MRI मशीन में क्यों 20 साल पहले कराया गया संभोग!, जानिए दिलचस्प वजह

यकीनन आपको इस बात पर विश्वास ना हुआ होगा लेकिन ये हकीकत है. वैज्ञानिकों की एक टीम ने वास्तव में लोगों से मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर के अंदर सेक्स करने के लिए कहा था ताकि वे यह पता लगा सकें कि ‘सहवास के दौरान पुरुष और महिला के जननांगों की तस्वीरें लेना संभव है या नहीं?’

20 साल पहले ऐसा हुआ था और अब ‘सहवास और महिला यौन उत्तेजना के दौरान पुरुष और महिला जननांगों के मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग’ शीर्षक का लेख मेडिकल जर्नल बीएमजे के सबसे अधिक डाउनलोड किए गए लेखों में से एक बन गया है.

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इसमें जिस बात का पता चला शायद ही वह चांद पर इंसान के कदम रखने जितनी हो, लेकिन इस रिसर्च के पेपर्स पॉपुलर हो गए हैं. शायद यह इसलिए क्योंकि मुफ्त में लोगों का आकर्षण स्क्रीन पर सहवास देखने की संभावना का हो. फिर चाहे देखने में सब ब्लैक एंड व्हाइट जैसा क्यों ना प्रतीत हो.

डच वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किए गए इस प्रकार के प्रयोगों में से एक का उद्देश्य यह पता लगाना था कि संभोग और महिला यौन उत्तेजना के दौरान शरीर रचना के बारे में पूर्व व वर्तमान विचार मान्यताओं पर आधारित हैं या तथ्यों पर.

मुख्य निष्कर्ष 13 प्रयोगों में से हैं, जिसमें से आठ दंपति और तीन एकल महिलाओं के साथ किए गए ‘मिशनरी पोजीशन’ में सेक्स के दौरान पुरुष यौन अंग एक बूमरैंग के आकार का प्रतीत होता है. इसमें यह भी पाया गया कि यौन उत्तेजना के दौरान गर्भाशय का आकर बढ़ता नहीं है. इस प्रयोग के लिए 8 कपल को खास तौर से बुलाया गया था. इनमें 3 सिंगल महिलाएं थीं जिन पर 13 तरह के प्रयोग किए गए थे. रिसर्च के लिए तीन जोड़ों ने MRI स्कैनर के अंदर दो बार सेक्स किया और सिंगल लड़कियों ने पार्टनर के बिना और्गेज्म महसूस किया.

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नीदरलैंड के एक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में ये रिसर्च किया गया था और जोड़ों को न्शारीरिक बनावट के मुताबिक चुना गया था जो कि मशीन में फिट हो सकें. प्रयोग के दौरान स्कैनर को चारों तरफ से परदे में रखा गया था ताकि उन्हें परेशानी न हो. स्कैनर के जरिए महिलाओं और पुरुषों की ऑर्गेज्म से पहले और बाद की अलग-अलग तस्वीरें ली गईं जिन पर साइड में बने कंट्रोल रूम में बैठे रिसर्चर नजर रख रहे थे. मशीन के अंदर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को सेक्स करने में दिक्कत हुई और एक जोड़े के अलावा सबने वियाग्रा का इस्तेमाल किया.

रिसर्च टीम के सामने बहुत पुरानी धारणा टूट गई कि सेक्सुअल उत्तेजना के समय यूटरस में फैलाव आता है. ये भी देखा गया कि मिशनरी पोजीशन में संबंध बनाते समय पुरुषों के अंग स्ट्रेट या एस शेप में नहीं बल्कि बूमरैंग शेप में हो जाते हैं. एनाटॉमी की तस्वीरें प्राप्त करके इस रिसर्च को पूरा करने में एक साल का समय लगा.

इस रिसर्च को 2000 में एलजी नोबेल अवौर्ड मिला. द बीएमजे मैगजीन के डिप्टी एडिटर के रूप में रिटायर हुए डौक्टर टोनी डेलमौथ ने इस साल के क्रिसमस अंक में इसकी लोकप्रियता के बारे में लेख लिखा है.

वे लिखते हैं कि लोग मुफ्त में इसकी तस्वीरें देखने को बेताब रहते थे. आम लोगों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी इसे पाना चाहते थे. MRI स्कैनर मशीन में सेक्स के विषय को लेकर की गई इस रिसर्च ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. डेलमौथ कहते हैं कि 20 साल बाद भी उस आर्टिकल को पढ़ना उतना ही दिलचस्प है.

