मेरे Parents घर से बेदखल करना चाहते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं अपने मातापिता का इकलौता पुत्र हूं. मैं ने अपनी मरजी से शादी की है. लड़की नेपाली है, इसलिए मातापिता को वह बिलकुल पसंद नहीं, क्योंकि उन्होंने मेरे लिए अपनी जात (पंडित) की लड़की पसंद की हुई थी.

मेरे पिता जातबिरादरी को बहुत महत्त्व देते हैं. मैं अब पत्नी के साथ अलग एक किराए के मकान में रहता हूं. मेरी कोई खास जौब नहीं है और पत्नी की भी कोई खास आमदनी नहीं है. अब आटेदाल का भाव पता चल रहा है. पिता कहते हैं कि मुझे संपत्ति से बेदखल कर देंगे. क्या वे ऐसा कर सकते हैं. इकलौता पुत्र होने के नाते क्या उन की संपत्ति पर मेरा कोई कानूनी अधिकार नहीं है?

जवाब

कानूनन जो संपत्ति किसी व्यक्ति ने खुद की कमाई से अर्जित की है या खुद बनवाई है, उस संपत्ति के ऊपर व्यक्ति के बेटे या बेटी का कानूनी रूप से कोई अधिकार नहीं होता है. हां, यदि आप के पिता को संपत्ति अपने पूर्वजों से प्राप्त हुई है तो उस पैतृक संपत्ति पर आप का भी पूर्ण अधिकार है. लेकिन पिता की मृत्यु के बाद ही पैतृक संपत्ति में अपने अधिकार का दावा कर सकते हैं. फिलहाल आप के पिता जब तक जीवित हैं, संपत्ति पर उन्हीं का मालिकाना हक है. वे अपनी मरजी से अपनी पैतृक संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को बेच भी सकते हैं या किसी के नाम पर वसीयत भी कर सकते हैं.

यदि पिता अपनी संपत्ति किसी के नाम नहीं करते हैं और उन की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के वैध उत्तराधिकारियों के बीच पैतृक संपत्ति का बंटवारा कर दिया जाता है.

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पति की चाह पर आखिर आप की न क्यों

हिंदी फिल्म ‘की एंड का’ में गृहिणी की भूमिका निभा रहा नायक पति की भूमिका निभा रही नायिका से रात में बिस्तर पर कहता है कि आज नहीं डार्लिंग, आज मेरे सिर में दर्द है. तात्पर्य यह कि यदि लड़का पत्नी की भूमिका निभाएगा, तो सैक्स के नाम पर उस के भी सिर में दर्द उठेगा. ऐसा क्यों होता है कि पति की तुलना में पत्नी को संभोग के प्रति थोड़ा ठंडा माना जाता है? सिरदर्द की बात चाहे बहाने के रूप में हो या सचाई, निकलती पत्नी के मुख से ही है. क्या वाकई सहवास का जिक्र पत्नियों के सिर में दर्द कर देता है? यदि पत्नी के मन में अपने पति के प्रति आकर्षण या प्रेम में कुछ कमी है, तो रोमांटिक होना कष्टदाई हो सकता है. लेकिन जब नानुकुर बिना किसी ठोस कारण हो तब?

मर्द और औरत की सोच का फर्क

सैक्स के मामले में मर्द और औरत भिन्न हैं. एक ओर जहां मर्द का मन स्त्री की शारीरिक संरचना के ध्यान मात्र से उत्तेजित हो उठता है, वहीं एक स्त्री को भावनात्मक जुड़ाव तथा अपने पार्टनर पर विश्वास सहवास की ओर ले जाता है. एक स्त्री के लिए संभोग केवल शारीरिक नहीं अपितु मानसिक और भावनात्मक स्तर पर होता है. पुरानी हिंदी फिल्म ‘अनामिका’ का गाना ‘बांहों में चले आओ…’ हो या नई फिल्म ‘रामलीला’ का गाना ‘अंग लगा दे…’ ऐसे कितने ही गाने इस विषय को उजागर करते हैं. जो पत्नियां अपने पति से प्यार करती हैं और उन पर विश्वास रखती हैं, उन के लिए संभोग तीव्र अंतरंगता और खुशी को अनुभव करने का जरीया बन जाता है. किंतु जिन पतिपत्नी का रिश्ता द्वेष, ईर्ष्या और अनबन का शिकार होता है वहां सहवास को अनैच्छिक रूप में या बदले के तौर पर महसूस किया जाता है. लेकिन कई बार हमारी अपनी मानसिकता, हमारे संस्कार, हमारी धारणाएं सैक्स को गलत रूप दे डालती हैं और हम अनजाने ही उसे नकारने लगते हैं. इस का इलाज संभव है और आसान भी.

