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सौजन्य- मनोहर कहानियां

लेखक- सुनील वर्मा

एक तरह से सिमरन आमिर के प्यार में पूरी तरह दीवानी हो चुकी थी. करीब 6 महीने तक दोनों का प्यार इसी तरह चोरीछिपे परवान चढ़ता रहा. प्यार की हर कहानी एकदम सीधी नहीं होती. उस में कई बाधाएं होती हैं और सिमरन का प्यार तो वैसे भी पहली नजर का अंधा प्यार था, जिस में न तो भविष्य की भलाई देखी गई थी न ही भावी जिदंगी की कड़वी सच्चाई को परखा गया था.

सिमरन बहनों में सब से छोटी थी और मां बाप की लाड़ली भी. मां बाप चाहते थे कि जवानी की दहलीज पर खड़ी सिमरन की शादी भी किसी अच्छे परिवार में कर दी जाए. इसीलिए वे उस के लिए अच्छा वर तलाश रहे थे.

सिमरन के प्यार से अंजान मां ने जब एक दिन सिमरन को रिश्ते के लिए एक लड़के की फोटो दिखाई तो सिमरन को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसे हसीन सपना देखते हुए जगा दिया हो.

‘‘अम्मी अभी शादी की क्या जल्दी है.. मुझे घर से निकालना चाहती हो क्या?’’ सिमरन ने बेमन से लड़के की फोटो देखने के बाद कहा.

‘‘नहीं बेटा, लड़की मांबाप के लिए एक जिम्मेदारी होती है जितनी जल्दी ये जिम्मेदारी पूरी हो जाए मांबाप का मन हल्का हो जाता है. और तेरा निकाह हो जाएगा तो उस के बाद फिरोज के लिए भी तो दुल्हन लानी है घर में.’’

शाबरी बेगम ने सिमरन के शादी के ऐतराज को स्वभाविक रूप से लिया. लेकिन वे इस बात से कतई अंजान थी कि बेटी के मन में क्या चल रहा है.

सिमरन जानती थी कि अगर उस ने अपनी अम्मी को अपनी पंसद के बारे में बताया तो वे आमिर से उस की शादी के लिए कतई तैयार नहीं होगी. क्योंकि आमिर का परिवार उस की दूसरी बहनों की ससुराल की तरह समृद्ध नहीं था.

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आमिर के पिता शाहिद मूलरूप से मेरठ के रहने वाले हैं. वे जवानी के दिनों में ही दिल्ली आ गए थे. आजादपुर मंडी में आढ़तियों को लेबर सप्लाई करने वाले शाहिद के परिवार में उन की बीवी आबिदा के अलावा 10 बच्चे थे, 3 बेटियां व 7 बेटे.

परिवार लंबाचौड़ा था और खर्चे अधिक. मंदे समय में उन्होेंने किसी तरह अपने परिवार के लिए मंडोली की गली नंबर 9 में मकान तो बना लिया था, लेकिन 3 बेटियों की शादी करने और 7 बेटों को पालपोस कर जवान करतेकरते वे उम्र से पहले ही बूढे हो कर बीमार रहने लगे थे. उन का कोई भी बच्चा 5वीं जमात से ज्यादा नहीं पढ़ सका था.

मेरठ के सरूरपुर, जैनपुर में पनीर बनाने के कई प्लांट हैं. शाहिद के लगभग सभी बेटे इन्हीं फैक्ट्रियों में काम करते हैं. 2 बड़े बेटे अपने परिवार के साथ जैनपुर में ही किराए का मकान ले कर रहते थे.

आमिर से छोटे भाई की भी शादी हो चुकी थी, लेकिन उस की पत्नी दिल्ली में शाहिद व उन की पत्नी आबिदा के पास ही रहती थी.3 बेटों की अभी शादी नहीं हुई थी.

ढाई साल पहले जिन दिनों सिमरन और आमिर का प्यार परवान चढ़ रहा था उन दिनों आमिर पनीर बनाने का काम सीख रहा था. उस ने अभी नौकरी शुरू नहीं की थी. अलबत्ता 10 हजार रूपए में उस की नौकरी एक प्लांट में पक्की हो गई थी.

इधर जब सिमरन ने आमिर को बताया कि उस के अम्मी अब्बू उस का जल्द से जल्द कहीं दूसरी जगह निकाह कराने की तैयारी कर रहे है तो आमिर सकते में आ गया. क्योंकि वो चाहता था कि सिमरन के साथ अभी एक साल उस के प्रेम संबध यूं ही चलते रहें.

