प्रेमी की खातिर पति को मौत का संदेश

नीलम किशोरावस्था से ही स्कूल के दोस्त रोहित राजपूत को प्यार करती थी. दोनों ने जीवनसाथी बनने की भी कसमें खाईं लेकिन घर वालों ने दबाव डाल कर नीलम का विवाह संपन्न परिवार के लकी पांचाल से कर दिया. विवाह के 5 माह बाद ही नीलम ने मायके से पति को ऐसा संदेशा भेजा, जिस में…

प्रेमी ने लगाया शक का चश्मा

नक्सलियों द्वारा पति की हत्या करने के बाद सविता की अनुकंपा पर पुलिस विभाग में ही नौकरी लग गई थी. वह एसएसपी की रीडर बन गई. उसी दौरान हंसमुख स्वभाव की सविता को एसएसपी का ड्राइवर रामचंद्र सिंह जामुदा उर्फ सुंदर दिल दे बैठा.

नरपिशाच : ट्यूटर की दरिंदगी

मुस्कान की मुस्कुराह के दुश्मन

बीवी की शतरंजी चाल

2 पत्नियों ने दी पति की सुपारी

मुस्कान की मुस्कुराहट के दुश्मन : भाग 2

पुलिस अधिकारियों को अब तक की जांचपड़ताल में मुसकान के दूसरे पति सोनू कश्यप का मोबाइल नंबर मिल गया था. अत: उन्होंने मुसकान की मौत की सूचना सोनू को दे दी थी और जल्द से जल्द सफीपुर आने को कह दिया था.

दोपहर बाद सोनू कश्यप मथुरा से सफीपुर आ गया. पुलिस कप्तान दिनेश त्रिपाठी तथा डीएसपी अंजनी कुमार राय ने उस से पूछताछ की. सोनू ने बताया कि मुसकान उस की पत्नी थी. 3 साल पहले उस ने मुसकान से कोर्ट मैरिज की थी. वह मथुरा में घर बनवा रहा है. इसलिए मुसकान के साथ कम ही रह पाता था. 8 दिन पहले ही वह सफीपुर आया था.

‘‘तुम्हारी पत्नी मुसकान की हत्या किस ने की?’’ एसपी दिनेश त्रिपाठी ने सीधे पूछा.
‘‘साहब, मुसकान की हत्या उस की चेलियों सलोनी, रूबी और अन्नू ने की है.’’ सोनू ने आरोप लगाया.
सोनू कश्यप ने पुलिस अधिकारियों को एक और चौंकाने वाली बात बताई. उस ने बताया, ‘‘साहब, मुसकान ने 2 शादियां की थीं. पहली शादी उस ने फतेहपुर निवासी वसीम के साथ की थी. वसीम अपराधी प्रवृत्ति का है. मुसकान की उस से नहीं पटी. वह मुसकान से नेग के पैसे व गहने छीन लेता था. मारपीट भी करता था. इसलिए 3 साल में ही उन का रिश्ता खत्म हो गया और वह अलग रहने लगी.

‘‘इस के बाद उस ने मुझ से शादी कर ली थी. दूसरी शादी करने से वसीम मुसकान से खफा हो गया था. वह उसे जान से मारने की धमकियां भी देने लगा था. वसीम पर भी उसे शक है. लेकिन वह मुकदमा अन्नू व उस के साथियों के खिलाफ दर्ज कराएगा. क्योंकि उन पर उसे ज्यादा शक है.’’पूछताछ के बाद पुलिस ने मुसकान के शव को पोस्टमार्टम के लिए उन्नाव के जिला अस्पताल भेज दिया. फिर थानाप्रभारी अवनीश कुमार सिंह ने अधिकारियों के आदेश पर सोनू कश्यप की तरफ से भादंवि की धारा 302, 394 के तहत सलोनी, रूबी व अन्नू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. तथा उन की तलाश में उन के मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगा दिए. लेकिन उन तीनों के फोन बंद थे. जिस से उन की लोकेशन पता नहीं चल पा रही थी.