क्या कहता है शोध

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के यौन चिकित्सा कार्यक्रम की निर्देशिका डा. रोसमैरी बेसन कहती हैं कि स्त्रियों में यौनसंतुष्टि से जुड़ी सब से बड़ी शिकायत उन में इच्छा, उत्तेजना और यौन संतुष्टि की कमी होती है.

एक और खास मुद्दा लैंगिक विभिन्नता का है. जहां एक ओर एकतिहाई औरतों में मर्दों से अधिक कामुकता होती है, वहीं दूसरी ओर दोतिहाई जोड़ों में मर्दों की कामप्रवृत्ति औरतों से ज्यादा होती है. इसी कारण ऐसे जोड़े में एक स्त्री को कामोत्तेजित पुरुष की वजह से अपनी कामेच्छा को अनुभव करने का मौका नहीं मिल पाता है.

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की डा. लौरी मिंज अपनी पुस्तक ‘अ टायर्ड विमंस गाइड टु पैशिनेट सैक्स,’ में बताती हैं कि जहां औरतों की कामप्रवृत्ति अधिक होती है, वहां भी रोजमर्रा की गृहस्थी संबंधी जिम्मेदारियों के कारण वे कामोत्तेजना तथा यौनसंतुष्टि नहीं भोग पाती हैं.

भारतीय कानून का नजरिया

जो पत्नी बिना कारण अपने पति को लगातार सैक्स से वंचित रखती है या सिर्फ अपनी मरजी से ही संबंध स्थापित करना चाहती है, उसे खुदगर्ज कहना अनुचित न होगा. भारतीय कोर्ट पति या पत्नी द्वारा बिना कारण लंबे समय तक अपने पार्टनर को सैक्स से वंचित रखने को मानसिक क्रूरता की श्रेणी में रखते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कोर्ट ने सुनवाई में इस दलील पर तलाक तक की मंजूरी दे दी. अप्रैल, 2005 में पति केशव ने मद्रास हाई कोर्ट में पत्नी सविता के खिलाफ लंबे समय तक अंतरंग संबंध स्थापित न करने देने पर तलाक की मांग की, जिस की उसे मंजूरी मिल गई. मद्रास हाई कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ पत्नी सविता सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां न्यायाधीश ज्योति मुखोपाध्याय एवं न्यायाधीश प्रफुल पंत ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय को सही बताते हुए कहा कि बिना किसी ठोस कारण तथा बिना किसी शारीरिक दुर्बलता के यदि कोई अपने पति या पत्नी को लंबे समय तक संबंध स्थापित नहीं करने देता है तो यह मानसिक क्रूरता की श्रेणी में गिना जाता है. उन के शब्दों में, मानसिक क्रूरता शरीरिक चोट से अधिक आघात पहुंचा सकती है.

अतीत में झांक लें

मालिनी के एक रिश्तेदार ने उस के साथ दुष्कर्म करते समय उस का बाल उम्र का लिहाज नहीं किया. नतीजा यह रहा कि आज भी अपने पति के निकट जाते हुए उसे लगता है जैसे उस के शरीर पर वही लिजलिजे हाथ जबरदस्ती कर रहे हों. सैक्स को वह अपने पत्नी फर्ज की तरह निभाती है न कि अपने पति के साथ बिताए उन प्रेमालाप पलों को पूर्णरूप से जीती है. क्या आप के अतीत में ऐसा कुछ हुआ था, जिस की छाया आप के वर्तमान पर गहरी छाई है? हो सकता है पुराने किसी बुरे अनुभव के कारण आप आज संभोग से घबराती हों. यदि आप के अतीत में हनन या दुर्व्यवहार का ऐसा कोई अनुभव है, जिस से संबंध बनाते समय आप खुश नहीं रह पाती हैं तो आप को जल्द से जल्द प्रोफैशनल मदद लेनी चाहिए और स्वयं को अपने उस बुरे अतीत से मुक्त करना चाहिए.

शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाएं

कभीकभी शारीरिक समस्या जैसे हारमोनल इंबैलैंस के कारण भी स्त्री का मन सैक्स से उचट सकता है. यदि आप को स्वयं में सैक्स के प्रति अरुचि का कारण भावना से अधिक शारीरिक जवाबदेही की कमी लगती है तो आप को यौनरोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए. वे और भी परेशानियों से मुक्ति दिला सकते हैं जैसे चरमोत्कर्ष पर न पहुंच पाना, स्नेह की कमी, पीडा़दायक सहवास, आप के द्वारा खाई गई कुछ ऐसी दवाएं, जिन के कारण आप में यौन ड्राइव की कमी आई हो इत्यादि.

