मैं सैक्स के दौरान चरम सुख नहीं ले पाती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 34 साल की हूं. मैं सैक्स के दौरान चरम पर नहीं पहुंच पाती हूं. इस से मेरा मन बेचैन रहने लगा है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

यह महिलाओं में एक आम समस्या है, जिसे दवा से ज्यादा आप खुद ही दूर कर सकती हैं. इस बारे में आप पति से बात करें. सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं और हलका भोजन करें. सैक्स के दौरान जल्दबाजी दिखाने से भी यह समस्या होती है. इसलिए बेहतर होगा कि सैक्स से पहले फोरप्ले की प्रक्रिया अपनाएं, जो लंबी हो.

इस मामले में गलती पुरुषों की भी होती है. सैक्स को निबटाने की सोच रखने वाले ऐसे पुरुषों की संख्या ज्यादा है, जो खुद की संतुष्टि को ही ज्यादा तवज्जुह देते हैं और सैक्स के तुरंत बाद करवट बदल कर सो जाते हैं.

बेहतर होगा कि सैक्स से पहले ऐसा माहौल बनाएं जो सैक्स प्रक्रिया को उबाऊ न बना कर प्यारभरा व रोमांचक बनाए. सैक्स से पहले कमरे में मध्यम रोशनी के बीच मधुर आवाज में संगीत चला दें, एकदूसरे से प्यारभरी बातें करें, एकदूसरे के अंगों की तारीफ करें यानी देर तक फोरप्ले करने के बाद ही सैक्स करें. यकीनन ऐसा करने से आप की समस्या दूर हो जाएगी.

सैक्स को रूटीन काम न समझें और इस का भरपूर मजा लें. ज्यादा दिक्कत हो तो माहिर डाक्टर से सलाह लेने में बिलकुल न झिझकें.

जब लड़की बोल दे ‘परे हट नामर्द’

अनिल और श्रुति का कई महीने से मिलनाजुलना था. वे दोनों इस रिश्ते को अब शादी में बदलना चाहते थे. एक दिन श्रुति ने उस से कहा कि शादी से पहले वह अनिल के साथ एक बार हमबिस्तर होना चाहती है, लेकिन अनिल शादी से पहले हमबिस्तर होने के पक्ष में नहीं था.

दरअसल, श्रुति नहीं चाहती थी कि उसे शादी के बाद सैक्स संबंधों को ले कर किसी तरह की समस्या झेलनी पडे़, लेकिन जब अनिल श्रुति की दलील सुनने को तैयार नहीं हुआ तो श्रुति को अनिल की मर्दानगी पर कुछ शक होने लगा.

अब श्रुति अनिल को परखना चाहती थी, इसलिए उस ने अनिल के साथ एक दिन बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाया और दोनों एक पिकनिक स्पौट पर साथसाथ एक ही कमरे में रुके, जहां श्रुति ने अनिल के साथ छेड़छाड़ शुरू की, लेकिन इस का अनिल पर कोई असर नहीं हुआ. वह अनिल को सैक्स संबंध बनाने के लिए खुला औफर दे रही थी, लेकिन अनिल के सैक्स के नाम पर दूर भागने से उस के मन में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा.

श्रुति ने कहा कि अगर उस ने उस के साथ सैक्स करने से इनकार किया तो वह लोगों से चिल्ला कर कहेगी कि होटल के कमरे में उसे अकेला पा कर उस ने जबरदस्ती करने की कोशिश की है.

आखिर अनिल भी श्रुति के सामने अपने कपडे़ उतारने को तैयार हो गया, लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी अनिल सैक्स के मामले में फुस्स साबित हुआ तो श्रुति का गुस्सा सातवें आसमान पर था, क्योंकि उसे अनिल के नानुकुर का राज पता चल चुका था. वह बोली कि तुम अपनी नामर्दी की बात जानते हुए भी मुझ से यह बात छिपाते रहे. तुम ने प्यार के नाम पर मेरे साथ धोखा किया है.

नामर्दी छिपाने के लिए की जाती है शादी

नामर्दी के मामले में होने वाली शादियां भी अकसर धोखे से ही की जाती हैं, जिस का बाद में खुलासा होना निश्चित होता है. फिर भी नामर्दी के शिकार लोग कालेज में घंटों लड़कियों का इंतजार करने व उन पर डोरे डालने से बाज नहीं आते और जब बात प्यार व सैक्स तक पहुंचती है तब वे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने में आनाकानी करते हैं. ज्यादातर मामलों में शादी से पहले सैक्स संबंध स्थापित न हो पाने की वजह से उस के होने वाले जीवनसाथी को यह पता ही नहीं चलता कि जो व्यक्ति उस के साथ अपनी मर्दानगी की बड़ीबड़ी बातें कर रहा है वह बिस्तर पर जाने के बाद फुस्स साबित होगा.

रिचा के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. डाक्टरी की पढ़ाई के दौरान ही वह अपने सहपाठी से प्रेम कर बैठी और बाद में दोनों ने शादी कर ली, लेकिन जब शादी की पहली रात रिचा के लाख प्रयास के बाद भी उस का पति संबंध नहीं बना पाया तो उस ने पति से कहा कि जब उसे पता था कि वह नामर्द है तो फिर मुझे धोखे में रख कर शादी क्यों की? उस के पति राजेश ने उसे विश्वास दिलाया कि उस की यह नामर्दी अस्थायी है जो कुछ दवाओं से दूर हो सकती है, चूंकि रिचा और राजेश मैडिकल सैक्टर से ही थे, इसलिए उन्होंने इस बात को सावधानी से लिया और राजेश आज अपनी अस्थायी नामर्दी से मुक्ति पा कर सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहा है.

