पहली बार सैक्स करते समय ब्लीडिंग होना जरूरी होता है क्या ?

सवाल
मैं 25 वर्षीय अविवाहिता युवती हूं. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या प्रथम बार सैक्स करते समय ब्लीडिंग होनी जरूरी है और क्या उस समय दर्द भी होता है? मेरे मन में इस बात को ले कर अनेक डर व शंकाएं हैं. कृपया समाधान करें.

जवाब

पहली बार इंटरकोर्स के समय ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं और न ही इसे वर्जिनिटी के साथ जोड़ें. कुछ लड़कियों को पहली बार सैक्स करते समय स्पौटिंग होती है, कुछ को कुछ घंटों तक ब्लीडिंग होती है तो कुछ को मासिकधर्म की तरह होती है. दरअसल, ब्लीडिंग होने का कारण सैक्स करते समय हाइमन का ब्रेक होना होता है. कई बार लड़कियों में हाइमन घुड़सवारी, मैस्ट्रूबेरेशन या टैंपून के प्रयोग से भी ब्रेक हो जाता है. सो, उन लड़कियों को फर्स्ट इंटरकोर्स के समय ब्लीडिंग नहीं होती. जहां तक पहली बार सैक्स के समय दर्द का सवाल है, वह भी तब होता है जब महिला शारीरिक व भावनात्मक रूप से पूरी तरह से तैयार न हो. अगर सैक्स से पहले फोरप्ले किया जाए और युवती इमोशनली और फिजिकली कंफर्टेबल हो तो दर्द नहीं होता. आप चाहें तो अपनी समस्या के लिए किसी गाइनीकोलौजिस्ट से भी संपर्क कर सकती हैं..

मैं अपनी शादी को लेकर बहुत उत्साहित हूं लेकिन अंदर ही अंदर एक चिंता सता रही है, क्या करूं?

सवाल

मैं 29 साल का हूं और बहुत ही जल्द मेरी शादी होने वाली है. विवाह को ले कर बहुत उत्साहित हूं लेकिन अंदर ही अंदर एक चिंता सता रही है. मुझे लगता है कि मेरा पेनिस छोटा है. पता नहीं मैं पत्नी को सैक्स के दौरान संतुष्ट कर पाऊंगा या नहीं. क्या मुझे डाक्टर से मिल लेना चाहिए?

जवाब

अधिकतर पुरुष अपने पेनिस के आकार को ले कर चिंतित रहते हैं. खासकर जिन की शादी होने वाली होती है या नए शादीशुदा पुरुष इस को ले कर परेशान नजर आते हैं. आधुनिक मैडिकल साइंस के अनुसार, अधिकांश पुरुषों के लिंग की लंबाई 4-5 इंच होती है. इरैक्शन होने पर वह करीब 5-6 इंच तक हो जाता है.

सैक्सोलौजिस्ट भी इस बात को मानते हैं कि अधिक लंबा पेनिस सैक्सुअल संतुष्टि देने में कोई अहम रोल प्ले नहीं करता है. आप को लिंग साइज नहीं, बल्कि सैक्स टाइमिंग बढ़ाने और और्गेजम पर फोकस करने की आवश्यकता है. फिर भी आप को लगता है कि कम लंबा पेनिस सैक्सुअल समस्या पैदा कर सकता है तो किसी सैक्सोलौजिस्ट से मिलना ठीक रहेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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जानिए पुरुष नसबंदी क्यों है जरूरी

अपनी पत्नी का सहयोग करने से उन की इस तथाकथित मर्दानगी को बट्टा लग जाता है तथा पत्नी पर रोब गांठने से उन की मर्दानगी में चारचांद लगते हैं.

वे प्यार में अपनी जान देने तक की बात तो कर सकते हैं, परंतु पत्नी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वयं नसबंदी करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकते जबकि चिकित्सा विज्ञान आज इतनी तरक्की कर चुका है कि दर्दरहित यह प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में समाप्त हो जाती है.

इस के बावजूद हजार में से कोई 1 पुरुष ही है जो नसबंदी के लिए सहमत होता है और वह भी चोरीछिपे, रिश्तेदारों एवं समाज को बताए बिना. जबकि महिला नसबंदी खुले में शिविर लगा कर की जाती है. सरकार भी महिला नसबंदी का ही ज्यादा प्रचार करवाती है. नसबंदी करवाने के लिए महिलाओं को रुपए भी मिलते हैं.

ग्रामीण संस्था ‘आशा’ भी महिलाओं को ही नसबंदी के फायदे एवं नुकसान की जानकारी देती है. कुछ गांवों में तो टारगेट पूरा करने के लिए ट्रकों में भरभर कर महिलाओं को शिविरों में लाया जाता है. ये पैसों के लालच में यहां आ तो जाती हैं परंतु उचित देखभाल न होने के कारण कई बार हादसे का भी शिकार हो जाती हैं.

हमारे देश की यह विडंबना है कि परिवार नियोजन का सारा दारोमदार महिलाओं पर ही छोड़ दिया गया है. महिलाएं भी पुरुषों को कंडोम इस्तेमाल करने के लिए नहीं कह सकती हैं परंतु स्वयं बिना सोचेसमझे इस्तेमाल करने से नहीं हिचकतीं. बचपन से त्याग और कर्तव्य पालन की घुट्टी जो कूटकूट कर पिलाई जाती है उन्हें.

सरल है पुरुष नसबंदी

डेनमार्क में हुए एक शोध से पता चलता है कि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने वाली महिलाएं अकसर अवसाद में चली जाती हैं. आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की मानें तो सभी चिकित्सक यही कहते हैं कि महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी अधिक सरल, सुरक्षित, आसान एवं कम खर्चीली है.

पुरुष नसबंदी में स्पर्म्स को ले जाने वाली नलिका ‘वासडिफरैंस’ को कट कर दिया जाता है. इस के लिए शल्यचिकित्सक सब से पहले अंडकोषों के ऊपर वाली चमड़ी पर सूई लगा कर उसे सुन्न करते हैं और फिर एक खास तरह की चिमटी से बारीक सूराख कर के उस नली को बाहर निकाल कर अंडकोषों से वीर्य को पेशाब की नली तक पहुंचाया जाता है. पुन: इस थैली को बीच से काट कर दोनों कटे हुए सिरों को बांध कर उन के मुंह बंद कर दिए जाते हैं और वापस अंडकोष थैली के अंदर डाल देते हैं. इस प्रक्रिया में 20 से 25 मिनट लगते हैं. व्यक्ति को न तो एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है और न ही अस्पताल में भरती होना पड़ता है.

