फिल्मी अंधभक्तों की बढ़ती फौज

जनवरी, 2019 में एक वीडियो ट्विटर पर तैर रहा था, जिस में कथित तौर पर तमिल सुपरस्टार अजीत के चाहने वाले रजनीकांत की फिल्म ‘पेट्टा’ के पोस्टर जला रहे थे. चूंकि रजनीकांत और अजीत की फिल्म ‘पेट्टा’ और ‘विश्वासम’ एक ही दिन रिलीज हुई थीं, इसलिए दोनों फिल्मी सितारों के चाहने वाले आपस में भिड़े हुए थे.

दक्षिण भारत में फिल्मी सितारों और नेताओं को ले कर उन के चाहने वाले किस हद तक अंधभक्ति के शिकार हैं, इस के नमूने जबतब कलाकारों दिख जाते हैं. कोई फैन क्लब वाला उन के मंदिर बनवा देता है तो कोई उन्हें शिवलिंग की तरह दूध से नहला देता है.

रजनीकांत, कमल हासन से ले कर पवन कल्याण, चिरंजीवी तक ऐसे कई कलाकार हैं जिन के बाकायदा फैन क्लब बने हुए हैं और कई कलाकारों की तरफ से उन्हें पैसा भी मिलता है. लिहाजा, ये क्लब वाले इस तरह के अंधभक्तों की फौज खड़ी कर देते हैं जो खुद को एक खास ऐक्टर या नेता का फैन बता कर लड़नेमरने पर उतारू हो जाते हैं.

कमल हासन ने रजनीकांत को कुछ कह दिया तो उन के फैन पहुंच जाते हैं कमल हासन के घर तोड़फोड़ करने.

कुछ साल पहले जब एक दक्षिण भारतीय ऐक्टर चंद्रशेखर ने राजनीति में उतरे अपने प्रतिद्वंद्वी ऐक्टर के खिलाफ कुछ बोल दिया था तो उस ऐक्टर के चाहने वालों ने चंद्रशेखर पर भरी सभा में पत्थरों की बारिश कर दी थी. वे बेचारे चोटिल हो गए थे, लेकिन चाहने वालों पर कौन सा केस दर्ज होता.

खुद को ही जला दिया

हालिया मामला तो और भी दहला देने वाला है. कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार यश से मिलने की जिद में एक लड़के ने खुद को आग लगा ली.

हुआ यों कि यश को जन्मदिन की बधाई देने के लिए जब उन का एक फैन रविशंकर अपने दोस्तों के साथ उन के घर पहुंचा तब उसे वहां ऐंट्री करने से मना कर दिया गया. नाराजगी में रविशंकर ने ऐक्टर के घर के सामने खुद को आग लगा ली. उसे यश के जन्मदिन पर उन से मिलने की धुन थी.

चूंकि कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के इस ऐक्टर ने ‘केजीएफ’ फिल्म के बाद से शाहरुख खान की फिल्म ‘जीरो’ को मात दे कर अपने फैन बढ़ा लिए हैं, लिहाजा उन के घर के बाहर ऐसे चाहने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. अब सब से मिलना तो किसी भी ऐक्टर के लिए मुमकिन नहीं है. बहरहाल, किसी तरह रविशंकर को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अगले दिन उस ने दम तोड़ दिया. 26 साल के इस लड़के ने अपनी जान सिर्फ शौक लिए दे दी. हैरानी इस बात की है कि इस बात से उस के मातापिता भी वाकिफ थे.

मातापिता के मुताबिक, रविशंकर हर साल यश से मिलने जाता था. पिछले साल वह हमें भी उन के घर ले गया था. इस साल हम ने उसे जाने से मना किया था, लेकिन वह चला गया. पता नहीं, रवि को पैट्रोल कहां से मिला.

