सौजन्य-सत्यकथा
विधायक अफजल अंसारी मुलायम सिंह के हुए तो मुख्तार अंसारी ने भी मायावती को छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया. बाद के दिनों में बड़े आपराधिक कारनामों को अंजाम दे कर मुख्तार अंसारी ने सब को सकते में डाल दिया. ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, रेलवे ठेकेदारी में अंसारी का कब्जा बरकरार था, जिस के दम पर उस ने अपनी सल्तनत खड़ी की.
मऊ की जनता का कहना है मुख्तार अंसारी गरीबों के मसीहा हैं. अमीरों से लूटते हैं तो गरीबों में बांटते हैं. मुख्तार अंसारी पुलों, अस्पतालों और स्कूल कालेजों पर अपनी विधायक निधि से 20 गुना ज्यादा पैसे खर्च करते थे.
यही वो वक्त था, जब मुख्तार की रौबिनहुड इमेज पर बसपा ने बहुत जोर दिया. 2009 के लोकसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी बनारस से खड़ा हुआ और बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी से हार गया.
खास बात यह थी कि मुख्तार ने यह पूरा चुनाव जेल के अंदर से ही संभाला. मुख्तार जब गाजीपुर की जेल में था तभी पुलिस रेड में पता चला कि उस की जिंदगी जेल में बाहर से भी ज्यादा आलीशान और आरामदायक है. अंदर फ्रिज, टीवी से ले कर खाना बनाने के बरतन तक मौजूद थे. इस पर उसे मथुरा जेल भेज दिया गया.
साल 2010 में बसपा ने मुख्तार के आपराधिक मामलों को स्वीकारते हुए उसे पार्टी से निकाल दिया. अब मुख्तार ने अपने भाइयों के साथ नई पार्टी बनाई, जिस का नाम था- कौमी एकता दल. जिस से वह 2012 में मऊ से विधानसभा का चुनाव जीत गया. 2014 में मुख्तार ने ऐलान किया कि वह बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा, लेकिन बाद में उस ने यह कह कर आवेदन वापस ले लिया कि इस से वोट सांप्रदायिकता के आधार पर बंट जाएंगे.
2016 में जब मुख्तार अंसारी को सपा में शामिल करने की बात आई, तो उस वक्त मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्री बलराम यादव को मंत्रिमंडल से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया. बलराम यादव ने ही मुख्तार अंसारी को सपा में लाने की बात कही थी.
किसी तरह मुलायम सिंह से कहसुन कर बलराम यादव तो पार्टी में वापस आ गए, लेकिन अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल न करने की बात पर अड़े रहे. इस के बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजल अंसारी ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का मायावती की पार्टी बीएसपी में विलय कर लिया.
बहरहाल, विधायक मुख्तार अंसारी तमाम गुनाहों की सजा काटने के लिए 2006 से विभिन्न जेलों में बंद था. फिर उसे बांदा जेल में लाया गया था.
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23 जनवरी, 2019 को बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से पंजाब की मोहाली जेल ले जाया गया. अंसारी को मोहाली के बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगे जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में उसे 24 जनवरी को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में मोहाली की रोपड़ जेल भेज दिया. तब से वह मोहाली जेल में बंद है. बाहुबली मुख्तार अंसारी के गुनाहों का शिकंजा उस के घर वालों पर कसता जा रहा है.
गाजीपुर जिले के विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर कोर्ट) गौरव कुमार की अदालत ने 19 सितंबर, 2020 को मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशां अंसारी और 2 सालों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है. कोतवाली पुलिस द्वारा दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में तीनों फरार चल रहे हैं.
एसपी डा. ओ.पी. सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रदेश भर में माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ अभियान चल रहा है.
नगर कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के वांछित आईएस-191 गैंग के लीडर मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशां अंसारी और उस के सालों शरजील रजा व अनवर शहजाद के खिलाफ गैंगस्टर कोर्ट द्वारा गैरजमानती वारंट जारी किया गया था.
अब बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, उस के घर वालों, रिश्तेदारों और करीबियों की सूची तैयार कर प्रदेश भर में काररवाई की जा रही है. पुलिस जांचपड़ताल में मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशां अंसारी व उस के साले शरजील रजा और अनवर शहजाद द्वारा संगठित आपराधिक गिरोह के रूप में अपराध के मामले सामने आए थे.
साथ ही छावनी लाइन स्थित भूमि गाटा संख्या-162 और बवेरी में भूमि आराजी नंबर-598 कुर्क शुदा जमीन पर अवैध कब्जे का मामला भी सामने आया था. इस के अलावा आरोपी शरजील रजा और अनवर शहजाद द्वारा सरकारी ठेका हासिल करने के लिए फरजी दस्तावेज तैयार कर प्रस्तुत करने की बात भी सामने आई थी.
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इस संबंध में भी थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना और आरोप पत्र अदालत में भेजा गया है, जबकि आरोपी आफशां अंसारी द्वारा सरकारी धन के गबन व अमानत में खयानत के आपराधिक कृत्य के संबंध में भी सैदपुर में मुकदमा पंजीकृत है.
इन आपराधिक मामलों पर प्रभावी काररवाई करते हुए पुलिस ने साले शरजील रजा, अनवर शहजाद और पत्नी आफशां अंसारी के खिलाफ बीते 12 सितंबर, 2020 को गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था. मुकदमा दर्ज होते ही तीनों फरार हो गए.
बहरहाल, मुख्तार अंसारी के जुर्म की दास्तानों पर कई सनसनीखेज किताबें लिखी जा सकती हैं. फिर भी उस के जुर्म की दास्तान कम पड़ जाएगी. शासन मुख्तार अंसारी द्वारा जुर्म कर के बटोरी संपत्ति का लेखाजोखा जुटा रहा है.
—कथा पुलिस सूत्रों आधारित



