मेरी शादी को 6 महीने हुए हैं, मेरी बीवी को सेक्स करने का मन नहीं करता, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 28 साल का हूं. मेरी बीवी 22 साल की है. शादी को 6 महीने हुए हैं. मेरी बीवी को सेक्स करने का मन नहीं करता. मैं क्या करूं?

जवाब
आप की बीवी को शायद जिस्मानी संबंधों की सही जानकारी नहीं है. आप उसे अकेले में प्यार से सारी बातें बताएं व समझाएं. उस से कहें कि सेक्स करना आप दोनों का हक है और इनसानी जरूरत भी है. धीरेधीरे आप की बीवी इस बात को समझ जाएगी.

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हम सोचते थे कि महिलाएं लंबे समय तक सेक्शुअल गतिविधि चाहती हैं, पर हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों को लगता है कि महिलाएं लंबा सेक्स नहीं चाहतीं.

पीनिस के आकार से लेकर सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन तक-पुरुष होना आसान काम नहीं है. अमेरिका में टार्जन कंडोम द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वे के नतीजों में सामने आया कि 41 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सेक्स लंबे समय तक चले, जबकि ऐसा चाहनेवाली महिलाओं की संख्या 34 फीसदी ही थी.

अक्सर महिलाएं थोड़े समय के सेक्शुअल इंटरकोर्स से ही खुश रहती हैं, वे इसे लंबा नहीं रखना चाहती हैं, जबकि अधिकतर पुरुष इस प्रक्रिया को लंबा ही रखना चाहते हैं.

म्यूजिशियन गैविन फर्नांडिस स्वीकारते हैं कि वे सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन को लेकर दबाव महसूस करते हैं. ‘‘हमें पता है कि महिलाओं को मल्टीपल ऑर्गैज़्म (कई बार चरम) आ सकते हैं. फिर इस तरह की मान्यताएं भी हैं कि महिलाएं ऑर्गैज़्म का झूठा दिखावा भी करती हैं. ये बातें पुरुषों की मानसिकता को प्रभावित करने के लिए काफ़ी हैं,’’

वे कहते हैं. ‘‘कई बार सेक्शुअल संबंध बनाने के बाद मैं समझ ही नहीं पाता कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को संतुष्ट कर भी पाया हूं या नहीं. मैं चाहता हूं कि उसे संतुष्ट करने के लिए मैं और लंबे समय तक उसका साथ दे सकूं.’’

आनंद को लंबा रखने की चाहत

गैविन जैसे कई और पुरुष हैं. वर्ष 2009 में मेन्स हेल्थ मैग्ज़ीन द्वारा कराए गए सर्वे में पाया गया कि सेक्स के दौरान पुरुष 5 से 10 मिनट तक संयम बनाए रख सकते हैं, पर 71 प्रतिशत पुरुष चाहते हैं कि काश वे इससे कहीं अधिक समय तक ऐसा कर पाते.

जरनल औफ सेक्स मेडिसिन द्वारा कराए गए एक अलग अध्ययन के मुताबिक, वह इंटरकोर्स जो 7 से 13 मिनट के भीतर समाप्त हो जाता है, बेहतरीन माना जाता है. ‘‘कई पुरुष इस बात को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं कि वे लंबे समय तक संयम नहीं बनाए रख पाते,’’ कहना है चेन्नई की काउंसलर सुजाता रामकृष्णन का. ‘‘और मैं उन पुरुषों की बात नहीं कर रही हूं, जिन्हें प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या है. सामान्य पुरुष, जिनका सेक्शुअल जीवन अच्छा है, वे भी सेक्स की प्रक्रिया को और लंबा बनाना चाहते हैं. इसकी वजह ये है कि ये पुरुष पौर्न देखते हुए बड़े हुए हैं और सेक्स के बारे में अपनी पिछले पीढ़ी से कहीं ज्यादा बातें करते हैं. ये बातें अब मीडिया में हैं, फिलम्स में हैं, किताबों में भी हैं. आज की महिलाएं भी यह बताने में संकोच महसूस नहीं करतीं कि उन्हें सेक्स के दौरान क्या पसंद है और क्या नापसंद. इस वजह से पुरुषों पर काफी दबाव होता है.’’

फोरप्ले का समय भी तो जोड़िए!

सेक्स एक्सपर्ट डॉ महिंदर वत्स कहते हैं कि यदि कुछ बदलाव किए जाएं तो सेक्स प्रक्रिया को लंबा बनाया जा सकता है. ‘‘हालांकि यूं देखा जाए तो ये बात सिर्फ़ आपकी दिमा़गी सोच पर निर्भर करती है, लेकिन आप सेक्शुअल इंटरकोर्स को थोड़ा लंबा बना सकते हैं,’’ वे कहते हैं. ‘‘क्विकी (झटपट सेक्शुअल संबंध बनाना) अच्छे तो होते हैं, पर हमेशा नहीं. सेक्स को लंबा बनाने के लिए सही समय और अपने शरीर के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि फोरप्ले का महत्व उससे कहीं ज्यादा बढ़ जाता है, जितना कि हम सोचते हैं. यदि सेक्शुल प्रक्रिया को लंबा बनाना चाहते हैं तो फोरप्ले का समय भी लंबा होना चाहिए. और लंबे समय तक चलने वाले फोरप्ले से कभी किसी महिला को शिकायत नहीं होती, बल्कि वे इसका आनंद लेती हैं.’’

ऑर्गैज़्म पर ध्यान देने के बजाए सेक्स के दौरान एक-दूसरे के साथ का आनंद उठाना ज़्यादा महत्वपूर्ण है. आप अलग-अलग सेक्शुअल पोज़ीशन्स अपना सकते हैं. अंतिम, लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि इस दौरान पार्टनर्स एक-दूसरे से बातचीत करते रहें. तो अगली बार यदि वे कुछ ऐसा करें, जिससे आपको सुखद अनुभूति हो तो उनकी तारीफ करना बिल्कुल न भूलें.

सेक्स की शुरुआत में मेरी बीवी साथ देती है, पर बाद में सुस्त हो जाती है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 30 साल का हूं और मेरी बीवी 26 साल की है. हमबिस्तरी की शुरुआत में तो वह साथ देती है, पर बाद में सुस्त हो जाती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
बीवी से बात करने में संकोच की जरूरत नहीं है. उसे समझाएं कि जब वह हमबिस्तरी में खुल कर हिस्सा लेगी, तभी पूरा लुत्फ आएगा. आप फोर प्ले कर के पहले बीवी को पूरी तरह गरम कर लिया करें, उस के बाद हमबिस्तरी करेंगे, तो यकीनन वह सुस्त नहीं पड़ेगी.

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सेक्स के बारे में बात करने से चाहे आप कितना भी कतराएं, यकीन मानिए इसमें डूब जाने जितना मज़ा किसी और में नहीं. फिर चाहे आप बौयफ्रेंड के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हों या फिर शादी के बाद की पहली रात हो, यह एहसास बहुत खास होता है. लेकिन पहली बार की घबराहट भी उतनी ही होती है, जितना की उत्साह.

दोस्तों के बीच टौयलेट जोक्स और लूज टौक करने में आप अव्वल हैं. फिल्म हो या टीवी, बेड सीन्स देखने में बड़ा मजा आता है. मगर जब खुदकी बारी आई तो टांय टांय फिस्स. आप तो कागज की शेर निकलीं. इतना घबराएंगी तो जीत कैसे हासिल होगी. सेक्स है कोई रौकेट सांइस नहीं. आइए जानते हैं कि वो कौन सी 10 बातें हैं, जिनका ध्यान पहली बार सेक्स करते समय जरूर रखना चाहिए.

कम्फर्टेबल हों तभी बढ़ें आगे

पहला मिलन हमेशा रहता है याद यह जुमला बहुतों से सुना होगा और इससे जुड़ी कई कहानियां भी. कहानियों पर न जाएं. व्यावहारिक होकर सोचें कि क्या वाकई पहली बार सेक्स करना इतना रोमांचित करने वाला होता है! बेशक हो सकता है बशर्ते, पूरी तैयारी के साथ यह कदम उठाया जाए. जब कान्फिडेंट होंगी तभी इसका आनंद ले पाएंगी. क्या मैं इसके लिए तैयार हूं? यह सवाल उतना ही अहम है, जितना आपका सांस लेना. बौयफ्रेंड हो या पति, सोच समझकर, कम्फर्टेबल होने पर ही आगे बढ़ें.

महकी महकी हों आप

चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डा. प्रकाश कोठारी की सलाह है, “साथ तभी महकेगा जब आप खुशबू से सराबोर होंगे. कोई अच्छी फ्रेगरैंस लगाएं, क्योंकि सुगंध का आपके मन मस्तिष्क पर बहुत असर पड़ता है. किसी को परफ्यूम पसंद आता है, तो किसी को शरीर की गंध उत्तेजित करती है.” खूशबू आप दोनों को एक दूसरे की ओर आकर्षित करने के साथ साथ एक दूसरे के सामने सहज भी बनाएगी.

उत्साह पर तनाव हावी न होने दें

क्या पहली बार में दर्द होगा? डा. कोठारी के मुताबिक़, यह एक मिथक है. पहली बार की उत्सुकता और घबराहट इतनी ज्यादा होती है कि हल्की सी छुअन भी हमारे पूरे शरीर में सिहरन पैदा कर देती है. क्या होगा, क्या नहीं, इस घबराहट में हमारे नर्व्स भी तनाव में आ जाते हैं. दूसरा हम अपने प्राइवेट पार्ट्स को भी कसकर बंद कर लेते हैं, क्योंकि हम सहज नहीं होते. इसलिए प्रवेश करने में काफी दिक्कत होती है. और हम मान बैठते हैं कि पहली बार में दर्द होता है. आप जितनी ज्यादा सहज और तनाव मुक्त रहेंगी, उतना ज्यादा बेहतर होगा आपका अनुभव.