हालांकि इस घटना के बाद यश रविशंकर से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे. लेकिन उन्होंने इस बात पर काफी गुस्सा भी जताया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस तरह के प्रशंसकों को नहीं चाहता हूं. यह फैंटेसी या प्यार नहीं है. इस से मुझे खुशी नहीं मिलती?है. मैं इस तरह से किसी और को देखने नहीं आऊंगा. यह उन प्रशंसकों को गलत संदेश देगा जो सोचते हैं कि अगर वे ऐसा काम करेंगे तो मैं उन से मिलने आऊंगा.’’

इस में कुसूर भक्त का है या देवता बन चुके फिल्म कलाकारों का? वजह कोई भी हो, किसी फैन का इस तरह का रवैया अपनाना चिंता की बात है. पढ़ाई के प्रैशर से ले कर लड़की के दिल तोड़ने तक सुसाइड की कोशिशें वैसे ही नौजवानों की जानें ले रही हैं, उस पर फिल्मी सितारों के प्रति ऐसी दीवानगी भी कम गंभीर मसला नहीं है.

कुछ लोग तो यह भी कहेंगे कि इस में कलाकारों का क्या कुसूर है? लेकिन कहीं न कहीं इस फैनबाजी को कलाकार ही बढ़ावा देते हैं.

अपनी फिल्मों में मसीहा की इमेज बनाने से ले कर फैन क्लब को रजिस्टर कराना हो या उन के उत्सवों में शिरकत करने जैसी बातें फैंस को अलगअलग गुटों में बांध देती हैं, कुछकुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरह, जो अपने नेता की तर्ज पर अभिनेताओं का झंडा (पोस्टर) ले कर चलते हैं.

इन की फिल्मों के रिलीज के समय पूरा थिएटर इन फैंस क्लब की मुट्ठी में होता है. चलती फिल्म को बीच में ही रोक कर ढोलनगाड़ों का जश्न जैसा पागलपन भी यहीं दिखता है. टिकटों की कालाबाजारी भी होती है और असुरक्षा का माहौल अलग से बनता है.

अभी हिंदी बैल्ट में यह संक्रमण ज्यादा नहीं फैला है लेकिन कुछकुछ लक्षण जरूर दिखने लगे हैं.

मसलन, सलमान खान और अक्षय कुमार के पोस्टरों पर रिलीज के समय मालाबाजी होने लगी है. जान देने या लेने जैसी बातें सोशल मीडिया अकाउंट पर दिख जाती हैं जहां फैंस आपस में भिड़ जाते हैं और कलाकारों को गरियाने लगते हैं.

महामानव जैसे किरदार दरअसल, रीजनल सिनेमा ने कभी भी देशी मुद्दों को नहीं छोड़ा. वहां के हीरो अभी भी लुंगी डांस करते हैं और ‘रंगस्थलम’, ‘काला’, ‘पेट्टा’, ‘शिवाजी’, ‘नायकन’, ‘मारी’, ‘सरकार’ जैसी फिल्में वहीं के गांव, किसान और इलाकाई राजनीति की बात करती हैं. लिहाजा, ऐसी फिल्मों के हीरो जननायक महामानव बन जाते हैं.

एमजी रामचंद्रन, राम्या, जानकी रामचंद्रन, सीएन अन्नादुराई, एनटी रामाराव, एमके करुणानिधि, पवन कल्याण, जयललिता, चंद्रशेखर, विजय कांत, चिरंजीवी, बालकृष्ण, हरिकृष्ण, जयाप्रदा वगैरह नाम फिल्मी बैकग्राउंड से थे.

एनटीआर ने बतौर अभिनेता अपनी नायक छवि का इस्तेमाल तेलुगु गर्व के मुद्दे पर आधारित अपनी तेलुगुदेशम पार्टी को बनाने में बखूबी किया. बाद में वे मुख्यमंत्री बने.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वाईएस राजशेखर रेड्डी की बायोपिक, बालकृष्ण की कथानायुडू, नेताअभिनेता चिरंजीवी का सईरा नरसिम्हा रेड्डी से फ्रीडम फाइटर उय्यलावाड़ा नरसिम्हा रेड्डी की जिंदगी को परदे पर उतारना, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकी जे. जयललिता की बायोपिक ‘आयरन लेडी’ का बनाना, सब उसी फैनबाजी के कंधे पर सवार हो कर यहां तक पहुंचे हैं.

फिल्में कोरी कल्पनाओं पर आधारित होती हैं. लेकिन इन में काम करने वाले कलाकार सामाजिक सरोकार की आड़ में रिएलिस्टिक सिनेमा को दरकिनार कर लार्जर दैन लाइफ किरदार रचते हैं, जो राजा भी होता है और रंक भी, बिलकुल देवता सरीखा बन कर जनता की आवाज उठाता है और अवाम उस किरदार को असल का समझने लगती है.

कई बार अभिनेता इस पागलपन का फायदा उठा कर सियासत में उतर जाते हैं और सिनेमाघर के टिकटों को बैलेट बौक्स तक खींच ले आते हैं. लेकिन इस सब फैनबाजी में उन का क्या, जो जोश में आ कर खुद को जीतेजी मार रहे हैं.

दरअसल, देश के डीएनए में ही व्यक्ति पूजा और गुलामी के बीज हैं. हम किसी को थोड़ा सा पसंद कर लें तो उसे अवतार मान बैठते हैं.

जाहिर है, इस का फायदा सदियों से भारत में सत्ता में बैठे लोग उठा रहे हैं और शायद आगे भी उठाते रहेंगे.

सोहित विजय सोनी के लिए सिर मुंड़ाना रिस्क नहीं

‘तू मेरा हीरो’, ‘जीजा जी छत पे हैं’, ‘भाभी जी घर पर है’ जैसे हास्य सीरियलों में अभिनय करने के बाद अभिनेता सोहित विजय सोनी को जब सीरियल ’तेनालीराम’ में मणी के किरदार को निभाने का आफर मिला, तो सोहित विजय सोनी पहेल दुविधा में थे कि क्या करें. क्योंकि इस किरदार के लिए उन्हे सिर मुंड़ाना था, जिसे वह रिस्क मानकर चल रहे थे. मगर एक कलाकार होने की वजह से उन्होने इस रिस्क को उठाकर मणी का किरदार निभाया. और पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान मणी के किरदार ने उन्हे जबरदस्त शोहरत दिलायी.

खुद सोहित विजय सोनी ने कहा- ‘रिस्क तो था, मगर किरदार की मांग को देखते हुए मैंने बिना हिचक अपना सिर मुंडाया और पिछले डेढ़ वर्ष से मैं सिर मुंडाकर इस किरदार को निभा रहा हूं. इसने मुझे एक नई पहचान और शोहरत दिलायी. मैं तो इस सीरियल के निर्माता अभिमन्यु सिंह का आभारी हूं कि उन्होने मुझे मणी का किरदार निभाने का अवसर दिया. पहले एक नाई आकर मेरे बाल निकालता था,पर अब मैं स्वयं अपने हाथ से ही सेट पर अपने सिर के बाल निकाल लेता हूं.’

देखें अक्षय की आने वाली फिल्म ‘सूर्यवंशी’ की जबरदस्त झलक

अक्षय कुमार अपनी नई फिल्म ‘सूर्यवंशी’ के साथ बड़े पर्दे पर जल्दी ही नजर आने वाले हैं. फिल्म की रिलीज डेट भी अनाउंस कर दी गई है. रोहित शेट्टी के निर्देशन में बन रही ये फिल्म 2020 में ईद के मौके पर सिनेमा घरों में लगेगी.  फिल्म का फर्स्ट लुक शेयर करते हुए खुद अक्षय कुमार ने इसकी जानकारी दी है. फिल्म में अक्षय, वीर सूर्यवंशी नाम के पुलिस वाले के किरदार में नजर आएंगे.