मुसकान के हत्यारों को पकड़ने के लिए एसपी दिनेश त्रिपाठी ने स्वाट, सर्विलांस व कोतवाली पुलिस की 3 टीमें गठित कीं. इस में इंसपेक्टर अवनीश कुमार सिंह, एसआई सुशील कुमार, सौरभ, ओम नारायण, राजकुमार भाटी, स्वाट प्रभारी प्रदीप कुमार, राजेश, रोहित, रवि, सुनील, अंकित बैसला, जब्बार तथा राधेश्याम को शामिल किया गया.गठित टीमों को मथुरा, झांसी तथा मुरादाबाद के लिए अलगअलग रवाना किया गया. एक अन्य टीम को वसीम की टोह में फतेहपुर भेजा गया.किन्नर समाज हो गया एकजुट.

मुसकान की हत्या की खबर जब अखबारों में छपी तो किन्नर समुदाय में गुस्से की लहर दौड़ गई. उन्नाव, बांगरमऊ, फतेहपुर, कानपुर तथा लखनऊ के किन्नर सफीपुर कोतवाली पहुंच गए. इन की अगुवाई के लिए कानपुर की पूर्व पार्षद काजल किरन, उन्नाव की कोमल तथा किन्नर समाज की प्रदेश अध्यक्ष सईदा हाजी भी कोतवाली पहुंच गईं.किन्नरों ने कोतवाली में जम कर हंगामा किया और मुसकान के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की. किन्नरों के प्रदर्शन से कोतवाली में अफरातफरी मच गई. उन्हें समझाने में पुलिस के अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.

डा. विमल कुमार तथा डा. उमेंद्र कुमार के पैनल ने मुसकान के शव का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मुसकान की मौत गोली लगने से हुई थी.मुसकान दिखने में तो खूबसूरत लड़की लगती थी, लेकिन पोस्टमार्टम में डाक्टरों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया. डाक्टरों को उस के शरीर में यूटरस (गर्भाशय) नहीं मिला. यानी वह गर्भधारण नहीं कर सकती थी. इस का मतलब मुसकान पुरुष किन्नर थी. उस ने प्लास्टिक सर्जरी के जरिए लिंग परिवर्तन कराया था और महिला का रूप धारण किया था.

पोस्टमार्टम के बाद मुसकान का शव लेने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर किन्नरों में आपसी खींचतान व हंगामा शुरू हो गया. कानपुर की पार्षद किन्नर काजल किरन, उन्नाव की किन्नर कोमल तथा बांगरमऊ की किन्नर प्रदेश अध्यक्ष सईदा हाजी में शव लेने की होड़ लग गई.

तीनों ही किन्नर समुदाय के रीतिरिवाजों के अनुसार शव को दफनाना चाहती थी. तीनों की लड़ाई से पुलिस के हाथ पांवफूल गए. उन्हें समझाने के लिए किन्नर समुदाय के गुरुओं को बुलाया गया. उन के समझाने पर उलझ रहे किन्नर मान गए. इस के बाद मुसकान के शव को भारी पुलिस फोर्स के साथ शुक्लागंज के चंदन घाट पर ले जा कर दफन कर दिया गया.

इधर आरोपियों की तलाश में गईं 3 टीमों में से 2 टीमें झांसी और मुरादाबाद से खाली हाथ लौट आईं. लेकिन मथुरा गई टीम को सफलता मिल गई. टीम ने मथुरा के थाना शिवनगर के नरौली निवासी संदीप राजपूत उर्फ सलोनी किन्नर को उस के घर से 2 अगस्त, 2022 की रात को दबोच लिया. उसे गिरफ्तार कर थाना सफीपुर लाया गया.

अधेड़ प्रेम की रुसवाई

2 सगे भाइयों की साझा प्रेमिका की नफरत का सैलाब

नरपिशाच -भाग 2: ट्यूटर की दरिंदगी

रस्सी से झूलती मिली परिधि सभी की आंखों में खौफ उतर आया. जितेंद्र जैन ने कांपते हुए कई चाबियोंं से गौरव के कमरे का ताला खोलने की कोशिश की. लेकिन ताला नहीं खुला. आखिर ताला तोड़ना पड़ा.
अंदर पहुंचे तो भयावह दृश्य देख कर सभी सन्न रह गए. परिधि का गला कई सारी रस्सियों से कसा हुआ था और उस की जीभ बाहर निकली हुई थी. रस्सियों से बंधे हुए हाथपैरों के साथ परिधि खिड़की से लटकी हुई थी. लगता था वारदात को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी.

