मेरी सगाई हो चुकी है लेकिन में ऐसे युवक से प्यार करती हूं जो सेटल्ड नहीं है, मुझे क्या करना चाहिए ?

सवाल
मैं 20 वर्षीय युवती एक युवक से प्यार करती हूं, लेकिन पिछले महीने मेरे घर वालों ने मेरी सगाई एक अन्य युवक से कर दी जो अच्छाखासा सैटल है. मैं ने मां से कहा भी पर वे नहीं मानीं, कारण था मेरे बौयफ्रैंड का सैटल न होना. बौयफ्रैंड से मेरे शारीरिक संबंध भी हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं?

जवाब
जब आप किसी से प्यार करती हैं तो उस से शादी के लिए भी पहले से घर में बता कर रखना चाहिए था, साथ ही आप के बौयफ्रैंड को भी चाहिए था कि वह जल्दी से अपने पैरों पर खड़ा हो ताकि आप का हाथ मांग सके, तिस पर आप इतनी आगे बढ़ गईं कि शारीरिक संबंध भी बना लिए.

‘खैर, जब प्यार किया तो डरना क्या.’ आप के सामने लक्ष्य है उसे भेदिए. सब से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैट होने को कहिए, हो सके तो उस की मदद कीजिए. आप भी अपनी कोशिश कर  कोई जौब इत्यादि कीजिए, इस से आप घर में बता सकती हैं कि हम दोनों मिल कर अपनी गृहस्थी चला लेंगे. मातापिता लड़की के सुरक्षित भविष्य को ले कर आश्वस्त होंगे तो अवश्य मान जाएंगे आप के रिश्ते को.

युवावस्था उम्र की वह दहलीज है जिस में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण होना लाजिमी है. यह आकर्षण कब प्यार में बदल जाता है, पता ही नहीं चलता. कालेजगोइंग युवकयुवतियों में तो प्रेम सिर चढ़ कर बोल रहा है. वैसे प्रेम करने में कोई बुराई नहीं है. अगर प्रेम में सीरियसनैस हो, लेकिन ऐसा होता नहीं है. आज की पीढ़ी ने तो प्रेम को मात्र ऐंजौय का जरिया बना रखा है. वे शारीरिक आकर्षण को ही प्रेम सम झ बैठे हैं.

प्रेम का नशा महानगरों के युवकयुवतियों पर ही नहीं चढ़ा है बल्कि छोटे शहरों यहां तक कि गांवदेहातों तक के युवा प्रेम का लुत्फ उठाते हुए देखे जा सकते हैं. महानगरों में तो पार्कों, मैट्रो, मौल्स और खंडहरों में युवा एकदूसरे से आलिंगनबद्ध होते नजर आ जाते हैं. उन्हें देख कर ऐसा लगता है जैसे ये स्थल खासतौर पर प्रेमी युगलों के लिए ही बनाए गए हों.

सच तो यह है कि सैक्स की पूर्ति के लिए ही युवक प्रेम का ढोंग रचते हैं. वे अपनी गर्लफ्रैंड को प्रेम का  झांसा दे कर उस से सैक्स संबंध बनाते हैं और जब उन का उस से जी भर जाता है तो उसे छोड़ कर नई गर्लफ्रैंड बना लेते हैं. फिर उस को कौन्फिडैंस में ले कर उस के साथ भी सैक्स संबंध बनाते हैं. अगर गर्लफ्रैंड उसे इस के लिए मना करती है तो वह अभिनय करते हुए कहते हैं, ‘‘ट्रस्ट मी यार, मैं ताउम्र तेरा साथ निभाऊंगा.’’ भोलीभाली युवतियां ऐसे फरेबी बौयफ्रैंड के जाल में फंस कर अपना सर्वस्व लुटा देती हैं और फिर समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रहतीं.

पिछले काफी समय से बौयफ्रैंड व उस के दोस्तों द्वारा गैंगरेप की घटनाएं आम हो गई हैं. ऐसे युवा प्रेम का नाटक कर के अपनी गर्लफ्रैंड को किसी एकांत स्थान पर ले जाते हैं और अपने दोस्तों को भी बुला लेते हैं. फिर गर्लफ्रैंड को इन वहशियों की हवस का शिकार होना पड़ता है.

बहुत कम युवतियां ही अपने साथ हुए इस दुराचार को अपने पेरैंट्स को बताने की हिम्मत जुटा पाती हैं वरना अधिकतर तो घुटघुट कर ही जीती हैं या बदनामी के भय से आत्महत्या जैसे कृत्य को अंजाम दे बैठती हैं.

दिल्ली की रहने वाली श्वेता शुरू से ही ब्यूटी व फैशन कौंशस युवती थी. ग्रैजुएशन के बाद उस ने मौडलिंग को अपना कैरियर बना लिया. मौडलिंग के दौरान ही उस की मुलाकात सुहेल से हो गई. दोनों के बीच प्रेम के बीज कब अंकुरित हुए, पता ही नहीं चला. धीरेधीरे उन का प्रेम परवान चढ़ने लगा. दोनों मौडलिंग ट्रिप पर साथ जाते और घंटों साथसाथ बिताते. श्वेता उस के प्रेम में पूरी तरह पागल थी. उसे वह दिलोजान से चाहने लगी थी. एक अच्छे जीवनसाथी की जो तसवीर उस ने अपने दिल में संजो रखी थी, वे सभी गुण सुहेल में थे.

दोनों पढ़ेलिखे थे, इसलिए जातिबंधन की समस्या भी उन के बीच नहीं थी. सुहेल ने भी श्वेता से शादी करने का वादा कर रखा था, लेकिन एक दिन सुहेल ने अचानक श्वेता के सामने सैक्स करने की अपनी इच्छा उजागर कर दी.

श्वेता ने पहले तो नानुकर की पर सुहेल ने वादा किया कि वह उसे धोखा नहीं देगा इसलिए वह मान गई. दोनों के बीच सैक्स संबंध कायम हो गए. अब अकसर सुहेल उस से सैक्स की फरमाइश करता. यह सिलसिला काफी समय तक चलता रहा.

इस बीच जब श्वेता प्रैग्नैंट हो गई तो उस ने सुहेल से शादी करने को कहा ताकि वह बदनामी से अपने को बचा सके. सुहेल को श्वेता की यह बात नागवार गुजरी. उस ने शादी करने से इनकार कर दिया. यह सुन कर श्वेता के पैरों तले जमीन खिसक गई. आखिर उसे अपने मातापिता को सबकुछ साफसाफ बताना पड़ा. श्वेता के पेरैंट्स ने सुहेल के मातापिता से बात की. खैर उन्होंने किसी तरह सुहेल को शादी के लिए रजामंद कर लिया पर हर मातापिता ऐसे नहीं होते जो शादी से पहले ही प्रैग्नैंट हो गई युवती को अपना लें.

श्वेता तो महज एक उदाहरण है, अकसर हजारों युवतियां युवकों के प्रेमजाल में फंस कर शारीरिक शोषण का शिकार हो जाती हैं, जिन में से अनेक खुदकुशी जैसे कृत्य को अंजाम दे बैठती हैं. कहीं आप भी ऐसे प्रेमी के चक्कर में न फंस जाएं इसलिए यहां कुछ ऐसे टिप्स दिए जा रहे हैं जिन को अपना कर आप प्रेमी का चयन कर सकती हैं :

प्रेमी के चयन में जल्दबाजी न करें

अकसर युवतियां किसी भी युवक की मीठीमीठी बातों में आ कर बिना सोचेसम झे उसे दिल दे बैठती हैं और साथ मरनेजीने की कसमें खाती हैं. ऐसा करना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है. प्यार करने से पहले सोचिए कि प्यार एक बार होता है बारबार नहीं. न ही प्रेमी जींस की तरह होता है कि कुछ दिन पहनी और जब मन भर गया तो फिर नई खरीद ली. प्रेम एक पवित्र रिश्ता होता है, जिस की बुनियाद एकदूसरे के प्रति विश्वास और समर्पण पर टिकी होती है.

इसलिए प्रेम करते समय कतई जल्दबाजी न करें. प्रेमी को अच्छी तरह जांच परख लें फिर प्यार की पींगें बढ़ाएं. ‘लव एट फर्स्ट साइट’ के फार्मूले पर चलना भविष्य में परेशानी का सबब बन सकता है पर ऐसा होता बहुत कम है. ज्यादातर युवतियां हर उस युवक की ओर आकर्षित होती हैं, जो डैशिंग हो, स्मार्ट हो. यह जरूरी नहीं है कि हर डैशिंग पर्सनैलिटी वाला युवक सिंसीयर प्रेमी साबित हो बल्कि देखने में आया है कि ऐसे युवक ज्यादा फरेबी होते हैं. इसलिए सोचसम झ कर ही प्रेमी का चयन करें.

युवक के बारे में पहले पता कर लें

प्रेम करने से पहले युवती को चाहिए कि पहले पता कर ले कि जो युवक उसे पसंद आ रहा है, उस का बैकग्राउंड क्या है, क्या उस में एक अच्छे प्रेमी होने के सभी गुण मौजूद हैं?

अकसर युवक किसी युवती को पटाने के चक्कर में बड़ीबड़ी बातें करते हैं लेकिन असलियत में ऐसा कुछ भी नहीं होता. युवतियां ऐसे युवकों की बातों में फंस कर उन्हें दिल दे बैठती हैं.

युवकों का तो काम ही है प्रेम का नाटक करो और फिर सैक्स संबंध बनाओ. युवतियां चूंकि ऐसे युवकों के जाल में फंस चुकी होती हैं, इसलिए वे लाचार हो जाती हैं अपना सर्वस्व लुटाने के लिए. ऐसे युवक अपना उल्लू सीधा करते ही भाग खड़े होते हैं. इसलिए युवतियों को प्रेमी का चयन करते समय उस के बारे में अवश्य पता कर लेना चाहिए कि वह कितने पानी में है.

प्रेमी के साथ सुनसान जगह पर न जाएं

आज के युवकयुवतियां बिंदास किस्म के होते हैं. वे कहीं पर भी चल पड़ते हैं. वीरान जगहों पर प्रेमी के साथ जाने पर सीमाओं का अतिक्रमण होगा ही होगा. इसे कोई रोक नहीं सकता, क्योंकि अब लैलामजनूं, शीरींफरहाद जैसे समर्पित प्रेमी तो रहे नहीं. आज के प्रेमियों का सैक्स पर कंट्रोल नहीं होता. वे सैक्स को ही प्रेम सम झते हैं. युवकों में तो सैक्स के प्रति क्रेज होता ही है, युवतियां भी इस में पीछे नहीं रहतीं. वे खुद अपने प्रेमी के साथ सैक्स संबंध बनाने की इच्छुक रहती हैं. दूसरा, आजकल ऐसी भड़काऊ ड्रैसेस आ गई हैं जिन्हें जब प्रेमिका पहन कर प्रेमी के साथ एकांत स्थान पर जाती है तो सब्र का बांध टूटने लगता है और सैक्स संबंध स्थापित हो जाते हैं.

यदि युवतियों को अपने को सैक्स संबंधों से बचाना है तो कभी भी किसी सुनसान जगह पर प्रेमी के साथ न जाएं और न ही भड़काऊ ड्रैस पहनें.