इस फिल्म के प्रोड्यूसर करण जौहर हैं. फिल्म की शूटिंग गोवा में शुरू हो गई है. आपको बता दें कि रोहित शेट्टी के निर्देशन में रणवीर स्टारर फिल्म सिंबा में ही इस फिल्म की घोषणा कर दी गई थी. इस फिल्म में अक्षय की एक छोटी सी झलक दिखाई गई थी. दर्शकों ने सिंबा को बेहद पंसद किया और बौक्स औफिस पर भी फिल्म ने धमाल मचाया.

 

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Here’s Bajirao, Simmba and Sooryavanshi along with our creator, @itsrohitshetty signing off from the #Umang show tonight 🙌🏻

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रोहित शेट्टी सिंबा के अलावा दिलवाले, सिंघम, चेन्नई एक्सप्रेस, गोलमाल सीरीज, बोल बच्चन और औल द बेस्ट जैसी जबरदस्त फिल्में दे चुके हैं. उनकी सभी फिल्में बौक्स औफिस पर अच्छी चली हैं.

 

पुलवामा हमले पर बौलीवुड बनाएगा फिल्म

बीते फरवरी 14 तारीख को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के करीब 40 जवानों की मौत हो गई. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी हमला करते हुए एयर स्ट्राइक किया. इस पूरे घटनाक्रम पर बौलीवुड में फिल्म बनने वाली है, फिल्म के साथ संजय लीला भंसाली और भूषण कुमार जैसे बड़े नाम जुड़ गए हैं.

खबरों की माने को फिल्म के निर्देशक होंगे अभिषेक कपूर. अभिषेक केदारनाथ के निर्माता हैं. भंसाली और भूषण कुमार के अलावा महावीर जैन भी फिल्म को प्रोड्यूस करेंगे. अभी तक फिल्म का स्टारकास्ट तय नहीं किया गया है. पर प्रोडक्शन और डायरेक्शन टीम को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि बड़े सितारे फिल्म से जुड़ेंगे.

वहीं खबर ये भी है कि फिल्म और टीवी सीरियल बनाने वाले निर्माताओं ने पुलवामा से लेकर बालाकोट तक और बाद में विंग कमांडर अभिनन्दन वर्तमान की वापसी तक को फिल्मी जामा पहनाने का फैसला किया है.

आपको बता दें कि 26 फरवरी को बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई थी, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बहुत से आतंकी मारे गए हैं. हालांकि अभी तक मारे गए आतंकियों के आधिकारिक आंकड़े नहीं मिले हैं. पर देश के वायुसेना की इस जवाबी कार्रवाई से देशवासी बड़े ही जोश में हैं.

‘अजनबी सा’, वो गाना जो करेगा महिलाओं को और मजबूत

‘‘फ्यूचर सोल’’ से चर्चा में आयी गायिका व संगीतकार अवनी जोशी इन दिनों औरतों को आत्मनिर्भर और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाने के लिए संगीत के माध्यम से कार्य कर रही हैं.अब वह एक नया रौक गीत ‘‘अजनबी सा’’ लेकर आ रही हैं, जिसके म्यूजिक वीडियो में भी वह स्वयं नजर आएंगी. इस गीत को संगीत से अवनी जोशी ने ही संवारा है और इसकी प्रोग्रामिंग वेद शर्मा ने किया है.

अपने इस रौक गीत की चर्चा करते हुए अवनी जोशी कहती हैं- ‘‘अमूमन हर रौक गीत की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच काफी सीमित होती है. पर मैं इसे बड़े स्तर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्प हूं. इसीलिए हम इसका रोचक वीडियो भी बना रहे हैं, जिसमें एक रोचक कहानी होगी. इस कलात्मक गीत को रचने मे मुझे पूरी टीम का पूरा सहयोग मिला. मुझे पूरा यकीन है कि इस गाने को हर औरत पसंद करेगी. इस म्यूजिक वीडियो की कहानी भी काफी प्रेरणादायक है. मेरा मकसद हर लड़की को इस बात का अहसास दिलाना है कि वह इस धरती पर खास है. और यदि कोई आपकी इज्जत नहीं करता, तो उसे दरकिनार कर दीजिए. मैं इस संसार में हर औरत को आत्मनिर्भर और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाना चाहती हूं.”

