चक्कर लगाते फिरते थे. युवकों की यह दीवानगी उसे अच्छी लगने लगी.
नीलम की नजरों मे उस का सब से बड़ा दीवाना उस के साथ पढ़ने वाला रोहित था, जो स्कूल में हमेशा उस के आगेपीछे बने रहने की कोशिश करता रहता था.
इसलिए उस ने सब को मन ही मन तौला तो दीवानगी के मामले में रोहित का पलड़ा भारी पड़ा. इसलिए धीरेधीरे उस का मन रोहित की तरफ झुकने लगा.
एक दिन रोहित ने अपने प्यार का इजहार भी कर दिया. किशोर उम्र के प्रेम का अपना एक नशा होता है, इसलिए रोहित और नीलम के दिल एकदूसरे से मिलने के लिए मचलने लगे. कभी स्कूल के सुनसान कोने में तो कभी किसी मंदिर की परिक्रमा में उन की मुलकातें होने लगीं.
बताते हैं कि नीलम की रोहित के साथ पहली बार एकांत में मुलाकात नीलम की एक सहेली के घर में उस वक्त हुई थी, जब उस सहेली के परिवार के दूसरे सभी लोग कटला से बाहर किसी रिश्तेदार के यहां आयोजित सामाजिक समारोह में भाग लेने गए थे.