सौजन्य-सत्यकथा
जांच के दौरान पुलिस को ड्राइवर से पता चला कि व्यवसाई सुलेमान पत्ती (कमेटी) का काम भी करता था. पत्ती के तहत कई दुकानदार रोजाना या सप्ताहवार रुपए उस के पास जमा करते थे. इस के बाद प्रति माह या तिमाही ड्रा के माध्यम से रुपए उठाए जाते थे.
यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस इस काम में किसी तरह का लेनेदेन व रंजिश को ले कर भी गहनता से जांच में जुट गई. पुलिस के लिए कारोबारी का अपहरण चुनौती साबित हो रहा था.
व्यापारी के सरेशाम अपहरण की खबर इलैक्ट्रौनिक और प्रिंट मीडिया में प्रमुखता से छाने लगी, जिस सेपुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा था. लेकिन पुलिस अपने काम में जुटी रही.
इसी बीच व्यवसाई के अपहरण मामले में पुलिस के हाथ कई अहम सूत्र लगे. पुलिस को व्यापारी पर लाखों रुपए का कर्ज होने का पता चला ही, साथ ही उस की एक प्रेमिका के बारे में जानकारी मिली. इस से पुलिस को अपहरण पर संदेह हुआ. प्रेमिका की जानकारी मिलने पर शक और गहरा गया.
पुलिस को सुलेमान के मोबाइल की काल डिटेल्स से यह पता चला कि वह आगरा के शाहगंज की महिला के संपर्क में था. तब पुलिस ने ड्राइवर इमरान से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया. इस के बाद उस ने पूरा राज खोल दिया.
इधर पुलिस को अपने मुखबिर से सूचना मिली कि अपहृत व्यापारी को भिवाड़ी में देखा गया है. इस सूचना पर पुलिस टीम तुरंत भिवाड़ी रवाना हो गई. मुखबिर के बताए स्थान पर पुलिस ने दबिश दी तो वहां व्यवसाई सुलेमान अपनी प्रेमिका परवीन व उस के 2 बच्चों के साथ मिला.
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जब पुलिस सुलेमान को हिरासत में ले कर जाने लगी तो परवीन भी अपने दोनों बच्चों के साथ चलने की बात कहने लगी. इस के बाद पुलिस सभी को मैनपुरी ले आई. थाने ला कर सुलेमान से उस के अपहरण के बारे में कड़ाई से पूछताछ की गई तो उस ने अपहरण को नाटक बताते हुए अपना जुर्म कबूल कर लिया.
सुलेमान ने पुलिस को बताया कि अपहरण के इस नाटक में उस का भाई सद्दाम हुसैन, ड्राइवर इमरान निवासी बिरथुआ व जिगरी दोस्त जाहिद निवासी भिवाड़ी भी शामिल था. पुलिस ने व्यापारी सुलेमान सहित चारों को गिरफ्तार कर लिया.
24 सितंबर को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रैस कौन्फ्रैंस में एसपी अजय कुमार पांडेय ने व्यवसाई सुलेमान के कथित अपहरण कांड का परदाफाश करते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जानकारी दी.
पत्रकारों को बताया कि व्यापारी का अपहरण तो हुआ ही नहीं था, बल्कि उस ने शादीशुदा प्रेमिका के साथ रहने व कर्जदारों से बचने के लिए योजनाबद्ध ढंग से स्वयं के अपहरण का सनसनीखेज ड्रामा रचा था.
इस झूठे अपहरण कांड के पीछे की जो कहानी सामने आई, वह चाैंकाने वाली निकली—
उत्तर प्रदेश का एक जिला है मैनपुरी. जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित गांव दिहुली में सुलेमान अली अपने परिवार के साथ रहता था. गांव में ही उस का बिल्डिंग मैटीरियल का बड़ा काम था, जबकि कुछ दूर चौराहे पर ही उस के पिता शौकीन अली की गिट्टीबालू की दुकान थी.
सुलेमान अली गांव की परवीन नाम की एक लड़की से पिछले 8 साल से प्यार करता था. उन दोनों की शादी भी होने वाली थी. लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सकी. तब परवीन की शादी आगरा निवासी खुशाल नाम के युवक से हो गई, वह बैंडबाजे का काम करता था. लेकिन शादी के बाद भी परवीन और सुलेमान दोनों एकदूसरे के लगातार संपर्क में रहे.
परवीन को जब भी कोई परेशानी होती, वह सुलेमान को फोन करती थी. इस बात की जानकारी पति खुशाल को भी थी. 16 सितंबर, 2020 को प्रेमिका परवीन का सुलेमान के पास फोन आया. उस ने बताया उस के पति ने उस की काफी पिटाई की है. अब वह उस के साथ नहीं रहना चाहती थी. क्या तुम मुझे व मेरे दोनों बच्चों को अपने पास रखोगे? इस पर सुलेमान ने उसे अपनी रजामंदी दे दी.
सुलेमान ने प्रेमिका को तसल्ली देते हुए कहा कि वह जल्दी ही उसे जालिम पति के चंगुल से आजाद करा देगा. वह प्रेमिका को परेशान नहीं देख सकता.
सुलेमान ने प्रेमिका व बच्चों को 18 सितंबर को सिरसागंज बुला लिया. सुलेमान अपने ड्राइवर इमरान के साथ सिरसागंज जा कर परवीन से मिला. सुलेमान ने प्रेमिका को एक नया मोबाइल फोन व सिम कार्ड दिलाया. उस ने भिवाड़ी में रहने वाले अपने जिगरी दोस्त जाहिद को फोन कर प्रेमिका परवीन के रुकने की व्यवस्था करने के लिए कह दिया.
इस के बाद परवीन को 10 हजार रुपए देते हुए टैक्सी से अपने दोस्त जाहिद के पास भेज दिया. उसे तसल्ली देते हुए कहा कि वह भी जल्दी ही भिवाड़ी पहुंच जाएगा.
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प्रेमिका को भेजने के बाद सुलेमान अपने गांव आ गया. उधर परवीन के घर से बच्चों सहित चले जाने पर उस का पति खुशाल परेशान हो गया. उसे शक था कि वह जरूर सुलेमान के पास गई होगी. खुशाल व उस के घर वाले सुलेमान के बारे में जानकारी करने लगे कि वह गांव में है या कहीं चला गया है
उधर परवीन के भिवाड़ी में रहने व खानेपीने का दोस्त जाहिद ने इंतजाम करा दिया था. लेकिन परवीन बारबार सुलेमान को फोन कर के भिवाड़ी आने को कहने लगी. इस से सुलेमान परेशान हो गया. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे.