मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करेंगे प्रधानमंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आवेदित सभी 09 नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा शैक्षिणक सत्र-2021-22 के लिए अनुमति प्रदान कर दी गयी है.

यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह मेडिकल कॉलेज जनपद फतेहपुर, एटा, मिर्जापुर, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, हरदोई, प्रतापगढ़ तथा गाजीपुर में स्थापित किये गये है. इन सभी मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण आगामी 25 अक्टूबर, 2021 को जनपद सिद्धार्थनगर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है.

Top 10 Best Friendship Story In Hindi : दोस्ती की टॉप 10 बेस्ट कहानियां हिन्दी में

Top 10 Best Friendship Story In Hindi : दोस्ती जीवन का सबसे कीमती रिश्ता है. इस रिश्ते में हम एक-दूसरे के साथ सुख-दुख, अकेलापन, हंसी-ठिठोली, सबकुछ साझा करते हैं. एक सच्चा दोस्त जीवन के मुश्किल समय में भी हमारा ढाल बनकर खड़ा रहता है. दोस्ती के रिश्ते को हमेशा सहेज कर रखना चाहिए. तो इस आर्टिकल में आपके लिए लेकर आए हैं सरस सलिल की 10 Best Friendship Story In Hindi. इन कहानियां को पढ़ कर दोस्ती के अनमोल रिश्ते के बारे में आप जान पायेंगे. तो अगर आपको भी हैं कहानियां पढ़ने का शौक तो पढ़िए सरस सलिल की Top 10 Best Friendship Story In Hindi.

  1. दोस्ती: क्या एक हो पाए आकांक्षा और अनिकेत ?

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आकांक्षा खुद में सिमटी हुई दुलहन बनी सेज पर पिया के इंतजार में घडि़यां गिन रही थी. अचानक दरवाजा खुला, तो उस की धड़कनें और बढ़ गईं. मगर यह क्या? अनिकेत अंदर आया.

दूल्हे के भारीभरकम कपड़े बदल नाइटसूट पहन कर बोला, ‘‘आप भी थक गई होंगी. प्लीज, कपड़े बदल कर सो जाएं. मुझे भी सुबह औफिस जाना है.’’

आकांक्षा का सिर फूलों और जूड़े से पहले ही भारी हो रहा था, यह सुन कर और झटका लगा, पर कहीं राहत की सांस भी ली. अपने सूटकेस से खूबसूरत नाइटी निकाल कर पहनी और फिर वह भी बिस्तर पर एक तरफ लुढ़क गई.

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2. पंचायती राज: कैसी थी उनकी दोस्ती

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उस दिन मुनिया अपने मकान में अकेली थी कि शोभित को अपने पास आया देख कर उस का मन खुशी से झूम उठा. उस ने इज्जत के साथ शोभित को पास बैठाया. पास के मकानों में रहते हुए शोभित और मुनिया में अच्छी दोस्ती हो गई थी. दोनों बचपन से ही एकदूसरे के घर आनेजाने लगे थे. कब उन के बीच प्यार का बीज पनपने लगा, उन्हें पता भी नहीं चला. अगर उन दोनों में मुलाकातें न हो जातीं, तो उन के दिल तड़पने लगते थे.

कुछ देर की खामोशी को तोड़ते हुए शोभित बोला, ‘‘मुनिया, मैं कई दिनों से तुम से अपने मन की बात कहना चाहता था, लेकिन सोचा कि कहीं तुम्हें या तुम्हारे परिवार वालों को बुरा न लगे.’’ ‘‘तो आज कह डालो न. यहां कोई नहीं है. तुम्हारी बात मेरे तक ही रहेगी,’’ कह कर वह हंसी थी.

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3. दिये से रंगों तक: दोस्ती और प्रेम की कहानी

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हम दोनों चेन्नई में 2 महीने पहले ही आए थे. मेरे पति साहिल का यहां ट्रांसफर हुआ था. मेरे पास एमबीए की डिगरी थी. सो, मुझे भी नौकरी मिलने में ज्यादा दिक्कत न आई. हमारे दोस्त अभी कम थे. यही सोच कर दीवाली के दूसरे दिन घर में ही पार्टी रख ली. अपने और साहिल के औफिस के कुछ दोस्तों को घर पर बुलाया था. दीवाली के अगले दिन जब मैं शाम को दिये और फूलों से घर सजा रही थी तो साहिल बोले, ‘‘शैली, कितने दिये लगाओगी? घर सुंदर लग रहा है. तुम सुबह से काम कर रही हो, थक जाओगी. अभी तुम्हें तैयार भी तो होना है.’’

मैं ने साहिल की तरफ  प्यार से देखते हुए कहा, ‘‘मैं क्यों, तुम भी तो मेरे साथ बराबरी से काम कर रहे हो. बस, 10 मिनट और, फिर तैयार होते हैं.’’

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4. भीगी पलकों में गुलाबी ख्वाब: क्या ईशान अपनी भाभी को पसंद करता था?

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मालविका की गजल की डायरी के पन्ने फड़फड़ाने लगे. वह डायरी छोड़ दौड़ी गई. पति के औफिस जाने के बाद वह अपनी गजलों की डायरी ले कर बैठी ही थी कि ड्राइंगरूम के चार्ज पौइंट में लगा उस का सैलफोन बज उठा.

फोन उठाया तो उधर से कहा गया, ‘‘मैं ईशान बोल रहा हूं भाभी, हम लोग मुंबई से शाम तक आप के पास पहुंचेंगे.’’