आर्गैज्म की राह न ताकें

हो सकता है पहली बार में आपको आर्गैज्म न मिले, तो घबराएं नहीं. क्योंकि शुरुआत में हमें पता ही नहीं होता, कि किस तरह से हमें आर्गैज्म मिलेगा. अलग अलग पोजिशन्स ट्राई करें. कई शोध तो यह भी कहते हैं कि लड़कियों को इंटरकोर्स से पूरा सुख या आर्गैज्म मिलता ही नहीं है. इसकी परवाह न करें, केवल उस पल का आनंद उठाएं.

ड्रेसिंग का भी रखें ख्याल

कपड़ों की भी अहम भूमिका होती है. इसलिए अपने पार्टनर की पसंद का या आकर्षक ड्रेसिंग ज़रूर करें. खुदको मेंटेन रखें, ताकि आप कान्फिडेंट महसूस कर सकें. यह बात लड़कों पर भी लागू होती है. दाढ़ी मूंछ ट्रिम करना न भूलें. किस करते समय सोचिए आपकी पार्टनर का क्या हाल होगा? सेक्सी कपड़े पहनने का मतलब यह नहीं कि कुछ ऐसा पहन लें, जिसमें आप सहज ही न हों. ज्यादा मेकअप करने से भी बचें.

बातचीत है सेक्स की पहली सीढ़ी

जी हां, बातचीत. इसे सेक्स का चार अक्षरों का पर्यायवाची कहा जाता है. यानी बातचीत से ही सेक्स की शुरुआत होती है. इसे संभोग यूं ही नहीं कहा जाता. संभोग यानी सम भोग. जहां दोनों मिलकर इसका बराबर आनंद उठाते हैं. जहां कोई एक्स्पर्ट या नौसिखिया नहीं है. पहली बार सेक्स कर रहे हैं, इसलिए घबराहट थोड़ी होगी. बात करें, धीरे धीरे हिचक कम होगी. बातों बातों में एक दूसरे का हाथ पकड़ लें. धीरे धीरे फोरप्ले की ओर बढ़ें. हो सकता है शुरुआत करने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सेक्स कोई अछूता विषय नहीं है. यह आपकी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा है, यह बात भूले नहीं. हो सके तो एक दो दिन पहले से ही सेक्स के बारे में बातें करना शुरू कर दें. सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को बताएं कि शरीर के किस हिस्से में आप सबसे ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं और उनसे भी यही सवाल करें.

फोरप्ले है अहम

यह समझ लें, जो मज़ा सफ़र में है, वो मंजिल में नहीं. जल्दबाजी की तो आप चोटिल भी हो सकती हैं, इसलिए अपने प्राइवेट पार्ट में नैचुरल लूब्रिकेशन आने दें. और यह तभी संभव है जब आप और आपका पार्टनर फोरप्ले को खुलकर एन्जौय कर पाएंगे. फोरप्ले जितना लंबा चलेगा आप उतना कम्फर्टेबल महसूस करते जाएंगे. दरअस्ल, स्पर्श से हमारे मस्तिष्क में औक्सिटोसिन नामक हार्मोन रिलीज़ होता है. इसे रिलीज़ होने दें और फोरप्ले से सेक्स की शुरुआत करें.

कंडोम पहनना न भूलें

एक दूसरे में खोने का अर्थ यह नहीं कि आप लापरवाही करें. माना कि पहली बार करने की हड़बड़ाहट में यह ग़लती सबसे आम है. लेकिन यह गलती जोखिम भरी है. महिलाओं के लिए विशेष कंडोम बनाए गए हैं. मेडिकल स्टोर्स में यह उपलब्ध हैं. पहले से ही प्रैक्टिस करें, ताकि उस दिन आपका मजा किरकिरा न हो. यदि आपकी बजाय आपका पार्टनर प्रोटेक्शन इस्तेमाल करनेवाले हैं, तो उन्हें याद दिलाना न भूलें.

बाहरी लूब्रिकेशन से गुरेज न करें

पहली बार में घबराहट की वजह से कई बार लूब्रिकेशन ठीक तरह से नहीं निकलता. इसलिए आप कृत्रिम लूब्रिकेशन्स का विकल्प चुन सकती हैं. पेट्रोलियम जेली से लेकर नारियल तेल तक ऐसे कई सुरक्षित विकल्प हैं, जो आपके घर में आसानी से उपलब्ध होंगे. इसके अलावा बाजार में भी कई तरह के लूब्रिकेंट्स हैं, जिन्हें आप खरीद सकती हैं.

सेफ्टी का रखें ध्यान

सुरक्षा बहुत जरूरी है. ऐसी जगह ढूंढ़ें, जो पूरी तरह सेफ हो. यदि शादी से पहले सेक्स के बारे में सोच रही हैं तो किसी होटल या दोस्त के घर न जाएं. पार्टनर या आपका घर सबसे सुरक्षित जगह है. यदि आप जगह को लेकर असहज रहेंगी, तो आपका पूरा ध्यान सेक्स पर नहीं होगा. डर आपको सफल भी नहीं होने देगा. बेडरूम में कैंडल्स हों तो कहना ही क्या. फूलों से घर को महकाएं, ताकि सहजता बढ़े.

पहली बार इन पोजिशन्स को आज़माएं

मिशनरीः यह सबसे बुनियादी और आसानी से की जा सकनेवाली  पोजिशन है.

साइड बाय साइड पोजिशनः इस  पोजिशन में पुरुष को आसानी से प्रवेश करने का मौका मिलेगा और आप भी कम्फर्टेबल रहेंगी.

गर्ल औन टौपः यदि आप सहज हों, तो इस पोजिशन को भी चुन सकती हैं. यह पोजिशन आपके पार्टनर को जल्दी उत्तेजित महसूस कराएगी और नियंत्रण भी आपके हाथों में होगा.

मेरी गर्लफ्रैंड 16 साल की है, वो प्रेग्नेंट हो गई मैनें उसका अर्बाशन कराया, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 18 साल का हूं और मेरी गर्लफ्रैंड 16 साल की है. लगातार हमबिस्तरी करने की वजह से वह पेट से हो गई थी. लिहाजा, मुझे उस का गर्भपात कराना पड़ा. तब से वह बहुत उदास रहती है. मैं क्या करूं?

जवाब
आप उसे बाहर घुमाफिरा कर और खिलापिला कर खुश करें, मगर हमबिस्तरी कतई न करें. पहले पढ़ाई पूरी करें, फिर नौकरी करें और शादी की उम्र हो जाने के बाद शादी करें.

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44 साला उषा अपनी जवान होती बेटी निशा को देख कर सिहर उठती हैं कि कहीं उसे भी उन की तरह शादी के पहले इश्क के चक्कर में पड़ कर पेट से हो कर उन हालात से न गुजरना पडे़ जिन से वे कई साल पहले हो कर गुजरी थीं. हुआ यों था कि 20 साल पहले बीए करने के बाद उषा को अपने आशिक राकेश से बच्चा ठहर गया था. खुद के पेट से होने का पता उन्हें 4 महीने बाद चला था. वह भी एक सहेली के टोकने पर जिस से उन्होंने कहा था कि 4 महीने से पीरियड नहीं आ रहे हैं और शरीर में थकान व सुस्ती भी रहती है.

सहेली तुरंत भांप गई और राकेश से उन की हमबिस्तरी के बारे में पूछा तो उन्होंने सचसच बता दिया कि हां, कई बार बगैर कंडोम के भी संबंध बने थे. सहेली ने एक नर्सिंगहोम जा कर उषा के पेशाब की जांच कराई तो रिजल्ट पौजिटिव आया. इस पर उषा के पैरों तले जमीन खिसकने लगी. शुक्र इस बात का था कि घर में किसी को इस बात का अंदाजा नहीं हुआ था.

राकेश को जब उन्होंने यह बात बताई तो उस की भी हालत खस्ता हो गई. वह उषा से सच्चा प्यार तो करता था पर 2 बड़ी बहनों की शादी हो जाने तक भाग कर शादी कर लेने का जोखिम नहीं उठा सकता था. इस पर उन दोनों ने तय किया कि सभी झंझटों से बचने के लिए बेहतर है कि बच्चा गिरा दिया जाए. पर यह कोई हंसीखेल वाली बात नहीं थी. अपने छोटे से शहर में तो जानपहचान के चलते वे बच्चा गिराने की बात सोच ही नहीं सकते थे, इसलिए राकेश नजदीक के बड़े शहर में गया और कई नर्सिंगहोम में बच्चा गिराने की बात कही लेकिन इस में दिक्कत यह थी कि बगैर लड़की की जांच किए कोई इस के लिए तैयार नहीं था.

उषा की दिक्कत यह थी कि उन्हें किसी बड़ी वजह के बिना शहर से बाहर जाने की इजाजत घर वालों से नहीं मिलने वाली थी. इस दफा भी सहेली ही काम आई जो उषा के घर बहाना बना कर उन्हें इंदौर ले गई और जैसेतैसे एक नर्सिंगहोम वाले को तैयार किया. 3 दिन अस्पताल में रह कर उन्हें इस मुसीबत से छुटकारा मिला मगर इस दौरान जो तकलीफें उन्होंने उठाईं, वे आज तक जेहन में जिंदा हैं.

बाद में उन्होंने घर वालों के कहने पर चुपचाप सुरेंद्र से शादी कर ली और राकेश को हमेशा के लिए भूल गईं. और जो नहीं भूल पाईं वह सब उषा अपनी बेटी निशा को बता देना चाहती हैं कि अगर प्यार वगैरह के चक्कर में पड़ जाओ तो पेट से होने से कैसे बचना है, जिस से कोई उंगली न उठे.