बेटी की दुर्दशा देख कर अजय वहीं लड़खड़ा गए. इस से पहले कि वो पत्नी संजना को संभालते, वो वहीं गश खा कर गिर पड़ी.घटना इतनी भयावह और दहलाने वाली थी कि पलभर में आग की तरह पूरे शहर में फैल गई. इत्तला मिलने पर कोतवाली पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने के लिए उमड़ती भीड़ के बीच रास्ता बनाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी.

पुलिस पहुंचने से पहले रोतेबिलखते घर वाले बच्ची को अस्पताल ले जा चुके थे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.डाक्टर भी एक बार तो फटीफटी आंखों से परिधि की हालत को देखते रह गए. उन के मुंह से निकले बिना नहीं रहा, ‘ऐसी दरिंदगी तो कोई वहशी नरपिशाच ही कर सकता है.’
लड़की की मौत की खबर ने भड़की हुई भीड़ के गुस्से की आग में घी का काम किया. पुलिस तितरफा चक्रव्यूह में घिरी हुई थी.

एक तरफ पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल का मुआयना कर तफ्तीश में जुटना था, दूसरी तरफ थाने का घेराव और प्रदर्शन पर उतारू लोगों की समझाइश करनी थी, तीसरी तरफ आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश देने की काररवाई करनी थी. लेकिन समाज बंधुओं, व्यापारिक संगठनों तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के उग्र प्रदर्शन ने पुलिस के हाथपांव फुला दिए.

कोतवाली से अजय जैन के मकान का फासला 15 मिनट से ज्यादा का नहीं है. प्रदर्शनकारियों की उमड़ती भीड़ से पहले ही थानाप्रभारी हंसराज मीणा, सीओ अमर सिंह राठौड़, एडिशनल एसपी राजेश मील और प्रवीण जैन ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए. तब तक एफएसएल टीम भी अपने काम में जुटी रही.
बेटी के शव के पास रोतेबिलखते अजय जैन और संजना से पूछताछ करना पुलिस के लिए आसान नहीं था. उन के रुंधे गले से एक ही बात निकल रही थी, ‘‘जिस पर विश्वास किया उसी ने विश्वास की हत्या कर दी.’’

फिर भी पुलिस जितना कुछ जान सकी, उस का लब्बोलुआब यह था कि रोजाना गौरव के पास परिधि की 3 और सहेलियां भी ट्यूशन पढ़ने जाती थीं, उस दिन केवल परिधि को ही बुलाया गया था. घर के लोग शादी में गए हुए थे, गौरव अकेला ही घर पर था.अजय जैन का कहना था कि गौरव को पता होगा कि परिवार को शादी में जाना था. परिवार के लोग शादी में गए हुए थे, इस का उस ने फायदा उठाया और एक्स्ट्रा क्लास का बहाना कर परिधि को अकेले ही बुला लिया.

पुलिस तफ्तीश में वहां मौजूद समाज के लोग और घर वाले इस बात पर अड़े थे कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाएगा, न तो शव का पोस्टमार्टम होने दिया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बाद में एसपी केसर सिंह शेखावत ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया, तब कहीं जा कर परिधि के शव का पोस्टमार्टम हो सका. पोस्टमार्टम मैडिकल बोर्ड द्वारा कराए जाने के बाद उस का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अंतिम संस्कार के समय अजय दंपत्ति का विलाप सभी को बेहाल कर रहा था. 9 जनवरी को जिस बेटी का जन्मदिन मनाया, उन्हीं हाथों से 13 फरवरी को उस का अंतिम संस्कार कर रहे थे.
को कोटा बंद का आह्वान किया. उसी बीच इस हत्याकांड के विरोध में शहर के विभिन्न स्कूलों और सापरिधि की हत्या के विरोध में समाजबंधु, व्यापारिक संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का कोतवाली के सामने धरना बरकरार था. उन्होंने सोमवार माजिक संगठनों ने कैंडल मार्च भी निकाला.

 

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