42 साल की मालविका सुबह 5 बजे उठ कर 10वीं में पढ़ रहे अपने 14 वर्षीय बेटे मानस को स्कूल बस के लिए  रवाना कर के 49 वर्षीय पति पराशर की औफिस जाने की तैयारी में मदद करती है. नाश्तेटिफिन के साथ जब पराशर औफिस के लिए निकल जाता और वह खाली घर में पंख फड़फड़ाने के लिए अकेली छूट जाती तब वह भरपूर जी लेने का उपक्रम करती. सुबह 9 बजे तक उस की बाई भी आ जाती जिस की मदद से वह घर का बाकी काम निबटा कर 11 बजे तक पूरी तरह निश्ंिचत हो जाती.

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5. पोलपट्टी: क्यों मिताली और गौरी की दोस्ती टूट गई?

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आज अस्पताल में भरती नमन से मिलने जब भैयाभाभी आए तो अश्रुधारा ने तीनों की आंखों में चुपके से रास्ता बना लिया. कोई कुछ बोल नहीं रहा था. बस, सभी धीरे से अपनी आंखों के पोर पोंछते जा रहे थे. तभी नमन की पत्नी गौरी आ गई. सामने जेठजेठानी को अचानक खड़ा देख वह हैरान रह गई. झुक कर नमस्ते किया और बैठने का इशारा किया. फिर खुद को संभालते हुए पूछा, ‘‘आप कब आए? किस ने बताया कि ये…’’

‘‘तुम नहीं बताओगे तो क्या खून के रिश्ते खत्म हो जाएंगे?’’ जेठानी मिताली ने शिकायती सुर में कहा, ‘‘कब से तबीयत खराब है नमन भैया की?’’

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6. बहुरुपिया- दोस्ती की आड़ में क्या थे हर्ष के खतरनाक मंसूबे?

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हर्ष से मेरी मुलाकात एक आर्ट गैलरी में हुई थी. 5 मिनट की उस मुलाकात में बिजनैस कार्ड्स का आदानप्रदान भी हो गया.

‘‘मेरी खुद की वैबसाइट भी है, जिस में मैं ने अपनी सारी पेंटिंग्स की तसवीरें डाल रखी हैं, उन के विक्रय मूल्य के साथ,’’ मैं ने अपने बिजनैस कार्ड पर अपनी वैबसाइट के लिंक पर उंगली रखते हुए हर्ष से कहा.

‘‘जी, बिलकुल, मैं जरूर आप की पेंटिंग देखूंगा. फिर आप को टैक्स मैसेज भेज कर फीडबैक भी दे दूंगा. आर्ट गैलरी तो मैं अपनी जिंदगी में बहुत बार गया हूं पर आप के जैसी कलाकार से कभी नहीं मिला. योर ऐवरी पेंटिंग इज सेइंग थाउजैंड वर्ड्स,’’ हर्ष ने मेरी पेंटिंग पर गहरी नजर डालते हुए कहा.

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7. नेवीब्लू सूट : दोस्ती की अनमोल कहानी

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मैं हैदराबाद बैंक ट्रेनिंग सैंटर आई थी. आज ट्रेनिंग का आखिरी दिन है. कल मुझे लौट कर पटना जाना है, लेकिन मेरा बचपन का प्यारा मित्र आदर्श भी यहीं पर है. उस से मिले बिना मेरा जाना संभव नहीं है, बल्कि वह तो मित्र से भी बढ़ कर था. यह अलग बात है कि हम दोनों में से किसी ने भी मित्रता से आगे बढ़ने की पहल नहीं की. मुझे अपने बचपन के दिन याद आने लगे थे. उन दिनों मैं दक्षिणी पटना की कंकरबाग कालोनी में रहती थी. यह एक विशाल कालोनी है. पिताजी ने काफी पहले ही एक एमआईजी फ्लैट बुक कर रखा था. मेरे पिताजी राज्य सरकार में अधिकारी थे. यह कालोनी अभी विकसित हो रही थी. यहां से थोड़ी ही दूरी पर चिरैयाटांड महल्ला था. उस समय उत्तरी और दक्षिणी पटना को जोड़ने वाला एकमात्र पुल चिरैयाटांड में था. वहीं एक तंग गली में एक छोटे से घर में आदर्श रहता था. वहीं पास के ही सैंट्रल स्कूल में हम दोनों पढ़ते थे.

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8. एक रिश्ता प्यारा सा: माया और रमन के बीच क्या रिश्ता था?

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“अरे रमन जी सुनिए, जरा पिछले साल की रिपोर्ट मुझे फॉरवर्ड कर देंगे, कुछ काम था” . मैं ने कहा तो रमन ने अपने चिरपरिचित अंदाज में जवाब दिया “क्यों नहीं मिस माया, आप फरमाइश तो करें. हमारी जान भी हाजिर है.

“देखिए जान तो मुझे चाहिए नहीं. जो मांगा है वही दे दीजिए. मेहरबानी होगी.” मैं मुस्कुराई.

इस ऑफिस और इस शहर में आए हुए मुझे अधिक समय नहीं हुआ है. पिछले महीने ही ज्वाइन किया है. धीरेधीरे सब को जानने लगी हूं. ऑफिस में साथ काम करने वालों के साथ मैं ने अच्छा रिश्ता बना लिया है.

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9. एक अच्छा दोस्त: सतीश से क्या चाहती थी राधा

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सतीश लंबा, गोरा और छरहरे बदन का नौजवान था. जब वह सीनियर क्लर्क बन कर टैलीफोन महकमे में पहुंचा, तो राधा उसे देखती ही रह गई. शायद वह उस के सपनों के राजकुमार सरीखा था.

कुछ देर बाद बड़े बाबू ने पूरे स्टाफ को अपने केबिन में बुला कर सतीश से मिलवाया.