चूंकि रिचा एक डाक्टर थी इसलिए उसे पता था कि नामर्दी क्या होती है और उस का निदान किस तरह से संभव है, लेकिन ज्यादातर नामर्दी के मामलों में समस्या को दूर नहीं किया जाता. ऐसे में स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है या फिर महिला के अपने पति के अलावा किसी दूसरे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो जाते हैं, जो आगे चल कर हत्या या आत्महत्या का कारण भी बन जाता है.

सौम्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. उस ने कालेज लाइफ में एक युवक से प्रेम किया और उस की रजामंदी से शादी भी हो गई, लेकिन शादी की पहली रात जब सौम्या का पति उस से सैक्स संबंध न बना पाया तो सौम्या और उस के पति में तूतू मैंमैं हो गई और वह बोली कि जब तुम नामर्द थे तो तुम ने मुझ से प्रेम क्यों किया और यह बात छिपा कर शादी क्यों की.

शादी के दूसरे दिन ही सौम्या ने अपने सासससुर से कहा कि वह उन के बेटे से तलाक लेना चाहती है, क्योंकि वह नामर्द है.

सौम्या के मामले में उस का पति शादी न कर के अपनी किरकिरी से बच सकता था, लेकिन शादी के लिए उस ने नामर्दी की बात छिपा कर लोगों में अपनी जगहंसाई कराई, जिस की वजह से वह घोर मानसिक निराशा का शिकार हो गया.

इस तरह के तमाम मामले सामने आते हैं, जिस में युवकों द्वारा युवतियों से धोखे से शादी कर ली जाती है और बाद में पता चलता है कि उस के अंग में या तो तनाव ही नहीं आता या फिर वह सैक्स से पहले ही स्खलित हो जाता है.

शादी से पहले सैक्स संबंध

भारत में शादी से पहले सैक्स संबंध बनाना गलत माना जाता है. ऐसे में जब शादी हो जाए और बिस्तर पर जाने के बाद यह पता चले कि जिस मर्द के साथ उस की शादी हुई है वह नामर्द है तो शादी से पहले संजोए गए उस के सारे सपनों पर न केवल पानी फिर जाता है बल्कि वैवाहिक जीवन भी बरबाद हो जाता है.

ऐसे में अगर युवती ने अपने होने वाले पति के साथ शादी से पहले सैक्स संबंध बनाए हैं तो निश्चित ही उस का वैवाहिक जीवन सुखमय बीतेगा, क्योंकि उसे यह पता होता है कि वह जिस के साथ शादी करने जा रही है उस के साथ सैक्स संबंध सफल होंगे या नहीं.

कालेज लाइफ के दौरान प्यार हो जाना आम बात है और ज्यादातर मामलों में प्यार शादी में बदल जाता है. ऐसे में प्यार करने वाले युवकयुवती में शादी से पहले सैक्स संबंध बन जाना आम बात है. इसे आमतौर पर अच्छा भी माना जा सकता है, क्योंकि इस तरह से शादी करने में धोखे की आशंका एकदम समाप्त हो जाती है.

शादी से पहले अपने होने वाले पति के सैक्स की जानकारी रखना हर महिला का अधिकार होना चाहिए और यह बिना सैक्स संबंध बनाए संभव नहीं है. इसलिए पुराने दकियानूसी खयालों से निकल कर युवाओं को इस की पहल करनी होगी.

नपुंसकता के कारण

सैक्स संबंध में संतुष्टि के मानदंडों का आकलन करना कठिन है, लेकिन शादी से पहले युवती व उस के परिवार वालों को चाहिए कि जिस युवक के साथ उस की बेटी की शादी होने जा रही है वे इस मसले पर उस से खुल कर बात करें और अगर कहीं शक की गुजाइंश हो तो उस युवक से दूरी बना लेनी चाहिए.

यह भी जरूरी नहीं कि पुरुष जिसे नामर्दी समझ रहा है वह असल में हो. यह उस का भ्रम भी हो सकता है, क्योंकि उस के अंग में तनाव न आना किन्हीं दूसरे कारणों की वजह हो सकता है. ऐसे में पुरुष को भी चाहिए कि एक बार सैक्स स्पैशलिस्ट से सलाह जरूर ले.

नामर्दी के ज्यादातर मामले स्थायी नहीं होते. अंग में तनाव न आना, कुछ ही क्षणों में हमबिस्तरी के दौरान पस्त हो जाना, अस्थायी नामर्दी में गिना जाता है. जिस का इलाज संभव है. अगर इस में उस की महिला मित्र द्वारा समझदारी और संयम दिखाया जाए तो पति की इस समस्या से नजात दिलाने में वह मदद कर सकती है.

