मैं एक लड़की से प्यार करता हूं पर 2 साल बाद उस की शादी होने वाली है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 19 साल का हूं और एक लड़की से प्यार करता हूं, पर 2 साल बाद उस की शादी होने वाली है. मैं उस के बिना नहीं जी सकता. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
आप के पास 2 साल हैं. आप इन 2 सालों में खुद को उस लड़की से शादी करने लायक बना सकते हैं. आप कोई अच्छी सी नौकरी करने के बाद उस लड़की के माता पिता से शादी की बात कर सकते हैं. आप दोनों का प्यार देख कर घर वाले भी राजी हो जाएंगे.

सेक्स के बारे में बात करने से चाहे आप कितना भी कतराएं, यकीन मानिए इसमें डूब जाने जितना मज़ा किसी और में नहीं. फिर चाहे आप बौयफ्रेंड के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हों या फिर शादी के बाद की पहली रात हो, यह एहसास बहुत खास होता है. लेकिन पहली बार की घबराहट भी उतनी ही होती है, जितना की उत्साह.

दोस्तों के बीच टौयलेट जोक्स और लूज टौक करने में आप अव्वल हैं. फिल्म हो या टीवी, बेड सीन्स देखने में बड़ा मजा आता है. मगर जब खुदकी बारी आई तो टांय टांय फिस्स. आप तो कागज की शेर निकलीं. इतना घबराएंगी तो जीत कैसे हासिल होगी. सेक्स है कोई रौकेट सांइस नहीं. आइए जानते हैं कि वो कौन सी 10 बातें हैं, जिनका ध्यान पहली बार सेक्स करते समय जरूर रखना चाहिए.

कम्फर्टेबल हों तभी बढ़ें आगे

पहला मिलन हमेशा रहता है याद यह जुमला बहुतों से सुना होगा और इससे जुड़ी कई कहानियां भी. कहानियों पर न जाएं. व्यावहारिक होकर सोचें कि क्या वाकई पहली बार सेक्स करना इतना रोमांचित करने वाला होता है! बेशक हो सकता है बशर्ते, पूरी तैयारी के साथ यह कदम उठाया जाए. जब कान्फिडेंट होंगी तभी इसका आनंद ले पाएंगी. क्या मैं इसके लिए तैयार हूं? यह सवाल उतना ही अहम है, जितना आपका सांस लेना. बौयफ्रेंड हो या पति, सोच समझकर, कम्फर्टेबल होने पर ही आगे बढ़ें.

महकी महकी हों आप

चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डा. प्रकाश कोठारी की सलाह है, “साथ तभी महकेगा जब आप खुशबू से सराबोर होंगे. कोई अच्छी फ्रेगरैंस लगाएं, क्योंकि सुगंध का आपके मन मस्तिष्क पर बहुत असर पड़ता है. किसी को परफ्यूम पसंद आता है, तो किसी को शरीर की गंध उत्तेजित करती है.” खूशबू आप दोनों को एक दूसरे की ओर आकर्षित करने के साथ साथ एक दूसरे के सामने सहज भी बनाएगी.

उत्साह पर तनाव हावी न होने दें

क्या पहली बार में दर्द होगा? डा. कोठारी के मुताबिक़, यह एक मिथक है. पहली बार की उत्सुकता और घबराहट इतनी ज्यादा होती है कि हल्की सी छुअन भी हमारे पूरे शरीर में सिहरन पैदा कर देती है. क्या होगा, क्या नहीं, इस घबराहट में हमारे नर्व्स भी तनाव में आ जाते हैं. दूसरा हम अपने प्राइवेट पार्ट्स को भी कसकर बंद कर लेते हैं, क्योंकि हम सहज नहीं होते. इसलिए प्रवेश करने में काफी दिक्कत होती है. और हम मान बैठते हैं कि पहली बार में दर्द होता है. आप जितनी ज्यादा सहज और तनाव मुक्त रहेंगी, उतना ज्यादा बेहतर होगा आपका अनुभव.

आर्गैज्म की राह न ताकें

हो सकता है पहली बार में आपको आर्गैज्म न मिले, तो घबराएं नहीं. क्योंकि शुरुआत में हमें पता ही नहीं होता, कि किस तरह से हमें आर्गैज्म मिलेगा. अलग अलग पोजिशन्स ट्राई करें. कई शोध तो यह भी कहते हैं कि लड़कियों को इंटरकोर्स से पूरा सुख या आर्गैज्म मिलता ही नहीं है. इसकी परवाह न करें, केवल उस पल का आनंद उठाएं.

ड्रेसिंग का भी रखें ख्याल

कपड़ों की भी अहम भूमिका होती है. इसलिए अपने पार्टनर की पसंद का या आकर्षक ड्रेसिंग ज़रूर करें. खुदको मेंटेन रखें, ताकि आप कान्फिडेंट महसूस कर सकें. यह बात लड़कों पर भी लागू होती है. दाढ़ी मूंछ ट्रिम करना न भूलें. किस करते समय सोचिए आपकी पार्टनर का क्या हाल होगा? सेक्सी कपड़े पहनने का मतलब यह नहीं कि कुछ ऐसा पहन लें, जिसमें आप सहज ही न हों. ज्यादा मेकअप करने से भी बचें.

बातचीत है सेक्स की पहली सीढ़ी

जी हां, बातचीत. इसे सेक्स का चार अक्षरों का पर्यायवाची कहा जाता है. यानी बातचीत से ही सेक्स की शुरुआत होती है. इसे संभोग यूं ही नहीं कहा जाता. संभोग यानी सम भोग. जहां दोनों मिलकर इसका बराबर आनंद उठाते हैं. जहां कोई एक्स्पर्ट या नौसिखिया नहीं है. पहली बार सेक्स कर रहे हैं, इसलिए घबराहट थोड़ी होगी. बात करें, धीरे धीरे हिचक कम होगी. बातों बातों में एक दूसरे का हाथ पकड़ लें. धीरे धीरे फोरप्ले की ओर बढ़ें. हो सकता है शुरुआत करने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सेक्स कोई अछूता विषय नहीं है. यह आपकी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा है, यह बात भूले नहीं. हो सके तो एक दो दिन पहले से ही सेक्स के बारे में बातें करना शुरू कर दें. सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को बताएं कि शरीर के किस हिस्से में आप सबसे ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं और उनसे भी यही सवाल करें.

फोरप्ले है अहम

यह समझ लें, जो मज़ा सफ़र में है, वो मंजिल में नहीं. जल्दबाजी की तो आप चोटिल भी हो सकती हैं, इसलिए अपने प्राइवेट पार्ट में नैचुरल लूब्रिकेशन आने दें. और यह तभी संभव है जब आप और आपका पार्टनर फोरप्ले को खुलकर एन्जौय कर पाएंगे. फोरप्ले जितना लंबा चलेगा आप उतना कम्फर्टेबल महसूस करते जाएंगे. दरअस्ल, स्पर्श से हमारे मस्तिष्क में औक्सिटोसिन नामक हार्मोन रिलीज़ होता है. इसे रिलीज़ होने दें और फोरप्ले से सेक्स की शुरुआत करें.

कंडोम पहनना न भूलें

एक दूसरे में खोने का अर्थ यह नहीं कि आप लापरवाही करें. माना कि पहली बार करने की हड़बड़ाहट में यह ग़लती सबसे आम है. लेकिन यह गलती जोखिम भरी है. महिलाओं के लिए विशेष कंडोम बनाए गए हैं. मेडिकल स्टोर्स में यह उपलब्ध हैं. पहले से ही प्रैक्टिस करें, ताकि उस दिन आपका मजा किरकिरा न हो. यदि आपकी बजाय आपका पार्टनर प्रोटेक्शन इस्तेमाल करनेवाले हैं, तो उन्हें याद दिलाना न भूलें.

बाहरी लूब्रिकेशन से गुरेज न करें

पहली बार में घबराहट की वजह से कई बार लूब्रिकेशन ठीक तरह से नहीं निकलता. इसलिए आप कृत्रिम लूब्रिकेशन्स का विकल्प चुन सकती हैं. पेट्रोलियम जेली से लेकर नारियल तेल तक ऐसे कई सुरक्षित विकल्प हैं, जो आपके घर में आसानी से उपलब्ध होंगे. इसके अलावा बाजार में भी कई तरह के लूब्रिकेंट्स हैं, जिन्हें आप खरीद सकती हैं.

सेफ्टी का रखें ध्यान

सुरक्षा बहुत जरूरी है. ऐसी जगह ढूंढ़ें, जो पूरी तरह सेफ हो. यदि शादी से पहले सेक्स के बारे में सोच रही हैं तो किसी होटल या दोस्त के घर न जाएं. पार्टनर या आपका घर सबसे सुरक्षित जगह है. यदि आप जगह को लेकर असहज रहेंगी, तो आपका पूरा ध्यान सेक्स पर नहीं होगा. डर आपको सफल भी नहीं होने देगा. बेडरूम में कैंडल्स हों तो कहना ही क्या. फूलों से घर को महकाएं, ताकि सहजता बढ़े.

पहली बार इन पोजिशन्स को आज़माएं

मिशनरीः यह सबसे बुनियादी और आसानी से की जा सकनेवाली  पोजिशन है.