राधा को सतीश से मिलवाते हुए बड़े बाबू ने कहा, ‘‘सतीश, ये हैं हमारी स्टैनो राधा. और राधा ये हैं हमारे औफिस के नए क्लर्क सतीश.’’

राधा ने एक बार फिर सतीश को ऊपर से नीचे तक देखा और मुसकरा दी.

औफिस में सतीश का आना राधा की जिंदगी में भूचाल लाने जैसा था. वह घर जा कर सतीश के सपनों में खो गई. दिन में हुई मुलाकात को भूलना उस के बस में नहीं था.

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10. यह दोस्ती हम नहीं झेलेंगे

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रात को 8 से ऊपर का समय था. मेरे खास दोस्त रामहर्षजी की ड्यूटी समाप्त हो रही थी. रामहर्षजी पुलिस विभाग के अधिकारी हैं. डीवाईएसपी हैं. वे 4 सिपाहियों के साथ अपनी पुलिस जीप में बैठने को ही थे कि बगल से मैं निकला. मैं ने उन्हें देख लिया. उन्होंने भी मुझे देखा.

उन के नमस्कार के उत्तर में मैं ने उन्हें मुसकरा कर नमस्कार किया और बोला, ‘‘मैं रोज शाम को 7 साढ़े 7 बजे घूमने निकलता हूं. घूम भी लेता हूं और बाजार का कोई काम होता है तो उसे भी कर लेता हूं.’’

‘‘क्या घर चल रहे हैं?’’ रामहर्षजी ने पूछा.

मैं घर ही चल रहा था. सोचा कि गुदौलिया से आटोरिकशा से घर चला जाऊंगा पर जब रामहर्षजी ने कहा तो उन के कहने का यही तात्पर्य था कि जीप से चले चलिए. मैं आप को छोड़ते हुए चला जाऊंगा. उन के घर का रास्ता मेरे घर के सामने से ही जाता था.

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नीति आयोग की रैकिंग में यूपी के 7 जिले टॉप 10 में शामिल

नीति आयोग ने जुलाई-अगस्त 2021 के सर्वे के आधार पर देश के अतिपिछड़े 112 जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी कर दी है. नीति आयोग की तरफ से जारी जुलाई- अगस्त 2021 डेल्टा रिपोर्ट में देश के आकांक्षात्मक जनपदों की सूची में प्रदेश के 8 जनपदों में से 7 जनपदों ने टॉप 10 में स्थान बनाया है. यह जनपद सिद्धार्थनगर, बहराइच, सोनभद्र, श्रावस्ती, फतेहपुर, चित्रकूट, चंदौली है.

फतेहपुर ने नीति आयोग के निर्धारित मानकों पर कार्य करते हुए पूरे देश में विकास के क्षेत्र में दूसरा स्थान हासिल किया है. वहीं तीसरे स्थान पर सिद्धार्थनगर, चौथे पर सोनभद्र, पांचवें पर चित्रकूट, सातवें पर बहराइच, आठवें पर श्रावस्ती और नौवें पर चंदौली ने स्थान बनाया है.

उत्तर प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में चित्रकूट और चित्रकूट ने नीति आयोग के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. आयोग ने इन जिलों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया है. नीति आयोग की ओवरआल डेल्टा रैंकिग में चित्रकूट ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण सहित अनेक मानकों पर देश में पांचवा स्थान हासिल किया है.

डेल्टा रैंकिंग द्वारा छह विकासात्मक क्षेत्र स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास और बुनियादी ढांचा विकास हैं, जिन्हें रैंकिंग के लिए ध्यान में रखा गया. आकांक्षी जिलों की रैंकिंग हर महीने जारी की जाती है. आकांक्षी जिला कार्यक्रम जनवरी 2018 में शुरू किया गया. इसका उद्देश्य उन जिलों को आगे बढ़ाना है जिनमें महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में कम प्रगति देखी गई है और कम विकसित इलाके के तौर पर सामने आये हैं.

गांव-गांव युवाओं का संबल बनी ग्राम स्वरोजगार योजना

राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए बड़े प्रयास कर रही है. खाद्य प्रसंस्करण की योजनाएं गांव-गांव में बदलाव ला रही हैं. युवा खुद का स्वरोजगार तो स्थापित कर ही रहे हैं साथ में दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.

महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना इसकी बड़ी मिसाल बनी है. इस योजना का लाभ लेकर गांव के किसान और युवा, उद्यमी बनने के साथ आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं.

सरकार की प्राथमिकता गांवों में स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर बनाने की है. जिससे युवाओं को आर्थिक लाभ होने के साथ गांव का विकास भी संभव हो सके. महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना इसमें बड़ी सहायक बनी है.

पंचायत स्तर पर युवाओं को 03 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर से जोड़ा जा रहा है. योजना से जुड़े युवाओं को 01 महीने का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान और युवा फल-सब्जी, मसाला, दुग्ध, अनाज प्रसंस्करण की इकाईयां स्थापित कर रहे हैं. खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने वाले युवा गांव के बेरोजगार युवकों को भी अपने यहां रोजगार दे रहे हैं.

योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने वाले युवाओं को मशीन या उपकरण की लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत और 01 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है. जिससे गांव के किसान और युवाओं को संबल मिला है और वे स्वयं का रोजगार स्थापित करने में सफल हो रहे हैं.

स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के प्रेरणास्रोत है प्रधानमंत्री जी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सबको स्वास्थ्य बीमा का कवर प्रदान कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सपने को पूरा किया जा रहा है. प्रधानमंत्री जी ने 03 वर्ष पूर्व दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा कवर योजना आयुष्मान भारत प्रारम्भ की थी. आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत देश में 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है. इस योजना से प्रदेश में 06 करोड़ लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं.