यह प्रक्रिया बिना किसी चीरे या टांके के संपूर्ण हो जाती है. इस प्रक्रिया के कुछ ही घंटों बाद व्यक्ति अपने पैरों से चल कर घर जा सकता है. यह गर्भनिरोध के लिए महिला नसबंदी जितना ही प्रभावशाली होता है.

सेक्स क्षमता पर प्रभाव

इस के विपरीत महिला नसबंदी में उक्त महिला को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है तथा एक चीरा एवं टांका भी लगता है. महिला को पूरी तरह सामान्य होने में 1 हफ्ता लग जाता है. इस प्रक्रिया में महिला को संक्रमण और अंदरूनी भागों में चोट लगने का भी खतरा होता है. दूरबीन प्रक्रिया में तो औजार अंदाज से अंदर डाला जाता है.

अत: इस में गुरदा खराब होने एवं अंदरूनी रक्तस्राव होने की भी संभावना रहती है, जबकि पुरुषों में इस प्रकार की कोई समस्या नहीं होती और न ही उन के सेक्स ड्राइव में कोई कमी आती है.

जागरूकता जरूरी

हाल में ही प्रदर्शित एक फिल्म ‘पोस्टर बौयज’ में भी निर्देशक श्रेयस तलपड़े ने इसी समस्या को उठाया है. फिल्म के नायकों पर नसबंदी का शक मात्र हो जाने से उन के सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भूचाल सा आ जाता है. एक गुनहगार की भांति उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट तक का सहारा लेना पड़ता है. अंतत: मुख्यमंत्री के मुंह से पुरुष नसबंदी का संदेश दिलाया जाता है.

यह फिल्म एक तरह से पुरुष नसबंदी को ही प्रमोट करती है और यह संदेश देती है कि इस प्रक्रिया से पुरुषों में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं होती है और न ही यह शर्मनाक कृत्य है, बल्कि परिवार नियोजन के अन्य साधनों की तरह यह भी एक साधन मात्र है.

10 टिप्स: जानें सैक्स पावर बढ़ाने के घरेलू उपाय

मानवीय शारीरिक ऊर्जा के जिस भाग को आप सैक्स यानि संभोग में लगाते है, उसको सैक्स पावर कहा जाता है. सेक्स सभी की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसको आनंदपूर्ण बनाने के लिए आपको अपनी सेक्स पावर को सही रखना होता है. सेक्स में शामिल होने वाले दोनों ही साथियों की सेक्स पावर स्वस्थ होने से शारीरिक व मानसिक स्तर पर कई तरह के लाभ मिलते हैं.

आज के दौर में अस्वस्थ दिनचर्या व दूषित वातावरण के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां हो जाती है. इसके चलते सेक्स पावर में भी कमी आ जाती है. आपकी इन सभी परेशानियों को देखते हुए आज आपको सेक्स पावर को बढ़ाने के उपाय और तरीके के साथ ही इसको बढ़ाने के घरेलू नुस्खों के बारे में बताया जा रहा है.

सैक्स पावर कम होने के लक्षण

सैक्स पावर होने पर पर आपको निम्न तरह के लक्षण महसूस होते हैं.

– यौन उत्तेजना न होना.

– शीघ्रपतन होना.

– चरम सुख (ओर्गेज्म) की अवधि कम होना.

– सैक्स के दौरान संतुष्टि प्राप्त न होना.

– यौन प्रदर्शन में कमी आना.

सैक्स पावर कम होने के कारण

सैक्स पावर कम होने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ मुख्य कारणों के बारे में आगे बताया जा रहा है.

  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना.
  • सेक्सुअल स्टेमिना में कमी आना.
  • नपुंसकता.
  • अधिक आयु होना.
  • तनाव व चिंता से ग्रसित होना.
  • दीर्घकालिक रोग, जैसे – डायबिटीज व हृदय रोग होना.

सैक्स पावर बढ़ाने के उपाय और तरीके

सैक्स पावर कैसे बढ़ाएं : सैक्स पावर बढ़ाने के लिए वैसे तो आपको कई उपाय बताएं गए हैं, परंतु इनके अलावा भी कुछ ऐसे उपाय है जिनके द्वारा आप अपनी सेक्स पावर को आसानी से बेहतर कर सकते हैं.

  1. सैक्स पावर बढाने के उपाय रखें तनाव से दूरी : सेक्स पावर को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए आपको तनाव से दूर रहना चाहिए. तनाव से आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. एक अध्ययन में इस बात का पता चला है कि तनाव व्यक्ति की सेक्सुअल गतिविधियों को प्रभावित करता है. तनाव के कारण हृदय गति असामान्य हो जाती है. इसके साथ ही साथ तनाव के कारण हाई बीपी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. यह दोनों ही रोग आपकी यौन गतिविधि पर बुरा असर डालते हैं.

इसके अलावा तनाव से उत्तेजना में कमी और चरम सुख पर पहुंचना भी कठिन हो जाता है. अगर आपका साथी तनाव में है, तो आपको उनके तनाव को दूर करने के लिए उनकी पूरी सहायता करनी चाहिए. कई बार तनाव के कारण ही व्यक्ति शराब व नशे का आदि हो जाता है. नशे की आदत के कारण भी सेक्स पावर कम हो जाती है.

2. सैक्स पावर बढाये सही पोजीशन से : बताए गए उपायों से सेक्स पावर की समस्या सही होने पर आप विभिन्न सेक्स पोजीशन की मदद से अपनी पार्टनर को पूर्ण संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं. कई बार आप एक ही तरह की सेक्स पोजीशन को करते-करते ऊब जाते हैं. ऐसे में आपको लगता है कि आपकी सेक्स पावर कम हो गई है, जबकि ऐसा होता नहीं है. सेक्स पोजीशन को बदलकर आप अपनी सेक्स लाइफ को पहले की तरह की रोमांचकारी और बेहतर बना पाएंगे. सेक्स पोजीशन को अपनाते समय आपको अपनी सहुलियत से ज्यादा साथी की सहुलियत पर ध्यान देना होगा. एक बार आप और साथी किसी सेक्स पोजीशन में सहज हो जाएं तो बाद में आप अपनी सेक्स पावर को भी प्रदर्शित कर सकते हैं. वहीं कई ऐसी सेक्स पोजीशन भी होती हैं जिनके द्वारा आप कम जोश दिखाए हुए भी साथी को पूरी संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं.

3. हस्तमैथुन करना हस्तमैथुन से आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ा सकते हैं. अगर आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको हस्तमैथुन से सहायता लेनी होगी, दरअसल इससे सेक्स करने की अवधि में वृद्धि होती है. इसको आप सेक्स करने से पहले की प्रैक्टिस की तरह भी देख सकते हैं. इसको करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसको ज्यादा करने से नुकसान भी हो सकता है.