साइड बाय साइड पोजिशनः इस  पोजिशन में पुरुष को आसानी से प्रवेश करने का मौका मिलेगा और आप भी कम्फर्टेबल रहेंगी.

गर्ल औन टौपः यदि आप सहज हों, तो इस पोजिशन को भी चुन सकती हैं. यह पोजिशन आपके पार्टनर को जल्दी उत्तेजित महसूस कराएगी और नियंत्रण भी आपके हाथों में होगा.

 

 

 

लड़कियों की इज्जत पर भारी प्यार

एकसाथ 2 लोगों से प्यार होना बड़ी बात नहीं है. प्यार… दुनिया का सब से खूबसूरत शब्द है. जब यह होता है तो सबकुछ सुंदर और अच्छा लगने लगता है. और जब नहीं होता तो सबकुछ हो कर भी दुनिया उदास व बेरंग नजर आती है. यह स्थिति प्यार होने और न होने की है, लेकिन तब क्या होगा जब 2 लोगों से एकसाथ प्यार हो जाए और दोनों में से आप किसी से अलग नहीं होना चाहें? इस सवाल को सुन कर आप के मन में सवाल आया होगा कि क्या 2 लोगों से एकसाथ प्यार होना मुमकिन है? तो इस का जवाब हां है.

आज के दौर में लव ट्राएंगल के किस्से काफी बढ़ गए हैं. पिछले कुछ सालों में लव ट्राएंगल की लोकप्रियता बढ़ी है. यह तब होता है जब आप अपने वर्तमान पार्टनर से खुश नहीं होते और प्यार व इमोशनली सपोर्ट के लिए किसी और को खोजने लगते हैं. ऐसी स्थिति में आकर्षण होना लाजिमी है. जब यह होता है तो लव ट्राएंगल कहा जाता है, लेकिन इसी ट्राएंगल में लड़कियां बुरी तरह फंस जाती हैं.

कुछ दिनों पहले रोहतक में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उस के बाद उस की निर्ममता से जो हत्या हुई, उस की जैसेजैसे परतें खुल रही हैं वे बहुत ही भयानक हैं. बलात्कारी और हत्यारे कोई और नहीं बल्कि लड़की का पुराना प्रेमी और उस के दोस्त ही हैं, जिन्होंने सोनीपत से जबरदस्ती उस का अपहरण किया. उस के बाद उस के साथ सामूहिक बलात्कार, फिर उस की निर्ममता से हत्या कर दी.

उस के हर अंग को बुरी तरह से कुचल दिया. उस के बाद उस की बौडी को झाडि़यों में फेंक दिया. जहां उस को कुत्ते खाते रहे. लड़की को ईंट से बुरी तरह कुचला गया, उस को गाड़ी से भी कुचला गया. उस के गुप्तांग में लोहे की छड़ घुसेड़ दी गई. यह अमानवीयता की हद है. अब वह लड़का कहता है कि वह उस लड़की से बहुत प्यार करता था. उस से शादी करना चाहता था, लेकिन जब लड़की ने शादी से मना कर दिया तो उस ने ऐसा किया.

प्यार का जादू

ऐसा जरूरी नहीं कि जिसे हम प्यार करें वह भी बदले में हमें प्यार दे. हम जिसे प्यार करते हैं अगर  वह भी हमें प्यार करे तो वे दोनों लव कपल कहलाते हैं, पर ऐसा न हुआ तो इसे हम एकतरफा प्यार कहते हैं. दिल टूटना, सपने टूटना आदि एकतरफा प्यार की निशानियां हैं.

संसार में ऐसा कोई नहीं जो प्यार के जादू से वंचित हो. प्यार एक नशे की तरह है जिस के बिना जिंदगी संभव नहीं. प्यार का जादू सिर चढ़ कर बोलता है और हां, प्यार का नाम सुनते ही न जाने हमारे दिल को क्या हो जाता है कि वह बीते हुए कल की तरफ या फिर आने वाले कल को  हसीन पलों में संजोए रखता है.

आज आप उम्र के उस कगार पर खड़े हैं जब प्यार का नशा अपनेआप ही चढ़ जाता है. जी हां, 16 साल की उम्र ऐसी ही होती है. कोई भी अनजान अपना सा लगने लगता है, जिस को सिर्फ देख कर ही दिल को सुकून मिलता है.

लड़कों के साथ ऐसा कई बार होता है. वे जिस लड़की को पसंद करते हैं वह उन के बारे में वैसा नहीं सोचती है. जिस के कारण वह उन के प्यार को स्वीकार नहीं कर पाती है और लड़कों को उस की न का सामना करना पड़ता है. ऐसे में लड़कों के लिए इस स्थिति का सामना करना मुश्किल हो जाता है. कई बार वे कुछ गलत कदम भी उठा लेते हैं जो दोनों के लिए बहुत नुकसानदेह हो जाता है. ऐसे में लड़कों व लड़कियों दोनों को संयम से काम लेना चाहिए.

न सुनने के लिए भी रहें तैयार

आप जब किसी से अपने दिल की बात कहते हैं तो ‘हां’ की उम्मीद के साथसाथ उस की ‘न’ सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. जब आप ने उसे अपनी भावनाओं के बारे में बता दिया तो आप का इजहार करने का काम खत्म हो गया. अब इस के आगे आप कुछ नहीं कर सकते. आप को हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना होगा कि अगर सामने वाला आप के प्यार को अस्वीकार भी कर देगा तो आप टूटेंगे नहीं.

आप किसी से प्यार करते हैं तो इस में बुराई नहीं है, लेकिन अपने प्यार का नकारात्मक प्रभाव अपनी पढ़ाई या कैरियर पर न पड़ने दें. यह आप के जीवन को बरबाद कर देगा. किसी के इनकार के बाद भी आप के जीवन में बहुतकुछ है जिसे आप पा सकते हैं. उस में आप की कोई गलती नहीं थी, इसलिए जितनी जल्दी हो सके उसे भूल जाएं, क्योंकि वह आप के बिना ज्यादा खुश है. वह आप को नहीं चाहती.

अगर आप उस की ‘न’ सुनने के बावजूद उस पर अपना प्यार थोपेंगे तो यह उस की भी खुशियां छीन लेगा. इसलिए उस के रास्ते से हट जाएं इस में ही आप दोनों खुश रहेंगे.

सही कदम उठाएं

किसी के बहकावे में आ कर कोई भी गलत कदम न उठाएं. इस से आप को कुछ हासिल नहीं होने वाला. इस से लोग आप पर हंसेंगे. आप के जीवन पर भी इस का बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए इस घनचक्कर से निकलने की कोशिश करें. प्यार के अलावा भी आप के जीवन में बहुतकुछ है. इन सब को भुलाने के लिए खुद को काम में, पढ़ाई में या दोस्तों के साथ व्यस्त रखें.

समय हर जख्म को भर देता है. कुछ समय के बाद आप जिंदगी में नई शुरुआत कर पाएंगे. जिसे आप पसंद करते हैं उस के प्रति अपने मन में कोई मैल न रखें, न ही उस से बदला लेने की सोचें और न ही उस की जिंदगी को बरबाद करने की कोशिश करें.

अकसर लड़के प्यार में ‘न’ सुनने के तुरंत बाद किसी से भी प्यार करने के चक्कर में पड़ जाते हैं. यह पूरी तरह से भावुकता में लिया गया गलत फैसला है. ऐसे में खुद को थोड़ा समय दें और सोचसमझ कर किसी नए रिश्ते की शुरुआत करें.

सिर्फ इसलिए क्योंकि आप को अपना प्यार नहीं मिला, आप भी किसी और के साथ ऐसा करें, यह ठीक नहीं है. असल जिंदगी में फिल्मी तरीके न अपनाएं क्योंकि फिल्मों की कहानी काल्पनिक होती है जो जिंदगी की वास्तविकता से हमेशा मेल नहीं खाती है. गम दूर करने के नाम पर कभी नशे का सहारा न लें. यह आप की जिंदगी को बरबाद कर देगा.

त्रिकोणीय प्रेम से रहें दूर

दिल पर किसी का वश नहीं चलता. यह बहुत चंचल है, लेकिन कभीकभी यह चंचलता हमें ऐसी मुसीबत में डाल देती है जिसे हम जान कर भी अनदेखा कर देते हैं. त्रिकोणीय प्रेम का एक कारण यह भी होता है कि जब आप का अपने रिश्ते पर से भरोसा उठ जाता है और आप एक नए रिश्ते में बंधने की कोशिश करते हैं, जब ऐसे मुश्किल हालात सामने होते हैं तो यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि यह प्यार है या महज आकर्षण.

प्यार एक भावनात्मक रिश्ता

कोई कैसे अपने भावनात्मक रिश्तों के साथ खिलवाड़ कर सकता है. ऐसे ही रिश्तों की वजह से आज हमारे देश में लिवइन रिलेशन बढ़ता जा रहा है. सदियों से चली आ रही परंपराओं के अनुसार भी यह गलत है, क्योंकि एक रिश्ते के होते हुए दूसरा रिश्ता बनाना गुनाह है. भारत में इस तरह की परंपरा कभी नहीं रही, लेकिन अब यह हो रहा है. जिसे झुठलाया नहीं जा सकता.