प्रेमी को अपने माता पिता से मिलवाएं

चोरीछिपे प्रेम करना ठीक नहीं है. अगर आप दिल से किसी को प्रेम करती हैं तो उसे अपने पेरैंट्स से जरूर मिलवाएं. इस से यह फायदा होगा कि आप के मातापिता आप को बता पाएंगे कि आप का चुनाव सही है या गलत, क्योंकि उन्हें काफी अनुभव होता है. दूसरा फायदा यह होगा कि आप के पेरैंट्स का आप के प्रति विश्वास बढ़ जाएगा कि उन की बेटी ने सबकुछ सचसच बता दिया. हर स्तर पर वे आप के मददगार साबित होंगे. इसी तरह आप भी अपने प्रेमी से कहें कि वह आप को अपने पेरैंट्स से मिलवाए. अगर वह आप को उन से मिलवाने में टालमटोल करता है तो सम झ लें कि उस का प्रेम महज एक धोखा है और वह एक नंबर का चीट है. ऐसी स्थिति में जितनी जल्दी हो सके उस से किनारा कर लेना ही ठीक होगा.

प्रेमी के साथ नशा न करें

आजकल प्रेमीप्रेमिकाओं में नशाखोरी का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. डिस्कोथिक व बार में युवतियों को भी शराब पीते देखा जा सकता है. वर्किंग गर्ल्स खासतौर से एमएनसी में काम करने वाले युवा खूब शराब पीते हैं. आजकल ‘टकीला’  नामक एक लेडीज ड्रिंक भी बाजार में आ गया है जो युवतियों का फेवरिट ड्रिंक है, इस से एकदम से नशा चढ़ता है. प्रेमी शराब की शौकीन ऐसी युवतियों का जम कर शारीरिक शोषण करते हैं. जब शराब का नशा उतरता है तब युवतियों को एहसास होता है कि वे गलती कर बैठी हैं. इसलिए कभी भी प्रेमी के साथ शराब पीने की भूल न करें.

लेटनाइट पार्टियों से दूर रहें

आजकल ज्यादातर पार्टियां लेटनाइट तक चलती हैं इसलिए प्रेमी जितना भी जोर डाले आप उसे साफसाफ कह दें कि आप लेटनाइट पार्टी में नहीं जा सकतीं. इन पार्टियों में मौजमस्ती और फन के चक्कर में प्रेमी अपनी प्रेमिका का जम कर दैहिक शोषण करते हैं. उस समय वे भूल जाते हैं कि वे तो प्रेमीप्रेमिका हैं. अत: लेटनाइट पार्टी में जाने से बचें.

मेरे जीजाजी ने अकेले में एक दिन मेरी जांघ पर हाथ फेरा जो मुझे अच्छा नहीं लगा, मुझे क्या करना चाहिए ?

सवाल
मेरे जीजाजी बहुत आशिकमिजाज हैं. पिछले दिनों वे हमारे घर आए हुए थे, तो बारबार बातचीत में मुझे टच करने की कोशिश करते रहे. एक दिन मैं स्कर्टकोटी में बैठी थी कि मेरे पास बैठ गए और बातोंबातों में हंसते हुए मेरी जांघ पर हाथ फेरने लगे, उस समय दीदी भी बाहर गई हुई थीं. मुझे यह अच्छा नहीं लगा. मैं क्या करूं?

जवाब
आप पहले तो दीदी के घर ज्यादा जाना छोड़ें. वजह पूछने पर पेरैंट्स को यह बात बता दें. जब आप वहां जाना छोड़ देंगी तो जीजाजी से भी दूरी बनेगी. इसी तरह जब वे आप के घर आएं तो उन से दूरी बना कर रहें. पेरैंट्स के साथ बैठ कर उन से बात करें, अकेले में न मिलें. कौन्फिडैंस में ले कर दीदी को भी यह बात बताएं ताकि वे भी उन पर नजर रख सकें व आप के बचाव में साथ दें. जीजाजी से अपना व्यवहार भी रिजर्व रखें.

कल्पना से मेरी शादी 2 साल पहले हुई थी. उस की छोटी बहन शालिनी उस समय 16 साल की थी. वह कल्पना से ज्यादा खूबसूरत थी, चंचल भी बहुत थी.

कल्पना से शादी तय होने से पहले मैं अगर उसे देख लेता, तो उसी से शादी करता.

मैं ने कल्पना से शादी तो कर ली थी, मगर शालिनी को पाने की इच्छा मन में रह गई थी.

वैसे भी कहावत है कि साली आधी घरवाली होती है. मेरे 2 दोस्तों ने इस की पुष्टि भी की थी. उन्होंने मुझे बताया था कि उन के भी अपनी सालियों से नाजायज रिश्ते हैं.

मैं ने तय कर लिया था कि कोशिश करूंगा, तो मैं भी शालिनी को पा लूंगा.

शालिनी ने शादी के दिन मेरी खातिरदारी में कोई कमी नहीं की थी. मेरे साथ वह बराबर बनी रहती थी. वह कभी हंसीमजाक करती थी, तो कभी छेड़छाड़.

शालिनी ने बातोंबातों में यह भी कह दिया था, ‘‘आप इतने हैंडसम हैं कि मैं आप पर फिदा हो गई हूं. अगर मैं आप को पहले देख लेती, तो झटपट आप से शादी कर लेती. दीदी को पता भी नहीं चलने देती.’’

मैं ने भी झट से कह दिया था, ‘‘चाहो तो अब भी तुम मुझे अपना बना सकती हो. तुम्हारी दीदी को पता भी नहीं चलेगा.’’

उस ने भी मुसकराते हुए कह दिया था, ‘‘ऐसी बात है, तो किसी दिन आप को अपना बना लूंगी.’’

पता नहीं, शालिनी ने मजाक में यह बात कही थी या दिल से, मगर मैं ने उस की यह बात दिल में बैठा ली थी.

एक पत्नी से जो सुख मिलने चाहिए, वे तमाम सुख कल्पना से मुझे मिले. वह मेरी छोटीछोटी जरूरतों का भी खयाल रखती थी. इस के बावजूद मैं शालिनी को पाने की तमन्ना जेहन से निकाल नहीं पाया.