हनी सिंह, बादशाह को छोड़िए, अमिताभ बच्चन का ये रैप सुनिए

आपने हनी सिंह, बादशाह, डिवाइन, रणवीर सिंह और भी ना जाने कितनी हस्तियों को रैप करते सुना होगा. अब आपके सामने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन रैप करते हुए आने वाले हैं. जी हां, अपनी फिल्म बदला के लिए अमिताभ ने ‘औकात’ नाम से रैप गाया है. इसे गुरुवार को रिलीज कर दिया गया है. इसके कंपोजर क्लिंटन सेरेजो हैं और लिरिक्स सिद्धार्थ कौशल ने लिखा है.

खबरों की माने तो जब बिग बी को इसके बोल सुनाए गए तो वो इससे खासा प्रभावित हुए. जिसके बाद उन्होंने तय किया कि इस रैप को वो खुद गाएंगे. आपको बता दें कि सुजौय की फिल्म बदला 8 मार्च को रिलीज होने वाली है. अमिताभ के अलावा फिल्म में तापसी पन्नू मुख्य किरदार निभा रही हैं. खुद तापसी ने इस रैप को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया.

ये रैप काफी जोश से भरा हुआ है. इस फिल्म में अमिताभ ने एक और गाना गाया है. गौरतलब है कि फिल्म में तापसी और अमिताभ की जोड़ी दूसरी बार बड़े पर्दे पर साथ में नजर आने वाली है. इससे पहले ये दोनों फिल्म ‘पिंक’ में एक साथ काम कर चुके हैं. फिल्म बदला का निर्माण शाहरुख खान की प्रोडक्शन कंपनी रेड चीलिज कर रही है. इस फिल्म में शाहरुख कैमियो करते भी नजर आएंगे.

सोन चिड़िया : उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती

रेटिंग : दो स्टार 

‘इश्किया’, ‘डेढ़ इश्किया’, ‘उड़ता पंजाब’ जैसी गाली गलौज और हिंसा प्रधान फिल्मों के निर्देशक अभिषेक चौबे इस बार सत्तर के दशक के चंबल के बीहड़ की पृष्ठभूमि पर डाकुओं की कहानी लेकर आए हैं, जिसमें उन्होंने श्राप, अंतर आत्मा की आवाज को सुनने से लेकर जातिवाद यानी कि गुर्जर बनाम ठाकुर की लड़ाई पेश की है. मगर पूरी फिल्म कहीं से भी प्रभावित नहीं करती.