हमसफर के साथ को करें ऐंजौय

‘‘तुम्हारे साथ होते हुए मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं एक लाश के साथ हूं,’’ अंतरंग क्षणों में कभी पत्नी की तरह से कोई रिस्पौंस न मिलने पर अमित के मुंह से निकल गया. यदि पत्नी कभी प्यार में पहल नहीं करेगी तो पति को ही पहल करनी पड़ेगी. इस का परिणाम यह होगा कि पति असुरक्षित भावना का शिकार हो जरूरत से अधिक पहल करने लगेगा और इस का नतीजा यह हो सकता है कि पत्नी, पति की आवश्यकता से अधिक पहल पर उस से और दूर होती जाए. यदि पति को आश्वासन हो कि पत्नी भी पहल करेगी या उस की पहल पर पौजिटिव रिस्पौंस देगी तो वह धैर्य के साथ पत्नी के तैयार होने का इंतजार कर सकता है.

जब एक पत्नी सिर्फ ग्रहण नहीं करती, बल्कि शुरुआत भी करती है तो वह सैक्स को एक जबरदस्ती, जिम्मेदारी या दबाव के रूप में न देख कर आपसी मेल के रूप में देख पाती है.

किताबें काफी मददगार

अधिकतर परिवारों से मिले संस्कार ऐसे होते हैं, जिन के कारण लड़कियां संभोग को गलत या वर्जित मानती हैं और इसी कारण विवाहोपरांत भी वे इस विषय पर खुल नहीं पातीं. अपनी इस हिचक को दूर करने के लिए ‘गाइड टु गैटिंग इट औन, ‘द गुड गर्ल्स गाइड टू ग्रेट सैक्स’ आदि किताबें पढ़ सकती हैं.

सैक्सुअल थेरैपी भी लाभकारी

कई बार केवल स्वयं कदम उठाना काफी नहीं होता. यदि आप को स्वस्थ  वैवाहिक जीवन जीने में असुविधा हो रही है तो आप प्रोफैशनल मदद के बारे में सोच सकती हैं. सैक्सुअल थेरैपी में एकदम शुरू से आरंभ किया जाता है. जैसे आप दोनों पहली बार मिल रहे हैं. जोड़ों में धीरधीरे रिश्ता कायम कराया जाता है. स्टैप बाई स्टैप सैक्स की ओर ले जाते हैं. हो सकता है कि आप के पति ऐसे प्रोग्राम में जाने को तैयार न हों. ऐसे में आप अकेले भी ऐसे प्रोग्राम का लाभ उठा सकती हैं. आप देखेंगी कि काउंसलर की मदद से आप न केवल सैक्स से संबंधित कितनी ही समस्याओं का समाधान खोज पाएंगी, बल्कि अपने पति से इस विषय में बात करना भी आप के लिए आसान हो जाएगा.

समाज में आ रहे लगातार बदलाव से लिंग भूमिका व कामुकता में भी बदलाव आ रहे हैं. संभोग कोई ऐसा कार्य नहीं जो मर्द औरत के लिए करेगा या औरत मर्द के लिए. संभोग में समान रूप से भागीदारी करें.

वैवाहिक सुख की ओर मिल कर बढ़ाएं कदम

यदि हर बार आप को अपने पति का अंतरंग साथ बेचैनी की भावना की ओर धकेलता है, तो आप को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिन से आप दोनों को वैवाहिक सुख की प्राप्ति हो सके. यह समस्या संवेदनशील अवश्य है, किंतु इसे सुलझाना कठिन नहीं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे स्टैप्स जिन्हें आप आसानी से फौलो कर सकती हैं और इस में आप के पति भी यकीनन आप का साथ देंगे:

– हो सकता है कि रिश्ते की शुरुआत में कुछ समय के लिए आप वैवाहिक सुख के लिए तैयार न हों, लेकिन यदि आप के पति यह जानते हैं कि आप का उद्देश्य कम सैक्स नहीं, अपितु पूरे जीवन के लिए ज्यादा व बेहतर सैक्स है, तो वे आप की बात से सहमत होंगे. उन्हें आप के साथ इस विषय पर बातचीत करने, किताबें पढ़ने या किसी काउंसलर से मिलने में भी आपत्ति नहीं होगी. लेकिन यदि उन्हें आपत्ति हो तो आप अकेली ही काउंसलर से मिल कर इस समस्या का हल खोजने का प्रयास करें.

