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5 दिसंबर, 2019 को मध्य प्रदेश के महाकौशल इलाके के गाडरवारा में गांव सिरसीरी से एक बरात गाजेबाजे के साथ भोपाल आई थी, जिस का दूल्हा रूपेश था और दुलहन का नाम था रागिनी.

रूपेश और रागिनी की शादी ब्राह्मण समाज के एक बिचौलिए कौशल प्रसाद शर्मा ने तय कराई थी, जो भोपाल के नजदीक रायसेन जिले के उदयपुरा के रहने वाले थे.

शादी की बातचीत तकरीबन 3 महीने पहले शुरू हुई थी और रूपेश रागिनी को भोपाल में उस के घर आ कर पसंद भी कर गया था. तब रागिनी के पिता नंदकिशोर शर्मा ने अपने होने वाले दामाद की खूब खातिरदारी की थी.

धीरेधीरे बात आगे बढ़ी तो शादी की तारीख भी 5 दिसंबर, 2019 तय हो गई.

नंदकिशोर शर्मा भोपाल के महामाई का बाग इलाके में रहते थे. रूपेश महामाई का बाग इलाके में 1-2 बार आया भी और जब शादी तय हो गई तो उस के पिता शिवनारायण शर्मा भी घर वालों समेत रीतिरिवाज पूरे करने आए.

इन मुलाकातों के दौरान बिचौलिया कौशल प्रसाद शर्मा मौजूद रहे और बातचीत आगे बढ़ाने में दोनों पक्षों की मदद करते रहे. नंदकिशोर शर्मा शादी पक्की करने सिरसीरी गए थे, तब उन्होंने रूपेश को सोने की एक अंगूठी और कपड़े दिए थे. बाकी रस्में भोपाल में पूरी होना तय हुआ था.

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सगाई की रस्म में शिवनारायण शर्मा ने अपनी होने वाली बहू को तोहफे की शक्ल में 5 तोले सोने की चूडि़यां, आधा तोले सोने की अंगूठी, साड़ी और चांदी की पायलें दी थीं.

शादी नंदकिशोर शर्मा के घर के पास अवधपुरी सी सैक्टर से होना तय हुई थी. दोनों पक्षों ने जब खानेपीने का हिसाब लगाया, तो वह तकरीबन 4 लाख रुपए निकल रहा था.

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