फिल्म की कहानी के केंद्र में डाकू मान सिंह (मनोज बाजपेयी) का गिरोह है, जो कि ठाकुरों का गिरोह है. यह गिरोह औरतों पर हाथ नहीं उठाता. मगर इन पर गुर्जर जाति को समूल नष्ट करने के लिए एक पांच वर्ष की लड़की का श्राप है. इस गैंग में लखना (सुशांत सिंह राजपूत),वकील सिंह (रणवीर शौरी) जैसे कई डाकुओं का समावेश है. मगर इस डाकुओं के इस गिरोह को समूल नष्ट करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह गुज्जर (आषुतोश राणा) ने कसम खा रखी है. इधर मान सिंह का गिरोह ईश्वर में आस्था रखने के साथ ही अपने वजूद को लेकर सवाल उठाने के अलावा अपने जीने की वजहें भी तलाशता रहता है. डाकू लखना सहित कुछ के मन में यह विचार आ रहा है कि वह सरकार के सामने आत्मसमर्पण करके नई जिंदगी जिए. बीहड़ के जंगलों में भटकते हुए एक दिन अचानक इस गिरोह को रास्ते में मरा हुआ सांप मिलता है, जिसके कुछ हिस्से गिद्ध नोंच चुके हैं, गिरोह के सदस्य चाहते हैं कि रास्ता बदल दिया जाए,मगर मान सिंह अपनी बंदूक से उस सांप को उठाकर एक किनारे पर रखकर गिरोह को आगे बढ़ने का आदेश देते हैं.उसके बाद लच्छू आकर उन्हे सूचना देता है कि ब्राम्हणपुरी के गांव में सुनार की बेटी की शादी है. इसे यह गिरोह लूटने जाता है, जबकि लच्छू ने मानसिंह को बताया था कि वह पुलिस के कहने पर ही सूचना देने आया है और लच्छू के पिता को पुलिस ने बंदी बना रखा है. मानसिंह अपने गिरोह के साथ सुनार के यहां पहुंचते हैं, जहां पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह गुज्जर अपने साथी पुलिस वालों की मदद से मान सिंह सहित कई डाकुओं को मौत के घाट उतार देते हैं. जबकि लखना व वकील सिंह जैसे कुछ डाकू सुरक्षित भागने में कामयाब हो जाते हैं. उधर रास्ते में मजबूर  इंदूमती तोमर (भूमि पेडणेकर) व बलात्कार की शिकार अछूत जाति की छोटी लड़की सोन चिड़िया मिलती है, जिसकी मदद करने के लिए लखना तैयार हो जाता है. मगर यहीं से लखना व वकील के बीच दूरी हो जाती है. अब यह गिरोह दो भागां में विभाजित हो जाता है. कहानी कई मोड़ों से गुजरती है. अंततः वकील सिंह व लखना सहित तमाम डाकू मारे जाते हैं. पर अंत में एक ठाकुर जाति का पुलिस सिपाही, पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह गुज्जर को मौत दे देता है.

movie review of son chidiya

फिल्म में प्रकृति के नियम का उल्लेख है कि ‘सांप, चूहे का शिकार करता है और बाज सांप का. यानी कि नियम है कि मारने वाला भी एक दिन मारा जाएगा. प्रकृति के इसी नियम को ढाल बनाकर फिल्मकार अभिषेक चौबे ने बीहड़ के डाकुओं की कहानी के साथ साथ जातिप्रथा, पितृसत्तात्मक सोच, लिंग भेद, अंधविश्वास का चित्रण करने के साथ ही न्याय करने और बदला लेने के बीच के अंतर का जिक्र करते हुए पूरी फिल्म को चूं चूं का मुरब्बा बनाकर रख दिया है. फिल्म में गंदी गालियों, बंदूकों की आवाज, खूनखराबे की ही भरमार है. फिल्म 70 के दशक कें डाकुओं के जीवन को सही परिप्रेक्ष्य में चित्रित करने में भी बुरी तरह से असफल रहती है. फिल्मकार पूरी तरह से भटके हुए नजर आते हैं. काश फिल्मकार अभिषेक चौबे ने 1996 की निर्देशक शेखर कपूर की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ और 2012 में तिग्मांशु धुलिया की फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ देखकर कुछ सीखा होता, तो वह तमाम गलतियां करने से बच जाते. बीहड़ में भटक रहे डाकुओं को अपने माथे पर तिलक लगाने की फुर्सत नही होती है. पूरी फिल्म यथार्थ से कोसों दूर है. फिल्म में संवादों की भरमार है.

फिल्म का नाम सोन चिड़िया है यानी कि सोने की चिड़िया की तलाश. मगर फिल्मकार इसके साथ भी न्याय नहीं कर पाए. फिल्म में एक अछूत बलात्कार की शिकार छोटी लड़की के हाथ पर उसका नाम सोन चिड़िया लिखा हुआ है, मगर इसे ठीक से फिल्म की कहानी का हिस्सा बना पाने में अभिषेक चौबे असफल रहे हैं.