– कोई ऐसी बात या कोई ऐसी चीज जिस के कारण आप का अपने पति के निकट आना मुश्किल हो जाता हो जैसे उन के शरीर से आ रही पसीने की बू, उन के मुंह से आ रही गंध आदि के बारे में उन्हें अवश्य अवगत कराएं, क्योंकि ये छोटीछोटी बातें भी अंतरंग क्षणों पर असर डालती हैं.

मैं अनमैरिड हूं पर सेक्स किया है, तभी से मुझे पीरियड्स समय से नहीं होता है, क्या करूं

सवाल
26 साल की अविवाहिता हूं. मेरी लंबाई 5 फुट 3 इंच है और वजन 70 किलोग्राम. 5 माह पहले मुझे मासिकस्राव नहीं हुआ था. लेकिन अगले महीने हुआ था. उस के 10 दिन बाद मैं ने सुरक्षित यौन संबंध स्थापित किए. उस महीने मुझे मासिकस्राव समय से हुआ. लेकिन अब देर से हो रहा है. इस के क्या कारण हो सकते हैं? कुछ लोगों ने बताया कि मुझे थायराइड की जांच करानी चाहिए. कृपया बताएं क्या करूं?

जवाब
अनियमित या देरी से मासिकस्राव होने के कई कारण हैं. अगर आप यौन सक्रिय हैं, तो पहली बात यह कि आप को गर्भावस्था के बारे में निश्चित करना चाहिए. इस के अलावा पैल्विक अल्ट्रासाउंड जांच होनी चाहिए ताकि अंडाशय में सिस्ट या पौलिसिस्टिक ओवरीज की जांच हो सके. ये मासिकस्राव में देरी के कारण हो सकते हैं. अधिक वजन का भी मासिकस्राव पर प्रभाव पड़ता है. आप की लंबाई के हिसाब से आप का वजन 60 किलोग्राम होना चाहिए. आप को अपने आहार नियंत्रण एवं जीवनशैली में परिवर्तन के जरीए वजन कम करना चाहिए. इस से आप के मासिकस्राव के नियमित होने में मदद मिलेगी.

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प्राय: मंगनी होते ही लड़का लड़की एकदूसरे को समझने के लिए, प्यार के सागर में गोते लगाना चाहते हैं. एक बात तो तय रहती है खासकर लड़के की ओर से, क्या फर्क पड़ता है, अब तो कुछ दिनों में हम एक होने वाले हैं, फिर क्यों न अभी साथ में घूमेंफिरें. उस की ओर से ये प्रस्ताव अकसर रहते हैं कि चलो रात में घूमने चलते हैं, लौंग ड्राइव पर चलते हैं. वैसे तो आजकल पढ़ीलिखी पीढ़ी है, अपना भलाबुरा समझ सकती है. वह जानती है उस की सीमाएं क्या हैं. भावनाओं पर अंकुश लगाना भी शायद कुछकुछ जानती है. पर क्या यह बेहतर न होगा कि जिसे जीवनसाथी चुन लिया है, उसे अपने तरीके से आप समझाएं कि मुझे आनंद के ऐसे क्षणों से पहले एकदूसरे की भावनाओं व सोच को समझने की बात ज्यादा जरूरी लगती है. मन न माने तो ऐसा कुछ भी न करें, जिस से बाद में पछतावा हो.

मेघा की शादी बहुत ही सज्जन परिवार में तय हुई. पढ़ालिखा, खातापीता परिवार था. मेघा मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छे ओहदे पर थी. खुले विचारों की लड़की थी. मंगनी के होते ही लड़के के घर आनेजाने लगी. जिस बेबाकी से वह घर में आतीजाती थी, लगता था वह भूल रही थी कि वह दफ्तर में नहीं, ससुराल परिवार में है. शुरूशुरू में राहुल खुश था. साथ आताजाता, शौपिंग करता. ज्योंज्यों शादी के दिन नजदीक आते गए दूरियां और भी सिमटती जा रही थीं. एक दिन लौंग ड्राइव पर जाने के लिए मेघा ने राहुल से कहा कि क्यों न आज शाम को औफिस के बाद मैं तुम्हें ले लूं. लौंग ड्राइव पर चलेंगे. एंजौय करेंगे.