सैक्स विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि नामर्दी के मामले में यह देखा गया है कि या तो पुरुष के अंग में तनाव आता ही नहीं है और किसी तरह तनाव आता भी है तो वह सैक्स संबंध बनाने से पहले ही पस्त हो जाता है. इस का मतलब जरूरी नहीं कि वह नामर्द हो. हो सकता है कि वह अस्थायी नामर्दी का शिकार हो.

इस अस्थायी नामर्दी के तमाम कारण हो सकते हैं, जिन में मानसिक अवसाद, नशा, धूम्रपान, मधुमेह, हृदय रोग, हाई ब्लडप्रैशर और दवा की अत्यधिक डोज लेना भी शामिल हैं. नामर्दी का कारण अंग में चोट लगने की वजह भी होता है, जिसे समय से इलाज कर दूर किया जा सकता है, इसलिए अगर कोई अस्थायी नपुंसकता का शिकार है तो उसे किसी योग्य डाक्टर को दिखाना चाहिए.

ज्यादा उम्र के शख्स से शादी करने से बचें

आप यदि अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के बड़े व्यक्ति से शादी का विचार मन में ला रही हैं तो इस खयाल को मन से निकाल दीजिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों में पति की उम्र में ज्यादा अंतर होने से सैक्स ताकत जल्दी खत्म हो जाती है फिर पत्नी को या तो सैक्स के बिना तड़पते हुए बाकी जीवन काटने पर मजबूर होना पड़ता है या तो किसी गैर मर्द से संबंध स्थापित करना पड़ता है, जो ठीक नहीं है.

दूर हो सकती है नामर्दी

पुरुषों की तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियां भी नामर्दी का कारण बन सकती हैं. अगर इन समस्याओं से नजात पा ली जाए तो निश्चय ही नामर्दी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.

डा. अकमलुद्दीन के अनुसार अगर पुरुष को लगता है कि उस के अंग में तनाव नहीं आ रहा है तो उसे डाक्टर से परामर्श लेना नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि नामर्दी के 75 फीसदी मामलों में नामर्दी से छुटकारा पाया जा सकता है.

पुरुष की नामर्दी को दूर करने में महिला पार्टनर भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उसे कोशिश करनी चाहिए कि पार्टनर के साथ संयम और प्यार से पेश आए और उस में मानसिक तनाव और निराशा की भावना को न उपजने दे.

यदि पति की दिनचर्या अनियंत्रित है तो उस में भी सुधार करने के प्रयास करने चाहिए, पति के अच्छे खानपान व नियंत्रित लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना चाहिए. इन उपायों को अपना कर कुछ हद तक नामर्दी की समस्या से नजात पाई जा सकती है.

नामर्दी से छुटकारा दिलाने वाली कई दवाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं जिन का सेवन करने से अंग में पर्याप्त तनाव आ जाता है, लेकिन दवाओं का उपयोग बिना डाक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए. यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

नार्मदी दूर करने में वैक्यूम पंप कारगर साबित हुआ है. रक्त कोशिका संबंधित समस्या या रक्त विकार से पीड़ित पुरुषों के लिए यह उपयोगी साबित हुआ है. यह एक तरह का वैक्यूम पंप होता है जिस को पुरुष अपने अंग में डाल कर पंप करता है. इस से उस के अंग में तनाव आ जाता है और वह सैक्स के लिए तैयार हो जाता है. इस पंप का उपयोग बिना डाक्टरी सलाह के नहीं किया जाना चाहिए.

सैक्स से पहले फोरप्ले व आफ्टर प्ले भी कारगर उपाय हैं. इस से जोश में वृद्धि होती है जिस से अंग में रक्त संचार बढ़ने से तनाव आ सकता है.

स्थायी नामर्दी की दशा में पुरुष को शादीविवाह जैसे पचडे़ से दूर रहना चाहिए, क्योंकि न तो यह शादी सफल हो सकती है और न ही उस का विवाहित जीवन.

अगर मातापिता की तरफ से अरेंज मैरिज का दबाव बनाया जाए तो नामर्दी के शिकार युवक को खुल कर अपनी समस्या उन्हें बतानी चाहिए, ताकि सोचसमझ कर फैसला लिया जा सके और शादी के बाद होने वाली किल्लत और जिल्लत दोनों से बच सकें.

मेरा छोटा भाई धौंस जमाने की कोशिश करता है मैं उससे तंग आ गई हूं, क्या करूं?

सवाल

मेरे भाई का व्यवहार और मेरा व्यवहार बेहद अलग है. वह मुझ से एक साल छोटा है और धौंस जमाने की कोशिश करता है. मैं जिस लड़के के साथ रिलेशनशिप में हूं, उसे मेरा भाई बिलकुल पसंद नहीं करता. मुझे उस की पसंदनापसंद से कुछ लेनादेना नहीं है, लेकिन वह मुझे मम्मीपापा को सब बता देने की धमकी देने लगा है. इस के चलते कभी वह मुझ से पैसे मांगता है, तो कभी कालेज के प्रोजैक्ट्स बनवाता है. हम एक ही कालेज में सीनियरजूनियर हैं, इसलिए उसे यह सब पता चल गया. मैं उस से तंग आ गई हूं.