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क्या करें जब पड़ोस की लड़की भाने लगे

खैर, मसला यह है कि क्या करें जब पड़ोस की लड़की भाने लगे, उस के लिए दिल में कुछकुछ होने लगे और उसे देखने भर से मन न भरे. पहली बात जो इस मसले में जान लेना बहुत जरूरी है, यह है कि पड़ोस के प्यार के बारे में शायद आप को अब भी कुछ दुविधा हो कि यह प्यार है या नहीं, लेकिन, पूरे महल्ले के लिए तो आप का उसे एक नजर देखना भर ही “पक्का इन का चक्कर चल रहा है” कहने के लिए काफी होगा. तो, जरा संभल कर.

प्रोपोज करने से पहले सोच लें यदि आप यह सोचें की आप को अपने सामने वाले घर में रहने वाली लड़की अच्छी लगती है और आप के दिमाग में उसे देखते ही ‘मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद सा टुकड़ा रहता है’ गीत गुनगुनाने लगता है, तो इस का मतलब यह नहीं कि आप जा कर सीधा प्रोपोज कर दें.

पहले अपनी फीलिंग्स को ले कर क्लियर हो जाएं कि सच में आप उसे चाहने लगे हैं या यह छोटा मोटा क्रश है. इस के बाद उस लड़की के हावभाव नोटिस करें. अगर वह भी आप को उस नजर से देखती है जिस से आप देखते हैं, अगर वह भी आप को नोटिस करती है, अगर उस ने सच में कोई हिंट दिया है तो आप उसे प्रोपोज करने के बारे में सोच सकते हैं, नहीं तो नहीं.

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हां, परंतु उस का अपनी खिड़की पर आ कर बाल सुखाना और खिड़की का पर्दा खुला रखना आप के लिए कोई संकेत नहीं है, यह भी ध्यान रखें. उस की सामान्य क्रियाओं को प्रतिकिर्याओं के रूप में लेने की कोशिश न करें.

शब्दों का चुनाव सही हो

अगर आप को उस लड़की को प्रोपोज करना है तो अपने शब्दों का चुनाव सही रखना बेहद जरूरी है. उसे दो दिन पहले देखा और तीसरे दिन जा कर यह कह देना कि मैं तुम्हें बेहद प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना मर जाऊंगा, बेतुका है. फिल्म रांझना के कुंदन बनने से कुछ होने वाला नहीं है, थोड़े समझदार व्यक्ति की तरह सोचें. यदि आप उसे पसंद करते हैं तो उसे यह कहें कि आप को वह पसंद है. आप को उसे देखना अच्छा लगता है तो उसे यह कहें कि वह खूबसूरत है और आप की नजरें उस पर रुक जाती हैं. जवानी के जोश में और अपने खुद के भ्रम में उस लड़की को उलझाने की कोशिश न करें. प्यार को चलता फिरता शब्द न बनाएं.

गति धीमी रखें

यदि आप की पड़ोस की लड़की भी आप को उतना ही पसंद करती है जितना आप करते हैं तो खुशी के मारे हर चीज़ हबड़तबड़ में न करें. आज उसे खत भेजना तो कल बाजार में हाथ पकड़े घूमना और परसो उसे कहना कि किस करे या सेक्स करे, गलत है. चीज़ें शुरू के दिनों में जितनी अच्छी लगेंगी ब्रेकअप होने के बाद उतनी ही खलेंगी भी. वैसे भी जल्बाजी करने पर चीज़े बिगड़ती ही हैं, फल अपना समय ले कर ही उगते हैं, जल्बाजी करने पर पेट में रसायन ही जाता है जो जानलेवा होता है.

आसपड़ोस का रखे ध्यान

अपने प्यार में इतना भी न खो जाएं कि आप आसपास देखना ही भूल जाएं. पड़ोस की लवस्टोरी में परिवार और पड़ोस की भी बड़ी भूमिका होती है. यदि जाने-अनजाने किसी को आप दोनों के प्रेमप्रसंग के बारे में पता चलता है तो यह आप दोनों के रिश्ते का अंत भी हो सकता है. यह न भूलें कि भारतीय परंपरा और प्रतिष्ठा से लिप्त परिवारों के लिए लड़के लड़की का शादी से पहले ‘प्यार’ का नाम लेना भी “थूथू” से कम नहीं. तो, बाजार में हाथ पकड़े न घूमें, हमेशा उसे ही ताकते न रहें, इशारों इशारों में इतनी भी बातें न करें कि पूरा महल्ला ही इस का दर्शक बन जाए.

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दोस्तों को हर बात न बताएं

माना दोस्तों से कुछ छुपाना नहीं चाहिए हम ने बचपन से सीखा है लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि आप इस बात को अपने अंदर इतना घुसा लें कि आप अपने प्रेमप्रसंग की बातें हर किसी को ही बताने लगें. आप का दोस्त यदि आप को जानता है तो उस लड़की को भी जानता ही होगा. एक ही महल्ले में रहने के कारण आप का दोस्त भी उस लड़की को हमेशा ‘भाभी’ की नजर से ही देखेगा जोकि सही नहीं है, क्योंकि इस से उस लड़की को अटपटा लग सकता है.