पर यह क्या, यहां तो अच्छाखास रिश्ता ही फ्रीज हो चला. राहुल ने शादी से इनकार कर दिया. कार्ड बंट चुके थे, तैयारियां पूरी हो चली थीं. पर ऐसा क्या हुआ, कब हुआ, कैसे हुआ? पूछने पर नहीं बताया, बस इतना दोटूक शब्दों में कहा कि रिश्ता खत्म. बहुत बाद में जा कर किसी से सुनने में आया कि मेघा बहुत ही बेशर्म, चालू टाइप की लड़की है. राहुल ने मेघा के पर्स में लौंग ड्राइव के समय रखे कंडोम देख लिए. यह देख कर उस ने रिश्ता ही तोड़ना तय कर लिया. शायद उसे भ्रम था मेघा पहले भी ऐसे ही कई पुरुषों के साथ इस बेबाकी से पेश आ चुकी होगी. आजकल की लड़कियों में धीरेधीरे लुप्त होती जा रही लोकलाज, लज्जा की भनक भी मेघा के सरल व्यवहार में मिलने लगी थी. इन बातों की वजह से ही रिश्ता टूटने वाली बात हुई.

कौन सी बातें जरूरी

इसलिए बेहतर है कोर्टशिप के दौरान आचरण पर, अपने तौरतरीकों पर, बौडी लैंग्वेज पर विशेष ध्यान दें. वह व्यक्ति जिस से आप घुलमिल रही हैं, भावी जीवनसाथी है, होने वाला पति है, हुआ नहीं. तर्क यह भी हो सकता है, सब कुछ साफसाफ बताना ही ठीक है. भविष्य की बुनियाद झूठ पर रखनी भी तो ठीक नहीं. लेकिन रिश्तों में मधुरता, आकर्षण बनाए रखने के लिए धैर्य की भावनाओं को वश में रखने की व उन पर अंकुश लगाने की जरूरत होती है.

प्यार में डूबें नहीं

शादी के पहले प्यार के सागर में गोते लगाना कोई अक्षम्य अपराध नहीं. मगर डूब न जाएं. कुछ ऐसे गुर जरूर सीखें कि मजे से तैर सकें. सगाई और शादी के बीच का यह समय यादगार बन जाए, पतिदेव उन पलों को याद कर सिहर उठें और आप का प्यार उन के लिए गरूर बन जाए और वे कहें, काश, वे पल लौट आएं. इस के लिए इन बातों के लिए सजग रहें-

हो सके तो अकेले बाहर न जाएं. अपने छोटे भाईबहन को साथ रखें.

बहुत ज्यादा घुलनामिलना ठीक नहीं.

मुलाकात शौर्ट ऐंड स्वीट रहे.

घर की बातें न करें.

अभी से घर वालों में, रिश्तेदारों में मीनमेख न निकालें.

एकदूसरे की भावनाओं का सम्मान करें.

अनर्गल बातें न करें.

बेबाकी न करें. बेबाक को बेशर्म बनते देर नहीं लगती.

याद रहे, जहां सम्मान नहीं वहां प्यार नहीं, इसलिए रिश्तों को सम्मान दें.

कोशिश कर दिल में जगह बनाएं. घर वाले खुली बांहों से आप का स्वागत करेंगे.

मनमानी को ‘न’ कहने का कौशल सीखें.

चटोरी न बनें

2 लड़के मेरे साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 11वीं क्लास में पढ़ती हूं. मैं ने कई बार कई लड़कों के साथ सेक्स किया है. एक बार 2 लड़कों ने मुझे किसी के साथ सेक्स करते हुए देख लिया था. अब वे मेरे साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

जब आप कई लड़कों के साथ सेक्स कर चुकी हैं, तो 2 लड़के और सही, आप को क्या फर्क पड़ता है? वैसे, 16-17 साल की कच्ची उम्र में आप को यह खेल खेलना महंगा पड़ सकता है. बेहतर तो यही होगा कि आप किसी भी लड़के के साथ सेक्स करना फौरन बंद कर दें और उन 2 लड़कों को भी कभी अकेले में मिलने का मौका न दें. कहीं पेट से हो गईं, तो मुसीबत हो जाएगी.

मेरे बच्चे अक्सर पैसे मांगते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 37 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मेरे 2 बेटे हैं. एक 16 का व दूसरा 14 साल का. बच्चे आएदिन मुझ से पौकेटमनी के अतिरिक्त पैसे मांगते हैं. नहीं देने पर नाराज हो जाते हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब

बच्चों को पौकेटमनी उतनी ही दें जितनी आवश्यकता हो, साथ ही यह भी जानने की कोशिश करें कि वे इन पैसों का करते क्या हैं. देखने में आता है कि मातापिता बच्चों की जिद के आगे झुक जाते हैं और उन की हर जायजनाजायज फरमाइश पूरी करने में लगे रहते हैं.

