सरकारी अस्‍पतालों में बेटियों का जन्‍मदिन मनाएगी योगी सरकार

उत्‍तर प्रदेश में पहली बार महिलाओं व बेटियों के लिए शुरू किए गए इस वृहद अभियान से उनमें उत्‍साह देखने को मिल रहा है. आधी आबादी को सशक्‍त बनाने के सरकारी प्रयास जमीनी स्‍तर पर रंग ला रहे हैं. प्रदेश की महिलाओं व बेटियों को इस अभियान से न सिर्फ सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल रही है बल्कि उनको इन योजनाओं का लाभ भी सीधे तौर पर मिल र‍हा है.

इस दिशा में एक सकारात्‍मक कदम उठाते हुए 22 जनवरी को सरकारी अस्‍पतालों में जन्‍म लेने वाली बेटियों का जन्‍मदिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया है जिसके तहत योगी सरकार की ओर से मां व बेटी को उपहार भी दिए जाएंगे.

 गुड्डा- गुड्डी बोर्ड

मिशन शक्ति के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम को बढ़ावा देते हुए यूपी के जनपदों में एक जनवरी से 20 जनवरी तक जन्‍म लेने वाली बेटियों की संख्‍या के बराबर वृक्षारोपण का कार्य भी किया जाएगा. बता दें कि इन वृक्षों के संरक्षण का दायित्‍व पुरूषों को सौंपा जाएगा. बालिकाओं के निम्‍न लिंगानुपात वाले ब्‍लॉकों की सभी ग्राम सभाओं से डिजिटल एनालॉग गुड्डा-गुड्डी बोर्ड की शुरूआत की जाएगी. इसका क्रियान्‍वन करते हुए समस्‍त ग्राम पंचायतों में छह माह के अंदर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में भी इसे शामिल किया जाएगा.

उत्‍तर प्रदेश में लगेगी प्रशासन की पाठशाला

प्रदेश में बेटियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए अभियान के जरिए प्रशासन की पाठशला कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसके तहत उन बालिकाओं और महिलाओं की काउंसलिंग की जाएगी जो विभिन्‍न प्रशासनिक सेवाओं जैसे पुलिस, फौज, एयरफोर्स समेत मेडिकल, इंजीनियरिंग व उद्योग जगत में आगे बढ़ने का सपना देख रहीं हैं. कार्यक्रम में जिलाधि‍कारियों व उच्‍चधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन कैरियर काउंसलिंग शिविरों का आयोजन कर उनकी काउंसलिंग की जाएगी.

हक की बात जिलाधिकारी के साथ

मिशन शक्ति अभियान के तहत हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश स्‍तर पर 24 फरवरी को किया जाएगा. इस बार जिलाधिकारी किशोरियों व महिलाओं से दो घंटें तक संवाद स्थापित कर यौन शोषण, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, कन्‍या भ्रूण हत्‍या, कार्यस्‍थल पर लैगिंक हिंसा और दहेज उत्‍पीड़न जैसे मुद्दों पर बात करेंगे. इन मुद्दों पर महिलाओं व बेटियों को संरक्षण, सुरक्षा, सुझाव और सहायता भी देंगें. उत्‍तर प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी वेबिनार, चौपालों, ऑनलाइन बैठक और वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिए किशोरियों व महिलाओं से रूबरू होगें.

दिल्ली-लखनऊ में हिंसा आर या पार, नागरिकता बिल पर बवाल

19 दिसंबर की दिल्ली की ये हिंसा इस कदर हावी हो गई की लोगों के मन में डर बैठ गया है. लोग सहम रहे हैं. इस हिंसा को देख तो यही लगता है कि अब तो दिल्ली की ये हिंसा आर या पार. इस बढ़ती हिंसा के चलते राजधानी दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया, जिसमें भगवान दास, राजीव चौक, जनपथ, वसंत विहार, कल्याण मार्ग, मंडी हाउस, खान मार्केट, जामा मस्जिद, लालकिला, जामिया विश्वनिद्याल, मुनेरका, केंदीय सचिवालय, चांदनी चौक, शाहीन बाग ये सभी मेट्रो स्टेशन शामिल हैं.

लालकिला, मंडीहाउस समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं दिल्ली के जहां पर गुरुवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया और जगह-जगह पर आगजनी, तोड़-फोड़, पथराव किया. पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी, आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. ऐसा नहीं है कि इस प्रदर्शन में केवल विद्यार्थी ही शामिल हैं बल्कि इस प्रदर्शन में कुछ नेता भी शामिल हैं. एक खबर के मुताबिक इतिहासकार रामचंद्र गुहा और बेंगलुरु में लेखक को तो हिरासत में लिया गया साथ ही योगेंद्र यादब, उमर खालिद, संदीप दीक्षित, प्रशांत भूषण जैसे नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है.

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ये सभी नेता नागरिकता बिल को लेकर प्रदर्शन में शामिल है. मेंट्रो के बंद हो जाने के कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है. तो वहीं राजधानी दिल्ली में कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है. कालिंग सुविधा बंद कर दी गई है. एसएमएस तक पर रोक लगा दी गई है. ताकि हिंसा को बढ़ावा देने वाले कुछ अवांछनीय तत्व जो अफवाह फैला रहे हैं वो ना कर पाए. लेकिन ऐसे में उन क्षेत्रों में रहने वाले आम नागरिक परेशानी उठा रहे हैं.

इधर जामिया हिंसा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस पर सुनवाई अब चार फरवरी को होगी. एक तरफ दिल्ली में हिंसा उग्र होती जा रही है तो वहीं गुरुवार को लखनऊ में भी हिंसा अपने चरम पर पहुंचता हुआ नजर आया. वहां पर प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे. कई जगहों पर आगजनी, तोड़फोड़ की और इतना ही नहीं बल्कि एक ओबी वैन को भी आग के हवाले कर दिया. कई गाड़ियां धू-धू कर जल रहीं थीं. रोडवेज बसों को भी आग के हवाले कर दिया.

हालांकि जहां पर भी सार्वजनिक संपत्ति को प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया है वहां पर सरकार कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई करेगी. लखनऊ के डालीगंज इलाके में हिंसा इतनी तेज हो गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़ें. लखनऊ के इस बढ़ती हिंसा में दो पुलिस बूथ भी बुरी तरह से स्वाहा हो गए. वहां पर इस हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. हिंसा का ये रूप देखकर कोई भी सहम जाए. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में झड़प हो रही है. प्रदर्शनकारी पुलिस पर उल्टा पथराव करने पर उतारू हैं.

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खबरों के मुताबिक सीएम योगी इन सब को देख कर काफी नाराज हैं और उन्होंने कहा है कि जो भी उपद्रवी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन सबको भरपाई करनी पड़ेगी. उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस इस पर चर्चा के लिए बैठक भी बुलाई है. शायद ये कड़ा रुख अपनाना जरूरी भी था. उपद्रवीयों ने लखनऊ में 20 बाइक, 10 कार व 3 बसों को जला डाला. इतना ही नहीं कवर करने के लिए गई चार मीडियो ओबी वैन को भी आग के हवाले कर दिया. ना जाने ये प्रदर्शन कब तक चलेगा और देश को कब तक इसमें जलना पड़ेगा, क्योंकि ये हिंसा बहुत ही खतरनाक रूप लेती जा रही है और सरकार को जल्द ही इस पर कोई कड़ा रूख अपनाना होगा.

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