जवाब

आप का भाई आप को तंग कर रहा है तो आप भी उसे तंग करना शुरू कर दीजिए. वह आप की खोजखबर रखता है तो आप भी रखना शुरू कर दीजिए. पहले तो उसे शांति से समझाइए कि वह आप को ब्लैकमेल करना बंद करे, नहीं तो आप उस के दोस्तों के सामने उस की घर की बातें खोलना शुरू कर देंगी. वह बात समझ जाए तो ठीक, नहीं तो कालेज में उस के दोस्तों के सामने आप भी उस के एकदो राज बता दीजिए. वह दोस्तों के सामने झेंप उठेगा और आप को परेशान करना बंद कर देगा. वह आप को घर में धमकी देता है तो आप उसे कालेज में दे दीजिए. आखिर, थोड़ा शातिर तो आप को भी बनना ही होगा.

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मैं तीसरी शादी करना चाहता हूं, क्या यह सही है?

सवाल

मैं 42 वर्षीय पुरुष हूं. पहली पत्नी की कैंसर से मृत्यु हो गई. दूसरा विवाह किया तो पत्नी से बनी नहीं और तलाक हो गया. मेरे मातापिता ने मुझे दूसरे विवाह के लिए मना किया था क्योंकि वह मुझसे 5 वर्ष बड़ी थी और उस का एक बेटा भी था, लेकिन मैं नहीं माना क्योंकि मैं उस के बेटे को अपना कर पिता बनने का सुख पाना चाहता था पर उस के बेटे ने मुझे कभी अपना पिता नहीं माना और पत्नी भी हर बात में बेटे का ही पक्ष लेती थी. इसी बात पर हमारी तूतू मैंमैं हो जाती थी और एक साल के भीतर ही हमारा तलाक हो गया. बहुत अकेला महसूस करता था. जिंदगी जीने का कोई मकसद नहीं रह गया था तो मातापिता की सलाह मानते हुए मैं ने एक बच्चा गोद ले लिया.

अब सब ठीक लगता है. मातापिता घर में बच्चा आने से खुश हैं. मुझे भी पिता बनने का सुख मिल गया. लेकिन पुरुष हूं, एक पार्टनर की कमी खलती है. तीसरी शादी करने की हिम्मत नहीं है. क्या करूं?

जवाब

आप की फीलिंग्स को हम अच्छी तरह सम झ रहे हैं. गृहस्थी का सुख आप को नहीं मिला. पिता बन गए हैं लेकिन पुरुष होने के नाते आप की कुछ शारीरिक जरूरतें भी हैं जिन का आप के जीवन में अभाव है. आप तीसरी शादी करें, इस हक में न तो अब आप के मातापिता हैं और न आप की हिम्मत है.

आप को ऐसे रिलेशनशिप की जरूरत है जहां आप का पार्टनर आप को समझे और आप उसे. आप उस से अपनी फीलिंग्स शेयर कर सकें. मैंटली और फिजिकली आप दोनों एकदूसरे को कंप्लीट कर सकें. आजकल ऐसी बहुत सी वैबसाइट्स हैं जहां आप ही की तरह कई लोग पार्टनर तलाश रहे होते हैं. बहुत सोचसमझ कर देखपरख कर आप डेटिंग करिए.  लेकिन हमारी हिदायत है कि किसी के झांसे में बिलकुल मत आइएगा. ऐसी साइट्स पर धोखेबाज, पैसे लूटने वाले बहुत होते हैं, इसलिए पूरी जांचपड़ताल करने के बाद ही आगे बढ़ें. मातापिता को कुछ बताने की जरूरत नहीं, आप की जिंदगी है. अपनी खुशी कैसे बरकरार रखनी है, यह आप के खुद के हाथ में है.

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मेरे पति को इरैक्शन की प्रौब्लम आ रही है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 45 वर्षीय नौनवर्किंग, विवाहित महिला हूं. मेरे पति मुझ से 2 वर्ष बड़े हैं. वे अच्छी प्राइवेट जौब में हैं, शारीरिक रूप से बलिष्ठ हैं. उन्हें कोई बीमारी नहीं है. किसी तरह की दवाई का सेवन भी नहीं करते. आजकल उन के साथ इरैक्शन की प्रौब्लम आ रही है. इस से उदास हो जाते हैं. इस का हमारे वैवाहिक जीवन पर असर पड़ रहा है. क्या करूं?

जवाब

सब से पहले जानने की कोशिश करें कि पति को कोई परेशानी तो नहीं है जो वे आप से शेयर नहीं कर रहे. हो सकता है औफिस की कोई प्रौब्लम चल रही हो जो वे आप से छिपा रहे हों.

यदि उपरोक्त बात न हो तो कुछ अपनेआप पर भी ध्यान दें. पति के सामने जरा बनसंवर कर रहें. कुछ सैक्सी कपड़े पहनें और पति से खुल कर जानें कि उन्हें क्या चाहिए. अपने शरीर पर ध्यान दें, उसे आकर्षक बनाएं. रोज सैर पर जाएं. एक्सरसाइज करें और पति को भी करवाएं. गरिष्ठ भोजन के बजाय हैल्दी फूड खाएं.

आप पतिपत्नी साथ बैठ कर रात में अपने कमरे में रोमांटिक फिल्म देखें तो आप की समस्या 90 फीसदी हल हो सकती है. पत्नियों को वैसे भी पतियों को लुभा कर रखना चाहिए. हमारी राय मान कर देखिए. फिर भी, कुछ फर्क नजर न आए तो डाक्टरी परामर्श ले सकती हैं.