एक बार फोन पर मैं ने कहा था कि किसी बहाने से तुम से मिलने मुंबई आ जाऊं? तो उस ने जवाब दिया था, ‘‘आ जाते तो अच्छा होता, मेरे दिल को करार मिल जाता.

‘‘मगर, ऐसे में मामामामी को शक भी हो सकता है, इसलिए थोड़ा इंतजार कीजिए. मौका देख कर मैं खुद ही कोलकाता आ जाऊंगी?’’

उस के बाद मैं ने कभी मुंबई जाने का विचार नहीं किया. दरअसल, मैं नहीं चाहता था कि मेरे चलते शालिनी की बदनामी हो.

इसी तरह 2 साल बीत गए. एक दिन अचानक शालिनी ने फोन पर कहा, ‘जीजाजी, अब आप के बिना रहा नहीं जाता. हफ्तेभर बाद मैं आप के पास आ रही हूं.’

मैं खुशी से खिल उठा. शालिनी 12वीं पास कर कालेज में चली गई थी. वह गरमी की छुट्टियों में कोलकाता आ रही थी.

एक हफ्ते बाद शालिनी आई. उसे रिसीव करने मैं अकेले ही रेलवे स्टेशन पहुंच गया था. वह पहले से ज्यादा गदरा गई थी. उस की खूबसूरती देख कर मेरे मुंह से लार टपक गई. मुझ से रहा नहीं गया, तो उस से कह दिया, ‘‘तुम तो पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई हो. तुम्हें चूम लेने का मन करता है.’’

‘‘रास्ते पर ही चूमेंगे क्या…? पहले घर तो पहुंचिए,’’ कह कर शालिनी ने मुसकान बिखेर दी.

घर पहुंचने के बाद उस से अकेले में मिलने का मौका नहीं मिला. वह अपनी बहन के साथ चिपक सी गई थी.

उस रात मुझे ठीक से नींद नहीं आई. रातभर यही सोचता रहा कि जब शालिनी के साथ हमबिस्तरी करूंगा, तो वह कितना सुखद पल होगा.

रातभर जगे रहने के चलते मेरी आंखें लाल हो गई थीं. सुबह बाथरूम से बाहर आया, तो शालिनी से सामना हो गया.

मेरी तरफ देखते हुए उस ने कहा, ‘‘क्या बात है जीजाजी, आप की आंखें लाल हैं. क्या रात में नींद नहीं आई?’’

‘‘नहीं?’’

‘‘क्यों?’’

‘‘रातभर तुम्हारी याद आती रही?’’

‘‘मेरी क्यों? दीदी तो आप के साथ थीं. आप मुझ से जो चाहते हैं, वह दीदी भी तो दे ही सकती हैं. फिर मेरे लिए क्यों परेशान हैं?’’

‘‘देखो शालिनी, फालतू की बात मत करो. तुम अच्छी तरह जानती हो कि मैं तुम्हें पाना चाहता हूं. जब तक तुम्हें पा नहीं लूंगा, मुझे चैन नहीं मिलेगा.’’

मैं ने शालिनी को बांहों में लेना चाहा, तो वह बिजली सी तेजी के साथ बाथरूम में चली गई और झट से भीतर से दरवाजा बंद कर लिया.

फिर अंदर से वह बोली, ‘‘मुझे पाने के लिए सही मौका आने दीजिए जीजाजी. मैं खुद अपनेआप को आप के हवाले कर दूंगी.’’

2 दिन बाद कल्पना की तबीयत कुछ खराब थी, तो उस ने खाना बनाने के लिए शालिनी को रसोई में भेज दिया.

मौका ठीक देख कर मैं रसोई में गया. शालिनी खाना बनाने में बिजी थी. उस की पीठ दरवाजे की तरफ थी. पीछे से एकबारगी मैं ने उसे बांहों में भर लिया.

पहले तो वह घबराई, मगर मुझे देखते ही सबकुछ समझ गई. वह जोर लगा कर मेरी बांहों से अलग हो गई, फिर बोली, ‘‘अगर दीदी ने देख लिया होता, तो मेरा जीना मुश्किल कर देतीं. कहीं ऐसा किया जाता है क्या?

‘‘मुझे पाने  के लिए जिस तरह आप बेकरार हैं, मैं भी आप को पाने के लिए उसी तरह बेकरार हूं. मगर उस के लिए सही मौका चाहिए न.’’

कुछ सोचते हुए शालिनी ने कहा, ‘‘आप ऐसा कीजिए कि रात में जब दीदी गहरी नींद में सो जाएं, तो मेरे कमरे में आ जाइए.

‘‘दीदी जल्दी से गहरी नींद में सो जाएं, इसलिए उन के दूध में नींद की दवा मिला दूंगी. आप जा कर कैमिस्ट से नींद की दवा ले आइए.’’

शालिनी की बात मुझे जंच गई.

कुछ देर बाद नींद की दवा ला कर मैं ने उसे दे दी.

नींद की दवा ले कर शालिनी पहले मुसकराई, फिर बोली, ‘‘आप सो मत जाइएगा, नहीं तो रातभर जल बिन मछली की तरह मैं तड़पती रह जाऊंगी.’’

‘‘कैसी बात करती हो. तुम्हें पाने के लिए मैं खुद तड़प रहा हूं, फिर सो कैसे जाऊंगा. तुम दरवाजा खोल कर रखना. मैं हर हाल में आऊंगा.’’

रात का भोजन करने के बाद मैं अपने कमरे में जा कर बिस्तर पर लेट गया.

कल्पना 10 बजे के बाद बिस्तर पर आई और बोली, ‘‘आज मुझे तंग मत कीजिएगा. न जाने क्यों नींद से मेरी आंखें बंद होती जा रही हैं.’’

मैं समझ गया कि शालिनी ने नींद की दवा वाला दूध उसे पिला दिया है.

कुछ देर बाद ही कल्पना गहरी नींद में सो गई.