आप यदि अपने दोस्तों को अपने और उस लड़की के शारीरिक संबंधों के बारे में बताते फिरेंगे तो यकीन मानिए वे उस लड़की को वासना की नजर से देखने लगेंगे. कितनी ही बार तो ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं जब दोस्तों ने अपनी ही दोस्त की गर्लफ्रेंड को छेड़ा या उस के साथ बलात्कार की कोशिश की है. तो, जरा संभल कर.

पारिवारिक अस्मिता का ध्यान रखें

पड़ोस के प्यार में अकसर लड़के-लड़कियां पारिवारिक अस्मिता का ध्यान रखना भूल जाते हैं. एकदूसरे से छत पर छुपछुप कर मिलना, एकदूसरे के घर में घुस जाना, फंक्शन का फायदा उठा कर एकदूसरे को भरी महफिल में छूने की कोशिश करना, गलत है. कुछ भी करने से पहले अच्छी तरह सोच लें. इस पड़ोस के प्यार के पकड़े जाने पर आप और आप का परिवार तो आहत होते ही हैं, साथ ही लड़ाई झगड़ा होता है जिस का मनोरंजन पूरा महल्ला उठाता है और मजे लेता है. अपनी मोहब्बत को अपने परिवार की इज्जत उछालने का जरिया न बनने दें.

ब्रेकअप को सर पर न चढ़ने दें

हो सकता है आप को लग रहा हो कि अभी तो आप की लवस्टोरी शुरू भी नहीं हुई और मैं ब्रेकअप की बातें करने लगी. लेकिन, यह समझना भी बेहद जरूरी है. पड़ोस के प्यार में प्राइवेसी बहुत कम होती है, एकदूसरे का घर भी आसापास ही होता है इसलिए. ऐसे में यदि आप का ब्रेकअप हो जाए तो दो चीज़ें हो सकती हैं. पहला, आप इस ब्रेकअप से इतना टूट गए हैं कि उस लड़की की हंसी भी आप को अंगारों जैसी जला रही है.

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दूसरा, आप उस लड़की को अपनी खुशी दिखा कर जलाना चाहते हैं. दोनों ही मामलों में कुछ भी करने से पहले सोच लें. यह वही लड़की है जिस की चाहत में आप कुछ दिन पहले तक पागल हो गए थे, इसलिए अब उस के लिए कुछ बुरा सोचना या उस को नुक्सान पहुंचाने जैसी चीजें न सोचें. जो हो गया, सो हो गया. बातों को पकड़ कर न बैठे रहें बल्कि आगे बढें.

मेरे पिताजी को शक है कि मैं अपनी ससुराल में पैसे भेजता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं शादीशुदा हूं और गुजरात के एक छोटे से शहर में काम करता हूं. मैं जो भी कमाता हूं, वह घर में भेज देता हूं. फिर भी मेरे पिताजी को शक है कि मैं अपनी ससुराल में पैसे भेजता हूं या बीवी के नाम बैंक में जमा करा देता हूं. मैं यह बात पिताजी को कैसे समझाऊं?

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जवाब-

आप के पिताजी का शक फिजूल है, उस पर ध्यान न दें और न ही इस बात पर ज्यादा सफाई दें. अपनी कमाई पर पहला हक आप का है. कई दफा मां-बाप बेटे के हाथ से फिसलने के डर के चलते इस तरह के शक का शिकार हो जाते हैं. इस का तनाव न पालें.

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मैं 12वीं जमात में पढ़ता हूं और पुलिस में जाना चाहता हूं. इस के लिए मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 12वीं जमात में पढ़ता हूं और पुलिस में जाना चाहता हूं. इस के लिए मैं क्या करूं?

ये भी पढ़ें- मैं जब कभी पढ़ने बैठती हूं तो मुझे तरहतरह की बातें याद आती हैं. मैं क्या करूं?

जवाब-

पुलिस में जाने के लिए अच्छी सेहत और कदकाठी की जरूरत होती है. 10वीं पास उम्मीदवार इस में जा सकते हैं. आप इस महकमे में निकलने वाली नई नौकरियों की जानकारी लेते रहें और कामयाब होने के लिए उन लोगों से मिलें जो यह नौकरी हासिल कर चुके हैं.