इस तरह जानें उषा का जमाना कुछ और था. तब आज जितनी सहूलियतें और साधन नहीं थे जिन से पेट से हो जाने का पता आसानी से चल सके और पता चल जाने पर बच्चा भी आसानी से गिरवाया जा सके. आमतौर पर कम उम्र की लड़कियां नहीं जानती हैं कि पेट से हो जाने के लक्षण क्या होते हैं और इस से शरीर में क्याक्या बदलाव आते हैं.

पेट से हो जाने का सब से अहम लक्षण है पीरियड का न आना. अगर आशिक से हमबिस्तरी की है और पीरियड आना बंद हो गया है तो शक की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती कि नतीजा आ गया है. इस नतीजे की तसल्ली के लिए आजकल तरहतरह की प्रैग्नैंसी टैस्ट किट मैडिकल स्टोर पर मिल जाती हैं जिन से मिनटों में हकीकत का पता चल जाता है. इस किट को खरीदने के लिए किसी डाक्टर के परचे की जरूरत नहीं पड़ती है.

किट पर दी गई हिदायतों के मुताबिक जांच करने पर अगर रिजल्ट पौजिटिव आता है तो बगैर देर किए किसी नर्सिंगहोम का रुख करना चाहिए. आजकल नर्सिंगहोम वाले फोटो, आईडी और उम्र साबित करने वाला सुबूत मांगते हैं जिन्हें साथ ले जाना चाहिए. इस में किसी का डर या झिझक की बात नहीं है क्योंकि बच्चा गिराने की बात प्राइवेट रखी जाती है.

इस के अलावा कुछ और लक्षण भी दिखते हैं, जैसे निप्पल सख्त हो जाना, बारबार पेशाब लगना, शरीर में सुस्ती और थकान के अलावा लगातार सिरदर्द और सुबह उठने पर थकान महसूस होना. सुबह उठने के बाद जी मिचलाना और उबकाई आना भी खास लक्षण हैं. पर ऐसा सभी लड़कियों के साथ हो, यह जरूरी नहीं. हमारे समाज में कुंआरी मां बनना आज भी अच्छा नहीं माना जाता है और कई वजहों के चलते यह ठीक भी नहीं है इसलिए संबंध बनाते वक्त एहतियात बरतना चाहिए. पार्टनर को कंडोम पहनने के लिए मजबूर करना चाहिए या खुद किसी लेडी डाक्टर से मिल कर औरल पिल्स ले लेनी चाहिए. इन्हें खरीदने में शर्म या देर नहीं करनी चाहिए. वजह, पेट से हो जाने पर मुसीबतें कई गुना बढ़ जाती हैं.

मैं अपने प्रेमी के साथ संबंध बना चुकी हूं, क्या मेरे होने वाले पति को इस का पता चल जाएगा?

सवाल
मैं 23 साल की हूं. मैं अपने प्रेमी के साथ हमबिस्तरी कर चुकी हूं. 6 महीने बाद मेरी शादी होने वाली है. क्या मेरे होने वाले पति को इस बात का पता चल जाएगा?

जवाब
आप बेफिक्र रहें. पति को इस बारे में नहीं बताएंगी, तो उन्हें कभी पता नहीं चलेगा, क्योंकि अंग की नाजुक झिल्ली अकसर शादी से पहले खेलकूद के दौरान या साइकिल चलाते वक्त अपनेआप फट जाती है.

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शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

– सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

– यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

– दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

– ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

– शादी से पहले संयम बरतने से न सिर्फ दोनों के रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि दोनों का एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. इसके साथ ही संबंधों में अंतरंगता का महत्व भी बरकरार रहता है.

– प्रीमैरिटल सेक्स में हालांकि कोई बुराई नहीं लेकिन दोनों के रिश्ते पर शादी के बाद मनमुटाव का ये कारण बन सकता है.

– रिश्तों में खुलापन जरूरी है. चाहे तो शादी से पहले आप चीजों को डिस्कस कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ घूम-फिर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि फिजीकल रिलेशन ही बनाया जाए.

– शादी से पहले फिजीकल रिलेशन से रिश्तों में अवसाद पैदा होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि इसके बाद हर समय मन में एक डर और बैचेनी रहने लगती है. इसीलिए इन सबसे बचना जरूरी है.

– सेक्ससुअल रिलेशंस आपके रिश्ते में करीबी ला भी सकते हैं और दूरी बढ़ा भी सकते हैं इसीलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझ कर विचार करना आवश्यक है.

शादी से पहले संयम बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि रिश्तों की मजबूती के लिए यह अच्छा है.

मैं 4 सालों से एक शादीशुदा औरत से प्यार करता हूं, हम ने कई बार सेक्स भी किया है. क्या ऐसा करना ठीक है?

सवाल
मैं पिछले तकरीबन 4 सालों से एक शादीशुदा औरत से प्यार करता हूं. हम ने कई बार हमबिस्तरी भी की है. क्या ऐसा करना ठीक है?

जवाब
अगर औरत राजी हो तो ठीक है, पर उस के पति को पता चल गया तो जनाब बुरी तरह पिटोगे. अच्छा है साथ छोड़ दें.

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सीमा के पिता रेलवे में नौकरी करते थे, सो वे ज्यादातर दौरे पर रहते थे. सीमा की मां सारा दिन कालोनी में यहांवहां घूमती रहती थीं. सीमा घर पर होती तो उस की मां का रिश्तेदार चंदू आ जाता. चंदू तबीयत से दिलफेंक मिजाज का था और इस की वजह से उस की बीवी उसे छोड़ चुकी थी. वह प्राय: इधरउधर लड़कियों के पीछे घूमता रहता. सीमा की मां के लिए शहर से उपहार लाता तो वे खुश हो जातीं. एक दिन वह सीमा को शहर घुमाने के बहाने ले गया और उसे बहलाफुसला कर उस से संबंध बना लिए. सीमा को जब तक कुछ समझ में आता, उसे अनचाहा गर्भ ठहर चुका था.

अब चूंकि चंदू तो मतलब साध कर निकल गया, लेकिन जैसेजैसे सीमा पर दिन चढ़े तो उन की पड़ोसिन को संदेह हुआ. गांव में रहने के कारण मामला गंभीर था. अगर किसी को भनक लग गई तो पूरे गांव में बदनामी हो जाएगी.

अब सीमा की मां को कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करें? क्योंकि 3-4 माह का गर्भ हो चुका था. यदि वे पति को बतातीं तो पति तो उन्हें ही बदचलन कह कर छोड़ देता. सीमा की मां अपनी पड़ोसिन के साथ पास के गांव की दाई रजिया के पास गई. रजिया ने यह काम आसानी से करने का भरोसा दिलाया और बतौर मेहताना मोटी रकम मांगी. वक्त तय हुआ रात 12 बजे का. सीमा के पिता नाइट ड्यूटी पर चले गए तब रजिया व पड़ोसिन सीमा के घर आए. उस ने सीमा को लिटाया. बिना किसी दवा व इंजैक्शन के रजिया ने सीमा की योनि से उस के गर्भ में एक कमची जैसी पतली लकड़ी डाली, जैसे हरे बांस की छड़ी होती है. उस पतली लकड़ी के भीतर डाले जाने से सीमा चीखने लगी. वह असहाय दर्द से बिलबिला उठी तो रजिया ने कहा कि उस का हाथ पकड़ कर रखो साथ ही मुंह भी दबा दो.

रजिया ने लकड़ी को गर्भाशय में आघात से चलाना शुरू किया व उस की मां व पड़ोसिन ने सीमा के हाथ कस कर पकड़े रखे और मुंह भी कपड़े से बांध दिया ताकि वह चीख न सके.

लकड़ी के तेज आघात से सीमा का गर्भाशय क्षतविक्षत हो गया और जब ब्लीडिंग होने लगी तो सीमा की मां घबरा गई. रजिया बोली, ‘‘गर्भ गिर गया है. सुबह तक होश आ जाएगा.’’ वह पैसे ले कर चली गई. लेकिन न तो ब्लीडिंग रुकी और न ही सीमा होश में आई. वह असहनीय पीड़ा से तड़पतड़प कर प्राण गवां चुकी थी.

सीमा की मां को सुबह पता चला कि सीमा का प्राणांत हो चुका है. कमरा सीमा के खून से भर चुका था. पुलिस ने जांच की तो रजिया की करतूत पता चली. सीमा की मां की रंगीनमिजाजी उस की बेटी को लील गई. इतना ही नहीं, चंदू की ऐयाशी अभी भी जारी रही क्योंकि वह पकड़ से दूर जा चुका था.

मेरी शादी होने वाली है. अगर मेरी मंगेतर किसी के साथ सेक्स करती होगी, तो इस का पता मुझे कैसे चलेगा?

सवाल
मैं 27 साल का हूं. मेरी शादी होने वाली है. अगर मेरी मंगेतर किसी के साथ हमबिस्तरी करती होगी, तो इस का पता मुझे कैसे चलेगा?

जवाब
शादी की बुनियाद यकीन पर टिकी है. आप शादी से पहले ही ऐसी बातें मत सोचिए. आम भारतीय लड़की शादी से पहले अमूमन अछूती होती है.