4. रोजाना सैक्स न करें जिस तरह से किसी कार्य को रोजाना करने से आप उसमें बोरियत महसूस करने लगते हैं, ठीक ऐसे ही रोजाना सेक्स करने से आपको इससे बोरियत हो जाती है. सेक्स में बोरियत होने से आपके अंदर की यौनेच्छा में कमी आ जाती है. यौनेच्छा या कामेच्छा को बनाएं रखने के लिए आपको नियमित सेक्स करने की आदत को बदलना होगा. इसकी जगह पर आप एक या दो दिन के अंतराल में सेक्स करें. जिससे आपको सेक्स के दौरान बोरियत भी महसूस नहीं होगी और आप अपनी सेक्स पावर को महसूस भी कर पाएंगे.

5. सैक्स पावर इनक्रीस करें सूर्य की किरणों से : सूर्य की किरणों से कई तरह की बीमारियों को इलाज किया जा सकता है. मेलाटोनिन (Melatonin; नींद की प्रक्रिया को नियमित करने वाला हार्मोन) के कम व ज्यादा होने का प्रभाव आपकी यौन इच्छा पर पड़ता है. कहा जाता है कि सर्दियों में यह हार्मोन अधिक स्त्रावित होता है. इससे बचने के लिए आपको सूर्य की किरणों में कुछ देर बैठना चाहिए. सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए यह एक कारगर उपाय है. इतना ही नहीं सूर्य की किरणों में बैठने से आपका रक्त संचार सही होता है और आप पहले के मुकाबले अधिक सक्रिय हो जाते हैं.

6. प्याज है सैक्स पावर बढ़ाने का तरीका : अगर आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ाने के बारे में सोच रहें हैं तो आपको अपने आहार में प्याज को शामिल करना होगा. प्याज और यौन स्वास्थ्य पर हुई रिसर्च में पाया गया कि प्याज के सेवन से सेक्स पावर को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए आपको सफेद प्याज को काटकर और उसको मक्खन में भूनना होगा. आप हर दिन एक चम्मच इस प्याज का सेवन करें. अपने स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं. हर सुबह खाली पेट इस प्याज का सेवन करें. यह उपाय सेक्स पावर और शीघ्रपतन की समस्या को दूर करता है.

7. सैक्स पावर बढ़ाएं लहसुन से : आप लहसुन के कई फायदों के बारे में पहले से ही जानते होंगे, मगर आज आपको लहसुन से सेक्स पावर को बढ़ाने के उपाय बताए जा रहें हैं. सेक्स पावर को इनक्रीज करने के लिए आप रोजाना लहसुन की कलियों का सेवन करें. इससे आपकी यौन इच्छा में प्राकृतिक रूप से बढ़ोतरी होती है. लहसुन से सेक्स पावर बढ़ने का राज यह है कि इससे यौन अंगों के रक्त संचार में तीव्रता आती है. जिससे सेक्स के समय यौन अंगों में उत्तेजना लंबे समय तक बनी रहती है और आप अधिक समय तक सेक्स कर पाते हैं.

8. सैक्सुअल पावर बढ़ाता है बादाम : सेक्स पावर को बढ़ाने वाले प्राकृतिक तरीकों में आप बादाम का भी प्रयोग कर सकते हैं. बादाम पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि यह आपके शरीर की सेक्सुअल पावर को बढ़ाते हैं. इसके साथ ही साथ बादाम खाने से प्रजन्न क्षमता में भी वृद्धि होती है. बादाम में उच्च मात्रा में पोषक तत्व व खनिज पाएं जाते हैं. इसमें जिंक, सेलेनियम और विटामिन ई होता है, जिससे यौन स्वास्थ व प्रजन्न शक्ति में बढ़ोतरी होती है. अध्ययन यह भी बताते हैं कि जिंक यौन इच्छा को बढ़ाने के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है. इस वजह से साथी को संतुष्ट करने के लिए आप बादाम का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं.

9. सैक्स पावर मेडिसिन है डार्क चॉकलेट : वैसे तो आपने कई बार चॉकलेट खाई होगी, लेकिन आप डार्क चॉकलेट के इस फायदे से अब तक अंजान होंगे. सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए डार्क चॉकलेट किसी दवा की तरह ही काम करती है. डार्क चॉकलेट के सेवन से एंड्रोफिन (Endropihn; आपको आनंदित महसूस कराने वाला हार्मोन) स्त्रावित होता है. इसके अलावा डार्क चॉकलेट का स्वाद सभी को पसंद आता है. इसको खाने से भी आपकी सेक्स पावर में बढ़ोतरी होती है. अगर आप अधिक समय तक सेक्स नहीं कर पाते हैं तो आपको डॉर्क चॉकलेट का सेवन अवश्य करना चाहिए, लेकिन आपको पहले से ही कोई समस्या हो तो आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें.

10. सैक्स पावर बढ़ाने के लिए नशे से रहें दूर : सेक्स पावर को बढ़ाने के घरेलू नुस्खों में आपको अपनी बुरी आदतों को छोड़ना होगा. शराब पीना व धूम्रपान करने से कई तरह की हानि होती है. इससे आपकी सेक्स पावर में भी कमी आती है. एक अध्ययन के मुताबिक ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धूम्रपान और शराब का सेवन करने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है. इस वजह से पुरुषों में नंपुसकता की समस्या भी हो जाती है. इस समस्या से बचने के लिए आपको धूम्रपान और शराब की लत को छोड़ना होगा. इसकी जगह पर आप ताजे फल व सब्जियों का अधिक सेवन करें.

मैं घर लौटने में जरा भी देर करता हूं तो बीवी नाराज हो जाती है, क्या करूं?

सवाल

मैं 25 साल का हूं. मेरी शादी को 2 साल हो चुके हैं. एक बच्चा भी है. मुझ में और मेरी बीवी में बहुत प्यार है, मगर काम से घर लौटने में जरा सी देरी होने पर वह नाराज हो जाती है. मुझ से कई तरह के सवाल करती है, जिन का कोई मतलब नहीं होता. मैं क्या करूं?

जवाब

नईनई शादी में बीवी चाहती है कि पति हर वक्त उस के पास रहे. आप की बीवी की नाराजगी भी उस का प्यार ही है. आप उसे प्यार से समझाएं कि काम में थोड़ी देर हो ही जाती है. इस के अलावा आप जल्दी से जल्दी आने की कोशिश किया करें. वक्त के साथ बीवी गुस्सा करना छोड़ देगी.

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पतिपत्नी के रिश्ते में सब से खास बात एकदूसरे को शारीरिक सुख देना होता है. पर इसे भी बहुत से जोड़े किसी रूटीन काम की तरह निबटा देते हैं. पति को इस संबंध से कितना सुख मिला है, वह कभी उस से नहीं कहता है. इसी तरह पत्नी भी पति से कभी यह नहीं कहती कि उस की इच्छा पूरी हुई भी है या नहीं.

शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार होने में लड़कियों या औरतों को हमेशा थोड़ा समय लगता है, जबकि मर्दों को ज्यादा समय नहीं लगता. ज्यादातर पति इच्छा होते ही पत्नी तैयार है या नहीं, इस बात पर ध्यान न दे कर सैक्स के लिए तैयार हो जाते हैं, जबकि तैयार न होने के बावजूद पत्नी को पति का साथ देना पड़ता है.

ऐसे में पति तो अपनी इच्छा पूरी कर लेता है, पर पत्नी की इच्छा अधूरी ही रह जाती है. ज्यादातर पत्नियों के साथ ऐसा ही होता है. पति तेजी से सैक्स के लिए तैयार होता है और 2-3 मिनट में अपना काम पूरा कर के करवट बदल कर सो जाता है, जबकि कोई भी पत्नी इतने कम समय में सैक्स के लिए तैयार नहीं होती और यह भी सच है कि इतने कम समय में उस की कभी इच्छा पूरी नहीं होती.

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Sex Problem: क्या आपकी पत्नी को भी हैं ये 5 सैक्स समस्याएं

कहते हैं कि सफल दांपत्य जीवन में सैक्स एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और विवाह के बिखराव का एक कारण सेक्स भी हो सकता है. आम धारणा है कि पुरुष को ही सैक्स में ज़्यादा रुचि होती है और महिला अमूमन इससे बचती है. लेकिन ऐसा नहीं है. पुरुष की तरह महिलाओं की भी सेक्स इच्छा होती है. अधूरा और सही समय पर संभोग के पूरा न होने पर महिलाओं को शारीरिक और मानसिक परेशानी होती है. दरअसल महिलाओं का सेक्स केवल संभोग तक सीमित नहीं होता, बल्कि स्पर्श, चुंबन आदि से भी उन्हें संतुष्टि मिलती है.

आइए हम आपको बताते है कि कौन कौन सी सैक्स समस्याएं आती है और उनका समाधान क्या है.

सैक्स में कमी

महिलाओं में सेक्स में कमी डिप्रेशन, थकान या तनाव की वजह से हो सकती है. इसके अलावा और भी वजह हो सकती है जैसे पार्टनर जिस तरह छूता है, वह पसंद नहीं आना, पसीना से या उसके मुंह से पान-तंबाकू वगैरह की बदबू आना आदि. कई महिलाओं को शरीर के कुछ खास हिस्सों पर हाथ लगाने से दर्द महसूस होता है या अच्छा नहीं लगता. इससे भी वे सेक्स से बचने लगती हैं.

लुब्रिकेशन की कमी

महिलाओं के जनन अंग (vagina) में लुब्रिकेशन (गीलापन) को उत्तेजना का पैमाना माना जाता है. कुछ महिलाओं को कम लुब्रिकेशन की शिकायत होती है और ज़ाहिर है ऐसे में सैक्स काफी तकलीफदेह हो जाता है. लुब्रिकेशन में कमी तीन वजहों से हो सकती है. इन्फेक्शन, हार्मोंस में गड़बड़ी या फिर तरीके से फोर प्ले न करना.

सैक्स के दौरान दर्द

कुछ महिलाओं को सैक्स के दौरान दर्द होता है. कई बार यह दर्द बहुत ज़्यादा होता है और ऐसे में महिला सेक्स से बचने लगती है. साथी को इस दर्द का अहसास नहीं होता और उसे लगता है कि साथी महिला की दिलचस्पी नही है या फिर सहयोग नहीं कर रही है.

और्गेज्म न होना

महिलाओं में यह शिकायत आम होती है कि उनका पार्टनर उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाता यानी उनका और्गेज्म नहीं हो पाता. कुछ को और्गेज्म नहीं होता और कुछ को होता तो है पर महसूस नहीं होता. कुछ महिलाओं को लुब्रिकेशन के दौरान ही जल्दी ऑर्गेज्म हो जाता है. कुछ को बहुत देर से और्गेज्म होता है.

वैजाइनल पेन

कभी-कभी महिलाओं को नाभि के नीचे और प्यूबिक एरिया के आसपास दर्द महसूस होता है. यह दर्द वैसा ही होता है, जैसा पीरियड्स के दौरान होता है. इसकी वजह यह है कि उत्तेजना होने पर प्राइवेट पार्ट के आसपास खून का बहाव होता है. ऐसे में लुब्रिकेशन होता है पर क्लाइमैक्स नहीं होता. इससे इस एरिया में खून जम जाता है और दर्द होने लगता है.

समाधान

सैक्स समस्या का सबसे बड़ा कारण है पति-पत्नी का सैक्स समस्याओं के बारे में बात ही नहीं करना. पति और पत्नी दोनों को इस मामले में खुलकर बात करनी चाहिए और कोई भी छुपाना नहीं चाहिए. हो सकता है इस मामले में पत्नी पहल न करें तो ऐसे में पति को चाहिए कि उनका व्यवहार ऐसा हो कि उनकी पत्नी उनसे हर बात शेयर कर सकें. यदि आप चाहते हैं कि आप अपने साथी से सभी समस्याओं खासकर सेक्स समस्याओं के बारे में बातचीत कर सकें तो आपको अपने साथी को विश्वास में लेना होगा. यदि आप अपने साथी को अपनी कोई सैक्स समस्या के बारे में बताना चाहते हैं तो आप उसे सीधे-सपाट शब्दों में ना कहें बल्कि उसके लिए थोड़ा समय लें और अपने साथी को बातचीत और प्यार से सहज करें. इसके बात सामान्य बातचीत के बाद ही अपनी समस्या बताएं.

Sex Tips : सैक्‍स के लिये सही नहीं होता ‘सुरक्षित दिन’

सेक्स में गर्भधारण का डर सबसे अधिक होता है. इस डर की वजह से बहुत सारे लोग सेक्स से बचने की कोशिश करते है. इस डर से ही सेक्स का इंजौय भी नहीं कर सकते है. कई लोग गर्भधारण से बचने के लिये ‘ओरल सेक्स’ और ‘अननैचुरल सैक्स’ भी करते है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह होती है कि उनको गर्भ को रोकने के तरीको का पता नहीं होता. इसका प्रयोग उनको असहज लगता है. उनको लगता है कि गर्भधारण से रोकने वाले तरीको के प्रयोग से सेक्स में जो इंजौय होता है वह नहीं मिलता.