थोड़ी देर बाद बिस्तर से उठ कर मैं यह जानने के लिए मां के कमरे में गया कि वे भी सो गई हैं या जगी हुई हैं?

मां भी गहरी नींद में थीं.

जब मैं शालिनी के कमरे में गया, उस समय रात के 11 बज गए थे.

शालिनी मेरा इंतजार कर रही थी. वह फुसफुसाई, ‘‘आप ने अच्छी तरह देख लिया है न कि दीदी गहरी नींद में सो गई हैं?’’

‘‘मैं ने उसे हिलाडुला कर देखा है. वह गहरी नींद में है.’’

अचानक मुझे कुछ खयाल आया और मैं ने शालिनी से कहा, ‘‘आज हम दोनों के बीच जो कुछ भी होगा, वह तुम भूल से भी दीदी को मत बताना.’’

‘‘अगर बता दूंगी तो क्या होगा?’’ पूछ कर शालिनी मुसकरा उठी.

‘‘तुम बेवकूफ हो क्या? हमबिस्तरी की बात किसी को नहीं बताई जाती. अगर तुम्हारी दीदी को पता चला गया, तो तुम्हारी तो बेइज्जती होगी ही, मुझे भी नहीं छोड़ेगी.

वह पूरे महल्ले में मुझे बदनाम कर देगी. मैं सिर उठा कर चल नहीं पाऊंगा,’’ मैं ने उसे समझाने की कोशिश की.

‘‘ऐसी बात है तो मुझ से हमबिस्तरी क्यों करना चाहते हैं? पत्नी के वफादार बन कर रहिए,’’ उस ने मुझे सीख देने की कोशिश की.

उस की बात से मैं चिढ़ गया और कहा, ‘‘तुम तो नाहक में बात बढ़ा रही हो. मैं तुम्हें हर हाल में पाना चाहता हूं और आज पा कर रहूंगा. वैसे भी तुम मेरी साली हो और साली पर जीजा का हक होता ही है.’’

‘‘तुम दीदी या किसी और को बताओगी तो बता देना. तुम्हें पाने के लिए मैं बदनामी सह लूंगा.’’

‘‘मैं ने तो ऐसे ही कहा था. आप नाराज क्यों हो गए? मैं जानती हूं कि ऐसी बातें किसी को नहीं बताई जाती हैं. मैं तो खुद आप को पाना चाहती हूं, फिर किसी को क्यों बताऊंगी.’’

मैं समय बरबाद नहीं करना चाहता. दरवाजा बंद करने लगा, तो शालिनी ने रोक दिया. कहा, ‘‘दरवाजा बंद करने से पहले मेरी एक बात सुन लीजिए.’’

‘‘बोलो?’’

‘‘बात यह है कि मैं पहली बार आप से संबंध बनाऊंगी, इसलिए मुझे शर्म आएगी.

‘‘मैं चाहती हूं कि हमबिस्तरी के समय कमरे में अंधेरा हो और हम दोनों में से कोई किसी से बात न करे. जो कुछ भी हो चुपचाप हो.’’

शालिनी का बेलिबास शरीर देखने की बहुत इच्छा थी. मुझे उस की इच्छा का भी ध्यान रखना था, इसलिए उस की बात मैं ने मान ली.

वह खुश हो कर बोली, ‘‘अब आप पलंग पर जा कर बैठिए. मैं बाथरूम हो कर तुरंत आती हूं.’’

लाइट बंद कर और दरवाजा बंद कर शालिनी चली गई. मैं उस के लौटने का इंतजार करने लगा.

कुछ देर बाद ही शालिनी आ गई. दरवाजा अंदर से बंद कर वह पलंग पर आई, तो मेरा दिल खुशी से बल्लियों उछलने लगा.

मेरा 2 साल का सपना पूरा होने जा रहा था. उसे बांहों में भर कर मैं ने खूब चूमा. उस के बाद…

घुप अंधेरा होने के चलते भले ही उस का शरीर नहीं देख पाया, मगर उसे भोगने का मौका तो मिला था.

मैं ने पूरे जोश के साथ उस के साथ हमबिस्तरी की. मंजिल पर पहुंचते ही मुंह से निकल गया, ‘‘मजा आ गया शालिनी.’’

शालिनी कुछ बोली नहीं.

कुछ देर बाद बिस्तर से उठ कर उस ने अपने कपड़े ठीक कर लिए.

मैं ने भी अपने कपड़े दुरुस्त कर लिए, तो उस ने लाइट जला दी.

फिर तो मेरी बोलती बंद हो गई. आंखों के आगे अंधेरा छा गया.

शालिनी समझ कर अंधेरे में जिस के साथ मैं ने हमबिस्तरी की थी, वह शालिनी नहीं, बल्कि पत्नी कल्पना थी. वह मुसकरा रही थी.

उस की मुसकान देख कर मैं शर्म से पानीपानी हो गया.

मैं कुछ कहता, उस से पहले कल्पना बोली, ‘‘आप तो मुझे प्यार करने का दावा करते थे. कहते थे कि किसी पराई औरत से नाजायज संबंध बनाने से बेहतर मर जाना पसंद करूंगा, फिर यह क्या था?’’

मैं चाह कर भी कुछ बोल नहीं पा रहा था. सिर उठा कर मैं उसे देख भी नहीं पा रहा था.

अचानक दरवाजे पर किसी ने हौले से दस्तक दी. कल्पना ने दरवाजा खोल दिया.

दरवाजे पर शालिनी थी. वह झट से अंदर आ गई. फिर मुसकराते हुए मुझ से बोली, ‘‘क्यों जीजाजी, मजा आया?’’

मेरे कुछ कहने से पहले कल्पना बोली, ‘‘तुम्हारे जीजाजी को बहुत मजा आया शालिनी.’’

‘‘सच जीजाजी?’’

मैं कुछ बोल नहीं पाया. मगर यह समझ गया कि सब शालिनी और कल्पना की मिलीभगत है.