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किसी भी युवती के लिए पहले सैक्स के दौरान उस की वर्जिनिटी सब से ज्यादा माने रखती है. युवती की योनि के ऊपरी हिस्से में पतली झिल्ली होती है जो उस के वर्जिन होने का प्रमाण देती है, लेकिन किसी भी युवती की योनि और उस के ऊपरी सिरे में स्थित हाइमन झिल्ली को देख कर यह पता लगाना कि वह वर्जिन है कि नहीं न तो संभव है न ही ठीक. सैक्स के दौरान अकसर पार्टनर द्वारा युवती की योनि से रक्तस्राव की उम्मीद की जाती है लेकिन ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि पहली बार सैक्स के दौरान युवती के वर्जिन होने के बावजूद उस की योनि से रक्तस्राव नहीं होता, फिर भी साथी  द्वारा यह मान लिया जाता है कि युवती पहले भी सैक्स कर चुकी है, जबकि पहली बार सैक्स के दौरान युवती की योनि से स्राव होने या न होने को उस के वर्जिन होने का सुबूत नहीं माना जा सकता, क्योंकि पहली बार में बहुत सी युवतियों को इसलिए रक्तस्राव नहीं होता, क्योंकि खेलकूद, साइकिल चलाना आदि की वजह से उन की योनि में स्थित झिल्ली कब फट जाती है उन्हें स्वयं नहीं पता चलता. इस का कारण हाइमन झिल्ली का बहुत पतला व लचीला होना है. कभीकभी युवती में जन्म के समय से ही यह झिल्ली मौजूद नहीं होती. ऐसे में पहले सैक्स के दौरान योनि से रक्तस्राव न होने के आधार पर युवती के चरित्र पर संदेह करना गलत होता है.

पहली बार सैक्स के दौरान युवक अपने साथी से उस के कुंआरी होने का सुबूत भी मांगते हैं, जबकि वह खुद के कुंआरे होने का सुबूत देना उचित नहीं समझते. इस वजह से पहला सैक्स जिसे हम वर्जिनिटी का नाम देते हैं, आगे चल कर सैक्स संबंधों में बाधा बन जाता है. युवती की वर्जिनिटी पर शक की वजह से कई तरह की गलतफहमियां जन्म लेती हैं. इस का प्रमुख कारण कुंआरेपन को ले कर लोगों से सुनीसुनाई बातें हैं.

किसी भी युवक या युवती के लिए पहली बार किए जाने वाले सैक्स का जो रोमांच होता है, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह एक ऐसी स्टेज है जहां युवकयुवती एकदूसरे के सामने अपने सारे कपड़े उतारने और सैक्स को ले कर होने वाली झिझक को दूर करने की शुरुआत करते हैं. यहीं से युवकयुवती के कुंआरेपन की समाप्ति होती है और यही वह स्टेज है जहां दोनों अपनी वर्जिनिटी खोते हैं.

युवती को अपने कुंआरेपन का सुबूत देने के लिए कई तरह की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है जोकि सरासर गलत है. अगर युवती पुरुष से कुंआरे होने का सुबूत नहीं मांगती तो उसे भी चाहिए कि अपने साथी पर विश्वास करते हुए उस के कुंआरेपन पर सवाल खड़ा न करे. अकसर युवती के कुंआरेपन को ले कर घरेलू ंिहंसा व तलाक जैसी नौबत भी आ जाती है. अपने चरित्र का प्रमाण देने के लिए युवती को तमाम तरह के सुबूत पेश करने के लिए कहा जाता है.

सैक्स के दौरान वर्जिनिटी को ले कर आने वाले खून की कुछ बूंदों के प्रति पुरुषवर्ग इतना गंभीर होता है कि वह वर्षों से चले आ रहे इस दकियानूसी खयाल से बाहर आने की सोच भी नहीं सकता, जबकि अपने कुंआरेपन को गृहस्थी के बीच का मुद्दा बनाना गलत है. इसलिए युवकयुवतियों को चाहिए कि वे पहले सैक्स को यादगार बनाएं न कि वर्जिनिटी के चक्कर में पड़ कर संबंधों में दरार पैदा करें.

प्यार और भरोसे से करें शुरुआत

नीरज की अरेंज्ड मैरिज थी, अत: वह अपनी होने वाली पत्नी से कभी मिला नहीं था. ऐसे में नीरज के दोस्त शादी की पहली रात को ले कर नीरज को तमाम तरह की सलाह देने में लगे हुए थे. उस के एक दोस्त ने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ पहली रात के सैक्स यानी सुहागरात में पत्नी के वर्जिन होने का पता लगाने के लिए योनि से रक्तस्राव होने पर जरूर ध्यान दे. अगर रक्तस्राव हुआ तो समझ ले कि पत्नी ने किसी के साथ सैक्स नहीं किया है, अगर नहीं हुआ तो वह पहले सैक्स कर चुकी है.

लेकिन नीरज ने दोस्त की इस बात पर ध्यान न दिया, क्योंकि वह जानता था कि पहले सैक्स में रक्तस्राव होना जरूरी नहीं. इस से यह पता चलता है कि वर्जिन होने के लिए सुबूत देने की जरूरत नहीं होती बल्कि पहली बार किए जाने वाले सैक्स की शुरुआत प्यार और भरोसे के साथ की जाए तो यह न केवल ज्यादा मजा देने वाला होता है, बल्कि इस से रिश्ता और भी गहरा व विश्वसनीय बन जाता है.

बातचीत है जरूरी

सैक्स व मनोरोग विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि कौमार्य खोने के पहले एकदूसरे के बारे में अच्छी तरह से जान लें, क्योंकि सैक्स आनंद के लिए किया जाता है न कि भूख मिटाने के लिए. इसलिए सैक्स को मजेदार बनाने की कोशिश करें, आपस में कामुक बातचीत की शुरुआत हो और धीरेधीरे यह बातचीत शर्म से ऊपर उठ कर सैक्स संबंध के रूप में आगे बढे़. इस तरह सैक्स का मजा दोगुना हो जाता है और पतिपत्नी के बीच शर्म का परदा भी उठ जाता है.

पहले सैक्स को ज्यादा मजेदार व यादगार बनाने के लिए वर्जिनिटी जैसे दकियानूसी खयाल से ऊपर उठ कर शारीरिक व मानसिक संतुष्टि को ज्यादा महत्त्व देना चाहिए. इस के अलावा किसी तरह की अजीबोगरीब उम्मीदें नहीं पालनी चाहिए जिन से जीवन साथी को किसी तरह की ठेस पहुंचे.

कैसी प्रेमिका की चाहत

एक सर्वे के अनुसार 51त्न युवा प्रेमियों को प्रेमिका की ब्यूटी, 36त्न को ब्रेन और 15त्न को प्रेमिका की ब्यूटी विद ब्रेन दोनों का कौंबिनेशन प्रभावित करता है.

प्रेमी प्रेमिका की तरह अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर प्रेमिका को चुनते हैं.

आइए जानें वे क्या पसंद करते हैं अपनी प्रेमिका में :

–       युवा प्रेमी को साफसफाई का खयाल रखने वाली प्रेमिका अधिक पसंद आती है.

–       युवा प्रेमी को प्रेमिका की बौडी लैंग्वेज, बाल, आंखें, मुसकराहट भी अपनी ओर आकर्षित करती है.

–       युवा प्रेमी बहुत होनहार प्रेमिका की चाहत नहीं रखते बल्कि उन्हें हर सामान्य कार्य में रुचि रखने वाली प्रेमिका ज्यादा पसंद आती है.

–       51% युवाओं का मानना है कि उन्हें प्रेमिका की खूबसूरती के अलावा उस का केयरिंग नेचर बहुत प्रभावित करता है.

–       आत्मविश्वासी प्रेमिका युवा प्रेमी को ज्यादा पसंद आती है.

–       अकसर युवक ऐसी प्रेमिका को पसंद करते हैं जो अपना अधिकांश समय उन्हें ही दे.

–       बातबात पर इमोशनल होने वाली पे्रमिका से वे दूरी बनाने में ही भलाई समझते हैं.

–       युवा प्रेमी अकसर ऐसी प्रेमिका चाहते हैं, जो सैक्सी और कौपरेट करती हो.

 

मेरा प्रेमी संबंध बनाने की मांग करता है लेकिन शादी के लिए कहने पर टालमटोल करने लगता है, क्या करूं?

सवाल


मैं पिछले 2 वर्ष से एक युवक से प्यार करती हूं. वह मुझ से बार बार संबंध बनाने की मांग करता है. एकांत मिलने पर मुझे उकसाता भी है. मेरी जांघों, बांहों पर हाथ फेरता है और मुझे आलिंगनबद्ध करता है. मुझे भी ये सब अच्छा लगता है इसीलिए मैं उसे मना नहीं करती, लेकिन इस सब के बीच जब कभी मैं उस से शादी के लिए कहती हूं तो वह टालमटोल करने लगता है, क्या करूं?

जवाब
आप का प्रेमी आप के बजाय आप के शरीर से प्रेम करता है और शारीरिक सुख भोगना चाहता है. इसलिए पहले तो आप को चेतना होगा. भूल कर भी अपना शरीर उसे न सौंपें, क्योंकि उस के बाद हो सकता है वह आप की ओर देखे भी नहीं.

आप उसे आलिंगनबद्ध करने पर भी इसलिए नहीं रोकतीं कि ऐसा करना आप को भी अच्छा लगता है लेकिन यह बात आप के लिए नासूर बन सकती है. अत: जब भी वह आप के शरीर से छेड़छाड़ करे उसे कह दें कि ये सब बातें शादी के बाद ही अच्छी लगती हैं. अगर तुम्हें इस की चाहत है तो शादी कर लो.

यकीन मानिए इसी से उस के प्रेम की परख भी हो जाएगी और आप का बचाव भी. अगर वह आप से सही माने में प्रेम करता है तो अवश्य कोई कदम उठाइए वरना दूरी बना कर चलने में ही भलाई है.

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प्यार एक गहरा और खुशनुमा एहसास है. जब किसी से प्यार होने लगता है तो हम शुरुआत में अकसर उस की सकारात्मक चीजें ही देखते हैं. उस समय हमें अपना अच्छाबुरा कुछ समझ नहीं आता और यही वह खुमारी होती है जब हम प्रेमी के प्यार के बदले में उस की हर जायजनाजायज मांग भी पूरी करने लगते हैं. लेकिन कुछ पल ठहर कर एक बार सोच लें कि कहीं आप प्रेमी को प्यार के बदले अपना शरीर तो नहीं सौंप रही हैं. अगर ऐसा है तो संभल जाइए, क्योंकि यह सही नहीं है. यह वक्त सिर्फ प्यार करने का है, सैक्स तो शादी के बाद भी हो सकता है. इस में आखिर इतना उतावलापन और जल्दबाजी क्यों?