यह मुमकिन है कि हम एक समय में 2 लोगों के प्रति एकजैसी भावनाएं महसूस करें, लेकिन जिंदगी भर दोनों रिश्तों का एकसाथ निभा पाना मुश्किल है. समय रहते अगर इसे सुलझाया नहीं गया तो आगे जा कर आप एक बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं. दरअसल, त्रिकोणीय प्रेम केवल एक आकर्षण के अलावा और कुछ भी नहीं है. इसलिए इस के चक्कर में न ही फंसे तो ज्यादा अच्छा है.

सोच बदलने की जरूरत

सवाल यह है कि अगर मामूली सा भी लड़के को किसी लड़की से कभी प्यार हो जाता है तो वह बलात्कार तो दूर की बात है, उस की मरजी के बिना उस को छूता भी नहीं है. हत्या करना तो दूर, उस को खरोंच भी नहीं आने देना चाहता. क्या कोई सच्चा प्रेमी अपनी प्रेमिका के साथ ऐसा करेगा. चाहे वह एकतरफा ही प्यार क्यों न हो, वह ऐसा कभी भी नहीं करेगा. अगर कोई भी सिरफिरा प्रेमी ऐसा करता है तो वह मानसिक रूप से बीमार है. उस का इलाज तो मनोचिकित्सक ही कर सकता है.

लेकिन ऐसी घटनाएं दिनोदिन क्यों बढ़ रही हैं, इस के पीछे कारण क्या है. इस का सब से बड़ा बुनियादी कारण है पुरुषवादी सोच जो महिला को दोयम दर्जे का मानती है. जो मानती है कि महिला पुरुष से कमजोर है, महिला का रक्षक पुरुष होता है, महिला को पतिव्रता होना चाहिए, महिला को पुरुष की सत्ता के अधीन रहना चाहिए, महिला को घर में चूल्हेचौके तक सीमित रहना चाहिए, बाहर निकलेगी तो ये घटनाएं होंगी ही.

पिछले दिनों राष्ट्रीय पार्टी के एक नेता ने बयान भी दिया था कि गाड़ी बाजार में आएगी तो ऐक्सीडैंट तो होगा ही. इसलिए तो 70 साल आजादी के बाद भी लड़कियां अपने को गुलाम महसूस कर रही हैं. इसी सोच को आज बदलने की जरूरत है.

प्यार की आखिरी मंजिल

यही प्रश्न हर प्रेमी से है, क्या प्यार की आखिरी मंजिल शादी है? अगर किसी कारण से शादी न हो तो आप उसे मार देंगे? आप उस से सामूहिक बलात्कार करेंगे? आप उस के चेहरे पर तेजाब डाल देंगे? अगर प्यार की आखिरी मंजिल सिर्फ शादी है तो आप उस से प्यार नहीं करते बल्कि उस पर कब्जा जमाना चाहते हैं. उसे आप अपना गुलाम बनाना चाहते हैं. उस पर आप अपना एकाधिकार चाहते हैं. वह किस से बात करे, कहां बैठे, कहां जाए, क्या खाए, क्या पहने, ये सब आप तय करना चाहते हैं.

यह प्यार नहीं गुलामी है. अगर वह आप की गुलामी का विरोध करे, आप के एकाधिकार का विरोध करे तो आप उस को सजा दोगे.

यह आप की दबंगई नहीं तो और क्या है. क्या अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेना अपराध है? इस में रूढि़वादी मातापिता भी साथ नहीं देते. अब तो हालात ये हैं कि अगर किसी लड़की ने प्यार करने की गलती की तो उस का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं रह जाता. उस का अपने दिमाग पर भी कोई अधिकार नहीं रहता. अगर वह अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेगी तो उस को इस की सजा भुगतनी पड़ेगी. यह सजा कभी मांबाप की तरफ से तो कभी प्रेमी की तरफ से मिलेगी. इसलिए अब प्रेम करना भी जान को जोखिम में डालना है.

प्यार का मतलब जानें

आज के युवक की नजर में प्यार का मतलब है कि वह लड़की सिर्फ उस के लिए बनी है. उस पर सिर्फ उन का हक है. उस को वह अच्छी लगती है. उस का चेहरा देखे बिना नींद नहीं आती है. उस का चेहरा दुनिया में सब से सुंदर है, लेकिन उस बेहतरीन जिस्म को, चेहरे को जब वह हासिल नहीं कर पाता तो वह उसे चाकू से गोद देता है, चेहरे को तेजाब से जला देता और उस के गुप्तांग में लोहे की छड़ घुसेड़ देता है.

ऐसा कैसे करते हैं युवक, कोई भी अपने सब से प्यारे व करीबी इंसान को ऐसे कैसे नष्ट कर सकता है. इस का मतलब वे प्यार नहीं करते. यह प्यार नहीं हवस है. आप प्यार करते समय तो एकदूसरे के लिए चांदतारे तोड़ने की बात करते हो, लेकिन लड़की ने एक इनकार क्या किया आप ने चांदतारों की जगह लड़की के शरीर को ही ईंटों से तोड़ दिया, गाड़ी से कुचल दिया.

वाह, क्या यही प्यार है. जिस ने आप को उस चर्मसुख की अनुभूति करवाई तुम ने उसी को लोहे की छड़ से गोद दिया. क्या किसी भी लड़की के इनकार की इतनी भयंकर सजा हो सकती है. अगर यही सजा वह लड़की तुम्हें दे तो कैसा रहेगा.

मेरी पत्नी मेरे पास आने से मना करती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 30 साल का हूं. मेरी शादी को 10 साल हो चुके हैं और मेरे 3 बच्चे भी हैं. मेरी पत्नी मायके में ही रहती है और मेरे पास आने से मना करती है. अगर मैं उस से तलाक मांगता हूं तो वह मना कर देती है. इस समस्या का क्या हल हो सकता है?

जवाब

यह सच है कि आप की पत्नी आप के साथ ज्यादती कर  रही है. अच्छा होगा कि आप तलाक के लिए अदालत का सहारा लें. शादी के 10 साल बाद पत्नी के मायके में रहने की जिद गले नहीं उतरती है. आप उस के घर वालों से भी बात करें कि वह क्यों आप के साथ नहीं रहना चाहती है और वे क्यों बेटी की गृहस्थी बरबाद कर रहे?हैं. आप उस की घर वापसी के  लिए भी मुकदमा दायर कर सकते हैं. सवाल बच्चों के भविष्य का भी है.

शादी से पहले मुझे एक लड़की से प्यार था, उसके मुताबिक मैं उसकी बेटी का बाप हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी शादी हो चुकी है. शादी से 6 साल पहले मुझे एक लड़की से प्यार था. उस लड़की की भी शादी हो चुकी है, फिर भी हम दोनों अभी भी एकदूसरे को चाहते हैं. उस लड़की की एक बेटी भी है. उस के मुताबिक उस की बेटी का बाप मैं हूं. मैं क्या करूं?

जवाब
आप अपनी प्रेमिका को समझा दें कि अगर बेटी आप की है, तो भी उस का खुलासा करने से नुकसान ही होगा. उस का पति उसे अपनी औलाद समझता रहे, इसी में भलाई है. इस खुलासे से आप की बीवी और प्रेमिका के पति को काफी तकलीफ होगी. लिहाजा, इसे राज ही रखें. हो सके तो प्रेमिका से कम से कम मिलें.

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बड़े काम की है सेक्सटिंग की कला

हम टेबल पर, बिस्तर पर, वौशरूम में, सार्वजनिक जगहों पर, मूवी थिएटर में, डिनर टेबल के नीचे सभी जगह तो करते हैं… शरारतभरी बात है ना? पर हम फोन के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं. भई, जब तकनीक आपके पास है तो इसका इस्तेमाल दिलों को वाइब्रेट करने के लिए क्यों न किया जाए? और एक समय हम उस जगह भी तो जाते थे-जब सेक्सटिंग को साइबर सेक्स के नाम से जाना जाता था, वो अस्त-व्यस्त से चैट रूम्स, जहां लोग औनलाइन बड़े ही व्यस्त नजर आते थे-तब हम एज/सेक्स/लोकेशन की भाषा में बात करते थे.

हमें लगता है कि सेक्सटिंग कूल है, क्योंकि लोग इसे बार-बार पढ़ना चाहते हैं. पर सच्चाई ये भी है कि ये आसान और बहुत सुविधाजनक भी है. हम आपको इस कला के कुछ सामान्य नियमों का पालन करने कहेंगे.

साथी को जानें

क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्सटिंग कर रही हैं, जिसे जानती हैं और जिसपर भरोसा कर सकती हैं? तो थम्स अप, आगे बढ़ने के लिए. यदि आप उसे नहीं जानती हैं तो सावधानीपूर्वक आगे बढ़ें. व्यक्तिगत जानकारियां न दें और तस्वीरें भेजने से बचें. टेलेग्राम जैसे ऐप का इस्तेमाल करें, जो आपके और उनके, दोनों ही ओर के सेक्स्ट को ‘सेव’ ना करने का विकल्प देता है.