मुख्यमंत्री जी लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों को आयुष्मान कार्ड का वितरण कर रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 15 लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड अपने कर कमलों से प्रदान किए. उल्लेखनीय है कि आज प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ब्लाॅक स्तर पर एक ही दिन में लगभग 01 लाख पात्र लोगों को इस योजना के अन्तर्गत आयुष्मान कार्ड का वितरण किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार एस0ई0सी0सी0 की सूची में कुछ परिवार आयुष्मान भारत योजना से वंचित रह गये थे. प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से 8.45 लाख वंचित परिवारों के लगभग 45 लाख व्यक्तियों को जोड़ा गया. प्रदेश के 40 लाख से अधिक अन्त्योदय परिवार, जो आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित होने से रह गये थे, उन परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत आच्छादित किया जा रहा है. इससे प्रदेश की एक बड़ी आबादी लाभान्वित होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी प्रवासी एवं निवासी श्रमिकों, जिनका रजिस्ट्रेशन श्रम विभाग में है, उनको 02 लाख रुपये का सामाजिक सुरक्षा कवर एवं 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी इन सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता के साथ-साथ आमजन को जीने की एक राह दिखायी है. इसके अन्तर्गत लाभार्थी आयुष्मान भारत योजना में इम्पैनल्ड किसी अस्पताल में अपना उपचार करा सकता है.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने कहा कि लौकिक व अलौकिक जगत में जो मानवीय कार्य किये जाते हैं, वे दूसरों की जिन्दगी बनाते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक करोड़ से अधिक परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का कवर प्रदान किया जा रहा है. पूर्ववर्ती सरकार में मात्र 30 हजार रुपये स्वास्थ्य बीमा का कवर प्रदान किया गया था. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में वर्तमान में 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री जी का अनुकरण करते हुए प्रदेश में सबसे निचले स्तर पर खड़े व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए आज 40 लाख से अधिक परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत जोड़ा जा रहा है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि अन्तिम पायदान के 40 लाख अन्त्योदय राशन कार्डधारक परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत जोड़ा जा रहा है.

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अतुल गर्ग, नीति आयोग के सदस्य डाॅ0 विनोद पाॅल, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, निदेशक आई0आई0टी0 कानपुर श्री अभय करंदीकर, टीम-09 के सभी सदस्य, सूचना निदेशक श्री शिशिर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश के 40.79 लाख अन्त्योदय राशन कार्डधारक परिवारों के 1.30 करोड़ सदस्यों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में शामिल किया गया है. शुरुआती 10 दिनों में ही लगभग 02 लाख लोगों ने इस योजना के अन्तर्गत अपना कार्ड बनवा लिया. समय-समय पर ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के अन्तर्गत नई श्रेणियों को जोड़े जाने की भी व्यवस्था प्रदेश सरकार ने की और यह सुनिश्चित किया कि प्रदेश का कोई भी गरीब और वंचित परिवार योजना के दायरे से बाहर न रहे.

इसी क्रम में श्रम विभाग में पंजीकृत 11.65 लाख निर्माण श्रमिक परिवारों को भी योजना की पात्रता सूची में जोड़ा गया.

‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के माध्यम से प्रदेश के लगभग 61 लाख परिवारों के 1.87 करोड़ व्यक्तियों को 05 लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलना सम्भव हो सका है.

प्रारम्भ में ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश की 24 प्रतिशत आबादी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा था, लेकिन प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान’ लागू होने से 13 प्रतिशत अतिरिक्त परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर से जोड़ा गया. इसका परिणाम है कि आज प्रदेश की लगभग 37 प्रतिशत आबादी को 05 लाख रुपए तक की निःशुल्क उपचार सुविधा का लाभ मिल रहा है. इससे सतत विकास लक्ष्य के तहत गरीबी उन्मूलन और सबके लिए स्वास्थ्य के लक्ष्यों की पूर्ति में मदद मिलेगी.

त्योहारों के समय में निर्बाध विद्युत आपूर्ति आवश्यक: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सायं 06 बजे से प्रातः 07 बजे तक निरन्तर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय पर्वों एवं त्योहारों का है. प्रदेशवासी नवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं. विभिन्न स्थलों पर रामलीला आदि का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे समय में रात्रि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति आवश्यक है.

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में विद्युत व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे. सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, ए0डी0जी0, बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में सम्मिलित हुए. उन्होंने यू0पी0पी0सी0एल0 के चेयरमैन को प्रदेश में विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के सम्बन्ध में गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता बिजली के बिल का भुगतान करना चाहता है. त्रुटिपूर्ण विद्युत बिलों से उपभोक्ता परेशान होता है, जिससे विद्युत बिल का कलेक्शन प्रभावित होता है. त्रुटिपूर्ण विद्युत बिलों के कारण उपभोक्ता को परेशानी नहीं होनी चाहिए. एग्रीमेण्ट के अनुसार कार्य न करने वाली विद्युत बिलिंग एजेंसियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. ऐसी एजंेसियों की सिक्योरिटी जब्त की जाए, उनके विरुद्ध एफ0आई0आर0 कराने के साथ ही ब्लैक लिस्ट भी किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने विद्युत बिलों के सम्बन्ध में शीघ्र ही एकमुश्त समाधान योजना (ओ0टी0एस0) लागू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि खराब ट्रांसफार्मर्स को निर्धारित व्यवस्था के अनुसार ग्रामीण इलाकों में 48 तथा शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टों में आवश्यक रूप से बदला जाए. बदले गए ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता भी परखी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर्स की क्षमता वृद्धि के सम्बन्ध में पूर्व में लागू व्यवस्था को पुनः क्रियान्वित किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी के सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही की जाए. ट्यूबवेल के कनेक्शन समयबद्ध ढंग से प्रदान किए जाएं. जिस किसी किसान ने ट्यूबवेल के कनेक्शन के सम्बन्ध में भुगतान कर दिया है, उन्हें तत्काल विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिए जाएं. ऐसे मामलों को लम्बित न रखा जाए. सौभाग्य योजना सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों के विद्युत बिलों में गड़बड़ी के मामलों का तत्काल समाधान कराया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगमों तथा केस्को के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विद्युत व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की. उन्होंने सभी विद्युत वितरण निगमों को विद्युत व्यवस्था सुचारु बनाए रखने तथा लाइन लॉस को कम करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों के सम्बन्ध में सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशक फीडर स्तर पर जवाबदेही तय कर कार्य करें. यू0पी0पी0सी0एल0 के चेयरमैन के स्तर पर प्रतिदिन इनकी समीक्षा विद्युत वितरण निगमवार होनी चाहिए. हर दूसरे दिन अपर मुख्य सचिव ऊर्जा द्वारा प्रगति की समीक्षा की जाए तथा रिपोर्ट ऊर्जा मंत्री को उपलब्ध करायी जाए. ऊर्जा मंत्री द्वारा प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जाए.