उस ने सोचा था कि नौकरी कर के पहले पैसा कमाएगा फिर सिमरन से शादी करेगा. लेकिन जब अचानक सिमरन ने बताया कि परिवार वाले उस का निकाह कराने की तैयारी कर रहे हैं तो उस के हाथपांव फूल गए.

उसे समझ नहीं आया कि वह क्या करें. सिमरन ने उसे ये भी बता दिया था कि उस के परिवार की हैसियत देख कर उस के परिवार वाले कभी दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं होंगे.

सिमरन दिल्ली में रहने वाली और 12वीं क्लास तक पढ़ी लड़की थी. उसे पता था कि अगर परिवार शादी की इजाजत ना दे तो बालिग प्रेमियों को शादी के लिए क्या करना चाहिए.

सिमरन मिली भावी ससुराल वालों से

इसलिए सिमरन ने आमिर से पूछा कि क्या उस के परिवार वाले उसे अपनाने के लिए तैयार हैं. सिमरन अच्छे संपन्न परिवार की पढ़ीलिखी सुंदर लड़की थी. जब आमिर ने उसे अपने परिवार वालों से मिलाया तो सब ने शादी के लिए हां कर दी.

अब सवाल यह था कि सिमरन के परिवार वाले दोनों का निकाह कराने के लिए तैयार नहीं होंगे. तय हुआ कि सिमरन व आमिर कोर्ट मैरिज कर लें. बाद में सिमरन का परिवार अपने आप मान जाएगा.

सिमरन व आमिर ने शाहदरा मैरिज कोर्ट में शादी के लिए आवेदन कर दिया. चूंकि दोनों ही बालिग थे और परिवार के तौर पर दोनों की तरफ से आमिर के दोस्त गवाह थे, लिहाजा दोनों की कोर्ट मैरिज होने में कोई अड़चन नहीं आई.

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लेकिन जब कोई लड़की निकाह करती है तो भले ही परिवार से कुछ ना बताए लेकिन उस के रहनसहन और पहनावे में इतना परिवर्तन तो आ ही जाता है कि सवालों का पहाड़ अपने आप ही खड़ा हो जाए.

कोर्ट मैरिज के बाद सिमरन जब चूड़ा पहन कर अपने घर गई तो उस की अम्मी को शक हुआ, तो उन्होंने सवालों की बौछार कर दी. सिमरन जानती थी कि एक ना एक दिन सब को सच बताना ही पडे़गा. लिहाजा उस ने अपनी मां को बता दिया कि वह आमिर नाम के एक लड़के से प्यार करती है और उस ने कोर्ट मैरिज कर ली है.

बेटी के लिए अच्छे घर का सपना देखने वाले मातापिता के लिए बेटी के प्रेम विवाह की खबर किसी वज्रपात से कम नहीं होती. उन्होंने जब लड़के व उस के परिवार के बारे में पूछा तो सिमरन ने सब कुछ सचसच बता दिया.

जैसा कि सिमरन को आशंका थी वैसा ही हुआ. मां ने सिमरन को लानतमलानत दी और उस की पिटाई कर दी. अब्बू के घर आने के बाद तो जम कर हंगामा हुआ. पिता ने उसी दिन आमिर को अपने घर बुलाया और उसे धमकी देते हुए अपनी बेटी को भूल जाने के लिए कहा.

आमिर ने सिमरन से सच्ची मोहब्बत की थी. भूल जाने का तो सवाल ही नहीं उठता था. लिहाजा उस ने साफ कह दिया कि वह दुनिया में सब को छोड़ सकता है लेकिन सिमरन को छोड़ना उस के लिए मुमकिन नहीं.

मोहम्मद शरीफ ने जब उसे अपनी हैसियत देखने के लिए कहा तो आमिर ने साफ कह दिया कि उस ने सिमरन की हैसियत से नहीं, बल्कि दिल से प्यार किया है.

शरीफ ने आमिर को मारपीट कर घर से भगा दिया और उसे चेतावनी दे दी कि भूल कर भी सिमरन से मिलने का प्रयास न करें. आमिर जानता था कि अगर उस ने जरा सी भी देर कर दी तो सिमरन के घर वाले जल्दी ही कहीं उस का निकाह कर देंगे. लिहाजा उस ने अपनी जान पहचान के कुछ लोगों से बात की और हर्ष विहार थाने पहुंच गया.

अगले भाग में पढ़ें- क्या मांबाप का दिल तोड़ कर खुश थी सिमरन

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