चैट-अप लाइन तय करें

रियल लाइफ के लिए पिक-अप लाइन्स होती हैं तो आपके औनलाइन वर्जन के लिए चैट-अप लाइन क्यों न हो? ऐसी लाइन का चुनाव करें, जो आपके लिए सही हो, जो सेक्स्ट-स्टार्टर की तरह काम करे. सामनेवाले व्यक्ति की इसपर मिली प्रतिक्रिया आपको बताएगी कि आपको रोमांटिक गीत गाने हैं या अपने लिए किसी दूसरे चौकलेट केक की तलाश करनी है. हां, यदि वे रात 11 बजे के बाद आपके साथ सेक्सटिंग कर रहे हैं तो फिर चाहे जो भी बातें हो रही हों-आप उनकी नजरों में आ चुकी हैं.

स्पष्ट रहें

केवल लिखे हुए शब्दों के माध्यम से आपको अस्पष्ट व सांकेतिक और स्पष्ट व ग्रैफिक होने की पतली-सी रेखा के बीच अंतर रखना है. थंब रूल ये है कि जितना हौट आपका ऐक्शन होगा, उतना ही मुश्किल होगा सेक्सटिंग को समाप्त कर पाना. आपका सेक्स-टेंशन ऐसा होना चाहिए, जो उन्हें फोन से चिपके रहने पर मजबूर कर दे. यहां इमोजीज का इस्तेमाल न करें. शब्द और वाक्य यहां आपके दोस्त बनेंगे, इमोजीज पर्याप्त नहीं हैं.

अजीबोगरीब अब्रीविएशन्स से बचें

कुछ अब्रीविएशन्स आपकी बातों को अंदाजा तो दे देते हैं, लेकिन लोगों को पसंद नहीं आते. प्रसन्नता जैसे मनोभावों को जताना कठिन होता है, पर एलओएल या एलएमओज से बचें.

वैज्ञानिकता न बघारें

अपने नारीत्व का विवरण देने के लिए क्लीनिकल टर्म्स का इस्तेमाल करने से बचें.

सेक्सटिंग के आंकड़े

33% युवा वयस्क (20-26) कभी न कभी सेक्स्ट भेज चुके होते हैं. जुलाई 2011 में हुए एक सर्वे में सामने आया कि सोशल नेटवर्किंग और डेटिंग साइट्स पर मौजूद दो तिहाई महिलाओं ने कभी न कभी सेक्स्ट किया है, इनकी तुलना में यहां मौजूद केवल आधे पुरुषों ने ही सेक्स्ट किया है.

महिलाएं (48%), पुरुषों (45%) से ज़्यादा सेक्स्ट करती हैं, कुछ सर्वेज़ का कहना है. महिलाओं की तुलना में पुरुष सेक्सटिंग की पहल ज़्यादा करते हैं. आंकड़े बताते हैं कि 60% सेक्स्ट उस साथी को भेजे जाते हैं, जिसके साथ महिला/पुरुष रिश्ते में हैं और 33% संभावित बॉयफ्रेंड्स या गर्लफ्रेंड्स को.

6 टिप्स: छोटे घर में कैसे बढ़ाएं भाई-बहन का प्यार

परिवार एक एकल इकाई है, जहां पेरैंट्स और बच्चे एकसाथ रहते हैं. इन्हें प्रेम, करुणा, आनंद और शांति का भाव एकसूत्र में बांधता है. यही उन्हें जुड़ाव का एहसास प्रदान करता है. उन्हें मूल्यों की जानकारी बचपन से ही दी जाती है, जिस का पालन उन्हें ताउम्र करना पड़ता है. जो बच्चे संयुक्त परिवार के स्वस्थ और समरसतापूर्ण रिश्ते की अहमियत समझते हैं, वे काफी हद तक एकसाथ रहने में कामयाब हो जाते हैं.

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साथ रहने के फायदे

बच्चों के साथ जुड़ाव और बेहतरीन समय बिताने से हंसीठिठोली, लाड़प्यार और मनोरंजक गतिविधियों की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस से न सिर्फ सुहानी यादें जन्म लेती हैं बल्कि एक स्वस्थ पारिवारिक विरासत का निर्माण भी होता है.

इस का मतलब यह नहीं है कि हमेशा ही सबकुछ ठीक रहता है. एक से अधिक बच्चों वाले घर में भाईबहनों का प्यार और उन की प्रतिद्वंद्विता स्वाभाविक है. कई बार स्थितियां मातापिता को उलझन में डाल देती हैं और वे अपने स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं तथा घर में शांतिपूर्ण स्थिति का माहौल बनाते हैं.

कम जगह में आपसी प्यार बढ़ाने के खास टिप्स बता रही हैं शैमफोर्ड फ्यूचरिस्टिक स्कूल की फाउंडर डायरैक्टर मीनल अरोड़ा :

व्यक्तिगत स्वतंत्रता की व्यवस्था :

प्रत्येक बच्चे के लिए एक कमरे में व्यक्तिगत आजादी का प्रबंध करने से उन में व्यक्तिगत जुड़ाव की भावना का संचार होता है. प्रत्येक बच्चे के सामान यानी खिलौनों को उस के नाम से अलग रखें और उस की अनुमति के बिना कोई छू न सके. बच्चों में स्वामित्व की भावना परिवार से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है जिस से अनेक सकारात्मक परिवर्तन होते हैं. कमरे को शेयर करने के विचार को दोनों के बीच आकर्षक बनाएं.

नकारात्मक स्थितियों से बचाएं बच्चों को :

भाईबहनों में दृष्टिकोण के अंतर के कारण आपस में झगड़े होते हैं. इस के कारण वे कुंठा को टालने में कठिनाई महसूस करते हैं और किसी भी स्थिति में नियंत्रण स्थापित करने के लिए झगड़ते रहते हैं, आप अपने बच्चों को ऐसे समय इस स्थिति से दूर रहने के लिए गाइड करें.

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हमें अपने बच्चों को झगड़े की स्थिति को पहचानने में सहायता करनी चाहिए और इसे शुरू होने के पहले ही समाप्त करने के तरीके बताने चाहिए.

व्यक्तिगत सम्मान की शिक्षा दें :

प्रत्येक व्यक्ति का अपना खुद का शारीरिक और भावनात्मक स्थान होता है, जिस की एक सीमा होती है, उस का सभी द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए. बच्चों को समर्थन दे कर उन की सीमाओं को मजबूत करें.

उन्हें दूसरे बच्चों की दिनचर्या और जीवनशैली का सम्मान करने की शिक्षा भी दें. यदि दोनों भाईबहन पहले से निर्धारित सीमाओं से संतुष्ट हैं तो उन के बीच पारस्परिक सौहार्द बना रहता है.

क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करें :

कभी ऐसा भी समय आता है, जब एक बच्चा दूसरे बच्चे की किसी चीज को नुकसान पहुंचा देता है या उस से जबरन ले लेता है. ऐसे में पेरैंट्स को चाहिए कि जिस बच्चे की चीज ली गई है उस बच्चे की भावनाओं का खयाल कर उस के लिए नई वस्तु का प्रबंध करें और गलत काम करने वाले बच्चे को उस की गलती का एहसास करवाएं.

इस से परिवार में अनुशासन और ईमानदारी सुनिश्चित होगी. इस से भाईबहनों को भी यह एहसास होता है कि पेरैंट्स उन का खयाल रखते हैं और घर में न्याय की महत्ता बरकरार है.

चरित्र निर्माण में सहयोग :

एकदूसरे के नजदीक रहने से दूसरे के आचारव्यवहार पर निगरानी बनी रहती है. किसी की अवांछनीय गतिविधि पर अंकुश लगा रहता है. यानी कि बच्चा चरित्रवान बना रहता है. किसी समस्या के समय दूसरे उस का साथ देते हैं. दूसरी और, सामूहिक दबाव भी पड़ता है और बच्चा गलत कार्य नहीं कर पाता. अत: मौरल विकास अच्छा होता है.

बच्चे की जागरूकता की प्रशंसा करें :

यदि कोई बच्चा समस्या के समाधान की पहल करता है और नकारात्मक स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश करता है तो उस की प्रशंसा करें.

समस्या के समाधान के सकारात्मक नजरिए को सम्मान प्रदान करें, क्योंकि इस से उस का बेहतर विकास होगा और वह परिपक्वता की दिशा में आगे बढ़ेगा. प्रोत्साहन मिलने से हम अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं.

इस से बच्चों को अपनी उपलब्धियों पर गर्व का एहसास होगा और वे इस स्वभाव को दीर्घकालिक रूप से आगे बढ़ाएंगे. हमेशा बच्चे द्वारा नकारात्मक स्थिति में सकारात्मक समाधान तलाशने के प्रयास की प्रशंसा करें.

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याद रखें इन नुस्खों को अपना कर आप अपने बच्चों को संभालने में आसानी महसूस करेंगे. भाईबहन एकदूसरे के पहले मित्र और साझीदार होते हैं, जो एक सुंदर व स्वस्थ समरसता को साझा करते हैं, इस से कम जगह में भी पूरा परिवार खुशीखुशी जीवन व्यतीत कर सकता है.