प्यार को प्यार ही रहने दें

प्यार एक खूबसूरत एहसास है, इसे दिल से महसूस करें न कि शरीर से. एकदूसरे के साथ समय बिताएं, एकदूसरे को समझें, प्यारभरी बातें करें, भविष्य के सपने बुनें, एकदूसरे की केयर करें, अपनेपन का एहसास साथी के मन में जगाएं, उसे विश्वास दिलाएं कि आप उस के लिए एकदम सही जीवनसाथी साबित होंगे. अपने कैरियर पर ध्यान दें. खुद खुश रहें और साथी को भी खुश रखें. यह वक्त बस यही करने का है बाकी जो भावनाएं हैं उन्हें शादी के बाद के लिए बचा कर रखें.

प्यार में आकर्षण बना रहेगा

अगर आप किसी से प्यार करती हैं और सैक्स नहीं किया है तो सैक्स को ले कर चाह और एक आकर्षण बना रहने के कारण साथी के प्रति खिंचाव हमेशा बना रहेगा, लेकिन एक बार सैक्स हो जाने के बाद कोई नयापन नहीं रहेगा और वह आकर्षण जो आप को एकदूसरे के प्रति खींचता था, खत्म हो जाएगा.

अपराधबोध नहीं होगा

एक बार संभोग करने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता. कई बार बाद में पता चलता है कि प्रेमी आप के लिए सही नहीं है तब वक्त से पहले संबंध बना लेने का अपराधबोध होता है. इसलिए जरूरी है कि जब तक पूरी तरह से आश्वस्त न हो जाएं तब तक संबंध न बनाएं.

उत्सुकता बनी रहेगी

जब कोई भी काम समय पर करते हैं तो उस का आनंद ही अलग होता है, लेकिन जब आप सैक्स शादी से पहले ही कर लेते हैं तो इसे ले कर कोई उत्सुकता नहीं रहती. यदि सैक्स न करने से आप की उत्सुकता बनी रहती है तो बेहतर है इसे शादी तक न किया जाए.

यौन रोगों से बचे रहेंगे

सैक्स के प्रति लापरवाही यौन रोग होने का खतरा काफी हद तक बढ़ा देती है. उस समय आप की प्राथमिकताएं शारीरिक आकांक्षाओं को पूरा करना होता है, लेकिन सैक्स करते समय किनकिन सावधानियों का खयाल रखना चाहिए यह बात आप सोचते नहीं हैं और गंभीर बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं.

सच्चे प्यार में सैक्स का कोई मतलब नहीं

सच्चा प्यार किसी को देखते ही नहीं हो जाता, यह एकदूसरे को जानने और समझने के बाद होता है. सच्चे प्यार में कोई जल्दबाजी नहीं होती, इस में ठहराव होता है. एकदूसरे की आपसी अंडरस्टैंडिंग होती है, एकदूसरे पर भरोसा होता है, एकदूसरे की कद्र होती है. सच्चा प्यार हमेशा के लिए होता है. इस में प्रेमी एकदूसरे से दिल की गहराइयों से जुड़े होते हैं. एकदूसरे के प्रति अपनीअपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है इसलिए उन्हें पता होता है कि सैक्स का सही समय शादी के बाद ही है और ऐसा करने के लिए वे एकदूसरे पर जोर भी नहीं डालते, क्योंकि इस के लिए इंतजार करना भी उन के इसी सच्चे प्यार का एक अहम हिस्सा होता है.

प्रेमी की पहचान करने का सही वक्त

यदि प्रेमी बारबार आप से शारीरिक संबंध बनाने पर जोर दे रहा है तो इस का मतलब उसे आप से ज्यादा इंट्रस्ट संबंध बनाने में है. उसे आप की भावनाओं का खयाल रखते हुए शादी तक इस चीज के लिए सब्र रखना चाहिए, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पा रहा है तो या तो उस की नीयत में खोट है या फिर वह आप का साथ निभाने के काबिल ही नहीं है.

सैक्स के नुकसान

बोरियत हो जाएगी

कुछ लोगों के लिए सैक्स ही सबकुछ होता है और जब उन्हें उस की पूर्ति हो जाती है तो उन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और फिर उन्हें प्रेमिका में कोई रुचि नहीं रहती. उन्हें उस के साथ समय बिताने, घूमने, हंसीमजाक करने में बोरियत लगने लगती है. ऐसे में रिश्ते का लंबे समय तक खिंच पाना मुश्किल हो जाता है.

प्रैग्नैंट हो गईं तो मुश्किल

बाजार में कई तरह के गर्भनिरोधक उपलब्ध हैं, लेकिन कई बार वे भी पूरी तरह से सक्षम नहीं होते. कई बार आप को पता भी नहीं चलता कि आप गर्भवती हैं और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इस के बाद मानसिक परेशानी का ऐसा दौर शुरू होता है जो आप को अंदर तक तोड़ कर रख देता है.

शादी न हुई तो दिक्कत

आज सारी परिस्थितियां आप के पक्ष में हैं और आप को लग रहा है कि आप के प्रेमी से ही आप की शादी होगी, लेकिन समय बदलते देर नहीं लगती, हो सकता है कल परिस्थितियां कुछ और हों. आप दोनों की किन्हीं कारणों से शादी न हो पाए, तो फिर क्या करेंगी?

जिस के साथ आप की शादी होगी अगर उस को आप के शादी से पहले के संबंधों के बारे में पता चल गया तो जिंदगी दूभर हो जाएगी या फिर हमेशा आप डरती रहेंगी कि कहीं यह बात खुल गई तो? ऐसे में आप शादी के बाद के खूबसूरत पलों को ढंग से ऐंजौय नहीं कर पाएंगी.

रिश्ते से बाहर आना मुश्किल

अगर आप अपने बौयफ्रैंड के साथ बिना संबंध बनाए डेट कर रहे हैं और आप को लगता है कि आप दोनों इस रिश्ते को आगे बढ़ाने में सहमत नहीं हैं तो रिश्ता खत्म करना आप के लिए काफी आसान होता है, लेकिन एक बार शारीरिक संबंध बन जाने के बाद उस रिश्ते से बाहर आना भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर बहुत कठिन हो जाता है.

मलाल न हो

आप जिस व्यक्ति के साथ संबंध बना रही हैं वह आप के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होना चाहिए. केवल शारीरिक जरूरतें पूरी करने के लिए संबंध बनाना सही नहीं है.

ब्लैकमेलिंग का शिकार न हों

कई बार देखने में आता है कि जिस पर हम सब से ज्यादा भरोसा करते हैं वही हमारा विश्वास तोड़ता है. आएदिन अखबार ऐसी सुर्खियों से भरे रहते हैं कि प्यार करने के बाद सैक्स किया, फिर धोखा दिया. अकसर प्रेमी इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं इसलिए अगर बौयफ्रैंड धोखेबाज निकला और उस ने आप का कोई वीडियो बना लिया और फिर इस के जरिए आप को ब्लैकमेल करने लगा तो फिर क्या होगा?

माना कि आप का बौयफ्रैंड ऐसा नहीं है पर यह काम उस का कोई दोस्त या कोई अनजान भी तो कर सकता है, तब क्या करेंगी? किस से मदद मांगेंगी? इसलिए ऐसा काम करना ही क्यों, जिसे करने के बाद परेशानी भुगतनी पड़े. इसलिए तमाम बातों को ध्यान में रख कर ही आगे कदम बढ़ाएं अन्यथा ताउम्र इस का दंश झेलना पड़ेगा.      

मैं पड़ोस की भाभी के साथ कई बार सेक्स कर चुका हूं. मेरी शादी नहीं हुई है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 22 साल का हूं और पड़ोस की भाभी से बहुत प्यार करता हूं. उन के साथ कई बार सेक्स कर चुका हूं. उन के 2 बच्चे हैं. मेरी शादी नहीं हुई है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
पड़ोस की भाभी के साथ मुफ्त की मलाई खाना बंद कर दें, वरना कभी भी बुरी तरह फंस सकते हैं. अगर कुछ कामधंधा करते हैं, तो शादी कर के घर बसा सकते हैं. भाभी व उन के बच्चों की जिंदगी तबाह न करें.

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सरिता घर से निकलीं तो बाहर बादल घिर आए थे. लग रहा था कि बहुत जोर से बारिश होगी. काश, एक छाता साथ में ले लिया होता पर अपने साथ क्याक्या लातीं. अब लगता है बादलों से घिर गई हैं. कभी सुख के बादल तो कभी दुख के. पता नहीं वे इतना क्यों सोचती हैं? देखा जाए तो उन के पास सबकुछ तो है फिर भी इतनी अकेली. बेटा, बेटी, दामाद, बहन, भाई, बहू, पोतेपोतियां, नाते-रिश्तेदार…क्या नहीं है उन के पास… फिर भी इतनी अकेली. किसी दूसरे के पास इतना कुछ होता तो वह निहाल हो जाता, लेकिन उन को इतनी बेचैनी क्यों? पता नहीं क्या चाहती हैं अपनेआप से या शायद दूसरों से. एक भरापूरा परिवार होना तो किसी के लिए भी गर्व की बात है, ऊपर से पढ़ालिखा होना और फिर इतना आज्ञाकारी.