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मैं सस्ता सामान बेचता हूं फिर भी ग्राहक कम आते हैं, क्या करूं?

सवाल

लौकडाउन खत्म होने के बाद इसी वर्ष मैं ने जून के महीने में एक दुकान खरीदी थी. मैं अपने आसपास के दुकान वालों से सस्ता सामान बेचता हूं. फिर भी ग्राहक कम आते हैं. क्या करूं?

जवाब

चमकती चीज हर किसी को लुभाती है. इस बात से आप भी वाकिफ होंगे. इसलिए सब से पहले तो अपनी दुकान को आकर्षक बनाएं. दुकान में सामान ऐसा रखा होना चाहिए कि वह भरीभरी लगे और व्यवस्थित भी. एक ग्राहक सिर्फ सामान के लिए नहीं आता, बल्कि उसे ग्राहक वाली इज्जत भी चाहिए होती है. इसलिए ग्राहक का सम्मान करें तथा उन से मीठे बोल बोलिए. आसपास के एरिया में होम डिलीवरी की सुविधा दीजिए.

यदि दुकान पर महिला अपने छोटे बच्चे के साथ आती है तो बच्चे को छोटा सा उपहार टौफी, चौकलेट आदि दे कर खुश करें. समयसमय पर कुछ स्कीम निकालें, जिस से लगे कि आप कुछ अलग कर रहे हैं. और हां, सब से जरूरी बात, धैर्य से काम कीजिए. किसी भी काम को सफलता मिलने में वक्त लगता है.

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4 साल पहले मैने बौयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था, क्या मेरे पति को इस बात का पता चल सकता है?

सवाल

मैं 25 वर्षीय अविवाहित युवती हूं. इसी वर्ष के अंत तक घर वाले मेरी शादी कर देना चाहते हैं. मैं बहुत परेशान हूं, क्योंकि कालेज के दिनों में मेरे बौयफ्रैंड ने मुझे बरगला कर एक बार शारीरिक संबंध बना लिया था. उस के बाद मैं ने उस से सारे संबंध तोड़ लिए. इस बात को 4 साल हो चुके हैं. मैंने सुना है कि सुहागरात को ही पति को ज्ञात हो जाता है कि लड़की का कौमार्य भंग हो चुका है. यदि ऐसा हुआ और पति ने मुझे अपमानित कर के छोड़ दिया तो क्या होगा? इस से तो अच्छा यही होगा कि मैं शादी ही न करूं? पर घर वालों से क्या कहूं कि मैं शादी क्यों नहीं करना चाहती? बड़ी उलझन में हूं. बताएं क्या करूं?

जवाब

अतीत में आप के साथ जो हुआ उसे भूल जाएं. कौमार्य या शील भंग जैसे शब्द आज बेमानी हो गए हैं. आप जब तक अपने मुंह से नहीं कहेंगी आप के भावी पति नहीं जान पाएंगे कि आप का किसी से संबंध बन चुका है. सुनीसुनाई बातों पर ध्यान न दें और भविष्य की सुखद कल्पना करें. सब अच्छा होगा. जरूरी है विवाह के बाद पतिपत्नी का एकदूसरे पर विश्वास हो. रिश्तों को ईमानदारी से निभाएंगे तो कोई समस्या नहीं होगी.

कौलेज लाइफ में रोमांस का तड़का

कालेज की मौजमस्ती जिंदगीभर याद रहती है. वहां बनाए दोस्त, टीचर, घूमनाफिरना सब यादगार लमहों में शामिल होते हैं पर कालेज का रोमांस जिंदगी का ऐसा हिस्सा होता है, जिसे याद कर हर समय रूमानियत महसूस होती है और लगता है कालेज में रोमांस नहीं किया तो क्या किया… कालेज लाइफ के लमहे जीवन के अनमोल लमहे होते हैं. उस दौरान हम कई अलगअलग अनुभवों से गुजरते हैं. एक तरफ दिल धड़कता है तो दूसरी तरफ कैरियर को ले कर टैंशन होती है. वहीं दोस्तों के साथ मस्ती वाले पल गुजरते हैं. इन पलों को अच्छे से जी लेना चाहिए क्योंकि यही वह समय होता है जब हमें पहलीपहली बार प्यार का एहसास होता है. कई बार हम बताने में डरते हैं तो कई बार जल्दबाजी में गड़बड़ भी कर देते हैं. सो, जरूरी है कि अपने क्रश को अपने दिल की बात बताने में देरी न करें, न ही हिचकिचाएं.

उसे अपने दिल का हाल इस तरह बताएं कि वह मान ही जाए. तो आइए जानते हैं कि कालेज में कैसे करें मस्ती. शरीफों वाली इमेज छोड़ें यार अगर मैं ने लड़की से फ्रैंडशिप कर ली और पापा को पता चल गया तो क्या होगा, इस बात पर मम्मी बहुत गुस्सा होंगी, अगर बहन को पता चला तो वह मु झ से बात करना छोड़ देगी. यह सब सोचसोच कर यानी आप की शरीफों वाली इमेज के कारण अगर आप ने कालेज लाइफ नहीं जी तो आप बाद में बहुत पछताएंगे. ये दिन वापस लौट कर नहीं आने वाले. इसलिए अपनी सीधेपन वाली इमेज को छोड़ कर अपने बाकी फ्रैंड्स की तरह मस्ती करने में पीछे न रहें.