प्यार की झूठी कसमें

लेखिका- किरण बाला

‘‘तुम्हारी कसम, मैं तुम से दिल से प्यार करता हूं. तुम्हारे बगैर एक पल भी नहीं रह सकता. यकीन न हो तो तुम्हारे कहने पर अपनी जान भी दे सकता हूं.’’

विशाल और नेहा के बीच कुछ समय से अफेयर चल रहा था. पहले वे लुकछिप कर मिलते थे. फिर उन के बीच फिजिकल रिलेशन भी बनने लगे. नेहा ने कईर् बार उस से कहा कि यदि तुम मुझ से प्यार करते हो तो घर आ कर मेरे पापा या भैया से बात क्यों नहीं करते?

विशाल यह कह कर बात टाल देता कि शीघ्र ही वह आ कर उस के परिजनों से बात करेगा. इसी बीच उसे पता चला कि विशाल ने किसी अन्य लड़की से सगाई कर ली.

नेहा के पैरोंतले जमीन खिसक गई. जो विशाल कल तक प्यार की कसमें खाते नहीं थकता था, वह उसे इस तरह धोखा दे देगा, यह उस ने सपने में भी न सोचा था.

विशाल को फोन कर नेहा ने व्यंग्य किया, ‘‘सगाई की बहुतबहुत बधाई.’’

‘‘नेहा, तुम मेरी मजबूरी समझो. पेरैंट्स के दबाव की वजह से मुझे रिश्ता स्वीकारना पड़ा. मुझे माफ कर देना.’’ ऐसा कह कर विशाल ने पल्ला  झाड़ लिया.

प्रेमी द्वारा प्यार की  झूठी कसमें खाने और फिर उस के मुकर जाने से नेहा का प्यार पर से विश्वास उठ गया.

यह तो एक उदाहरण मात्र है. विशाल की भांति ऐसे कई लड़के हैं जो प्रेम का नाटक करने में माहिर हैं और  झूठी कसमें खा कर लड़की के जज्बातों से खेलते हैं. उन के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और जब वे प्रैग्नैंट हो जाती हैं तो उन का अबौर्शन करा देते हैं या उन की कोख में पल रहे बच्चे को अपना मानने से इनकार कर देते हैं. उन से शादी करना तो दूर, दूध में मक्खी की भांति उन्हें बाहर निकाल फेंकते हैं.

आमतौर पर लड़कियां भोली होती हैं. वे अपने प्रेमियों पर भरोसा कर लेती हैं. जब प्रेमी प्यार की कसमें खाता है तो उस पर अविश्वास करने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता. लेकिन जब प्रेमी के मन में पहले से ही दुर्भावना हो तो उसे प्रेमिका को धोखा देते देर नहीं लगती. वक्त पर वह पाला बदल लेता है और प्रेमिका देखती रह जाती है.

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उन प्रेमियों की कमी नहीं है जो आसमान से चांदतारे तोड़ कर लाने की कसमें खाते हैं, लेकिन क्या आज तक कोई भी प्रेमी अपनी यह कसम पूरी कर सका है?

प्रेमिका को रिझाने के लिए या अपने प्यार का यकीन दिलाने के लिए प्रेमी अपनी जान देने की बात करते हैं, लेकिन क्या प्रेमियों ने अपनी जान दे कर अपनी कसम को पूरा किया है? जाहिर है ये कसमें छलावा मात्र हैं.

जो सच्चे प्रेमी होते हैं वे किसी तरह की कसमें नहीं खाते और न ही उन्हें इस की जरूरत होती है. ये तो उन कथित प्रेमियों के हथकंडे हैं जो लड़कियों को एक भोग वस्तु सम झते हैं, इस से ज्यादा कुछ नहीं. इसलिए उन का शारीरिक और मानसिक शोषण करने में उन्हें जरा भी लाजशर्म नहीं आती.

आप का प्रेमी सच्चा है या  झूठा, इस का परीक्षण आप कई स्तरों पर कर सकती हैं. जो सच्चा प्यार करता है वह कभी भी आप से शरीर की मांग नहीं करेगा. अन्य शब्दों में, शारीरिक संबंध के लिए न तो बाध्य करेगा, न इस के लिए उकसाएगा. बल्कि यदि आप आगे हो कर इस की पहल करती हैं तो वह सख्ती से रोकेगा. उस की नजर में शादी के पूर्व शारीरिक संबंध बनाना ठीक नहीं.

सच्चा प्रेमी शारीरिक संबंधों के लिए शादी तक इंतजार करेगा. इस के विपरीत, प्रेम का नाटक करने वाला येनकेन प्रकारेण आप से शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करेगा. शादी करने का वादा कर के संबंध बनाने हेतु विवश कर देगा. वह तरहतरह की झूठी कसमें खा कर आप को यकीन दिला देगा ताकि आप शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने के लिए सहमति दे दें. लेकिन वह आप से शादी कभी करेगा ही नहीं. उस का इरादा तो शुरू से ही धोखा देना होता है.

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सच्चा प्रेमी सुखदुख में साथ देने की कसमें खाता नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर हाजिर होता है. जबकि  झूठे प्रेमी विपत्ति की घड़ी का बहाना बना कर कन्नी काट लेते हैं क्योंकि उन्हें उस के सुखदुख से कोई वास्ता नहीं होता.

हर लड़की को इस बात की सम झ होनी चाहिए कि वह सच्चे और  झूठे प्रेमी में अंतर कर सके. कसमें तो होती ही तोड़ने के लिए हैं. इसलिए उन पर यकीन न करें. एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि शादी से पूर्व अपना शरीर उस के हवाले न करें. सच्चा प्रेमी आप के कहने पर आप के परिजनों से मिलेगा. जबकि  झूठा प्रेमी परिजनों से मिलने का वादा तो करेगा लेकिन मिलेगा कभी नहीं. इसलिए सावधान रहें,  झूठे प्रेमी और उन की  झूठी कसमों से.

यंगिस्तान में तेजी से पनपता लव-सेक्स और धोखे का सिलसिला!

युवा पीढ़ी का नया जोश कब जग जाएगा यह कोई नहीं जानता, प्यार मुहब्बत के दौरान अगर इसी तरह का नयापन कों युवाओ उतेजित करे तों प्यार में थोडा सा इमोशन का तड़का लगा कर आप से शुरू होने वाला प्यार का अंत तू पर होता है.  सरल भाषा में कहे तो लव, सेक्स और धोखा का सिलसिला यंगिस्तान में खूब पनप रहा है. यह समस्या केवल युवाओ में ही नहीं पनप रही है, बल्कि  नवविवाहित जोड़ियां भी इस दलदल में धसते जा रहे हैं.

रिया शर्मा बहुत खुश थी अपनी जिन्दगी से, वह एक इंटीरियर डिजाईनर है और उनकी शादी कों 3 साल हो गये है. नेहा के पति (राकेश) एक विजनेस मैन है.  इन दोनों का जीवन मस्ती से कट रही थी कि अचानक एक दिन इनके घर में भूचाल आ गया . हुआ यूं  कि एक रात राकेश घर आते ही रिया से बोला  ‘मै  तुम्हारी दोस्त (शिल्पा) से प्यार करता हूं और ये सब पिछले एक साल से चल  रहा है.  ‘ राकेश की आंखे लाल हो रही थी और  उसके सामने खाड़ी रिया कुछ बोलने का हिम्मत नहीं कर पा रही थी, उसने आगे बोला  ‘मुझे इसके लिए कोई शर्मिंदगी नही है.’ यह सुनकर रिया की आंखे भर आई और उस वक्त तो वह कुछ नहीं बोली , लेकिन हर पल इस रिश्ते में दूरी बनती चली गयी. इस पुरे वाकये पर रिया बताती है कि यह सब सुनने के बाद उसका मन  उदास हो गया और अजीब सा दर्द महसूस होने लगा. छह महीनों तक हम साथ रहे लेकिन फिर तलाक के रास्ते को मैंने सही मानते हुए राकेश से दूर जाने का फैसला किया.

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रिया की तरह कई महिलाओ कों यही समस्या है कि शादी के बाद उनके पति प्यार के इस रिश्ते मे धोखा देते है . कई महिलाओ का मानना  है कि  शादी के बाद अगर एक बार भी आपसी खिंचातानी होती है, तो इसका फायदा उनके पति उठाते हैं और शादीशुदा होने के बाद भी गर्लफ्रेंड बनाने से नहीं चुकते है. संबंधो के बीच दूरियां और लव, सेक्स, धोखा के इस खेल कों समझना थोडा मुश्किल जरुर है, लेकिन नामुमकिन नहीं.

डौक्टर प्रीति रावत एक विशेषज्ञ (विवाह सलाहकार ) है,  इन मामलों के बारे में वह कहती है कि यह इन्सान के व्यवहार पर निर्भर करता है कि शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ उचित संबंध बरकरार रखे. इससे किसी को पाबन्दी नहीं है कि वह एक ही शादी करे, अगर पहली पत्नी विवाह के लिए हामी भर्ती है तों आपकी जोड़ी में एक नया चेहरा जुड़ जाएगा .