बहू बात करती है तो लगता है जैसे उस के मुंह से फूल झड़ रहे हों. हमेशा मांमां कह कर इज्जत करना. बेटा भी सिर्फ मांमां करता है.  इधर सरिता खयालों में खो जाती हैं: बेटी कहती थी, ‘मां, तुम अपना ध्यान अब गृहस्थी से हटा लो. अब भाभी आ गई हैं, उन्हें देखने दो अपनी गृहस्थी. तुम्हें तो सिर्फ मस्त रहना चाहिए.’  ‘लेकिन रमा, घर में रह कर मैं अपने कामों से मुंह तो नहीं मोड़ सकती,’ वे कहतीं.  ‘नहींनहीं, मां. तुम गलत समझ रही हो. मेरा मतलब सब काम भाभी को करने दो न…’

ब्याह कर जब वे इस घर में आई थीं तो एक भरापूरा परिवार था. सासससुर के साथ घर में ननद, देवर और प्यार करने वाले पति थे जो उन की सारी बातें मानते थे. घर में किसी चीज की कमी नहीं थी पर बहुत पैसा भी नहीं था. घर का काम और बच्चों की देखभाल करते हुए समय कैसे बीत गया, वे जान ही न सकीं.

कमल शुरू से ही बहुत पैसा कमाना चाहते थे. वे चाहते थे कि उन के घर में सब सुखसुविधाएं हों. वे बहुत महत्त्वा- कांक्षी थे और पैसा कमाने के लिए उन्होंने हर हथकंडे का इस्तेमाल किया.   पैसा सरिता को भी बुरा नहीं लगता था लेकिन पैसा कमाने के कमल के तरीके पर उन्हें एतराज था, वे एक सुकून भरी जिंदगी चाहती थीं. वे चाहती थीं कि कमल उन्हें पूरा समय दें लेकिन उन को सिर्फ पैसा कमाना था, कमल का मानना था कि पैसे से हर वस्तु खरीदी जा सकती है. उन्हें एक पल भी व्यर्थ गंवाना अच्छा नहीं लगता था. जैसेतैसे कमल के पास पैसा बढ़ता गया, उन (सरिता) से उन की दूरी भी बढ़ती गई.

‘पापा, आज आप मेरे स्कूल में आना ‘पेरैंटटीचर’ मीटिंग है. मां तो एक कोने में खड़ी रहती हैं, किसी से बात भी नहीं करतीं. मेरी मैडम तो कई बार कह चुकी हैं कि अपने पापा को ले कर आया करो, तुम्हारी मम्मी तो कुछ समझती ही नहीं,’ रमा अपनी मां से शर्मिंदा थी क्योंकि उन को अंगरेजी बोलनी नहीं आती थी.

कमल बेटी को डांटने के बजाय हंसने लगे, ‘कितनी बार तो तुम्हारी मां से कहा है कि अंगरेजी सीख ले पर उसे फुरसत ही कहां है अपने बेकार के कामों से.’  ‘कौन से बेकार के काम. घर के काम क्या बेकार के होते हैं,’ वे सोचतीं, ‘जब घर में कोई भी नौकर नहीं था और पूरा परिवार साथ रहता था तब तो एक बार भी कमल ने नहीं कहा कि घर के काम बेकार के होते हैं और अब जब वे रसोईघर में जा कर कुछ भी करती हैं तो वह बेकार का काम है,’ लेकिन प्रत्यक्ष में कुछ नहीं कहा.

उस दिन के बाद कमल ही बेटी रमा के स्कूल जाने लगे. पैसा आने के बाद कमल के रहनसहन में भी काफी बदलाव आ गया था. अब वे बड़ेबड़े लोेगों में उठनेबैठने लगे थे और चाहते थे कि पत्नी भी वैसा ही करे. पर उन को ऐसी महफिलों में जा कर अपनी और अपने कीमती वस्त्रों व गहनों की प्रदर्शनी करना अच्छा नहीं लगता था.  एक दिन दोनों कार से कहीं जा रहे थे. एक गरीब आदमी, जिस की दोनों टांगें बेकार थीं फिर भी वह मेहनत कर के कुछ बेच रहा था, उन की गाड़ी के पास आ कर रुक गया और उन से अपनी वस्तु खरीदने का आग्रह करने लगा. सरिता अपना पर्स खोल कर पैसे निकालने लगीं लेकिन कमल ने उन्हें डांट दिया, ‘क्या करती हो, यह सब इन का रोज का काम है. तुम को तो बस पर्स खोलने का बहाना चाहिए. चलो, गाड़ी के शीशे चढ़ाओ.’

उन का दिल भर आया और उन्हें अपना एक जन्मदिन याद आ गया. शादी के बाद जब उन का पहला जन्मदिन आया था. उन दिनों उन के पास गाड़ी नहीं थी. वे दोनों एक पुराने स्कूटर पर चला करते थे. वे लोग एक बेकरी से केक लेने गए थे. कमल के पास ज्यादा पैसे नहीं थे पर फिर भी उन्होंने एक केक लिया और एक फूलों का गुलदस्ता लेना चाहते थे. बेकरी के बाहर एक छोटी बच्ची खड़ी थी. ठंड के दिन थे. बच्ची ने पैरों में कुछ भी नहीं पहना था. ठंड से वह कांप रही थी. उस की हालत देख कर वे रो पड़ी थीं. कमल ने उन को रोते देखा तो फूलों का गुलदस्ता लेने के बजाय उस बच्ची को चप्पलें खरीद कर दे दीं. उस दिन उन को कमल सचमुच सच्चे हमसफर लगे थे. आज के और उस दिन के कमल में कितना फर्क आ गया है, इसे सिर्फ वे ही महसूस कर सकती थीं.

तब उन की आंखें भर गई थीं. उन्होंने कमल से छिपा कर अपनी आंखें पोंछ ली थीं.  सरिता की एक आदत थी कि वे ज्यादा बोलती नहीं थीं लेकिन मिलनसार थीं. उन के घर में जो भी आता था वे उस की खातिरदारी करने में भरोसा रखती थीं पर कमल को सिर्फ अपने स्तर वालों की खातिरदारी में ही विश्वास था. उन्हें लगता था कि एक पल या एक पैसा भी किसी के लिए व्यर्थ गंवाना नहीं चाहिए.

सरिता की वजह से दूरदूर के रिश्तेदार कमल के घर आते थे और उन की तारीफ भी करते थे. ‘सरिता भाभी तो खाना खिलाए बगैर कभी भी आने नहीं देती हैं’ या फिर ‘सरिता भाभी के घर जाओ तो लगता है जैसे वे हमारा ही इंतजार कर रही थीं’, ‘वे इतने अच्छे तरीके से सब से मिलती हैं’ आदि.  लेकिन उन की बेटी ही उन्हें कुछ नहीं समझती है. रमा ने कभी भी मां को अपना हमराज नहीं बनाया. वह तो सिर्फ अपने पापा की बेटी थी. इस में उस का कोई दोष नहीं है. उस के पैदा होने से पहले कमल के पास बहुत पैसा नहीं था लेकिन जिस दिन वह पैदा हुई उसी दिन कमल को एक बहुत बड़ा और्डर मिला था और उस के बाद तो उन के घर में पैसों की रेलमपेल शुरू हो गई.

कमल समझते थे कि यह सब उस की बेटी की वजह से ही हुआ है. इसलिए वे रमा को बहुत मानते थे. उस के मुंह से निकली हर बात पूरा करना अपना धर्म समझते थे. जिस से रमा जिद्दी हो गई थी. सरिता उस की हर जिद पूरी नहीं करती थी, जिस के चलते वह अपने पापा के ज्यादा नजदीक हो गई थी.  धीरेधीरे रमा अपनी ही मां से दूर होती गई. कमल हरदम रमा को सही और सरिता को गलत ठहराते थे. एक बार सरिता ने रमा को किसी गलत बात के लिए डांटा और समझाने की कोशिश की कि ससुराल में यह सब नहीं चलेगा तो कमल बोल पड़े, ‘हम रमा का ससुराल ही यहां ले आएंगे.’

उस के बाद तो सरिता ने रमा को कुछ भी कहना बंद कर दिया. कमल रमा की ससुराल अपने घर नहीं ला सके. हर लड़की की तरह उसे भी अपने घर जाना ही पड़ा. जब रमा ससुराल जा रही थी तो सब रो रहे थे. सरिता को भी दुख हो रहा था. बेटी ससुराल जा रही थी, रोना तो स्वाभाविक ही था.  सरिता को मन के किसी कोने में थोड़ी सी खुशी भी थी क्योंकि अब उन का घर उन का अपना बनने वाला था. अब शायद सरिता अपनी तरह अपने घर को चला सकती थीं. जब से वे इस घर में आई थीं कोई न कोई उन पर अपना हुक्म चलाता था. पहले सास का, ननद का, फिर बेटी का घर पर राज हो गया था, लेकिन अब वे अपना घर अपनी इच्छा से चलाना चाहती थीं.

रमा अपने घर में खुश थी. उस ने अपनी ससुराल में सब के साथ सामंजस्य बना लिया था. जिस बात की सरिता को सब से ज्यादा फिक्र थी वैसी समस्या नहीं खड़ी हुई. सरिता भी खुश थीं, अपना घर अपनी इच्छा से चला कर, लेकिन उन की खुशी में फिर से बाधा पड़ गई. रमा घर आई और कहने लगी, ‘पापा, मां तो बिलकुल अकेली पड़ गई हैं. अब भैया की शादी कर दो.’  सरिता चीख कर कहना चाहती थीं कि अभी नहीं, कुछ दिन तो मुझे जी लेने दो. पर प्रत्यक्ष में कुछ नहीं कह पाईं और कुछ समय बाद रमा माला को ढूंढ़ लाई. माला उस के ससुराल के किसी रिश्तेदार की बेटी थी.

माला बहुत अच्छी थी. बिलकुल आदर्श बहू, लेकिन ज्यादा मीठा भी सेहत को नुकसान देता है. इसलिए सरिता उस से भी कभीकभी कड़वी हो जाती थी. माला बहुत पढ़ीलिखी थी. वह सरिता की तरह घरघुस्सू नहीं थी. वह मोहित के साथ हर जगह जाती थी और बहुत अच्छी अंगरेजी भी बोल लेती थी, इसलिए मोहित को उसे अपने साथ हर जगह ले जाने में गर्व महसूस होता था. उस ने रमा को भी अपना बना लिया था. रमा उस की बहुत तारीफ करती थी, ‘मां, भाभी बहुत अच्छी हैं. मेरी पसंद की हैं इसलिए न.’