एक धारणा यह भी होती है कि औरत के माहवारी चक्र में कुछ ऐसे दिन होते है. उस दिनों में गर्भधारण रोकने वाले साधन के बिना भी सेक्स कर सकते है. इन दिनों में सैक्स करने से गर्भधारण का खतरा नहीं रहता है. इन दिनों को ही सेक्स के लिये ‘सुरक्षित दिन’ माना जाता है. माहवारी आने के तुरंत बाद एक सप्ताह का समय और माहवारी आने के पहले का एक सप्ताह सेक्स के लिये सुरक्षित माना जाता है. आमधरणा यह है कि इस दौरान सेक्स करने से गर्भ ठहरने का खतरा नही रहता है.

इन सुरक्षित दिनों की गणना माहवारी आने के दिनो से की जाती है. अगर माहवारी नियमित समय से न हो तो यह गणना गडबडा भी सकती है. जिस वजह से सेक्स के सुरक्षित माने जाने वाले यह दिन सुरक्षित नहीं रहते है. इसी वजह से कहा जाता है कि इन सुरक्षित दिनो को उतना भी सुरक्षित ना माना जाये. इसलिये इस पर बहुत भरोसा करने वाला नही होता है. डाक्टरों का मानना है कि माहवारी आने के तुरंत बाद एक सप्ताह कासमय और माहवारी आने के पहले का एक सप्ताह सेक्स के लिये सुरक्षित माना जाता है. इस समय पर औरत के अंडाणू नहीं बनते ऐसे में सेक्स करने से बच्चे के ठहरने का खतरा कम होता है. डरने वाली बात यह है कि अगर माहवारी सही समय पर ना हो रही हो और उसके दिनों की गणना में कोई दिक्कत हो जाये तो यह सुरक्षित दिनों का फामूर्ला फेल हो सकता है.

सेक्स का मजा लेना है तो अपनाएं ये टिप्स

4 सहेलियां कुछ अरसे बाद मिली थीं. 2 की जल्दी शादी हुई थी तो 2 कुछ बरसों का वैवाहिक जीवन बिता चुकी थीं. ऐसा नहीं कि उन में और किसी विषय पर बात नहीं हुई. बात हुई, लेकिन बहुत जल्द ही वह पहली बार के अनुभव पर आ टिकी.

पहली सहेली ने पूछा, ‘‘तुम फोन पर ट्रेन वाली क्या बात बता रही थी? मेरी समझ में नहीं आई.’’

दूसरी बोली, ‘‘चलो हटो, दोबारा सुनना चाह रही हो.’’

तीसरी ने कहा, ‘‘क्या? कौन सी बात? हमें तो पता ही नहीं है. बता न.’’

दूसरी बोली, ‘‘अरे यार, कुछ नहीं. पहली रात की बात बता रही थी. हनीमून के लिए गोआ जाते वक्त हमारी सुहागरात तो ट्रेन में ही मन गई थी.’’

तीसरी यह सुन कर चौंकी, ‘‘हाउ, रोमांटिक यार. पहली बार दर्द नहीं हुआ?’’

दूसरी ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ खास तो नहीं.’’

तीसरी बोली, ‘‘चल झूठी, मेरी तो पहली बार जान ही निकल गई थी. सच में बड़ा दर्द होता है. क्यों, है न? तू क्यों चुप बैठी है? बता न?’’

चौथी सहेली ने कहा, ‘‘हां, वह तो है. दर्द तो सह लो पर आदमी भी तो मनमानी करते हैं. इन्होंने तो पहली रात को चांटा ही मार दिया था.’’

बाकी सभी बोलीं, ‘‘अरेअरे, क्यों?’’

चौथी ने बताया, ‘‘वे अपने मन की नहीं कर पा रहे थे और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.’’

पहली बोली, ‘‘ओह नो. सच में दर्द का होना न होना, आदमी पर बहुत डिपैंड करता है. तुम विश्वास नहीं करोगी, हम ने तो शादी के डेढ़ महीने बाद यह सबकुछ किया था.’’

दूसरी और तीसरी बोलीं, ‘‘क्यों झूठ बोल रही हो?’’

पहली सहेली बोली, ‘‘मायके में बड़ी बहनों ने भी सुन कर यही कहा था, उन्होंने यह भी कहा कि लगता है मुझे कोई धैर्यवान मिल गया है, लेकिन मेरे पति ने बताया कि उन्होंने शादी से पहले ही तय कर लिया था कि पहले मन के तार जोडूंगा, फिर तन के.

‘‘मुझे भी आश्चर्य होता था कि ये चुंबन, आलिंगन और प्यार भरी बातें तो करते थे, पर उस से आगे नहीं बढ़ते थे. बीच में एक महीने के लिए मैं मायके आ गई. ससुराल लौटी तो हम मन से काफी करीब आ चुके थे. वैसे भी मैं स्कूली दिनों में खूब खेलतीकूदती थी और साइकिल भी चलाती थी. पति भी धैर्य वाला मिल गया. इसलिए दर्द नहीं हुआ. हुआ भी तो जोश और आनंद में पता ही नहीं चला.’’

पतिपत्नी के पहले मिलन को ले कर अनेक तरह के किस्से, आशंकाएं और भ्रांतियां सुनने को मिलती हैं. पुरुषों को अपने सफल होने की आशंका के बीच यह उत्सुकता भी रहती है कि पत्नी वर्जिन है या नहीं. उधर, स्त्री के मन में पहली बार के दर्द को ले कर डर बना रहता है.

आजकल युवतियां घर में ही नहीं बैठी रहतीं. वे साइकिल चलाती हैं, खेलकूद में भाग लेती हैं, घरबाहर के बहुत सारे काम करती हैं. ऐक्सरसाइज करती हैं, नृत्य करती हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि तथाकथित कुंआरेपन की निशानी यानी उन के यौनांग के शुरू में पाई जाने वाली त्वचा की झिल्ली शादी होने तक कायम ही रहे. कई तरह के शारीरिक कार्यों के दौरान पैरों के खुलने और जननांगों पर जोर पड़ने से यह झिल्ली फट जाती है, इसलिए जरूरी नहीं कि पहले मिलन के दौरान खून का रिसाव हो ही. रक्त न निकले तो पुरुष को पत्नी पर शक नहीं करना चाहिए.

अब सवाल यह उठता है कि जिन युवतियों के यौनांग में यह झिल्ली विवाह के समय तक कायम रहती है, उन्हें दर्द होता है या नहीं. दर्द का कम या ज्यादा होना झिल्ली के होने न होने और पुरुष के व्यवहार पर निर्भर करता है. कई युवतियों में शारीरिक कार्यों के दौरान झिल्ली पूरी तरह हटी हो सकती है तो कई में यह थोड़ी हटी और थोड़ी उसी जगह पर उलझी हो सकती है. कई में यह त्वचा की पतली परत वाली होती है तो कई में मोटी होती है.