विवाह की नीव सच्चाई और वादों पर रखी जाती है . अगर इस बींच थोड़े से भी शक की आशंका पनपती है तों समझो आपका रिश्ता अस्थिर हो रहा है . मुंबई में रहनेवाली मधुगुप्ता (समाजसेविका) का मानना है कि अगर कोई आपने साथी के साथ धोखा करता है तों सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि किस जरुरतो के लिए उसने आपने साथी कों धोखा दिया.

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विशेषज्ञों  ओर डौक्टरों का मानना  है कि आपसी रिश्ते में दूरियां और धोखे का खेल बिना किसी कारण के नहीं होता भावुकता, नास्तिकता और कुछ खास बाते जिन पर विचार  कर इन्हें दूर किया जा सकता है . अगर आप सभी कारणों को जानने और पूरी तरह समझने के बाद संयम से अपने साथी से बात करते है , तो एक हद तक आपके बीच बनी दूरियां समाप्त होती है.

बहुत से मामलों में कोशिश ही नहीं किया जाता है कि युवा अपने बहके पार्टनर को समझा-बुझा कर पहले की तरह बना सके. लेकिन जो लोग इस तरह के मामलों में कोशिश करते  है,  उन्हें इसमें जरुर सफल मिलाती है .

क्या करें जब पड़ोस की लड़की भाने लगे

खैर, मसला यह है कि क्या करें जब पड़ोस की लड़की भाने लगे, उस के लिए दिल में कुछकुछ होने लगे और उसे देखने भर से मन न भरे. पहली बात जो इस मसले में जान लेना बहुत जरूरी है, यह है कि पड़ोस के प्यार के बारे में शायद आप को अब भी कुछ दुविधा हो कि यह प्यार है या नहीं, लेकिन, पूरे महल्ले के लिए तो आप का उसे एक नजर देखना भर ही “पक्का इन का चक्कर चल रहा है” कहने के लिए काफी होगा. तो, जरा संभल कर.

प्रोपोज करने से पहले सोच लें यदि आप यह सोचें की आप को अपने सामने वाले घर में रहने वाली लड़की अच्छी लगती है और आप के दिमाग में उसे देखते ही ‘मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद सा टुकड़ा रहता है’ गीत गुनगुनाने लगता है, तो इस का मतलब यह नहीं कि आप जा कर सीधा प्रोपोज कर दें.

पहले अपनी फीलिंग्स को ले कर क्लियर हो जाएं कि सच में आप उसे चाहने लगे हैं या यह छोटा मोटा क्रश है. इस के बाद उस लड़की के हावभाव नोटिस करें. अगर वह भी आप को उस नजर से देखती है जिस से आप देखते हैं, अगर वह भी आप को नोटिस करती है, अगर उस ने सच में कोई हिंट दिया है तो आप उसे प्रोपोज करने के बारे में सोच सकते हैं, नहीं तो नहीं.

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हां, परंतु उस का अपनी खिड़की पर आ कर बाल सुखाना और खिड़की का पर्दा खुला रखना आप के लिए कोई संकेत नहीं है, यह भी ध्यान रखें. उस की सामान्य क्रियाओं को प्रतिकिर्याओं के रूप में लेने की कोशिश न करें.

शब्दों का चुनाव सही हो

अगर आप को उस लड़की को प्रोपोज करना है तो अपने शब्दों का चुनाव सही रखना बेहद जरूरी है. उसे दो दिन पहले देखा और तीसरे दिन जा कर यह कह देना कि मैं तुम्हें बेहद प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना मर जाऊंगा, बेतुका है. फिल्म रांझना के कुंदन बनने से कुछ होने वाला नहीं है, थोड़े समझदार व्यक्ति की तरह सोचें. यदि आप उसे पसंद करते हैं तो उसे यह कहें कि आप को वह पसंद है. आप को उसे देखना अच्छा लगता है तो उसे यह कहें कि वह खूबसूरत है और आप की नजरें उस पर रुक जाती हैं. जवानी के जोश में और अपने खुद के भ्रम में उस लड़की को उलझाने की कोशिश न करें. प्यार को चलता फिरता शब्द न बनाएं.

गति धीमी रखें

यदि आप की पड़ोस की लड़की भी आप को उतना ही पसंद करती है जितना आप करते हैं तो खुशी के मारे हर चीज़ हबड़तबड़ में न करें. आज उसे खत भेजना तो कल बाजार में हाथ पकड़े घूमना और परसो उसे कहना कि किस करे या सेक्स करे, गलत है. चीज़ें शुरू के दिनों में जितनी अच्छी लगेंगी ब्रेकअप होने के बाद उतनी ही खलेंगी भी. वैसे भी जल्बाजी करने पर चीज़े बिगड़ती ही हैं, फल अपना समय ले कर ही उगते हैं, जल्बाजी करने पर पेट में रसायन ही जाता है जो जानलेवा होता है.

आसपड़ोस का रखे ध्यान

अपने प्यार में इतना भी न खो जाएं कि आप आसपास देखना ही भूल जाएं. पड़ोस की लवस्टोरी में परिवार और पड़ोस की भी बड़ी भूमिका होती है. यदि जाने-अनजाने किसी को आप दोनों के प्रेमप्रसंग के बारे में पता चलता है तो यह आप दोनों के रिश्ते का अंत भी हो सकता है. यह न भूलें कि भारतीय परंपरा और प्रतिष्ठा से लिप्त परिवारों के लिए लड़के लड़की का शादी से पहले ‘प्यार’ का नाम लेना भी “थूथू” से कम नहीं. तो, बाजार में हाथ पकड़े न घूमें, हमेशा उसे ही ताकते न रहें, इशारों इशारों में इतनी भी बातें न करें कि पूरा महल्ला ही इस का दर्शक बन जाए.

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दोस्तों को हर बात न बताएं

माना दोस्तों से कुछ छुपाना नहीं चाहिए हम ने बचपन से सीखा है लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि आप इस बात को अपने अंदर इतना घुसा लें कि आप अपने प्रेमप्रसंग की बातें हर किसी को ही बताने लगें. आप का दोस्त यदि आप को जानता है तो उस लड़की को भी जानता ही होगा. एक ही महल्ले में रहने के कारण आप का दोस्त भी उस लड़की को हमेशा ‘भाभी’ की नजर से ही देखेगा जोकि सही नहीं है, क्योंकि इस से उस लड़की को अटपटा लग सकता है.

आप यदि अपने दोस्तों को अपने और उस लड़की के शारीरिक संबंधों के बारे में बताते फिरेंगे तो यकीन मानिए वे उस लड़की को वासना की नजर से देखने लगेंगे. कितनी ही बार तो ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं जब दोस्तों ने अपनी ही दोस्त की गर्लफ्रेंड को छेड़ा या उस के साथ बलात्कार की कोशिश की है. तो, जरा संभल कर.

पारिवारिक अस्मिता का ध्यान रखें

पड़ोस के प्यार में अकसर लड़के-लड़कियां पारिवारिक अस्मिता का ध्यान रखना भूल जाते हैं. एकदूसरे से छत पर छुपछुप कर मिलना, एकदूसरे के घर में घुस जाना, फंक्शन का फायदा उठा कर एकदूसरे को भरी महफिल में छूने की कोशिश करना, गलत है. कुछ भी करने से पहले अच्छी तरह सोच लें. इस पड़ोस के प्यार के पकड़े जाने पर आप और आप का परिवार तो आहत होते ही हैं, साथ ही लड़ाई झगड़ा होता है जिस का मनोरंजन पूरा महल्ला उठाता है और मजे लेता है. अपनी मोहब्बत को अपने परिवार की इज्जत उछालने का जरिया न बनने दें.

ब्रेकअप को सर पर न चढ़ने दें

हो सकता है आप को लग रहा हो कि अभी तो आप की लवस्टोरी शुरू भी नहीं हुई और मैं ब्रेकअप की बातें करने लगी. लेकिन, यह समझना भी बेहद जरूरी है. पड़ोस के प्यार में प्राइवेसी बहुत कम होती है, एकदूसरे का घर भी आसापास ही होता है इसलिए. ऐसे में यदि आप का ब्रेकअप हो जाए तो दो चीज़ें हो सकती हैं. पहला, आप इस ब्रेकअप से इतना टूट गए हैं कि उस लड़की की हंसी भी आप को अंगारों जैसी जला रही है.

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दूसरा, आप उस लड़की को अपनी खुशी दिखा कर जलाना चाहते हैं. दोनों ही मामलों में कुछ भी करने से पहले सोच लें. यह वही लड़की है जिस की चाहत में आप कुछ दिन पहले तक पागल हो गए थे, इसलिए अब उस के लिए कुछ बुरा सोचना या उस को नुक्सान पहुंचाने जैसी चीजें न सोचें. जो हो गया, सो हो गया. बातों को पकड़ कर न बैठे रहें बल्कि आगे बढें.

मोहब्बत के खूनी अंत की हैरतअंगेज कहानी

मध्य प्रदेश के इंदौर के थाना चंदननगर के रहने वाले 21 साल के सलमान शेख के अचानक लापता हो जाने से उस के घर वाले काफी परेशान थे. वह फैब्रिकेशन का काम करता था. घर से काम के लिए निकला सलमान घर नहीं लौटा तो 9 जनवरी, 2017 को उस के बड़े भाई तौकीर शेख ने थाना चंदननगर में उस की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी. गुमशुदगी दर्ज कराते समय उस ने अपने घर के सामने रहने वाले रऊफ खान और उस के ड्राइवर सद्दाम पर भाई के गायब करने का शक जाहिर किया था.