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मैं जब कभी पढ़ने बैठती हूं तो मुझे तरहतरह की बातें याद आती हैं. मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 19 साल की हूं. मेरा पढ़ने को बहुत मन करता है, लेकिन घर के कामों से फुरसत नहीं मिलती. मैं जब कभी पढ़ने बैठती हूं तो मुझे तरहतरह की बातें याद आती हैं. इस से मैं तनाव में घिर जाती हूं. मैं अपनी पढ़ाई पर कैसे ध्यान दूं, ताकि मेरा भविष्य सुधर सके?

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जवाब-

आप घर के कामों और पढ़ाई के समय में तालमेल बैठाएं. पढ़ाई के दौरान माहौल शांत रखें और दिमाग में इधरउधर की बातें आने पर सोचें कि आप को सिर्फ पढ़ाई करनी है. यह अच्छी बात है कि आप का रुझान पढ़ाई की तरफ है. किसी सहेली के साथ पढ़ेंगी, तो मन इधरउधर नहीं भटकेगा.

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मुझे बचपन से ही दोनों आंखों से कम दिखाई देता है. इलाज बताएं?

सवाल-

मैं 34 साल का हूं. मुझे बचपन से ही दोनों आंखों से कम दिखाई देता है. इलाज बताएं?

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जवाब-

कुछ बच्चे दृष्टिहीन या देखने की गंभीर कमी के साथ जन्म लेते?हैं. इस के पीछे कई वजहें हो सकती हैं. इन में आंख के विकास में हुई गड़बड़ी या समय से पहले हुई पैदाइश से संबंधित रेटिनोपैथी जैसी चीजों की वजह से आंखों के ढांचे को हुए नुकसान या संक्रमण या विकास संबंधी समस्या

या आंखों के लिए जिम्मेदार दिमाग के हिस्सों को पहुंचे नुकसान जैसी वजहें भी शामिल हैं. आंखों के किसी अच्छे डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

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कंडोम इस्तेमाल किए बिना जिस्मानी संबंध बनाए जा सकते हैं?

सवाल-

बच्चा ठहरने के बाद क्या कंडोम का इस्तेमाल किए बिना जिस्मानी संबंध बनाए जा सकते हैं?

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जवाब-

जी हां, पत्नी के पेट से होने के बाद कंडोम के साथ या कंडोम के बिना सैक्स किया जा सकता है, लेकिन जच्चा-बच्चा के माहिर डाक्टर की इजाजत के बाद ही.

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मेरा प्रेम विवाह 5 साल पहले हुआ था, लेकिन मेरा उन से दूर जाने को दिल करता है. मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरा प्रेम विवाह 5 साल पहले हुआ था, लेकिन अब मुझे पति की आदतें बिलकुल पसंद नहीं आतीं. मैं बातबात पर उन से झगड़ती रहती हूं. मेरा उन से दूर जाने को दिल करता है?

जवाब-

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अकसर ऐसा होता है कि जो हमें अच्छा लग गया, हम उस के साथ जीवन बिताने को तैयार हो जाते हैं. उस समय हम उस की बुराइयों को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन जब हम उस के साथ गृहस्थ जीवन बिताते हैं तो हमें उस की वही आदतें खटकने लगती हैं. बाद में यही बात लड़ाई व तनाव का कारण बनती है. आप के साथ यही हो रहा है. ऐसी बातों को खुद पर हावी न होने दें बल्कि यह सोच कर खुशीखुशी जीवन का निर्वाह करें कि हर इंसान में अच्छाइयां व बुराइयां दोनों होती हैं.

मेरी पत्नी को सफेद पानी की समस्या है. उस की उम्र 25 साल है. क्या इस से मां बनने में परेशानी हो सकती है?

सवाल-

मेरी पत्नी को सफेद पानी की समस्या है. उस की उम्र 25 साल है. क्या इस से मां बनने में परेशानी हो सकती है?

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जवाब-

सफेद पानी की परेशानी पत्नी के अंग में संक्रमण की निशानी है. इस का असर उस की माहवारी पर पड़ सकता है, जिस से उस के पेट से होने की समस्या आ सकती है. सफेद पानी का इलाज बहुत आसान होता है. आप डाक्टर से मिल लें. कुछ दवाओं से सफेद पानी की परेशानी को दूर किया जा सकता है.

मेरी उम्र 60 साल है. मैं बवासीर से परेशान हूं. उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 60 साल है. मैं बवासीर से परेशान हूं. उपाय बताएं?

जवाब-

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पौष्टिक खाना न खाने से यह परेशानी हो जाती है. आप का खाना ऐसा होना चाहिए, जो सही तरह से हजम हो जाए. तलीभुनी चीजों और मिर्चमसाले वाले खाने से परहेज करें. अगर बवासीर में खून आ रहा हो, तो इस को आपरेशन कर के ठीक किया जा सकता है.

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