इतना ही नहीं 21वीं सदी में यह फिल्म बनाते हुए अभिषेक चौबे ने फिल्म में दो महिला पात्र खास तौर पर रखे हैं और इन पात्रों को महज ‘संपत्ति’ के रूप में ही उपयोग किया है. जातिगत संघर्ष पर रोशनी डालते हुए फिल्म में एक संवाद है- ‘‘औरत की जाति अलग होती है’’ अपने आप में गाल पर तमाचा है. क्या इस तरह के संवाद होने चाहिए? यह सवाल तमाम दर्शक पूछते नजर आए.

movie review of son chidiya

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो मान सिंह के छोटे से किरदार में मनोज बाजपेयी को छोड़कर सभी कलाकार अपने किरदारों के साथ न्याय करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. भूमि पेडणेकर के करियर की यह चौथी, मगर सबसे कमतर अभिनय वाली फिल्म रही. गुर्जर जाति के पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह के किरदार में आशुतोष राणा जरुर याद रह जाते हैं.

फिल्म के कैमरामैन अनुज राकेश धवन की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. उन्होने अपने कैमरे के माध्यम से वीरान चंबल की घाटी को बहुत ही उत्कृष्ट तरीके से परदे पर उकेरा है. फिल्म का गीत संगीत भी प्रभावित नहीं करता.

दो घंटे 23 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘सोन चिड़ैया’’ का निर्माण रौनी स्क्रूवाला ने ‘‘आरएसवीपी मूवीज’’के बैनर तले किया गया है. फिल्म के निर्देशक अभिषेक चौबे, लेखक अभिषेक चौबे व सुदीप शर्मा, संगीतकार विशाल भारद्वाज, कैमरामैन अनुज राकेश धवन तथा कलाकार हैं- सुशांत सिंह राजपूत,भूमि पेडणेकर, मनोज बाजपेयी,रणवीर शौरी,आशुतोष राणा,अमित सियाल, महेश बलराज, श्रीधर दुबे, मंजोत सिंह, सुहेल नायर, शाहबाज खान, अंशुमन झा, जतिन समा, जितेन समीन, अब्दुल कादिर अमीन, भौमिक रंजन,देव उपाध्याय, नवदीप तोमर, विवेक सिंह, धीरज सिंह व अन्य.

पाकिस्तानी एक्टर्स की बद्तमीजी पर इंडियन एक्टर्स ने लगाई फटकार

पुलवामा में  आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुई टेंशन से इंटरटेंनमेंट इंडस्ट्रीज भी नहीं बची. बीते दिन भारतीय वायु सेना के जवान विंग कमांजर अभिनंदन को पाकिस्तानी आर्मी ने पकड़ा. अभिनंदन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए. इसके बाद पाकिस्तान कुछ कलाकारों ने अभिनंदन के फोटो और वीडियो को शेयर करते हुए मजाक उड़ाया, जिसके जवाब में भारतीय स्लेब्स ने उनकी क्लास ली.

विंग कमांडर की फोटो शेयर करते हुए पाकिस्तानी एक्टर वीना मलिक ने लिखा कि, अभी अभी तो आए हो, अच्छी मेहमान नवाजी हो गई आपकी.

इसपर करारा जवाब देते हुए स्वरा फास्कर ने ट्वीट किया कि, वीना जी…लानत है तुम पर और तुम्हारी बीमार मानसिकता पर. तुम्हारी ऐसी खुशी पूरी तरह बेशरमी है. हमारा औफिसर बहादुर, दयालु और स्वाभिमानी है. कम से कम तुम्हारी सेना के उस मेजर में कुछ शालीनता बाकी है जो अभिनंदन से पूछताछ कर रहा है साथ ही तुम्हारे देश की जनता में भी जो शांति चाहती है.

इसके अलावा भाबी जी घर पर हैं कि स्टार सौम्या टंडन ने वीना मलिक को फटकार लगाते हुए कहा कि, विश्वास नहीं कर सकती कि उसके जैसा कोई ऐसी बात लिख रहा है. यह वाकई बहुत दुख की बात है.

अदनान सामी ने भी पाकिस्तान के इन ट्रोलर्स को मुंहतोड़ जवाब देते हुए लिखा कि, डियर पाक ट्रोल्स आपकी गालियां आपकी असलियत सामने लाती हैं. आपके और गंदगी की बाल्टी के बीच एकमात्र अंतर बाल्टी है.