रऊफ खान बड़ीबड़ी बिल्डिंगों की मरम्मत एवं रंगाईपोताई का ठेका लेता था. उस के यहां पचासों मजदूर काम करते थे. सलमान भी पहले उस के यहां नौकरी करता था. लेकिन साल भर पहले उस ने सलमान को अपने यहां से नौकरी से निकाल दिया था.

रऊफ खान संपन्न आदमी था. वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका था. उस की पहुंच भी ऊंची थी, इसलिए बिना किसी ठोस सबूत के पुलिस उस पर हाथ डालने से कतरा रही थी.

पुलिस ने लापता सलमान शेख के नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई तो उस में चौंकाने वाली जानकारी यह मिली कि सलमान की सब से ज्यादा और लंबीलंबी बातें रऊफ की पत्नी शबनम से हुई थीं. रऊफ के नौकरी से निकाल देने के बाद भी उस की शबनम से बातें होती रही थीं. इन बातों से थाना चंदननगर पुलिस को लगा कि शायद इसी वजह से सलमान के घर वाले रऊफ खान पर शक जाहिर कर रहे थे.

उन्होंने सलमान के भाई तौकीर से रऊफ और उस के रिश्तेदारों के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि उस के कई नजदीकी रिश्तेदार धार जिले के धरमपुरी में रहते हैं. तौकीर की इस बात पर उन्हें 5 दिनों पहले धरमपुरी में मिली लाश की बात याद आ गई.

दरअसल, 10 जनवरी, 2017 को धार जिला के थाना धरमपुरी के थानाप्रभारी के.एस. साहू को फोन द्वारा बेंट संस्थान के जंगल में लाश पड़ी होने की खबर मिली थी. अधिकारियों को सूचना दे कर वह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे. वहां एक लाश पड़ी थी, जिस का सिर काफी क्षतविक्षत था. शायद जंगली जानवरों ने उसे नोचखसोट डाला था. उस का गुप्तांग भी कटा हुआ था. लाश की स्थिति देख कर थानाप्रभारी को लगा कि यह हत्या प्रेमप्रसंग में की गई है. क्योंकि प्रेमप्रसंग में अकसर इसी तरह हत्याएं की जाती हैं.

पुलिस ने लाश की शिनाख्त के लिए जब मृतक के कपड़ों की तलाशी ली तो पैंट की जेब से एक पर्स मिला, जिस में एक लड़के और लड़की की तसवीर के अलावा हिसाब की एक डायरी और तंबाकू की एक पुडि़या मिली. उस में कुछ ऐसा नहीं था, जिस से मृतक की पहचान हो सकती.

मृतक के गले में तुलसी की एक माला पड़ी थी, जिस से अंदाजा लगाया गया कि लाश किसी हिंदू की है. लाश की शिनाख्त नहीं हो सकी तो के.एस. साहू ने घटनास्थल की सारी काररवाई निपटा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था. इस के बाद लाश की शिनाख्त के लिए इस की जानकारी अपने जिले में ही नहीं, आसपास के जिलों में भी दे दी थी. उसी जानकारी के आधार पर थाना चंदननगर के थानाप्रभारी को जब पता चला कि रऊफ की रिश्तेदारी धरमपुरी में है तो उन्हें लगा था कि वह लाश सलमान शेख की हो सकती है.

उन्होंने तत्काल लापता सलमान शेख के घर वालों को थाना धरमपुरी जाने की सलाह दी. तौकीर पिता के साथ थाने पहुंचा तो पता चला कि लाश तो दफना दी गई है. थानाप्रभारी के.एस. साहू ने लाश के सामान को दिखाया तो उन्होंने उस में रखी एक अंगूठी देख कर कहा कि वह लाश सलमान शेख की थी, पर यह तुलसी की माला उन का बेटा क्यों पहनेगा?

के.एस. साहू तुरंत समझ गए कि हत्यारों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए उसे तुलसी की माला पहना कर उस का गुप्तांग काट दिया था. पुलिस को भ्रमित करने के लिए ही हत्यारों ने जेब में लड़की और लड़के की फोटो भी रखी थी. हत्यारों ने गलती यह की थी कि वे सलमान शेख की अंगूठी निकालना भूल गए थे. अंगूठी से ही उस की लाश की पहचान हो गई थी.

लाश की पहचान होने के बाद अगले दिन उपजिलाधिकारी के आदेश पर सलमान शेख का शव निकलवा कर उस के घर वालों को सौंप दिया गया था. घर वालों ने सलमान की लाश ला कर इंदौर के एक कब्रिस्तान में दफना दिया था. सलमान की लाश मिलने की सूचना पा कर उस के परिचितों और दोस्तों ने थाना चंदननगर में धरना दे कर हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी.

एक ओर जहां मृतक सलमान शेख के घर वालों और परिचितों ने पुलिस पर हत्यारों को गिरफ्तार करने का दबाव बना रखा था, वहीं मुखबिर से मिली जानकारी ने थानाप्रभारी को चौंका दिया था. मुखबिर ने बताया था कि सलमान को आखिरी बार रऊफ खान के ड्राइवर सद्दाम के साथ देखा गया था.

इस के बाद थाना चंदननगर पुलिस ने शबनम और सद्दाम को हिरासत में ले कर पूछताछ की. लेकिन दोनों ही कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे. चूंकि पुलिस के पास दोनों के खिलाफ ठोस सबूत थे, इसलिए पुलिस ने दोनों से थोड़ी सख्ती की और उन्हें काल डिटेल्स दिखाई तो दोनों ने ही असलियत उगल दी.

सद्दाम ने स्वीकार कर लिया कि शबनम भाभी से सलमान शेख के संबंध थे, जिस से नाराज हो कर रऊफ खान ने सलमान की हत्या की योजना बनाई थी. इस योजना में उस के अलावा रऊफ के भतीजे गोलू उर्फ जफर और जावेद भी शामिल थे.

इस के बाद उस ने सलमान शेख की हत्या की जो कहानी सुनाई, उस के अनुसार थाना चंदननगर पुलिस ने जावेद, रऊफ खान, गोलू उर्फ जफर के अलावा थाना धरमपुरी पुलिस की मदद से धरमपुरी के रहने वाले रऊफ के एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया था. बाद में इन सब को भी थाना धरमपुरी पुलिस को सौंप दिया गया था, जहां इन सब से की गई पूछताछ में सलमान की हत्या की जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार थी.

इंदौर के थाना चंदननगर में रहने वाला 21 साल का सलमान अब्दुल लतीफ शेख का बेटा था. उस के घर के सामने ही रऊफ खान का घर था, जो बिल्डिंगों की मरम्मत और पुताई का ठेका लेता था. इस के लिए उस के पास तमाम मजदूर काम करते थे. सलमान पढ़लिख कर कमाने लायक हुआ तो अब्दुल लतीफ शेख के कहने पर रऊफ खान ने उसे भी अपने यहां काम पर रख लिया था.

सलमान रऊफ का पड़ोसी था ही, इसलिए उस का रऊफ के घर पहले से ही आनाजाना था. लेकिन जब वह उस के यहां काम करने लगा तो उस का आनाजाना कुछ ज्यादा ही हो गया. जिस की वजह से रऊफ की पत्नी शबनम से उस की कुछ ज्यादा ही पटने लगी. उन का रिश्ता भी कुछ ऐसा था. सलमान शबनम को भाभी कहता था, इसलिए खुल कर हंसीमजाक होता था.

रऊफ खान का काम बड़ा था, इसलिए उस का दिन भागदौड़ में ही बीत जाता था. चूंकि सलमान पड़ोसी था, इसलिए घर के कामों के लिए वह ज्यादातर उसे ही भेजता था. घर के कामों के साथसाथ सलमान शबनम के छोटेमोटे निजी काम भी कर दिया करता था. शबनम खूबसूरत भी थी और उम्र में भी रऊफ खान से छोटी थी. सलमान उस के हमउम्र था. इसी आनेजाने में ही युवा सलमान की नजरें शबनम के गदराए यौवन पर जम गईं. फिर तो जब भी उसे मौका मिलता, वह शबनम से ऐसा मजाक करता कि वह शरम से लाल हो उठती. औरतों को मर्दों की नजरें पहचानने में देर नहीं लगती. शबनम ने भी सलमान की नजरों से उस का इरादा भांप लिया.

पहले तो शबनम ने उस की नजरों से बचने की कोशिश की, लेकिन खुद से भी कमउम्र के आशिक की दीवानगी ने उसे बचने नहीं दिया, उस की दीवानगी उसे अच्छी लगने लगी तो वह उस के सामने अपने छिपे अंगों को इस तरह दिखाने लगी, जैसे सलमान जो देख रहा है, उस से वह अंजान है.