सरिता को हल्के रंग के कपड़े पसंद थे. आज तक वे सिर्फ कपड़ों के मामले में ही अपनी मालकिन थीं लेकिन यहां भी सेंध लग गई. माला सरिता को सलाह देने लगी, ‘मां, आप इतने फीके रंग मत पहना करें, शोख रंग पहनें. आप पर अच्छे लगेंगे.’  कमल कहते, ‘अपनी सास को कुछ मत कहो, वे सिर्फ हल्के रंग के कपड़े ही पहनती हैं. मैं ने कितनी बार कोशिश की थी इसे गहरे रंग के कपड़े पहनाने की पर इसे तो वे पसंद ही नहीं हैं.’

‘कब की थी कोशिश कमल,’ सरिता कहना चाहती थीं, ‘एक बार कह कर तो देखते. मैं कैसे आप के रंग में रंग जाती,’ पर बहू के सामने कुछ नहीं बोलीं.

आज सुबह रमा को घर आना था. उन्होंने रसोई में जा कर कुछ बनाना चाहा. पर माला आ गई, ‘मां, लाइए मैं बना देती हूं.’

‘नहीं, मैं बना लूंगी.’

‘ठीक है. मैं आप की मदद कर देती हूं.’

उन्होंने प्यार से बहू से कहा, ‘नहीं माला, आज मेरा मन कर रहा है तुम सब के लिए कुछ बनाने का. तुम जाओ, मैं बना लूंगी.’

माला चली गई. पता नहीं क्यों खाना बनाते समय उन्हें जोर से खांसी आ गई. मोहित वहां से गुजर रहा था. वह मां को अंदर ले कर आया और माला को डांटने के लिए अपने कमरे में चला गया. सरिता उस के पीछे जाने लगीं ताकि उसे समझा सकें कि इस में माला का कोई दोष नहीं है. वे कमरे के पास गईं तो देखा दोनों भाईबहन बैठे हुए हैं. रमा आ चुकी थी और उन से मिलने के बजाय पहले अपनी भाभी से मिलने चली गई थी.

उन्होंने जैसे ही अपने कदम आगे बढ़ाए, रमा की आवाज उन के कान में पड़ी, ‘मां को भी पता नहीं क्या जरूरत थी किचन में जाने की.’

तभी मोहित बोल पड़ा, ‘पता नहीं क्यों, मां समझती नहीं हैं, हर वक्त घर में कुछ न कुछ करती रहती हैं जिस से घर में कलह बढ़ती है, मेरे और माला के बीच जो खटपट होती है उस का कारण मां ही होती हैं.’

‘क्या मैं माला और मोहित के बीच कलह का कारण हूं,’ सरिता सोचती ही रह गईं.

तभी माला की अवाज सुनाई पड़ी, ‘मैं तो हर वक्त मां का खयाल रखती हूं पर पता नहीं क्यों, मां को तो जैसे मैं अच्छी ही नहीं लगती हूं. अभी भी तो मैं ने कितना कहा मां से कि मैं करती हूं पर वे मुझे करने दें तब न.’

‘मैं समझती हूं, भाभी. मां शुरू से ही ऐसी हैं,’ रमा की आवाज आई.

‘मां को तो बेटी समझ नहीं पाई, भाभी क्या समझेगी,’ सरिता चीखना चाहती थीं पर आवाज जैसे गले में ही दब गई.

‘अच्छा, तुम चिंता मत करो, मैं समझाऊंगा मां को,’ यह मोहित की आवाज थी.

‘कभी मां की भी इतनी चिंता करनी थी बेटे,’ कहना चाहा  सरिता ने पर आदत के अनुसार फिर से चुप ही रहीं.

‘मैं देखती हूं मां को, कहीं ज्यादा तबीयत तो खराब नहीं है,’ माला बोली.

‘जब अपने ही मुझे नहीं समझ रहे तो तू क्या समझेगी जिसे इस घर में आए कुछ ही समय हुआ है,’ सरिता के मन ने कहा.

इधर, आसमान में बिजली के कड़कने की तेज आवाज आई तो वे खयालों की दुनिया से बाहर आ गईं. दरअसल, दोपहर का खाना खाने के बाद जब वे बाजार जाने के लिए घर से निकली थीं तो सिर्फ बादल थे पर जब जोर से बरसात होने लगी तो वे एक बारजे के नीचे खड़ी हो गई थीं. और अब फिर सोचने लगीं कि अगर वे भीग कर घर जाएंगी तो सब क्या कहेंगे? रमा अपनी आदत के अनुसार कहेगी, ‘मां को बस, भीगने का बहाना चाहिए.’

कमल कहेंगे, ‘कितनी बार कहा है कि गाड़ी से जाया करो पर नहीं’.  मोहित कहेगा, ‘मां, मुझे कह दिया होता, मैं आप को लेने पहुंच जाता.’

बहू कहेगी, ‘मां, कम से कम छाता तो ले ही जातीं.’

सरिता ने सारे खयाल मन से अंतत: निकाल ही दिए और भीगते हुए अकेली ही घर की तरफ चल पड़ीं.

मुझ में सेक्स की कूवत नहीं है, क्योंकि लगातार हस्तमैथुन करने से मेरा अंग छोटा व पतला हो गया है, क्या करूं?

सवाल
मैं 26 साल का हूं. मेरी शादी हो चुकी है, पर मुझे लगता है कि मुझ में हमबिस्तरी करने की कूवत नहीं है, क्योंकि लगातार हस्तमैथुन करने से मेरा अंग छोटा व पतला हो गया है. क्या करूं?

जवाब
हस्तमैथुन से हमबिस्तरी करने की कूवत कम नहीं होती. छोटेपतले अंग से भी इस काम में फर्क नहीं पड़ता. हमबिस्तरी से पहले बीवी के अंगों को सहला कर उसे तैयार करें, फिर दिमाग में कोई वहम लाए बगैर हमबिस्तरी करें.

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एक औसत दर्जे के सेक्स से समझौता करने की कोई वजह नहीं है, जब आप हर बार, हर स्थिति में सेक्स का लाजवाब अनुभव ले सकती हैं. चाहे आप पहली बार सेक्स कर रही हों या यह केवल एक रात के आनंद की बात हो. हमारे पास हर स्थिति को यादगार और शानदार बनाने के नियम हैं. जरूरत है तो बस इनका पालन करने की.

स्थिति: जब आप पहली बार सेक्स कर रही हों

क्या करें: यह जरूरी नहीं है कि सेक्स का पहला अनुभव सपनों जैसा और यादगार ही हो. बजाय इसके संभावना इस बात की ज्यादा है कि यह बेतुका, अजीब और अनिश्चित हो सकता है. आपकी उम्मीदों से कहीं बदतर साबित हो सकता है.

पहले सेक्स के अनुभव को आनंददायक बनाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है-उस क्षण का भरपूर आनंद उठाएं-बिना किसी चिंता या भय के. ‘‘धीरे-धीरे आगे बढ़ें और सहज बनी रहें,’’ कहती हैं डा. अवनी तिवारी, सीनियर कंसल्टेंट और सेक्सोलॉजिस्ट, मेट्रो मल्टीस्पेशिऐलिटी हौस्पिटल नोएडा. ‘‘जल्दबाज़ी न करें और न ही ख़ुद पर दबाव डालें. अपनी व्यग्रता और चिंता को छिपाने के लिए ड्रिंक न करें. यदि आप पहले सेक्स की बेहतर यादें चाहती हैं तो होश में बनी रहें. सेक्स के बारे में जानकारी हासिल करें. एक अनाड़ी पार्टनर सेक्स का मूड खराब कर सकता है. तो देर न करें, सेक्स के बारे में जानकारी हासिल करना शुरू कर दें.’’

सलाह : आपके शरीर से वे उतने ही अपरिचित हैं, जितनी अनजान आप उनके शरीर से हैं. अत: उनसे पूछें कि वे क्या चाहते हैं और उन्हें बताएं कि आपको आनंद कैसे मिल सकता है. प्रत्येक एहसास और स्पर्श का आनंद उठाएं और उन्हें भी इसका आनंद लेने दें.

स्थिति: जब आप रोमांच के मूड में हों

क्या करें: सेक्स का पारंपरिक तरीका कंफर्ट फूड की तरह है. इससे आपकी भूख तो मिट सकती है, पर लालसा अतृप्त रह जाती है. ‘‘मेरे पति बिस्तर पर अच्छे हैं, लेकिन वे प्रयोग करने में आगे नहीं बढ़ना चाहते. वहीं मैं कई सारी चीजें आजमाना चाहती हूं – रोल प्ले से लेकर ब्लाइंड फ़ोल्ड्स तक,’’ कहती हैं श्रीमोई सेन. पिछली बार जब मैं कुछ नया करना चाह रही थी, तब उन्होंने कोई खास रुचि नहीं दिखाई. उसके बाद तो उनसे कुछ नया करने का आग्रह करना और भी मुश्किल हो गया.’’

विविधता और नए प्रयोग करना स्वस्थ्य और रोमांचक सेक्स जीवन की कुंजी है. हां, इसके लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पार्टनर को भी यह पसंद हो. वे जिसमें सहज महसूस नहीं करते, उनपर वह करने का दबाव डालना सही नहीं होगा.

‘‘यदि आप उनसे कुछ नया करवाना चाहती हैं तो आपको पहले यह जानना होगा की क्या वे रोमांच के लिए तैयार हैं?’’ कहते हैं डा. राजेश गोयल, कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट, सर गंगाराम हौस्पिटल. ‘‘यदि वे आपके विचारों से सहमत नहीं हैं तो उन्हें बातचीत द्वारा तैयार करने की कोशिश करें. यदि उन्हें चौंकाना चाहेंगी तो हो सकता है चीजें आपकी योजनानुसार न हों. यह न केवल तनावपूर्ण हो सकता है, बल्कि इससे सेक्शुअल चोट का भी खतरा होता है.’’