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री आलोक सिन्हा, पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल, यू0पी0पी0सी0एल0 के चेयरमैन श्री एम0 देवराज, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम एवं पारेषण निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री पी0 गुरुप्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अपने अदम्य साहस व शौर्य के लिए पूरे भारत में जाना जाता है : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आज यहां ‘1090’ चैराहे पर ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (ब्लैक कैट कार रैली) को झण्डी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन0एस0जी0) अपने अदम्य साहस व शौर्य के लिए पूरे भारत में जाना जाता है. भारत की सुरक्षा, स्वाभिमान व सम्मान को बनाये रखने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि एन0एस0जी0 ने सदैव संवेदनशील स्थिति में जब भी समाज में भय और असुरक्षा का माहौल रहा, तब वहां सुरक्षा व राहत देने का कार्य किया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब प्रत्येक देशवासी के लिए वह अत्यन्त गौरव का वर्ष होगा. आजादी की क़ीमत क्या होती है, यह वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आजादी अचानक नहीं मिली है. इसके लिए अनगिनत बलिदान दिये गये हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव को पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जा रहा है. समाज का प्रत्येक वर्ग इससे जुड़ा है. देश को लम्बे संघर्ष और आन्दोलनों के बाद 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली. देश की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाये रखने में पैरामिलिट्री, आम्र्ड फोर्स व सिविल पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि विगत दिनों सशस्त्र सेना बल (एस0एस0बी0) का एक दल प्रदेश आया था, जिसका उन्हें स्वागत करने का अवसर मिला था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गृह मंत्री, भारत सरकार श्री अमित शाह जी द्वारा 02 अक्टूबर, 2021 को ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ का शुभारम्भ लाल किला, दिल्ली से किया गया. उन्होंने कहा कि यह रैली 03 अक्टूबर, 2021 को आगरा पहुंची. यह रैली आज लखनऊ से वाराणसी को प्रस्थान कर रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के अध्यात्मिक गौरव की वृद्धि में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है. उत्तर प्रदेश भारत की स्वाधीनता आन्दोलन का प्रमुख केन्द्र बिन्दु भी रहा है. प्रदेश में प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम की अलख बलिया, गोरखपुर, मेरठ में जली थी. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष को विस्मृत नहीं किया जा सकता है. मंगल पाण्डेय के नेतृत्व मंे वर्ष 1857 में प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाया गया था. उन्होंने कहा कि मेरठ में धनपाल सिंह कोतवाल के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी गयी थी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है. 04 फरवरी, 1922 को जनपद गोरखपुर के चैरी-चैरा में देश की स्वाधीनता के लिए स्थानीय नागरिकों, किसानों व श्रमिकों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ एक बड़ा आन्दोलन किया था. प्रदेश सरकार ने अमृत महोत्सव और चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव को एक साथ जोड़ते हुए यह व्यवस्था बनाई है कि इन दोनों आयोजनों से जुड़े प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्थल व स्वाधीनता से जुड़े पवित्र स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.

ज्ञातव्य है कि ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ कार रैली देश के 12 राज्यों के लगभग 18 शहरों से होते हुए 7500 किलोमीटर की यात्रा 29 दिनों (02 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2021 तक) में तय करेगी. ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ लखनऊ से वाराणसी, बोधगया, जमशेदपुर, कोलकाता, भुवनेश्वर, बेहरामपुर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, हैदराबाद, ओंगोल, चेन्नई, बंगलुरु, हुबली, मुम्बई, अहमदाबाद, जयपुर होते हुए नई दिल्ली वापस आएगी. यह रैली अपनी यात्रा के दौरान स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण कर देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी.

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल व महानिदेशक एन0एस0जी0 श्री एम0ए0 गणपति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

महिलाओं के लिए अलग से बने पिंक बूथ

यूपी पुलिस व्‍यवस्‍था में जो बदलाव बरसों से नहीं हो सके उसे प्रदेश सरकार ने मात्र साढ़े 04 सालों में करके दिखा दिया. प्रदेश की महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ और पुलिस लाइन स्थित खस्‍ताहाल भवनों का नवीनीकरण कर पुलिस कर्मियों को नए आवास दिए गए हैं. सरकार ने यूपी के कई शहरों में कमिश्‍नरेट सिस्‍टम लागू कर पुलिसिंग को नई दिशा दी है. राज्य में यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन किया गया और पुलिस रिफार्म के लिए बेहतर कदम उठाए गए.

साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार ने पुलिस का चेहरा ही बदल कर रख दिया. सरकार ने संकल्‍प पत्र में यूपी पुलिस को आधुनिक बनाने के जो वादे किए उससे अधिक करके दिखाया. यूपी पुलिस को मॉडर्न पुलिस बनाने के लिए उनको अत्‍याधुनिक वाहनों व हथियारों से लैस किया. साथ ही 18 नई विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कराया.  इसके साथ ही उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण भी लखनऊ में शुरू हो चुका है. जिससे जटिल अपराधों की जांच आसानी से हो सकेगी.  पॉक्सो एक्ट में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 218 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन क‍िया. पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में एफ.आई.आर. काउन्टर स्थापित किए.  महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन-1090 चलाई गई.

पुलिस विभाग में हुई रिकार्ड भर्ती

कानून व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में 214 नए थानों की स्‍थापना की गई. उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती व 76 हजार से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों की पदोन्नति की गई.  महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई. यू.पी.-112 हेल्पलाइन से 6 लाख 46 हजार जरूरतमंद को मदद दिलाई. इसके अलावा ‘सवेरा’ कार्यक्रम में 7 लाख 33 हजार 770 लाख बुजुर्ग पंजीकृत किए गए हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों को पक्के मकान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में देश की आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘न्यू अर्बन इण्डिया थीम’ के साथ केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा नगर विकास विभाग, उ0प्र0 के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय आजादी@75 कॉन्फ्रेन्स-कम-एक्सपो का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने डिजिटल रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पी0एम0ए0वाई0-यू) के तहत बनाये गये आवासों की चाबी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 75 हजार लाभार्थियों को सौंपी. उन्होंने इस योजना के तहत लाभान्वित आगरा की श्रीमती विमलेश, कानपुर की श्रीमती रामजानकी पाल तथा ललितपुर की श्रीमती बबिता से संवाद भी किया.

प्रधानमंत्री जी ने स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद एवं अयोध्या में इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर, इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम एवं नगरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा अमृत मिशन के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न शहरों में उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा निर्मित पेयजल एवं सीवरेज की कुल 4,737 करोड़ रुपए की 75 विकास परियोजनाओं का लोकर्पण/शिलान्यास किया. साथ ही, उन्होंने जनपद लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, गाजियाबाद और वाराणसी के लिए 75 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का डिजिटल फ्लैग ऑफ भी किया. उन्होंने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के विभिन्न प्रमुख मिशनों के तहत क्रियान्वित 75 परियोजनाओं के ब्यौरे वाली एक कॉफी-टेबल बुक भी जारी की. प्रधानमंत्री जी ने लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में श्री अटल बिहारी वाजपेयी पीठ का डिजिटल शुभारम्भ किया. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित की गयी दो लघु फिल्मों का अवलोकन भी किया.

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों को बड़ी संख्या में पक्के मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वंचित वर्गाें के लोगों को पक्का आवास उपलब्ध कराने की यह विश्व की सबसे बड़ी योजना है. इस योजना के तहत निर्मित 80 प्रतिशत घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर की जा रही है या वे उसकी संयुक्त स्वामी हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पहले की तुलना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित घरों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में 01 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण को मंजूरी दी है. इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मेरे जो साथी, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी जीते थे, उनके पास पक्की छत नहीं थी, ऐसे तीन करोड़ परिवारों को लखपति बनने का अवसर मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों में बिजली, पानी, शौचालय इत्यादि की सुविधा दी जा रही है. उज्ज्वला योजना के तहत परिवार को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन भी उपलब्ध कराया जा गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक देश में लगभग 03 करोड़ घर बनाए गये हैं. इनकी कीमत करोड़ों रुपये में है. एक मकान की कीमत लाखों रुपये में है. इस प्रकार यह मकान पाने वाले लोग अब लखपति बन गये हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मौजूदा सरकार से पहले, उत्तर प्रदेश की पहले की सरकारों ने योजनाओं को लागू करने के लिए अपने पैर पीछे खींचे थे. उन्होंने कहा कि पिछली उत्तर प्रदेश सरकार को 18,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी गई थी, किंतु उस समय 18 घरों का निर्माण भी नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी की वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद, 9 लाख से अधिक आवास इकाइयां शहरी गरीबों को सौंप दी गईं और 14 लाख इकाइयां निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. ये घर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व गरीबों के लिए निर्मित किये जाने वाले घरों के आकार की कोई स्थायी नीति नहीं थी. वर्ष 2014 में केन्द्र में नई सरकार बनने के बाद गरीबों के लिए निर्मित किये जाने वाले आवासों के आकार के सम्बन्ध में एक स्पष्ट नीति बनायी गयी. इस नीति में यह निर्धारित किया गया कि गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों का आकार 22 वर्गमीटर से कम नहीं होगा. आज गरीबों को अपना घर निर्मित करने और उसका डिजाइन अपने ढंग से बनाने की आजादी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार के कार्यकाल के दौरान पी0एम0ए0वाई0 के तहत 01 लाख करोड़ रुपये की धनराशि गरीबों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गयी है. उन्होंने कहा कि शहरों में मजदूरों को किराए के आवास उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्यवाही की गयी है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने काफी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानि (रेरा) कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है. इस कानून ने पूरे हाउसिंग सेक्टर को अविश्वास और धोखाधड़ी से बाहर निकालने में बहुत बड़ी मदद की है, सभी हितधारकों की मदद की है तथा उन्हें सशक्त बनाया है.

एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट के उपयोग का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इनके लगने से शहरी निकायों के हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है. उन्होंने कहा कि एल0ई0डी0 ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत में पिछले 6-7 वर्षों में शहरी क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन प्रौद्योगिकी से आया है. उन्होंने कहा कि देश के 70 से ज्यादा शहरों में आज जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चल रहे हैं, उसका आधार टेक्नोलॉजी ही है. उन्होंने अपनी संस्कृति के लिए मशहूर लखनऊ शहर का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ की ‘पहले आप पहले आप’ की तहजीब की तर्ज पर आज हमें ‘प्रौद्योगिकी पहले’- टेक्नोलॉजी फर्स्ट’ कहना होगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को, स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से जोड़ा जा रहा है. इस योजना के माध्यम से 25 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है. इसमें भी उत्तर प्रदेश के 07 लाख से ज्यादा लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ लिया है. कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में स्ट्रीट वेण्डर्स को इस योजना का भरपूर लाभ मिला. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत आज उत्तर प्रदेश के 02 जनपद लखनऊ एवं कानपुर देश में टॉप पर हैं. उन्होंने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वेण्डरों की सराहना की.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज मेट्रो सर्विस का देश भर के प्रमुख शहरों में तेजी से विस्तार हो रहा है. वर्ष 2014 में, मेट्रो सेवा 250 किलोमीटर से कम रूट की लंबाई पर चलती थी, आज मेट्रो लगभग 750 किलोमीटर रूट की लंबाई में चल रही है. उन्होंने कहा कि देश में अभी लगभग 1,050 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो ट्रैकों पर काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश के 06 शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के रूप में एक विजनरी, मां भारती के लिए समर्पित राष्ट्रनायक देश को दिया है. उन्होंने कहा कि आज उनकी स्मृति में, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में अटल बिहारी वाजपेयी पीठ की स्थापना की जा रही है. उन्होंने कहा कि अटल जी ने देश के त्वरित विकास के लिए अवस्थापना एवं सड़कों के विकास पर विशेष बल दिया. उनकी अवधारणा थी कि प्रदेश के सभी जनपदों को अच्छे सड़क मार्गाें से जोड़ा जाए.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के लिए शहरीकरण बहुत ही महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में गतिमान विभिन्न विकास योजनाओं से शहरी परिवेश को बदलने एवं प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफलता प्राप्त हुई है. प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षाें में शहरीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश अपनी पहचान स्थापित कर रहा है. प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के विकास पर निरन्तर बल दे रही है. मार्च, 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में 654 नगरीय निकाय थे. प्रदेश सरकार ने 25 हजार से अधिक आबादी के राजस्व ग्रामों को नगरीय क्षेत्र में शामिल करते हुए नगरीय निकायों की संख्या बढ़ाकर 734 कर दी है. ताकि अधिक से अधिक जनसंख्या को शहरी विकास की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकें.

वर्ष 2014 से प्रारम्भ स्वच्छ भारत मिशन नारी गरिमा की रक्षा के साथ ही स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने में मील का पत्थर साबित हुआ है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर कार्य किये हैं. प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 02 करोड़ 61 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण हुआ है. इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश शत-प्रतिशत ओ0डी0एफ0 हो गया. केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा 6,73,649 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय तथा 51,524 सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालय निर्मित किये गये. वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में ओ0डी0एफ0 शहरों की संख्या मात्र 15 थी. जबकि वर्तमान में 652 नगरीय निकाय ओ0डी0एफ0, 595 नगरीय निकाय ओ0डी0एफ0 प्लस तथा 30 नगरीय निकाय ओ0डी0एफ0 प्लस-प्लस घोषित किये जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद हर गरीब का यह सपना था कि उसका खुद का एक पक्का मकान हो. प्रधानमंत्री जी की संवेदनशीलता व उनके नेतृत्व का परिणाम है कि आज देश में गरीब व्यक्ति बिना भेदभाव के पारदर्शी व्यवस्था के साथ पक्के मकान प्रदान किये जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के 42 लाख परिवारों को निःशुल्क पक्के आवास उपलब्ध कराये हैं. प्रदेश के शहरी क्षेत्र के 17 लाख परिवारों को पक्के आवास की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिसमें 09 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं और आज प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति में 75 हजार आवासों में गृह प्रवेश कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाने वाली लाइट हाउस परियोजना के लिए देश के 06 चयनित नगरों में प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शामिल है. लाइट हाउस परियोजना के तहत नवीन तकनीक से सस्ते व अच्छे आवास निर्मित कराये जा रहे हैं. लखनऊ में गतिमान लाइट हाउस परियोजना के कार्याें को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है. इस परियोजना के ज्यादातर आवासों को आवंटित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि अमृत योजना के तहत 60 नगरीय निकायों में 11,421 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं.