मेरे नजदीक आ कर शालिनी बोली, ‘‘आप तो साली को आधी घरवाली समझते थे, फिर आप ने शर्म से सिर क्यों झुका लिया?’’

फिर वह मुझे समझाते हुए बोली, ‘‘देखिए जीजाजी, साली को आधी घरवाली समझ कर उस के साथ नाजायज संबंध बनाने की सोच छोड़ दीजिए.

‘‘पत्नी को इतना प्यार कीजिए कि उसी में आप को हर दिन एक नया शरीर मिलने का एहसास होगा, जैसा कि आज आप ने महसूस किया.’’

कुछ देर चुप रह कर शालिनी ने कहा, ‘‘मैं ने दीदी के साथ मिल कर आप को जो सबक सिखाया, उस के लिए माफ कर दीजिएगा.

‘‘दरअसल बात यह थी कि जब मुझे एहसास हो गया कि आप मेरा जिस्म पाना चाहते हैं, तो एक दिन मैं ने आप का इरादा दीदी को बताया.

‘‘दीदी को मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ. उन्हें आप पर पूरा यकीन था. उन्होंने मुझ से कहा कि आप मर जाएंगे, मगर किसी पराई औरत से संबंध नहीं बनाएंगे.

‘‘उस के बाद मैं ने दीदी को सुबूत देने का फैसला कर लिया. यह बात साबित करने के लिए ही मुझे मुंबई से कोलकाता आना पड़ा.’’

मैं सबकुछ समझ गया था. गलती के लिए पत्नी और साली से माफी मांगनी पड़ी. पत्नी का मैं ने विश्वास तोड़ा था, इसलिए वह मुझे माफ नहीं करना चाहती थी, मगर शालिनी के समझाने पर माफ कर दिया.

मुझे माफी मिल गई, तो शालिनी से पूछा, ‘‘मैं यह नहीं समझ पाया कि कमरे में तुम्हारी दीदी कब और कैसे आईं?’’

‘‘मैं ने दीदी को अपनी सारी योजना बता दी थी. उन्हें नींद की दवा नहीं दी गई थी.

‘‘जब आप दीदी को छोड़ कर मेरे पास आए थे, उस समय वे जगी हुई थीं.

‘‘आप को कमरे में बैठा कर मैं बाथरूम के बहाने गई और दीदी को भेज दिया.

‘‘अंधेरा होने के चलते आप को जरा भी शक नहीं हुआ कि साली है या घरवाली.’’

उम्र में शालिनी मुझ से छोटी थी, मगर उस ने मुझे ऐसा सबक सिखाया कि उस की चतुराई पर मैं गर्व किए बिना न रह सका.

शालिनी की सूझबूझ से मैं अपने चरित्र से गिरने से बच गया था.

शादी के 5 वर्ष बाद भी पत्नी सहवास के लिए कभी इच्छा जाहिर नहीं करती, बताएं क्या करूं?

सवाल
मैं 30 वर्षीय युवक हूं. शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. 2 बच्चे हैं. बेटा 3 साल का है और बेटी 1 साल की. घर में हमारे अलावा बीमार मां है. पत्नी बहुत ही सुंदर और सुशील है. घर के कामकाज, बच्चों की परवरिश के अलावा मेरी मां की सेवा भी बखूबी करती है. पर रात को कमरे में आते ही निढाल हो जाती है. सहवास के लिए उस ने कभी इच्छा जाहिर नहीं की. मेरे पहल करने पर भी कोई उत्साह नहीं दिखाती. कई बार तो उस की बेरुखी देख कर मेरा मूढ़ ही बिगड़ जाता है. मैं कई कई दिन इच्छा जाहिर नहीं करता. पर उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. बताएं क्या करूं?

जवाब
आप की बीवी घर की देखभाल करती हैं. 2 छोटे बच्चे  हैं, जिन की परवरिश अपनेआप में काफी जिम्मेदारी का काम है. इस के अलावा वे आप की मां की सेवा भी करती हैं. जाहिर है इन सब दायित्वों को पूरा करतेकरते वे थक जाती होंगी. उस के बाद आप चाहते हैं कि रात को वे तरोताजा नजर आएं. सहवास के लिए उत्साह दिखाएं तो यह कैसे संभव है?

आप घर के कार्यों में और बच्चों की देखरेख में पत्नी की मदद करें. संभव हो तो कोई मेड रख लें. इस से उन्हें कुछ राहत मिलेगी और फिर आप को उन से कोई शिकायत नहीं रहेगी.

मैं एक ऐसे शख्स से प्यार करती हूं, जो कभी पिता नहीं बन सकता. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 22 साल की युवती हूं. मैं एक ऐसे शख्स से प्यार करती हूं, जो कभी पिता नहीं बन सकता. मैं उस से इतना प्यार करती हूं कि उस के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकती. मैं उस से शादी करना चाहती हूं पर घर वाले इस रिश्ते के खिलाफ हैं. वे हमें इस शादी के लिए अपनी रजामंदी कभी नहीं देंगे. हम कोर्ट मैरिज भी नहीं कर सकते, क्योंकि उस के सारे डौक्यूमैंट्स लड़की के नाम से बने हुए हैं. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब
आप अभी इतनी मैच्योर नहीं हुई हैं कि शादी जैसे अहम फैसले ले सकें. इसीलिए इस तरह की बात कर रही हैं. आप को समझना चाहिए कि जिंदगी भावनाओं के सहारे नहीं चलती. इसलिए हकीकत को स्वीकारना सीखें. मां पिता की अनुभवी आंखें जो देख पा रही हैं उस से आप आंखें मूंदे हुए हैं. आप को समझना चाहिए कि माता पिता आप का भला ही चाहेंगे. इस लिए उन के विरुद्ध न जाएं.

मेरी शादी से ठीक 2 महीने पहले लड़के वालों ने सगाई तोड़ दी, मैं क्या करूं ?