इस से बच्चे धन और बचत का मूल्य नहीं समझ पाते और जब जीवन में आगे चल कर इन चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ता है तो वे जल्द ही हताश हो जाते हैं या फिर ऐसा भी होता है कि अधिक पैसा मिलने पर वे बिगड़ भी जाते हैं.

बेहतर होगा कि हर महीने उन की जरूरत की चीजें उन्हें खुद खरीद कर दें और फिर उतना ही पैसा दें जितनी आवश्यकता हो, साथ ही उन्हें बचत के लिए भी प्रेरित करती रहें.

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मेरे होने वाले पति काफी स्मार्ट और फिट हैं जबकि मैं मोटी हूं, क्या करूं?

सवाल

अगले 2 महीने बाद मेरी शादी है. घर में बैठेबैठे मेरा वजन बढ़ गया है. देखने में मैं मोटी लगने लगी हूं. जबकि मेरे होने वाले पति काफी स्मार्ट और फिट हैं. शादी के बाद यह सुनने को न मिले कि जोड़ी बेमेल है. मैं जल्द से जल्द पतली होना चाहती हूं. मैं ने इंटरमिटैंट फास्ंिटग के बारे में सुना है कि इस से तेजी से वजन घटता है. क्या वाकई ऐसा है?

जवाब

मोटापा सेहत भी बिगाड़ता है और लुक भी. आप के पति हैल्थ कौंशियस हैं तो वे भी चाहेंगे कि आप हैल्दी और फिट हों. इसलिए देर आए दुरुस्त आए. आप को अपना वजन घटाना ही चाहिए ताकि शादी के बाद लोग कहें, क्या लाजवाब जोड़ी है, कोई किसी से कम नहीं.

तेजी से वजन घटाने के लिए इंटरमिटैंट फास्ंिटग को काफी कारगर तरीका माना जाता है. इंटरमिटैंट फास्ंिटग खाने का एक पैटर्न है, जिस में इंसान 12-16 घंटे तक खाना खाए बिना रहता है और खाना खाने का वक्त सिर्फ 6 या 8 घंटे का ही होता है.

इस में किसी मीठे के बिना सादा पानी, कौमोमाइल चाय, गुलाब की चाय, अदरक की चाय, काली चाय आदि ही पीने की अनुमति होती है. इस के अलावा आप ताजा सब्जियों के जूस का सेवन कर सकते हैं. इन 16 घंटे के समय में आप को कोई पैक स्नैक्स, सब्जियों और फलों को खाने की भी अनुमति नहीं होती है.

इंटरमिटैंट फास्ंिटग वजन घटाने में मददगार है. जब तक आप हाइड्रेटेड रहते हैं और अच्छी तरह से संतुलित भोजन खाते हैं,  तब तक आप को इस का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है. इसलिए आप को समझना होगा कि यह कैलोरी पर रोक लगाने वाला एक डाइट प्लान नहीं है, बल्कि यह खाने के पैटर्न को व्यस्थित करने वाला दृष्टिकोण है.

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मैं एक शादीशुदा महिला से प्यार करता हूं पर वह मुझे डांटती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 29 वर्षीय युवक हूं, पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अभी विवाह नहीं करना चाहता. मैं जहां नौकरी करता हूं वहां कार्यरत विवाहित महिला के प्रति आकर्षित हो गया हूं. एक दिन उस से अपने दिल का हाल कहने की गलती कर बैठा. उस ने मुझे डांटा और समझाने की भी कोशिश की, कि यह सब मेरा पागलपन है. उस ने कहा, मुझे शादी कर लेनी चाहिए तो सब ठीक हो जाएगा. पर न तो मैं अभी शादी कर सकता हूं, न ही अपने दिल पर काबू कर पा रहा हूं. मन बेचैन रहता है. जी करता है खुदकुशी कर लूं. आप कुछ रास्ता सुझाएं.