स्थिति कैसी भी हो, पुरुष का व्यवहार महत्त्वपूर्ण होता है. जो पुरुष लड़ाई के मैदान में जंग जीतने जैसा व्यवहार करते हैं, वे जोर से प्रहार करते हैं, जो स्त्री के लिए तीखे दर्द का कारण बन जाता है. ऐसे पुरुष यह भी नहीं देखते कि संसर्ग के लिए राह पर्याप्त रूप से नम और स्निग्ध भी हुई है या नहीं. उन के कानों को तो बस स्त्री की चीख सुनाई देनी चाहिए और आंखों को स्त्री के यौनांग से रक्त का रिसाव दिखना चाहिए. ऐसे पुरुष, स्त्री का मन नहीं जीत पाते. मन वही जीतते हैं जो धैर्यवान होते हैं और तन के जुड़ने से पहले मन के तार जोड़ते हैं व स्त्री के संसर्ग हेतु तैयार होने का इंतजार करते हैं.

भले ही आप पहली सहेली के पति की तरह महीना, डेढ़ महीना इंतजार न करें पर एकदम से संसर्ग की शुरुआत भी न करें. पत्नी से खूब बातें करें. उस के मन को जानने और अपने दिल को खोलने की कोशिश करें. पर्याप्त चुंबन, आलिंगन करें. यह भी देखें कि पत्नी के जननांग में पर्याप्त गीलापन है या नहीं. दर्द के डर से भी अकसर गीलापन गायब हो जाता है. ऐेसे में किसी अच्छे लुब्रीकैंट, तेल या घी का इस्तेमाल करना सही रहता है. शुरुआत में धीरेधीरे कदम आगे बढ़ाएं. इस से आप को भी आनंद आएगा और पत्नी को दर्द भी कम होगा.

कई युवतियों के लिए सहवास आनंद के बजाय दर्द का सबब बन जाता है. ऐसा कई कारणों से होता है, जैसे :

कुछ युवतियों में वल्वा यानी जांघों के बीच का वह स्थान जो हमें बाहर से दिखाई देता है और जिस में वेजाइनल ओपनिंग, यूरिथ्रा और क्लीटोरिस आदि दिखाई देते हैं, की त्वचा अलग प्रकार की होती है, जो उन्हें इस क्रिया के दौरान पीड़ा पहुंचाती है. त्वचा में गड़बड़ी से इस स्थान पर सूजन, खुजली, त्वचा का लाल पड़ जाना और दर्द होने जैसे लक्षण उभरते हैं. त्वचा में यह समस्या एलर्जी की तरह होती है और यह किसी साबुन, मूत्र, पसीना, मल या पुरुष के वीर्य के संपर्क में आने से हो सकती है.

सहवास के दौरान दर्द होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए. सहवास से पहले पर्याप्त लुब्रीकेशन करना चाहिए. पुरुष को यौनांग आघात में बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. वही काम मुद्राएं अपनानी चाहिए जिन में स्त्री को कम दर्द होता हो. इस से भी जरूरी बात यह है कि पहले मन के तार जोडि़ए. ये तार जुड़ गए तो तन के तार बहुत अच्छे और स्थायी रूप से जुड़ जाएंगे.    – सहवास के दौरान पर्याप्त लुब्रीकेशन न होने से भी महिला को दर्द का एहसास हो सकता है.

– महिला यौनांग में यीस्ट या बैक्टीरिया का इन्फैक्शन भी सहवास में दर्द का कारण बनता है.

– एक बीमारी एंडोमेट्रिआसिस होती है, जिस में गर्भाशय की लाइनिंग शरीर के दूसरे हिस्सों में बनने लगती है. ऐसा होने पर भी सहवास दर्दनाक हो जाता है.

– महिला के यौनांग की दीवारों के बहुत पतला होने से भी दर्द होता है.

– यूरिथ्रा में सूजन आ जाने से भी सहवास के दौरान दर्द होता है.

सैक्सरिंग : प्यार के नाम पर फंस न जाना

युवाओं का पहला आकर्षण प्रेम ही होता है. शायद ही कोई ऐसा युवा होगा जो रोमांस के इस फेज में न फंसा हो. कोई अपना लव इंटरैस्ट अपनी क्लासमेट में ढूंढ़ता है तो कोई पासपड़ोस की ब्यूटीफुल युवती पर फिदा हो जाता है. युवावस्था के आकर्षण से जुड़े हारमोंस ही हमें किसी विपरीतलिंग की तरफ आकर्षित करते हैं. हालांकि हर बार यह प्यार सच्चा हो, इस की कोई गारंटी नहीं. प्यार के नाम पर कैमिकल लोचा भी हो सकता है, प्यार एकतरफा भी हो सकता है और कई बार लव को लस्ट यानी वासना की शक्ल में भी देखा जाता है. इन सब प्यार की अलगअलग कैटेगरीज से गुजरता हर युवा मैच्योर होतेहोते सीखता है कि लव के असल माने क्या हैं?

इस रोमांटिक फेज में उपरोक्त कैटेगरीज के अलावा एक और खतरनाक फेज होता है सैक्सरिंग का यानी प्यार के नाम पर जब कोई युवती किसी युवती को फंसा ले तो वह सैक्सरिंग में उलझ कर रह जाती है.

प्यार में सौदा नहीं

करन अरोड़ा को कम उम्र में ही पेरैंट्स ने महंगी बाइक दिला दी. महंगी और ऐडवांस्ड बाइक के टशन में वह रोज स्कूल से कोचिंग आता. वह प्रिया को कई बार घर से कोचिंग तक लिफ्ट दे चुका था.

इस के पीछे कारण यह था कि अचानक कुछ दिनों से प्रिया करन की तारीफ उस के दोस्तों के बीच कुछ ज्यादा ही करने लगी थी. दोस्तों से अपनी तारीफ सुन कर करन को लगा कि वह प्रिया को प्रपोज कर देगा. एक दिन कोचिंग से बंक मार कर वह प्रिया को मौल ले गया और उसे प्रपोज कर दिया.

प्रिया ने जितनी जल्दी हामी भरी उस की करन को उम्मीद तो नहीं थी, लेकिन प्रिया की हां से वह इतना उत्साहित हो गया कि दिमाग के बजाय दिल से सोचने लगा. उस दिन उस ने प्रिया की पसंद की ड्रैस, आर्चीज के गिफ्ट व फेवरिट रेस्तरां के खाने में हजारों रुपए खुशीखुशी खर्च कर डाले.

प्रिया के प्यार का यह नाटक उस दिन खुला जब करन के ही दोस्त यश ने उसे बताया कि प्रिया तो सौमिक की कार में घूम रही है और आजकल उस की गर्लफ्रैंड के तौर पर फेमस है.