सलमान ने जो कुछ अब तक नहीं देखा था, शबनम से वह देखने को मिला तो वह ज्यादा से ज्यादा उस के करीब रहने की कोशिश करने लगा. सलमान की चाहत की आग में शबनम कुछ ज्यादा ही पिघलने लगी और धीरेधीरे खुद ही उस की होती चली गई. उस बीच रऊफ खान विधानसभा का चुनाव लड़ रहा था. इसलिए वह चुनाव में इस कदर व्यस्त हो गया कि न उसे काम का खयाल रहा और न पत्नीबच्चों का.

उस ने सभी कर्मचारियों को चुनाव प्रचार में लगा रखा था. ऐसे में उस ने सलमान को घर के कामों की जिम्मेदारी सौंप दी थी. इस बीच उस ने रातदिन शबनम भाभी की सेवा की. उस सेवा के फलस्वरूप एक दिन सलमान ने उसे बांहों में भर लिया. शबनम ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘तुम तो बड़े दिलेर निकले, तुम्हारी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी. मुझे बांहों में भरते हुए तुम्हें डर नहीं लगा. तुम्हारे भाईजान ने देख लिया तो सीधे सूली पर चढ़ा देंगे.’’

‘‘भाभीजान, मैं ने तुम से मोहब्बत की है. मोहब्बत करने वाले किसी से नहीं डरते.’’

‘‘तुम भाईजान के गुस्से को तो जानते ही हो, एक ही बार में सारा इश्क उतार देंगे.’’

‘‘भाभीजान, क्यों मोहब्बत के मूड को बिगाड़ रही हो.’’

‘‘मैं तो मजाक कर रही थी.’’ शबनम ने कहा और सलमान से लिपट गई. इस के बाद दोनों तभी अलग हुए, जब उन के तनमन की आग ठंडी हो गई. इस के बाद दोनों को जब भी मौका मिलता, तन की आग के दरिया में डूब कर आपस में सुख बांट लेते.

सलमान को अब शबनम की जुदाई पल भर के लिए भी बरदाश्त नहीं होती थी. वह चाहता कि शबनम हमेशा उस की आंखों के सामने रहे. लेकिन यह संभव नहीं था. फिर भी वह हर पल उसी की यादों में खोया रहता और उस से मिलने का मौका ढूंढता रहता. अकसर वह दोपहर में काम छोड़ कर शबनम से मिलने उस के घर पहुंच जाता.

सलमान के इस तरह काम छोड़ कर जाने से रऊफ को उस पर शक हुआ तो उस ने कर्मचारियों से उस के बारे में पूछा. पता चला कि सलमान उस की पत्नी से फोन पर घंटों बातें करता है, अकसर दोपहर में उसी से मिलने भी जाता है. रऊफ ने जब इस बात पर ध्यान दिया तो पता चला कि सलमान और शबनम के बीच कुछ चल रहा है. इस के बाद वह दोनों पर नजर रखने लगा. आखिर एक दिन उस ने सलमान को पत्नी से फोन पर बातें करते पकड़ लिया तो उस ने सलमान की पिटाई कर के काम से निकाल दिया.

सलमान को इस से कोई फर्क नहीं पड़ा. वह रऊफ के घर के ठीक सामने ही रहता था. मौका निकाल कर वह शबनम से मिल ही लेता था. फोन पर उन की बातें होती ही रहती थीं. जब रऊफ को पता चला कि अब भी सलमान और शबनम मिलते हैं तो उसे डर सताने लगा कि अगर शबनम सलमान के साथ भाग गई तो समाज में वह मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा, क्योंकि एक तरह से सलमान उस का नौकर था. उस के पास पैसा था और ऊंची राजनीतिक पहुंच भी. इसलिए उस ने सलमान को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया.

रऊफ ने सलमान को इंदौर से करीब 150 किलोमीटर दूर ले जा कर धार जिले के धरमपुरी इलाके के जंगल में हत्या करने की योजना बनाई, ताकि पुलिस किसी कीमत पर उस की लाश को न पा सके. अपनी इस योजना में उस ने अपने ड्राइवर सद्दाम, भतीजे गोलू उर्फ जफर और जावेद को शामिल किया.

योजना तो बन गई, लेकिन अब सलमान को धरमपुरी के जंगल तक ले कैसे जाया जाए, इस पर विचार किया गया. वह आसानी से जाने वाला नहीं था. आखिर एक तरकीब निकाली गई और इस काम के लिए ड्राइवर सद्दाम को तैयार किया गया. उस ने सद्दाम से कहा कि वह सलमान को शबनम से मिलाने के बहाने धरमपुरी के जंगल तक ले चले.

योजना के अनुसार, 8 जनवरी, 2017 को सद्दाम सलमान से मिला. सद्दाम ने उस से शबनम से मिलाने की बात कही तो वह फौरन तैयार हो गया. क्योंकि पिछले कई सप्ताह से वह शबनम से मिल नहीं पाया था. सद्दाम सलमान को अपने साथ ले कर चला तो कई लोगों ने सलमान को उस के साथ जाते देख लिया था. धरमपुरी के जंगल में पहुंच कर सलमान ने शबनम के बजाए गोलू, जावेद और रऊफ खान को देखा तो समझ गया कि उस के साथ धोखा हुआ है.

वह कुछ कहता या भाग पाता, उस से पहले ही सभी ने उसे पकड़ लिया और उस की पिटाई शुरू कर दी. पिटाई करने के बाद उस के गले में रस्सी डाल कर कस दिया तो उस की मौत हो गई. इस के बाद पहचान छिपाने के लिए उस का चेहरा ईंट से कुचल दिया गया. उस के कपड़े उतार कर गुप्तांग काट दिया गया, ताकि उस के धर्म का पता न चल सके.

गले में तुलसी की माला डाल कर उस की पैंट की जेब में एक लड़के और लड़की की फोटो भी डाल दी. उन्होंने पुलिस को गुमराह करने के लिए किया तो बहुत कुछ, लेकिन उन का अपराध छिप न सका और वे पकडे़ गए.

सलमान की हत्या करने के बाद रऊफ ने गोलू और सद्दाम को रात में ही इंदौर भेज दिया था, जबकि खुद जावेद के साथ अपनी बहन के यहां धरमपुरी में रुक गया था, ताकि किसी को शंका न हो. वह अगले दिन इंदौर आ गया और अपने काम में लग गया.

रऊफ और उस के साथियों को पूरा भरोसा था कि पुलिस उन तक कभी नहीं पहुंच पाएगी. लेकिन पुलिस उन तक पहुंच ही गई. इस तरह उन की उम्मीदों पर पानी फिर गया. पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. कथा लिखे जाने तक शबनम, रऊफ खान, सद्दाम, जावेद और गोलू जेल में थे.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

अनजान फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट से रहें सावधान..!

चंडीगढ़ की एक युवती को फेसबुक पर विदेशी ‘हैंडसम’ की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करना भारी पड़ गया. पहले कीमती गिफ्ट भेजने, फिर विदेश से भारत आकर पैरंट्स से मुलाकात करने का झांसा देकर करीब साढ़े छह लाख रुपये ऐंठ लिए गए. न गिफ्ट मिला, न परदेसी से मुलाकात हुई. युवती ने स्पेशल सेल की साइबर सेल में पूरे घटनाक्रम का ब्योरा देते हुए कंप्लेंट दी.

पुलिस के मुताबिक, 26 साल की युवती मूलरूप से हरियाणा के सिरसा की रहने वाली है. वह चंडीगढ़ में जौब करती है. कुछ महीने पहले युवती की फेसबुक पर जौहन हैरी से दोस्ती हुई. फेसबुक से चैट वौट्सऐप पर पहुंच गई. युवक शादी की बात कहने लगा. इसके बाद उसने युवती से कहा कि वह गिफ्ट लाया है, जो उसे भेजना चाहता है. जौहन ने युवती को जूलरी और विदेशी मुद्रा से भरा पैकेट भेजने का झांसा दिया.

युवती के मोबाइल पर कौल आई. कौलर ने कहा कि वह मुंबई एयरपोर्ट कस्टम विभाग से बोल रहा है. गिफ्ट के लिए 35 हजार रुपये टैक्स भरना होगा. युवती ने बताए गए बैंक अकाउंट में कैश जमा करा दिया. फिर कौल आई कि और डेढ़ लाख रुपये देने होंगे. युवती ने वह भी दे दिए.

जौहन ने कहा कि वह कुछ दिनों में आ रहा है. उसने टिकट की फोटोकौपी भी दिखाई. तय तारीख पर युवती के पास एक मैडम की कौल आई. उन्होंने कहा कि वह मुंबई एयरपोर्ट से बोल रही हैं. मैडम ने बताया कि जौहन 50 हजार पाउंड लेकर आया है. एक्सचेंज कराने के लिए 2.10 लाख जमा करने होंगे. युवती ने रकम जमा करा दी.

कुछ घंटे बाद जौहन की कौल आई. उसने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट आ चुका है, लेकिन इमीग्रेशन वाले निकलने नहीं दे रहे हैं. पाउंड के बदले ढाई लाख रुपये की डिमांड कर रहे हैं. युवती ने फिर पैसे जमा करा दिए. इसके बाद जौहन भाग गया. उसका नंबर भी बंद हो गया.

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