जवाब

यह सब आप का पागलपन या ओबसैशन ही है. आप को अच्छी तरह पता है कि वह महिला शादीशुदा है तो उस से अपना हाल ए दिल सुनाने की क्या जरूरत थी. उस ने आप को डांटा, अच्छा ही किया. वह अपनी लाइफ में खुश है. उस का पति है, अपना घरबार है. ऐसे में भला वह क्यों आप के बारे में सोचेगी.
आप पर पारिवारिक जिम्मेदारियां हैं जिस की वजह से अभी शादी नहीं करना चाहते तो फिर खुदकुशी की बात आप सोच भी कैसे सकते हैं. ऐसी क्या पारिवारिक मजबूरी है कि आप विवाह नहीं कर सकते, आप ने यह लिखा नहीं. हमारी राय है कि अपना ध्यान औफिस की उस महिला से हटा लीजिए क्योंकि कुछ हासिल नहीं होने वाला. अपने कैरियर पर फोकस करें. जौब चेंज करना भी आजकल आसान नहीं. रिलेशनशिप चाहते हैं तो ऐसा पार्टनर ढूंढे़, जिसे खुद भी किसी पार्टनर की तलाश हो. तब बात बन जाएगी.
साथ ही, घर की जिम्मेदारियों को जल्द से जल्द निबटाने की तरफ ध्यान लगाएं. कहीं ऐसा न हो जिम्मेदारियां पूरी करतेकरते शादी करने की उम्र ही निकल जाए.

आप चाहें तो जिम्मेदारियां निभाते हुए भी विवाह कर सकते हैं, जीवनसाथी के साथ आप अपनी जिम्मेदारियां और समस्याएं बांट भी सकते हैं. जिंदगी को जितना ज्यादा उलझाएंगे वह और उलझेगी. ज्यादा मत सोचिए. मन में उत्साह ले कर चलें, रास्ते अपनेआप मिलते जाएंगे.

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ऐसे मर्दों को दिल दे बैठती हैं भारतीय नारियां

भारत में किये गये एक सर्वेक्षण ने मर्द को लेकर भारतीय नारी की पसंद का खुलासा किया है. इस सर्वेक्षण के अनुसार ज़्यादातर भारतीय लड़कियां चाहती हैं कि उन्हें ऐसा पति मिले जिसका शादी से पहले यौन संबंध नहीं रहा हो साथ ही उन्हें बेइमान और बेवफा मर्दों से सख़्त नफ़रत है लेकिन ऐसा आदमी पसंद है जो उन्हें समझ सके. इस सर्वेक्षण में बदलते ज़माने में लड़कियों की बदलती पसंद के बारे में दस भारतीय शहरों में 2,150 लड़कियों से प्रश्न पूछे गए थे.

अभी तक यह धारणा थी अच्छा पैसा, ज़मीन-जायदाद, अच्छी शक्ल और सेहत वाले मर्दों को लड़कियाँ पति के रूप में पसंद करती हैं. लेकिन सर्वेक्षण के अनुसार, “औरतों की ज़रूरत के प्रति आदमी कितना संवदेनशील है यह ज़्यादा महत्वपूर्ण है.” ”उन्हें अपने जीवनसाथी की बात सुननी चाहिए, उन्हें अपने बराबर सम्मान देना चाहिए और उसे ईमानदार होना चाहिए.”

✦ सेक्स संबंध : अब तक आप अगर यह समझते थे कि साड़ी में लिपटी रहने वाली भारतीय नारी सेक्स के बारे में बात करने से कतराती थी शायद यह सर्वेक्षण पढ़ने के बाद आँखें खुल जाएं. सर्वेक्षण के अनुसार, “किसी भी अच्छे रिश्ते के लिए अच्छे सेक्स संबंध होने भी ज़रूरी हैं. यहाँ तक कि ज़्यादा उम्र की महिलाओं के अनुसार भी अच्छे सेक्स संबंध होने ज़रूरी हैं.”

“फिर भी 55 फ़ीसदी महिलाओं का कहना था कि उनके पति का शादी से पहले यौन संबंध नहीं होना चाहिए.” 51 फ़ीसदी महिलाओं ने तो यहाँ तक कहा कि उनके पति को किसी भी तरह के यौन संबंधों का अनुभव भी नहीं होना चाहिए जबकि 37 प्रतिशत का कहना था कि अगर थोड़ा-बहुत अनुभव हो तो भी उन्हें कोई एतराज़ नहीं होगा.

✦ पसंद : तो सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय नारी की मर्दों के बारे में पसंद कुछ इस तरह है. सबसे बड़ा गुण यह है कि उसमें अपनी बीबी को समझने की क्षमता हो.

इसके बाद नंबर आता है ईमानदारी का. साथ ही वह महिलाओं का सम्मान करे, बुद्धिमान हो, घरेलू हो और साथ ही वफ़ादार भी हो.

फिर प्राथमिकता दी गई है कि उसका झुकाव आध्यात्म की ओर हो. इसके अलावा वह एक अच्छा प्रेमी हो जो सेक्स के बारे में नए तरीक़े से सोच सके.

मर्द की अच्छी शक्ल और पैसा प्राथमिकता की सूची में सबसे बाद में आता है.