हैरानपरेशान करन ने जब प्रिया से फोन कर सफाई मांगी तो उस ने उलटे सौमिक से पिटवाने की धमकी दे डाली.

लुटापिटा करन उस को पेरैंट्स से झूठ बोल कर कोर्स फीस के पैसों से स्मार्टफोन, ज्वैलरी व लैपटौप दिलवा चुका था. जाहिर है वह लव के नाम पर लूटा गया था.

अचानक लड़की आप के करीब आ जाए तो उस पर लट्टू होने के बजाय जरा दिमाग लगा कर सोचिए कि इस नजदीकी की वजह प्यार है या आप की मोटी जेब, क्योंकि प्यार कोई सौदेबाजी नहीं होती. जो लड़की आप से प्यार करेगी वह बातबात पर महंगे गिफ्ट्स नहीं मांगेगी और न ही हर समय आप की जेब ढीली करेगी. अगर आप की गर्लफ्रैंड भी आप से ज्यादा आप के तोहफों पर ध्यान देती है तो समझ जाइए कि आप भी सैक्सरिंग में फंसने वाले हैं.

सिंगल होना शर्मिंदगी नहीं

सैक्सरिंग का सब से आसान शिकार युवतियां ज्यादातर उन युवकों को बनाती हैं जो सिंगल होते हैं. साइकोलौजिस्ट भी मानते हैं कि हमारे समाज व युवाओं का रवैया कुछ ऐसा है कि जो लड़के सिंगल होते हैं उन का मजाक बनाया जाता है, उन पर जल्द से जल्द गर्लफ्रैंड बनाने का दबाव डाला जाता है. मानो किसी युवक की गर्लफ्रैंड नहीं है तो उस में कोई न कोई कमी होगी.

इस मनोवैज्ञानिक दबाव के तले दब कर युवक अपनी सोचसमझ खो कर एक अदद युवती की तलाश में जुट जाता है जो जल्दी से जल्दी उस की गर्लफ्रैंड बनने को तैयार हो. भले इस के लिए उसे कोई भी कीमत चुकानी पड़े. इसी जल्दबाजी व मनोवैज्ञानिक दबाव का फायदा चालाक व शातिर युवतियां उठाती हैं और सिंगल युवकों को झूठे प्यार के सैक्सरिंग में फांस कर उन की जेबें ढीली करती हैं. कई मामलों में तो उन की पढ़ाईलिखाई व कैरियर तक बरबाद कर डालती हैं.

युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि सिंगल होना कोई  शर्मिंदगी की बात नहीं है. जब तक कोई ईमानदार या सच्चा प्यार करने वाली युवती न मिले, सिंगल रहना बेहतर है. पढ़ाई, कैरियर, शौक व दोस्तों को समय दे कर सैक्सरिंग से बचने में ही समझदारी दिखाने वाले युवा कुछ बन पाते हैं.

इमोशनल अत्याचार के साइड इफैक्ट्स

अकसर युवतियों से धोखा खाए या यों कहें कि सैक्सरिंग के शिकार युवक भावनात्मक तौर पर टूट जाते हैं और प्रतिक्रियास्वरूप कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो उन के भविष्य को खतरे में डाल देता है.

जनवरी 2017, दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके के रोहन को जब एक युवती ने झूठे प्यार के जाल में फंसा कर चूना लगाया तो उस ने उस से बदला लेने की ठान ली व एक दिन स्कूल से लौटते समय युवती के चेहरे पर ब्लैड मार दिया.

घायल युवती के परिजनों ने रोहन के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी. इस तरह मामला उलटा पड़ गया. युवती का तो कुछ नहीं बिगड़ा, रोहन को जरूर हवालात की हवा खानी पड़ी.

अकसर सैक्सरिंग के शिकार युवा इमोशनली इतने डिस्टर्ब हो जाते हैं कि धोखा खाए प्रेमी की तरह उस युवती से बदला लेने की ठान लेते हैं. आएदिन हम प्रेम में ठुकराए प्रेमियों की आपराधिक कृत्यों की खबरें पढ़ते रहते हैं. कोई तेजाब से हमला करता है तो कोई युवती का अपहरण तक कर डालता है. कोई सैक्स संबंधों की  पुरानी तसवीरों, सैक्स क्लिप्स या प्रेमपत्रों के नाम पर लड़की को सबक सिखाना चाहता है.

प्यार से अपराध की ओर न जाएं

याद रखिए ये तमाम हिंसात्मक व अनैतिक रास्ते अपराध की उन गलियों की ओर ले जाते हैं, जहां से युवाओं के लिए वापस आना नामुमकिन सा हो सकता है. एक तो पहले ही युवती ने फंसा कर आप का धन व समय बरबाद कर दिया. उस पर उस से बदला लेने के लिए अतिरिक्त समय, धन व भविष्य दांव पर लगाना कहां की समझदारी है?

बेहतर यही है कि उस बात को भूल कर आप अपने कैरियर पर ध्यान दें. एक न एक दिन आप को सच्चा प्यार जरूर मिलेगा. इस धोखेभरी लवस्टोरी से इतना जरूर सीखिए कि अगली बार जब कोई युवती आप की भावनाओं से खिलवाड़ कर आप पर सैक्सरिंग का वार करे तो उस के झांसे में न आएं.

सैक्सरिंग के लक्षण

 कोई युवती आप से सचमुच प्यार करती है या फंसा रही है, उसे समझने के लिए सैक्सरिंग के कुछ लक्षण समझना जरूरी है. निम्न पौइंट्स से समझिए कि कौन सी युवती स्वाभाविक तौर पर सैक्सरिंग के जाल में आप को फंसाना चाहती है :

–       जब बातबात पर शौपिंग, पार्टी या महंगे गिफ्ट्स की डिमांड करे.

–       जब खुद से जुड़ी जानकारियां छिपाए व आप की हर बात जानना चाहे.

–       आप के दोस्तों या परिवार से मिलने से कतराए.

–       अपने फैमिली या फ्रैंड सर्किल से मिलवाते वक्त आप की पौकेट खाली करवाए.

–       बातबात पर आप की तारीफ करे और आप की हर बात पर सहमति जताए.

–       हर जरूरत पर आर्थिक मदद की डिमांड करे.

–       झगड़े की वजहों में पैसों का ताना मारे.

–       आप के अमीर व संपन्न दोस्तों से करीबी बढ़ाए.

–       आप की आर्थिक मदद करने से कतराए या बहाने बनाए.

–       प्यार के नाम पर भावनात्मक सहारे के बजाय सिर्फ फिजिकल रिलेशन को तरजीह दे.