लड़की से दोस्ती करने में हिचकिचाएं नहीं. दोस्ती करते समय आप की पर्सनैलिटी काफी बोल्ड व अच्छी होनी चाहिए ताकि लड़की को आप में कोई बात नजर आए. वह यह न सोचे कि यार, यह तो अभी ही इतना डरपोक है, आगे दोस्ती कैसे निभाएगा, सो, इस से दूर रहने में ही भलाई है. प्रपोज करने में देरी न करें यार, वह क्या सोचेगी, कहीं बुरा न मान जाए या फिर मन के डर के कारण अगर आप ने अपने क्रश को प्रपोज करने में काफी समय लगा दिया तो हो सकता है कि आप की वाली किसी और की हो जाए क्योंकि आप का जिस पर क्रश है, हो सकता है उसे भी किसी पर क्रश हो जाए. ऐसे में बहुत ही ‘जैंटल वे’ में लड़की को प्रपोज करें. उस से बोलें, ‘मु झे तुम्हारी मासूमियत बहुत पसंद है, तुम्हारी स्माइल पर मैं फिदा हो गया हूं. क्या तुम मु झ से दोस्ती करोगी.’ अगर लड़की की भी हां हुई तो आप के मजे आ जाएंगे. फिर तो कालेज लाइफ को जीने का जो मजा आएगा उस की बात ही अलग होगी. लेकिन अगर वह इस दोस्ती के लिए न करे तो जबरदस्ती न करें और उसे सोचने के लिए थोड़ा समय दें.

हो सकता है कि धीरेधीरे उसे भी आप पसंद आने लगें. एकदूसरे के साथ खूबसूरत समय बिताएं अगर आप स्कूल की तरह कालेज में भी किताबी कीड़ा बन कर रहेंगे तो लाइफ को खुल कर एंजौय नहीं कर पाएंगे. इसलिए खुल कर जिएं इन दिनों को. अगर आप ने कालेज में गर्लफ्रैंड नहीं बनाई तो जिंदगी फीकीफीकी सी लगेगी. इसलिए गर्लफ्रैंड बनाएं क्योंकि इस में कोई बुराई नहीं है और जब साथ में खूबसूरत लड़की का साथ होता है तो उस की बात ही अलग होती है. अगर पहलीपहली बार गर्लफ्रैंड बनाई है तो उस के साथ खूबसूरत समय बिताएं. उसे कहीं आउटिंग पर ले कर जाएं, उस की पसंद का फूड और्डर करें. कहीं शांत जगह पर एकदूसरे को जानने की कोशिश करें, जिस से दोस्ती और गहरी हो सके. जब एकदूसरे को जानते हैं तो रिश्ता और गहरा बनता है. बस, दिल से किसी बात को न लगाएं

और खुल कर इस टाइम को एंजौय करें. बोरिंग बन कर न रहें फ्रैंड्स के कहने पर कालेज में गर्लफ्रैंड तो पटा ली लेकिन उस के साथ इतने बोरिंग बने रहे कि उसे ही आप से दोस्ती करने में पछतावा होने लगे और वह मौका पा कर आप से छुटकारा पाने के लिए सोचने लगे. इसलिए आप जब गर्लफ्रैंड बनाएं तो आप को अपना बोरिंग व्यवहार छोड़ना पड़ेगा. उस के साथ रोमांटिक बातें करें. अगर दोस्ती थोड़ी गहरी हो गई है तो पार्टनर की मरजी से ‘किस’ करने का मौका भी न छोड़ें. उसे जब घुमाने ले जाएं तो हाथ में हाथ डाल कर उस के साथ रोमांटिक बातें करें. अपनी भी सुनाएं और उस के मन की भी सुनें. इस से रिश्ते में बोरियत नहीं रहेगी और यह दोस्ती दिल को एक सुकूनभरा एहसास देने का काम करेगी. सरप्राइज से स्पैशल फील करवाएं हर लड़की को सरप्राइज अच्छे लगते हैं लेकिन अगर गर्लफ्रैंड होने के नाते वह ही आप को हमेशा सरप्राइज देती रहेगी तो उसे भी आप के साथ अच्छा फील नहीं होगा. इसलिए अपनी इस दोस्ती को स्पैशल बनाने के लिए कभी उसे लंच डेट पर ले जा कर सरप्राइज दें तो कभी उसे छोटी ही सही लेकिन शौपिंग करवा कर उस को आप से प्यार करने पर मजबूर कर दें. लड़कियां शौपिंग की दीवानी होती हैं, कोई भी उन की इस इच्छा को पूरा कर देता है तो वे उस की हो कर रह जाती हैं. फिर तो आप उस के लिए काफी खास हैं. यकीन मानिए जब आप उसे उस के फेवरेट रैस्तरां में लंच करवाने के साथसाथ शौपिंग करवा देंगे तो वह आप को हग किए बिना नहीं रह पाएगी.