सवाल
मैं 26 वर्षीया युवती हूं. हाल ही में मेरी बड़ी धूमधाम से सगाई हुई थी. शादी की तारीख भी तय हो गई थी. शादी से ठीक 2 महीना पहले लड़के वालों ने सगाई तोड़ दी. मेरे घर वाले इस से काफी हताशा महसूस कर रहे हैं. अब वे चाहते हैं कि जल्दी से कोई दूसरा लड़का मिल जाए जिस से मेरी शादी तय तारीख में ही हो जाए. उन्हें लगता है कि सगाई टूटने की बात यदि समाज में उजागर हो गई, तो फिर मेरे लिए शायद ही दूसरा लड़का मिले. मुझे डर है कि इस हड़बड़ी में वे कहीं किसी ऐसे लड़के के साथ मेरी शादी न करा दें, जो मेरे लिए उपयुक्त न हो. मैं क्या करूं?

जवाब
आप के घर वालों की हताशा बेमानी है. उन्हें तो खुश होना चाहिए कि आप लोग ऐसे लोगों के चंगुल में फंसने से बालबाल बच गए. यदि शादी के बाद उन का असली चेहरा सामने आता तो काफी मुश्किल होती. शादी की तय तारीख को ही (दूसरा लड़का तलाश कर) शादी करने की हड़बड़ी न करें. जल्दबाजी और हताशा में कोई काम सही नहीं होता. चूंकि आप लोगों को एक बार धोखे का सामना करना पड़ चुका है, इसलिए अब और सावधानी की जरूरत है. भलीभांति जांचपरख कर ही रिश्ता तय करें. इस बाबत आप घर वालों से बात कर सकती हैं, क्योंकि यह आप की जिंदगी का सवाल है.

विवाह से पूर्व मैं एक लड़की से प्यार करता था लेकिन अब वह मुझे परेशान कर रही है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक विवाहित पुरुष हूं. विवाह को 3 वर्ष हो गए हैं और मैं अपने वैवाहिक जीवन से पूरी तरह से संतुष्ट हूं लेकिन एक समस्या है जिस का समाधान मैं आप से चाहता हूं. दरअसल, विवाह से पूर्व मैं एक लड़की से प्यार करता था और अब वह मुझे परेशान कर रही है. मैं ने उस को समझाया कि अब मैं विवाहित हूं और अपनी जिंदगी में बहुत खुश हूं लेकिन फिर भी वह बारबार मुझ से संपर्क करती रहती है. मुझे डर है कि उस की वजह से मेरे वैवाहिक जीवन में कोई तूफान न आ जाए. मुझे सलाह दें, मैं क्या करूं?

जवाब
आप उस से साफ साफ बात करें और पूछें कि वह आप से संबंध क्यों रखना चाहती है. उसे समझाएं कि आप से संबंध रख कर उसे कुछ हासिल नहीं होगा. उस के पास आप को ब्लैकमेल करने का कोई जरिया तो नहीं जिस की वजह से वह आप को परेशान कर रही हो.

इस के अलावा आप एक काम और कर सकते हैं, अगर आप पतिपत्नी के बीच पूर्ण विश्वास है तो आप अपनी पत्नी को विश्वास में ले कर उन से अपनी परेशानी शेयर कर सकते हैं क्योंकि विवाह पूर्व प्रेम प्रसंग होना आज की तारीख में आम बात है. ऐसा करने के बाद आप को अपनी पूर्व प्रेमिका से डरने की कोई जरूरत नहीं होगी और आप की प्रेमिका आप को ब्लैकमेल नहीं कर पाएगी. लेकिन ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले अच्छी तरह सोच लें क्योंकि अगर आप की पत्नी को आप की बात पर विश्वास नहीं हुआ तो आप की बसीबसाई जिंदगी में तूफान आ सकता है.

मेरी सगाई हो चुकी है लेकिन मैं शादी को लेकर बिलकुल भी उत्साहित नहीं हूं, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 24 वर्षीय युवती हूं. सगाई हो चुकी है. इसी साल के अंत तक मेरी शादी होने वाली है. मैं अपनी शादी को ले कर बिलकुल भी उत्साहित नहीं हूं, क्योंकि मेरे घर वालों ने मेरे मंगेतर और उस के घर वालों को यह नहीं बताया कि मेरी जांघ पर छोटा सा सफेद दाग है. मैं ने 2 साल तक इस की दवा ली थी, इसलिए यह फैला नहीं. इसलिए मेरे माता पिता का कहना है कि इस के बारे में लड़के वालों को बताने की कोई जरूरत नहीं है. मैं अब तक चुप रही हूं पर भयभीत हूं कि शादी के बाद यदि पति को यह बात पता चलेगी तो उन का व्यवहार कैसा होगा? मैं उन की नजरों में गिर जाऊंगी. कृपया बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
रिश्ता तय होने से पूर्व दोनों पक्षों को वास्तव में एकदूसरे से कोई बात नहीं छिपानी चाहिए. पर चूंकि आप के माता पिता ने आप के भावी ससुराल वालों से यह बात छिपाई है और हो सकता है कि भविष्य में इस बात पर कोई विवाद भी न हो पर तब तक आप चिंतित रहेंगी. अगर डाक्टर ने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं तो आप को यह रहस्य खोलने की जरूरत नहीं. इस तरह की बीमारियां किसी को भी किसी भी आयु में हो सकती हैं.