इसके तहत पेयजल, सीवरेज, हरित क्षेत्र और पार्क विकसित किये गये हैं. इन परियोजनाओं से एक बड़ी शहरी आबादी को सुगम एवं अच्छे जीवन स्तर को प्राप्त करने में मदद मिलेगी. केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के 17 नगर निगमों में से 10 नगर निगमों को स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित किया गया है. शेष 07 नगर निगमों को प्रदेश सरकार स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य कर रही है. इस प्रकार प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में स्मार्ट सिटी मिशन के कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं प्रभावी मार्गदर्शन में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को प्रदेश सरकार ने राज्य में नियंत्रित किया है. वैश्विक जगत ने आपके कोरोना नियंत्रण एवं प्रबन्धन की भूरि-भूरि प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 11 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं और लगभग 08 करोड़ लोगों के कोविड टेस्ट सम्पन्न कर चुके हैं. प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से 07 लाख से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को बैंकों से लोन उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है. आने वाले समय में 1.5 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को और जोड़ा जाएगा. इस योजना के लाभार्थियों के चयन तथा उन्हें ऋण उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की सदैव यह मंशा रही है कि देश में सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था बेहतर हो. इसी क्रम में, प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से आज प्रदेश के 07 जनपदों के लिए 75 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस के परिचालन की शुरुआत की गयी है. इस प्रकार, प्रदेश में वर्तमान में 115 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है. आने वाले दिनों प्रदेश के 14 नगरीय निकायों में 700 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की कार्यवाही आगे बढ़ायी जाएगी. उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल सार्वजनिक परिवहन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. आज प्रदेश के 04 बड़े शहरों-लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में मेट्रो का संचालन हो रहा है. कानपुर में नवम्बर, 2021 तक मेट्रो का संचालन हो जाएगा. आगरा मेट्रो का निर्माण कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत प्रदेश में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण प्रगति पर है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बड़े नगरीय निकायों के विकास के साथ-साथ छोटे नगरीय निकायों में भी अवस्थापना सुविधाओं का समुचित विकास किया जा रहा है. छोटे नगर निकायों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2018 में ‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना’ की शुरुआत की गयी है. नगरीय क्षेत्रों में अल्पविकसित तथा मलिन बस्तियों में आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए ‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना’ संचालित की जा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रयागराज कुम्भ-2019  की दिव्यता एवं भव्यता को देश व दुनिया ने देखा है. प्रयागराज कुम्भ ने स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का एक मानक प्रस्तुत किया है. प्रयागराज कुम्भ को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश ने प्रमुख भूमिका निभायी थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रयागराज में कुम्भ के दौरान इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को विकसित करते हुए वहां की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने का काम किया गया. इससे 24 करोड़ श्रद्धालुओं को सुव्यवस्था प्राप्त हुई.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 01 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) एवं अमृत योजना के द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया है. द्वितीय चरण में नगरीय क्षेत्रों को कचरे से पूरी तरह मुक्त रखा जाए. प्रदेश के नगरों को पूरी तरह कचरामुक्त करने, शहरों को जल सुरक्षित बनाने और यह सुनिश्चित करने कि कहीं भी सीवेज का गन्दा नाला नदियों में न गिरे, इसके लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर कार्य करेगी.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने न्यू इण्डिया का जो सपना देखा है, उसे पूरा करने के लिए वे मिशन मोड में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रांे के समन्वित विकास के लिए प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शहरों का नियोजित नगरीय विकास भारत की प्राचीन परम्परा है. आज समय की मांग के अनुसार देश के नगरों का तेजी से विकास हो रहा है. लोगों को ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस का लाभ नगरीय विकास के कारण मिल रहा है.

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में स्वच्छ भारत मिशन तथा अमृत योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. वर्ष 2015 से 2021 में नगरीय विकास के क्षेत्र में निवेश 07 गुना तक बढ़ा है. केन्द्र सरकार द्वारा लोगों को बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 तथा अमृत 2.0 प्रारम्भ किये गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है. आज उत्तर प्रदेश में 08 हवाई अड्डे काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है.

इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केन्द्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री डॉ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डॉ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, नगर विकास राज्य मंत्री श्री महेश चन्द्र गुप्ता, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

स्‍ट्रीट वेंडरों का संबल बनी है पीएम स्‍वनिधि योजना

इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में न्‍यू अर्बन इंडिया कॉन्‍क्‍लेव के उद्धाटन पर पीएम मोदी ने मंच से एक बार फिर सीएम योगी आदित्‍यनाथ के कामों को सराहा . उन्‍होंने कहा कि सीएम योगी के प्रयासों से कोरोना काल में गरीबों को संबल देने वाली पीएम स्‍वनिधि योजना के क्रियान्‍वयन में उत्‍तर प्रदेश देश में प्रथम स्‍थान पर है. उन्‍होंने कहा कि जिन तीन शहरों ने इस योजना में उत्‍कृष्‍ट काम किया है. उसमें यूपी के दो शहर लखनऊ व कानपुर शामिल है. योजना के तहत यूपी के 7 लाख से अधिक स्‍ट्रीट वेंडर को इसका सीधा लाभ मिला है, जो बड़ी उपलब्धि है. पीएम ने कहा कि रेहड़ी, पटरी व ठेला कारोबारियों को सीधे बैंक से जोड़ने का काम किया जा रहा है.

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान देश भर के स्‍ट्रीट वेंडरों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा था. इनका कारोबार लगभग बंद हो गया था. दोबारा कारोबार शुरू करना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में केन्‍द्र सरकार की पीएम स्‍वनिधि योजना स्‍ट्रीट वेंडर के लिए बड़ा सहारा बनी. कोरोना काल के बाद दोबारा काम शुरू करने के लिए इस योजना के जरिए स्‍ट्रीट वेंडरों को दस हजार रुपए तक लोन दिया गया. ताकि वह दोबारा अपना काम शुरू कर सकें. लोन की प्रक्रिया को काफी आसान रखा गया. इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वालों को एक साल के लिए 10,000 रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराया गया.

लखनऊ व कानपुर आगे

पीएम मोदी ने स्‍ट्रीट वेंडरों को ऋण देने में लखनऊ व कानपुर के स्‍थानीय निकायों की तारीफ की. पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना के क्रियान्‍वयन में यूपी अव्‍वल है. खासकर देश के तीन शहरों के स्‍थानीय निकायों ने इसमें उल्‍लेखनीय काम किया है. उसमें यूपी के दो शहर लखनऊ व कानपुर शामिल हैं. वहीं, यूपी केन्‍द्र सरकार की 41 योजनाओं के क्रियान्‍वयन में देश के सभी राज्‍यों में अव्‍वल है.

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