इसलिए इस दोस्ती को फीकाफीका रखने के बजाय पार्टनर को सरप्राइज दे कर स्पैशल बनाएं. दोस्त की मदद लें अगर आप को पहलीपहली बार प्यार हुआ है, पहलीपहली बार आप इस तरह के रिलेशन में बंधे हैं, पहलीपहली बार कुछ खास एहसास हुआ है और आप को कुछ सम झ नहीं आ रहा कि कैसे अपनी पार्टनर को खुश रखें, उस के लिए क्या कुछ स्पैशल प्लान करूं, उसे कहां घुमाने ले जाऊं तो इस के लिए अपने दूसरे दोस्त की मदद लें. वह आप को अच्छे से गाइड करने के साथसाथ आप को कुछ हैल्पफुल टिप्स देगा. जिस से आप को अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने में आसानी होगी. न करें यह गलती कालेज का क्रश हो या फिर कालेज का प्यार, अकसर कालेज की तरह ही शौर्ट टर्म होता है. इसलिए इस में एक बार दोस्ती होने पर जोश में आ कर होश न खोएं. पार्टनर के साथ रोमांस, मीठेमीठे पल जरूर बिताएं. लेकिन जितना हो सके, संबंध बनाने से बचें और अगर दोस्ती काफी गहरी हो गई है और रिलेशन बनाना भी चाहते हैं तो अनसेफ सैक्स करने से बचें. वरना बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा.

मेरी चाची अक्सर अपने कमरे में रहती है उन्हें देखकर लगता है वो खुश नहीं हैं, मैं क्या करूं ?

सवाल

मेरे चाचाचाची की अभी कुछ समय पहले ही शादी हुई है. मेरी उम्र 19 वर्ष है और मेरे चाचाचाची की उम्र यही कुछ 26-27 के आसपास है. मुझे अपनी चाची को देख कर लगता है जैसे वे खुश नहीं हैं और हमेशा उदास रहती हैं. मैं कालेज जाती हूं, वापस आती हूं तो अपने कमरे में ही रहती हूं जिस कारण कभी चाची से घुलीमिली भी नहीं. समझ नहीं आता उन से कैसे पूछूं कि क्या परेशानी है?

जवाब

आप की और आप की चाची की उम्र में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है, आप चाहें तो उन से हिलनेमिलने की कोशिश कर सकती हैं. आप का और उन का व्यवहार एकदूसरे से अलग हो सकता है, व्यक्तित्व अलग हो सकता है मगर इस का मतलब यह नहीं कि आप उन्हें परेशान देख कर भी चुप बैठी रहें, यह तो   नैतिक भी नहीं होगा. आप उन्हें समय देने की कोशिश कीजिए. यदि वे आप को बता दें कि उन्हें किस बात से परेशानी है और उस में आप उन की मदद कर सकें तो इस से बेहतर क्या होगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

उम्र के साथ ऐसे बदलता है सेक्स बिहेवियर

शादीशुदा जिंदगी में दूरियां बढ़ाने में सेक्स का भी अहम रोल होता है. अगर परिवार कोर्ट में आए विवादों की जड़ में जाएं तो पता चलता है कि ज्यादातर झगड़ों की शुरुआत इसी को ले कर होती है. बच्चों के बड़े होने पर पतिपत्नी को एकांत नहीं मिल पाता. ऐसे में धीरेधीरे पतिपत्नी में मनमुटाव रहने लगता है, जो कई बार बड़े झगड़े का रूप भी ले लेता है. इस से तलाक की नौबत भी आ जाती है. विवाहेतर संबंध भी कई बार इसी वजह से बनते हैं.

मनोचिकित्सक डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘उम्र के हिसाब से पति और पत्नी के सेक्स का गणित अलगअलग होता है. यही अंतर कई बार उन में दूरियां बढ़ाने का काम करता है. पतिपत्नी के सेक्स संबंधों में तालमेल को समझने के लिए इस गणित को समझना जरूरी होता है. इसी वजह से पतिपत्नी में सेक्स की इच्छा कम अथवा ज्यादा होती है. पत्नियां इसे न समझ कर यह मान लेती हैं कि उन के पति का कहीं चक्कर चल रहा है. यही सोच उन के वैवाहिक जीवन में जहर घोलने का काम करती है. अगर उम्र को 10-10 साल के गु्रपटाइम में बांध कर देखा जाए तो यह बात आसानी से समझ आ सकती है.’’

शादी के पहले

आजकल शादी की औसत उम्र लड़कियों के लिए 25 से 35 के बीच हो गई है. दूसरी ओर खानपान और बदलते परिवेश में लड़केलड़कियों को 15 साल की उम्र में ही सेक्स का ज्ञान होने लगता है. 15 से 30 साल की आयुवर्ग की लड़कियों में नियमित पीरियड्स होने लगते हैं, जिस से उन में हारमोनल बदलाव होने लगते हैं. ऐसे में उन के अंदर सेक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. वे इस इच्छा को पूरी तरह से दबाने का प्रयास करती हैं. उन पर सामाजिक और घरेलू दबाव तो होता ही है, कैरियर और शादी के लिए सही लड़के की तलाश भी मन पर हावी रहती है. ऐसे में सेक्स कहीं दब सा जाता है.