मैं एक लड़की से बहुत प्यार करता हूं, वह भी मुझे प्यार करती थी लेकिन अब उसने मुझसे बात करनी बंद कर दी है, क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं एक युवती से उस समय से प्यार करता हूं जब हम कक्षा 6 में पढ़ते थे. वह भी मुझे खूब प्यार करती थी. हमारा आपस में इतना प्यार था कि अगर किसी एक को चोट लगती तो दर्द दूसरे को होता था. अचानक 19 अप्रैल, 2013 को उस के पापा ने हमें साथ साथ देख लिया. उस दिन के बाद से हम दोनों की बातचीत कम होती गई. 19 अप्रैल के बाद से उस ने बात करनी बंद कर दी. मैं ने उस से बात करने की बहुत कोशिश की तब जा कर 1 साल बाद उस से मेरी बात हुई. मेरे यह पूछने पर कि क्या मेरे प्यार में कोई कमी रह गई थी, उस ने सिर्फ इतना ही कहा कि अब वह मुझ से प्यार नहीं कर सकती. मुझे यह सुन कर बड़ा सदमा लगा. उस दिन से आज तक मैं उसे मिस करता हूं. अपनी दास्तान का यह तो एक पेज ही है, बाकी पूरी बुक दिल व दिमाग में है. सो, प्लीज बताएं, मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
आप ने अपने एसएमएस में अपनी वर्तमान आयु के बारे में कोई जिक्र नहीं किया. अगर आप को लगता है कि उस के फादर के देखने के बाद पूरी कहानी बदल गई है और अब पहले जैसा प्यार संभव नहीं हो पा रहा है तो आप भी खुद को चेंज कीजिए. अगर पढ़ने की उम्र में कोई इन किस्सों में खुद को शामिल कर लेता है तो उस का विशेष दायित्व बनता है कि वह ऐसा कुछ खास करे कि कोई भी उस की ओर उंगली उठा कर यह न बोले कि आशिकी के चलते जीवन संवारते भी कैसे? आप अपना ध्यान और कामों में लगाइए. शुरू में कुछ दिक्कत होगी लेकिन कोशिश करने पर सफलता अवश्य मिलेगी ही.

एक युवती के साथ मेरा अफेयर है. वह भी नौकरी करती है, हर बार वह खर्च मुझ पर टाल देती है. मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवक हूं. ग्रैजुएशन की पढ़ाई करने के साथसाथ मैं नौकरी भी करता हूं. 3 साल से एक युवती के साथ मेरा अफेयर है. वह युवती भी जौब करती है. हफ्ते में एक बार हम एक रेस्तरां में मिलते हैं. पहले हम दोनों मिलजुल कर खर्च किया करते थे, लेकिन 5-6 महीने से मैं नोटिस कर रहा हूं कि वह खर्च मुझ पर टाल देती है. शर्म से मैं कुछ कह नहीं पाता, हालांकि उस की जौब भी अच्छीखासी है, जबकि मुझे अपना वेतन घर देना पड़ता है, क्योंकि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. मैं क्या करूं? डर लगता है कि अगर उस से पूछूं तो कहीं उसे खो न बैठूं?

जवाब
अगर आप यों ही शर्म करते रहेंगे तो फिर खर्च करने का अफसोस मत करिए. आप की कुछ आर्थिक मजबूरियां हैं, ये सब जानते हुए भी आप समझौता न ही करें तो अच्छा है. अगर युवती समझती है कि आप रईस परिवार से नाता रखते हैं तो आप उस से दोटूक बात कह कर वन बाय वन खर्च करने की बात कहें. उसे भी यह समझ आ जाएगा कि सिंगल खर्चे की बात दूसरे का हाजमा खराब कर सकती है.

याद रखिए, जिस ने की शर्म, उस के फूटे कर्म. जब उस युवती ने धीरेधीरे अपना हाथ पीछे खींच लिया है तो आप भी रोमांस करिए, बात करिए और घर को चलते बनिए. युवती अगर भूख लगने की बात कहे तो कह दीजिए पेट फुल है, अगर उसे खाना है तो मजे से खाए.

मैं एक लड़के से प्यार करती हूं लेकिन वह कभी बाप नहीं बन सकता, मैं उस से शादी करना चाहती हूं कृप्या मार्गदर्शन करें

सवाल
मैं एक युवक से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है. हम दोनों इस बारे में अपनी फैमिली को बता चुके हैं. हम आगे की पढ़ाई साथ करना चाहते थे, लेकिन मुझे पटना भेज दिया गया और उसे कोटा. उस की फैमिली मुझे स्वीकार करती है लेकिन मेरी फैमिली कहती है कि वह मांसाहारी है और मुझे उस से बात करने से भी मना करते हैं. मेरे पापा कहते हैं कि यदि मैं ने उस युवक से बात की तो वे अपना गला काट लेंगे. मैं किसी को खोना नहीं चाहती. क्या करूं?

जवाब

‘जब मियांबीवी राजी तो क्या करेगा काजी,’ लेकिन जब बात अपने अजीज की हो तो दुविधा होती ही है. आप की स्थिति भी कुछकुछ ऐसी ही है. यह अच्छी बात है कि आप पेरैंट्स की इज्जत समझती हैं, लेकिन उन का आप पर उस युवक को छोड़ने हेतु आत्महत्या की धमकी देते हुए दबाव बनाना एकदम गलत है. ऐसे में आप को अपने प्रेम की परीक्षा देनी होगी.

अपने प्रेमी से कुछ दिन अगर दूर रहना पड़े तो कोई हर्ज नहीं. इस बीच अपने पिता को कौन्फिडैंस में लीजिए. जब उन्हें लगे कि वाकई युवक अच्छा है तभी बात बढ़ाइए. किसी अन्य के जरिए उन से बात करेंगी तो अच्छा रहेगा.

साथ ही अपने प्रेमी से कहें कि अच्छा कैरियर बनाए और सब को इंप्रैस करे. फिर तो जीत आप की ही होगी, क्योंकि युवती के पिता सिर्फ यही चाहते हैं कि युवक पढ़ालिखा और अच्छी कमाई व ओहदे वाला हो. जब समाज में उस की इज्जत होगी तो पिता भी स्टेटस व मांसाहारी होने पर एतराज नहीं करेंगे और आप का प्यार भी परवान चढ़ेगा.

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