आपको बता दें कि अदनान सामी के पिता पाकिस्तान के राजनायिक थे. 2016 में अदनान ने भारत की नागरिकता ले ली थी.

‘शमिताभ’ फेम संज्ञा लखनपाल अब म्यूजिक वीडियो में

फिल्म ‘शमिताभ’ में अमिताभ बच्चन का इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार के किरदार को निभा चुकी अभिनेत्री संज्ञा लखनपाल उसके बाद विज्ञापन फिल्मों के अलावा फैशन शो आदि में ही व्यस्त रही हैं. पर अब वह एक म्यूजिक वीडियो ‘दिल ये मेरा दीवाना तेरा’ में सुमीन भट्ट के साथ नजर आने वाली हैं. इस गीत के गीतकार व गायक फैजल सुलेमान तथा संगीतकार फैजल व कलरव मनु सरोजवल उर्फ मनु हैं. इस म्यूजिक वीडियो का निर्माता सुमीत भट्ट का दावा है कि वह इस म्यूजिक वीडियो को गोवा की शानदार लोकेशन पर मार्च के पहले सप्ताह में फिल्माएंगे.

इस म्यूजिक वीडियो की चर्चा करते हुए संज्ञा लखनपाल ने कहा- ‘मेरी परवरिश आर्मी पृष्ठभूमि में हुई है. मैं 2010 में संपन्न ‘आईएमसी कौंटेस्ट’में टौप टेन में  थी. उसके बाद मैं अभिनय व संगीत से जुड़ गयी. जब मेरे मित्र सुमीन भट्ट ने मुझे गीत ‘दिल ये मेरा तेरा दीवाना’ सुनाया और मुझसे इसके म्यूजिक वीडियो का हिस्सा बनने के लिए कहा, तो मैं तैयार हो गयी. क्योकि यह एक प्यारा रोमांटिक गीत है. इसका म्यूजिक वीडियो एक रोचक रोमांटिक कहानी के साथ फिल्माया जाएगा.’

श्रीदेवी की मौत से पहले अमिताभ ने लिखी थी ये बात, हैरान थे लोग

बीते रविवार श्रीदेवी की पहली पुण्यतिथि थी. पिछले साल 24 फरवरी को श्रीदेवी की दुबई में होटल के एक बाथटब में डूब कर मौत हो गई थी. उनकी अचानक मौत की खबर ने सबको चौका दिया. पर इस सब के बीच एक अनोखी और हैरान कर देने वाली चीज हुई. श्रीदेवी की मौत की खबर से कुछ ही देर पहले अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया था कि, न जाने क्यूं, एक अजीब सी घबराहट हो रही है!!  


आपको बता दें कि  फिछले साल 24 फरवरी की सुबह 11:45 पर अमिताभ ने इस ट्वीट को किया. और कुछ ही देर बात श्रीदेवी के मौत की खबर मिली. आपको बता दें कि अमिताभ और श्रीदेवी ने बहुत से फिल्मों में साथ में काम किया था. इनमें खुदा गवाह, आखिरा रास्ता, इंकलाब जैसी फिल्में शामिल हैं.

श्रीदेवी की पहली पुण्यतिथि पर बौतीवुड के कई स्टार्स ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. अपनी मां को याद करते हुए एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर ने लिखा कि, मेरा दिल हमेशा भारी रहेगा लेकिन मैं हमेशा मुस्कुराती रहूंगी क्योंकि दिल में तुम हो.

वहीं कोरियोग्राफर फराह खान ने श्रद्धांजलि संदेश में लिखा कि, जब मैं अपने करियर की शुरुआत कर रही थी तो उन्होंने मेरा काफी सपोर्ट किया. उस समय किसी कोरियोग्राफर के लिए श्रीदेवी के गाने या शो में कोरियोग्राफी करना सपना होता था. उन्होंने लिखा कि श्रीदेवी के जैसा न कोई था और न कोई होगा.

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