✦ नापसंद : अगर आप ऊपर की सूची में अपने किन्हीं गुणों को पाकर अगर यह सोच रहे हैं कि आपकी संभावनाएं अच्छी हैं तो ज़रा एक नज़र इधर भी डालें कि भारतीय महिलाओं को क्या नापसंद है?

भारतीय महिलाओं को खूब शराब पीने वाले से सख़्त नफ़रत है.

इसके बाद ग़ैर ज़िम्मेदार मर्दों का नंबर आता है और फिर ऐसे मर्दों का जो औरतों के बारे में ग़लत-सलत बातें करते हैं.

सनकी मिज़ाजी मर्दों से भी उन्हें परेशानी है.

सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश महिलाओं ने कहा कि उन्हें अपनी ज़िंदगी में मर्दों की ज़रूरत है. 84 फ़ीसदी महिलाएं चाहती हैं कि उनके पति घर के काम में उनका हाथ बटाएं.

✦ अगर किसी गैर-औरत से पति रंगरलियाँ मनाएं तो आप क्या करेंगी?

43 फ़ीसदी महिलाओं ने कहा कि वे रिश्ता तोड़ देंगी जबकि 37 फ़ीसदी महिलाओं ने कहा कि वे घर पर बैठकर मातम मनाएंगी. हाँ! 20 फ़ीसदी महिलाओं ने कहा कि वे भी ग़ैर मर्दों के साथ रंगरेलियाँ मनाना शुरू कर देंगी.

✦ अगर आपका पति आप पर हाथ उठाए तो?

इस पर 35 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे भी अपने पति को एक-दो हाथ जमा देंगी. 31 प्रतिशत रिश्ता तोड़ देंगी और 18 प्रतिशत महिलाएं इस बारे में चुप्पी साध लेंगी.

मैं अपने पति के कारण तनाव में रहती हूं, क्या करूं?

सवाल

मैं 30 साल की एक शादीशुदा औरत हूं. मेरे पति रात को बिस्तर पर बहुत ज्यादा हैवान हो जाते हैं. वे मुझे अपने जीवनसाथी की तरह नहीं, बल्कि किसी खिलौने की तरह इस्तेमाल करते हैं और सैक्स को मजा नहीं सजा बना देते हैं. इस बात से मैं बहुत ज्यादा तनाव में रहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप के पति जरूरत से ज्यादा सैक्स एडिक्ट हैं, जो एक तरह की बीमारी ही है. पति को बताएं और समझाएं कि आप को किस तरह के सैक्स में मजा आता है और कैसे आता है.

सैक्स का असली सुख उसे ही मिलता है, जो अपने पार्टनर के मजे का भी ध्यान रखता है. आप धीरेधीरे कोशिश करें और पति के अंग को किसी भी तरह सैक्स के पहले ही डिस्चार्ज कराएं.

इस पर भी बात न बने तो किसी माहिर डाक्टर से मशवरा लें. हैरत तो इस बात की है कि सैक्स पावर बढ़ाने की तो कई दवाएं आती हैं, लेकिन कम करने की नहीं आती हैं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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मैं कई दिनों से सेक्स एंजौय नहीं कर रही, ऐसे में क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 49 वर्ष है. मेरे पति और मैं रैगुलर सैक्स कर एंजौय करते हैं. इधर कई दिनों से मैं महसूस कर रही हूं कि मुझे और्गेज्म नहीं हो रहा. यह बात मैंने पति को बताई तो वे पूरी कोशिश करते हैं मु झे सैटिस्फाइड करने की. जब हसबैंड पूछते हैं कि और्गेज्म हो गया तो मैं  झूठ बोल देती हूं कि हो गया ताकि इन्हें कहीं बुरा न लगे. क्या मु झे डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए या उम्र के साथ यह सब नैचुरल है?

जवाब

इंटरकोर्स के दौरान महिलाओं का और्गेज्म तक न पहुंच पाना एक आम समस्या है. यह समस्या मानसिक तनाव, महिला का ठीक से एक्साइटेड न होना या सैक्स के दौरान दर्द आदि के कारण हो सकती है. इस के अलावा, महिलाओं की वैजाइना में लुब्रिकेशन यानी गीलेपन को उत्तेजना का पैमाना माना जाता है, उम्र बढ़ने के साथ उन में लुब्रिकेशन की कमी होना आम बात है. पार्टनर का टच ही लुब्रिकेशन में काफी मददगार होता है. सैक्स से पहले फोरप्ले पर ज्यादा ध्यान दें और सैक्स के दौरान मन को भटकने से रोकें.

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