इसी आयुवर्ग के लड़कों में सेक्स के लिए जोश भरा होता है. कुछ नया करने की इच्छा मन पर हावी रहती है. उन की सेहत अच्छी होती है. वे हर तरह से फिट होते हैं. ऐसे में शादी, रिलेशनशिप का खयाल उन में नई ऊर्जा भर देता है. वे सेक्स के लिए तैयार रहते हैं, जबकि लड़कियां इस उम्र में अपनी इच्छाओं को दबाने में लगी रहती हैं.

30 के पार बदल जाते हैं हालात

महिलाओं की स्थिति: 30 के बाद शादी हो जाने के बाद महिलाओं में शादीशुदा रिलेशनशिप बन जाने से सेक्स को ले कर कोई परेशानी नहीं होती है. वे और्गेज्म हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार होती हैं. महिलाएं कैरियर बनाने के दबाव में नहीं होती. घरपरिवार में भी ज्यादा जिम्मेदारी नहीं होती. ऐसे में सेक्स की उन की इच्छा पूरी तरह से बलवती रहती है. बच्चों के होने से शरीर में तमाम तरह के बदलाव आते हैं, जिन के चलते महिलाओं को अपने अंदर के सेक्सभाव को समझने में आसानी होती है. वे बेफिक्र अंदाज में संबंधों का स्वागत करने को तैयार रहती हैं.

पुरुषों की स्थिति: उम्र के इसी दौर में पति तमाम तरह की परेशानियों से जूझ रहा होता है. शादी के बाद बच्चों और परिवार पर होने वाला खर्च, कैरियर में ग्रोथ आदि मन पर हावी होने लगता है, जिस के चलते वह खुद को थका सा महसूस करने लगते हैं. यही वह दौर होता है जिस में ज्यादातर पति नशा करने लगते हैं. ऐसे में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.

महिला रोग विशेषज्ञा, डाक्टर सुनीता चंद्रा कहती हैं, ‘‘हमारे पास बांझपन को दूर करने के लिए जितनी भी महिलाएं आती हैं उन में से आधी महिलाओं में बांझपन का कारण उन के पतियों में शुक्राणुओं की सही क्वालिटी का न होना होता है. इस का बड़ा कारण पति का मानसिक तनाव और काम का बोझ होता है. इस के कारण वे पत्नी के साथ सही तरह से सेक्स संबंध स्थापित नहीं कर पाते.’’

नौटी 40 एट

40 के बाद की आयुसीमा एक बार फिर शारीरिक बदलाव की चौखट पर खड़ी होती है. महिलाओं में इस उम्र में हारमोन लैवल कम होना शुरू हो जाता है. उन में सेक्स की इच्छा दोबारा जाग्रत होने लगती है. कई महिलाएं अपने को बच्चों की जिम्मेदारियों से मुक्त पाती हैं, जिस की वजह से सेक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. मगर यह बदलाव उन्हीं औरतों में दिखता है जो पूरी तरह से स्वस्थ रहती हैं. जो महिलाएं किसी बीमारी का शिकार या बेडौल होती हैं, वे सेक्स संबंधों से बचने का प्रयास करती हैं.

40 प्लस का यह समय पुरुषों के लिए भी नए बदलाव लाता है. उन का कैरियर सैटल हो चुका होता है. वे इस समय को अपने अनुरूप महसूस करने लगते हैं. जो पुरुष सेहतमंद होते हैं, बीमारियों से दूर होते हैं वे पहले से ज्यादा टाइम और ऐनर्जी फील करने लगते हैं. उन के लिए सेक्स में नयापन लाने के विचार तेजी से बढ़ने लगते हैं.

50 के बाद महिलाओं में पीरियड्स का बोझ खत्म हो जाता है. वे सेक्स के प्रति अच्छा फील करने लगती हैं. इस के बाद भी उन के मन में तमाम तरह के सवाल आ जाते हैं. बच्चों के बड़े होने का सवाल मन पर हावी रहता है. हारमोनल चेंज के कारण बौडी फिट नहीं रहती. घुटने की बीमारियां होने लगती हैं. इन परेशानियों के बीच सेक्स की इच्छा दब जाती है.

इस उम्र के पुरुषों में भी ब्लडप्रैशर, डायबिटीज, कोलैस्ट्रौल जैसी बीमारियां और इन को दूर करने में प्रयोग होने वाली दवाएं सेक्स की इच्छा को दबा देती हैं. बौडी का यह सेक्स गणित ही पतिपत्नी के बीच सेक्स संबंधों में दूरी का सब से बड़ा कारण होता है.

डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘ऐसे में जरूरत इस बात की होती है कि सेक्स के इस गणित को मन पर हावी न होने दें ताकि सेक्स जीवन को सही तरह से चलाया जा सके.’’

रिलेशनशिप में सेक्स का अपना अलग महत्त्व होता है. हमारे समाज में सेक्स पर बात करने को बुरा माना जाता है, जिस के चलते वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं. इन का दवाओं में इलाज तलाश करने के बजाय अगर बातचीत कर के हल निकाला जाए तो समस्या आसानी से दूर हो सकती है. लड़कालड़की सही मानो में विवाह के बाद ही सेक्स लाइफ का आनंद ले पाते हैं. जरूरत इस बात की होती है कि दोनों एक मानसिक लैवल पर चीजों को देखें और एकदूसरे को सहयोग करें. इस से आपसी दूरियां कम करने और वैवाहिक जीवन को सुचारु रूप से चलाने में मदद मिलती है.

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