अगर इन तमाम पौइंट्स पर आप की गर्लफ्रैंड खरी उतर रही हो तो सावधान हो जाइए. आप पर सैक्सरिंग फेंका जा चुका है. सही मौका पाते ही सैक्सरिंग का छल्ला गले से निकाल फेंकिए और ब्रेकअप सौंग पर जम कर अपनी फेक लवर से आजादी का जश्न मनाइए.

मेरे पति संबंध बनाते समय एक मिनट में ही पस्त हो जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी शादी को 6 महीने हो गए हैं? जब मैं पति के साथ संबंध बनाती हूं तो वे एक मिनट में ही पस्त हो जाते हैं. उन से अपने दिल की बात कहती हूं तो वे नाराज हो जाते हैं. इस के लिए हमें क्या करना चाहिए?

जवाब

समय से पहले पस्त होना यानी प्रीमैच्योर इजैकुलेशन तब होता है, जब कोई जिस्मानी रिश्ता बनाने से पहले या कुछ ही देर में अपनी इच्छा से पहले ही पस्त हो जाता?है. इस की वजह से सैक्स बहुत ही कम समय का और दोनों साझेदारों के लिए नाकाफी होता है. तनाव और परेशानी की वजह से यह समस्या बढ़ सकती है. आप को अपने साथी से सैक्स समस्याओं का इलाज करने वाले किसी ऐसे डाक्टर से मुलाकात करने के लिए कहना चाहिए, जो उन्हें कुछ ऐसी तकनीकें बता सके? जिन से दवाओं का इस्तेमाल किए बिना सैक्स के समय को बढ़ाया जा सके.

कई महिलाओं की शिकायत होती है कि उन के पति में अब पहले वाला जोश नहीं रहा और वे अब सेक्स में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते. कई बार पुरुष चाह कर भी यौन समागम नहीं कर पाते क्योंकि उन के मन में डर या संकोच बैठ जाता है कि क्या वे सफलतापूर्वक यौन संबंध नहीं बना पाएंगे और अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे. उन का पुराना जोश और उमंग वापस लौटा कर अपनी सेक्स लाइफ को आनंदमयी बनाने के लिए आप अपना सकती हैं ये उपाय:

भारी न पड़े काम

उन्हें प्रेमपूर्वक समझाएं कि आप का कैरियर बेशक बेहद महत्त्वपूर्ण है और उसे पूरा समय देना भी जरूरी है, लेकिन इसे बैडरूम में घुसा लेना ‘बैड हैबिट’ ही माना जाएगा. जितना औफिस का काम कैरियर लाइफ के लिए जरूरी है, उतना ही शयनकक्ष का काम पर्सनल लाइफ के लिए जरूरी है. कमाई सुख के लिए की जाती है और आप सुख से ही वंचित रह जाएं तो ऐसी कमाई से क्या फायदा? मस्तिष्क दूसरे जंजाल से मुक्त रहेगा तभी शरीर के दूसरे अंगों को अपना काम करने का सही निर्देश दे पाएगा. इसलिए औफिस का काम औफिस में ही छोड़ कर आएं ताकि घर पर एकाग्रता और सुकून के साथ घर का काम कर सकें.

एक बार और ट्राई करें

सफलता का जो फौर्मूला कैरियर लाइफ या ऐकेडमिक लाइफ में काम करता है, वही यहां भी काम करता है. अगर आप के पति एक बार सेक्स करने में विफल हो गए और इरैक्शन से वंचित रह गए, तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि ऐसा बारबार होगा. ‘ट्राई वन मोर टाइम’ का फौर्मूला यहां भी लागू होता है. उन से खुल कर बात करें और बताएं कि अगर आप हस्तमैथुन करते वक्त उत्तेजित हो जाते हैं और इंटरकोर्स के वक्त नहीं हो पाते, तो जाहिर है प्रौब्लम अंग में नहीं उमंग में है यानी आप के दिमाग में झूठा भय समा चुका है.

दुत्कारें नहीं पुचकारें

पति आप के पास आएं, आप को सहलाएं और चूमने की कोशिश करें तो उन्हें दुत्कार कर दूर न भगाएं. इस से उन का उत्साह ठंडा पड़ जाएगा और वे अच्छे तरीके से परफौर्म नहीं कर पाएंगे. आप भी उतनी ही गर्मजोशी से उन्हें पुचकारें, दुलारें, सहलाएं और चूमें. इस से उन के मन में आत्मवश्वास लौटेगा और सेक्स की भावना भी जाग्रत होगी. ज्यादतर मामलों में ऐसी स्थिति में इरैक्शन न होने की समस्या भी हल हो जाती है. आप का स्पर्श और चुंबन उन के लिए सेक्स के मामले में टौनिक का काम करेगा.

व्यायाम से बनेगा काम

उन्हें शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहने और नियमित व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें और जरूरत पड़े तो आप भी उन का साथ दें. वे टालमटोल करें, तो उन्हें समझाएं कि इस का असर उन के और आप के यौन जीवन पर पड़ रहा है. ऐक्सरसाइज न करने या ऐक्टिव न रहने से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त नहीं रहता, जिस का सीधा असर उत्तेजना और इरैक्शन पर पड़ता है. इसलिए रोज पुश अप्स, स्पौट जौगिंग और वौकिंग के लिए समय जरूर निकालें.

धुएं में न उड़ाएं जिंदगी का मजा

सिगरेट को स्टाइल स्टेटमैंट समझना बंद कर दें. पति को समझाएं कि धुआं सिगरेट का नहीं उन की जिंदगी का उड़ रहा है. कई अध्ययनों से पता चल चुका है कि स्मोकिंग से नपुंसकता की समस्या हो सकती है. शराब पीना भी कोई अच्छी बात नहीं है. शराब पीने से सेहत चौपट हो जाती है, लिवर नष्ट होने लगता है और जाहिर सी बात है स्वास्थ्य दुरुस्त नहीं रहता, तो इरैक्शन में प्रौब्लम आती है.

वेट को करें सैट

मोटापा अपनेआप में ही एक बीमारी है और यह अपने साथ कई बीमारियों को भी लाता है. वजन ज्यादा रहेगा, तो शरीर में लचीलापन नहीं रहेगा. लचीलापन नहीं रहेगा, तो पुरुष सेक्स क्या खाक करेगा वजन अनियंत्रित रहने पर शरीर में शुगर बढ़ जाती है. नतीजा, डायबिटीज. डायबिटीज तो इरैक्शन का दुश्मन नंबर वन है. वैसे भी मोटापा हार्ट डिजीज, हाई ब्लडप्रैशर, हाई कोलैस्ट्रौल वगैरह का सबब बन सकता है. इसलिए उन्हें वजन कम रखने, पौष्टिक भोजन करने और अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित करें.

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