जानकारी : वर्ष 2014 में जरनल औफ यूरोलौजी में छपे एक अध्ययन के अनुसार वुमन औन टौप पोजिशन पुरुषों के लिए खतरनाक हो सकती है. उन्हें पीनाइल फ्रैक्चर का खतरा रहता है.

स्थिति: जब आप अपने रिश्ते की गर्मजोशी फिर तलाश रही हों

क्या करें: समय के साथ सेक्स में नीरसता आना स्वाभाविक है. कपल्स का सेक्स जीवन एक ढर्रे पर चलने लगता है. उनके बीच की गर्मजोशी कम हो जाती है. सेक्स की बारंबारता और विविधता में भी कमी देखी जाती है. बच्चों की मौजूदगी, औफिस का तनाव और रोजमर्रा के जीवन की चुनौतियां आपकी सेक्स जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर देती हैं. फिर भी अच्छी बात यह है कि आप थोड़े-से दिमागी व्यायाम से अंतरंग पलों में दोबारा जान डाल सकती हैं.

‘आपका मस्तिष्क सेक्स के लिए इस्तेमाल होनेवाला सबसे शक्तिशाली अंग है.’ यकीन मानिए यह बात पूरी तरह सच है. मुंबई के सेक्सोलौजिस्ट डा. राज ब्रह्मभट्ट कहते हैं, ‘‘नई चीजें आजमाने से अंतरंग पलों के रोमांच को दोबारा पाया जा सकता है. नीरसता को दूर करने के लिए नए सेक्शुअल पोजिशन्स अपनाएं. रोल प्ले आजमाएं या बिस्तर पर कुछ उत्तेजक खेल खेलें. विकल्प अंतहीन हैं.’’

अपने दिमाग की सबसे तीव्र सेक्शुअल फंतासी को आजमाने का वक्त आ गया है. सप्ताहांत में शहर से दूर चले जाएं और एजेंडे पर सिर्फ और सिर्फ सेक्स ही हो. ऐसा सोचें कि आप पहली डेट पर हैं और एक-दूसरे के करीब आने के लिए बेताब हैं. आप स्ट्रिप पोकर जैसे गेम्स खेल सकते हैं और एक-दूसरे को सेक्स मैसेजेस भेज सकते हैं.

सलाह : ‘‘प्यार और सेक्स कभी मरते नहीं. वे तो रोजाना की चिंताओं के पीछे छुप भर जाते हैं. अपने मतभेदों को भुलाकर अपनी सारी ऊर्जा सेक्स में लगा दें,’’ कहते हैं डा. गोयल.

स्थिति: जब आप वन नाइट-स्टैंड आजमा रही हों

क्या करें: वन नाइट स्टैंड का विचार आते ही दिमाग में एक सेक्सी अजनबी से मिलने का दृश्य आ जाता है. फिर आप उसके साथ होटल के एक कमरे में जाकर जीवन के सबसे बेहतरीन सेक्स का आनंद उठाती हैं. इस बात से बेफिक्र होकर कि वह शादीशुदा है या आपमें सचमुच रुचि लेने लगा है-बस सेक्स का मजा लेने के लिए सेक्स करना अपने आप में अद्भुत होता है. फिर भी आगे-पीछे की सोचकर कभी-कभी मूड खराब भी हो सकता है.

‘‘एक कौन्फ्रेंस के दौरान मैंने अपने एक दूसरे शहर के कलीग के साथ वन नाइट स्टैंड किया था,’’ कहती हैं बृंदा सिंह. ‘‘जबकि वो सेक्स के दौरान काफी खुश था, पर मैंने अपना ज्यादातर समय इस चिंता में बिता दिया कि कहीं वो बाकी टीम को इस बारे में बता न दे. शुक्र है कि उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया. पर मैंने महसूस किया कि वन नाइट स्टैंड केवल ऐसे व्यक्ति के साथ ही आजमाना चाहिए जिससे कभी दोबारा मिलने की संभावना न हो.’’ वहीं डा. तिवारी कहती हैं, ‘‘बिना किसी प्रतिबद्धता वाला सेक्स, वन नाइट स्टैंड और केवल सेक्स फ्रेंड जैसे मुद्दे बेहद पेचीदा होते हैं. आप दोनों के बीच चीजें बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए. हालांकि कई लोगों को आगे विश्वास की कमी का सामना करना पड़ता है.’’

सलाह : गर्भनिरोधक का प्रयोग करना न भूलें, क्योंकि जाहिर है आप एक अनचाहा गर्भ नहीं चाहेंगी और न ही एसटीडी. खुद कंडोम रखें, पार्टनर के भरोसे न रहें.

मैं अपनी बहन की बेटी से प्यार करता हूं. अब उस की शादी की बात चल रही है, हमें क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 25 साल का हूं और 21 साल की लड़की से 9 सालों से प्यार करता हूं. वह लड़की मेरी फुफेरी बहन की बेटी है. अब उस की शादी की बात चल रही है. समाज के डर से हम लोग किसी से कुछ बता भी नहीं सकते. हमें क्या करना चाहिए?

जवाब
रिश्ते में वह लड़की आप की भांजी हुई. लिहाजा, आप को भी मामा का ही रिश्ता निभाना चाहिए. बात चूंकि गलत है, इसीलिए आप को समाज का डर लगता है. अब आप भांजी की शादी होने दें और अपनी गलत भावनाओं को कुचल दें. वक्त आने पर आप को बाहर की सही लड़की जरूर मिलेगी.

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एक ओर जहां दुनिया को कामसूत्र जैसा कामशास्त्र ग्रंथ देने वाले भारत में वर्तमान में प्यार करने वालों पर पाबंदी लगाने के प्रयास शुरू हो गए हैं, वहीं न्यूयौर्क यूनिवर्सिटी में प्यार की क्लास लगाई जा रही है और यह क्लास एक अंडरग्रैजुएट कोर्स के अंतर्गत होती है. डाक्टर मेगन पाई प्यार की इस क्लास का संचालन करती हैं. डाक्टर मेगन ने ही प्यार के इस कोर्स को तैयार किया है. आप को जान कर हैरानी होगी कि कोर्स शुरू होने के साथसाथ बेहद लोकप्रिय भी हो रहा है और सिर्फ पिछले 2 साल में ही इस कोर्स में छात्रों की संख्या तीनगुना हो गई है.

प्यार की इस क्लास का नाम लव ऐक्चुअली रखा गया है जिस में पहला सैमेस्टर मुख्य रूप से लोगों के प्यार के साथ कैसे अनुभव रहे हैं, इस के आधार पर होता है. कोर्स 2 डायरैक्शन में आगे बढ़ता है, हौरिजैंटल और वर्टिकल. हौरिजैंटल ट्रैजेक्ट्री में जहां कोर्स आप की पूरी लाइफ के दौरान होने वाले अलगअलग तरह के प्यार के रिश्तों पर बात करता है वहीं वर्टिकल ट्रैजेक्ट्री स्टूडैंट से शुरू हो कर फैमिली लव के बारे में बात करता है. कोर्स न्यूयौर्क यूनिवर्सिटी के चाइल्ड ऐंड ऐडोलोसैंट मैंटल हैल्थ स्टडी डिपार्टमैंट के तहत चलाया जाता है. इस डिपार्टमैंट के तहत इस तरह के और भी कई कोर्स चलाए जाते हैं, जिन में हैप्पीनैस और स्लीप से जुड़े कोर्स भी शामिल हैं.

प्यार के अलगअलग प्रकारों के बारे में  मेगन का कहना है कि इस कोर्स के अंतर्गत हम मातापिता और नवजात के प्यार, दोस्ती, खुद से प्यार, अपने पैशन के प्रति प्यार, मैटर और स्टूडैंट के बीच प्यार के बारे में बात करते हैं.

प्यार की इस क्लास का एक बड़ा हिस्सा स्टूडैंट्स को विस्तार से बताता  है कि आखिर लव यानी प्यार का आइडिया क्या है और इस कौंसैप्ट के अंदर क्या छिपा है. यहां रोमांटिक लव को भी समय दिया जाता है.

प्यार और रोमांस की एक ऐसी ही अन्य क्लास चीन की तियानजिन यूनिवर्सिटी में भी लगती है जहां बाकायदा थ्योरी के साथ रोमांस की प्रैक्टिकल तकनीक भी बताई जाती है. थ्योरी इन लव ऐंड डेटिंग नाम से चलने वाले इस कोर्स का मकसद स्टूडैंट्स को रिलेशनशिप में स्ट्रौंग करना है. इस यूनिवर्सिटी में विषय कोई और नहीं सिर्फ और सिर्फ प्यार और रोमांस का होता है. यहां युवकों को पर्सनैलिटी अपग्रेड, युवतियों से बात करने का तरीका, रोमांस करने और क्लास में स्टूडैंट्स को अपोजिट रोमांस को अपनी तरफ आकर्षित करने और अपोजिट सैक्स के साथ कम्युनिकेशन बिल्ड करने के तरीके भी बताए जाते हैं.

प्यार और रोमांस की इस क्लास में यह भी सिखाया जाता है कि प्रपोजल ठुकराए जाने पर किस तरह का व्यवहार किया जाए. साथ ही रोमांटिक रिलेशनशिप से जुड़ी कुछ लीगल प्रौब्लम्स के बारे में जानकारी दी जाती है.

प्यार और रोमांस के इस कोर्स में इंसान को दूसरों से प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना भी सिखाया जाता है. हिंसा और नफरत के इस दौर में प्यार पर आधारित इस क्लास की दरअसल पूरे विश्व को जरूरत है.

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