सौजन्य- मनोहर कहानियां
इंसान में कुछ खूबियां होती हैं तो कुछ बुरी लतें भी होती हैं. इरफान की 2 बीवी तथा 4 प्रेमिकाएं हैं. चोरी में मोटा माल हाथ लगने के बाद सब से पहले किसी प्रेमिका के पास ही जाता था. दोनों बीवियों के अलावा वह अपनी इन प्रेमिकाओं पर भी दिल खोल कर पैसा खर्च करता था.
इन में से अलीगढ़ में रहने वाली प्रेमिका रूपाली को तो कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया. जबकि उस की दूसरी माशूकाएं आगरा, सवाई माधोपुर तथा बंगलुरु की रहने वाली हैं. चोरी की रकम से वह इन्हें महंगे उपहार देता था. बदले में वे उसे न सिर्फ छिपने में मदद करतीं बल्कि उस की अय्याशी का सामान भी बनतीं.
इरफान मुंबई, चंडीगढ़, बंगलुरु और दिल्ली के लाउंज व बारों में जम कर मौजमस्ती करता व रुपए उड़ाता था. महंगी कारों, डिजाइनर कपड़ों और विलासितापूर्ण जीवन का शौकीन इरफान बार में एकएक गाने की फरमाइश पूरी करने पर 10-10 हजार रुपए उड़ाता था.
भोजपुरी फिल्मों की एक अभिनेत्री मुंबई में रहने के दौरान उस की दोस्त बन गई थी, जो मुंबई में रहती थी, जब भी चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम देता तो पहले गांव जाता, वहां लोगों की मदद करने के लिए जो भी पैसा खर्च करना होता करता.
कुछ रोज अपनी पत्नी गुलशन के साथ गुजरता, उस के बाद वह मुंबई चला जाता और अपनी भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री प्रेमिका के साथ रह कर जम कर मौजमस्ती करता.
उस की पहचान एक पैसे वाले के रूप में होने लगी. अपनी फिल्मी माशूका पर दिल खोल कर पैसे खर्च करता और जब पैसा खत्म होने लगता तो किसी दूसरे शिकार की तलाश में मोटा हाथ मारने के लिए किसी दूसरे शहर का रुख कर लेता. बाद में उस ने इस एक्ट्रैस से शादी कर ली.
उस की कमजोरी थी फेसबुक, जिस पर इरफान अपनी विलासितापूर्ण जिदंगी की फोटो और वीडियो अपलोड करता रहता था.
इरफान ने एक साल पहले ही अपनी पत्नी के नाम से महंगी जगुआर कार खरीदी थी, जिस से इलाके में उस की शान और भी बढ़ गई. शोएब नाम के अपने ड्राइवर के साथ वह कार में चलता था.
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जब वह दूसरे महानगरों में चोरी करने के लिए जाता तो अकसर अपने ड्राइवर व गाड़ी को ले कर चोरी करने जाता था. इतनी महंगी कार होने के कारण कोई भी उस पर शक नहीं करता था. वह महंगे होटलों में रुकता है. जब वह कार से चोरी करने नहीं जाता तो बिहार से दूसरे शहरों में आनेजाने के लिए हवाई जहाज से सफर करता था.
धीरेधीरे जब दूसरे राज्यों की पुलिस उसे गिरफ्तार करने गांव पहुंचने लगी तो गांव वालों को पता चल गया कि वह एक कुख्यात चोर है. लेकिन तब तक वह गांव वालों के बीच अपनी छवि एक फरिश्ते के रूप में गढ़ चुका था. पुलिस कुछ भी कहती, लेकिन लोग उस के खिलाफ न तो कुछ बोलते न ही उस के बारे में गलत सुनने को तैयार होते थे.
चोरी के पैसों से उस ने धीरेधीरे अपने गांव व आसपास के लोगों को सहयोग करना शुरू कर दिया. अपने गांव की नाली खडं़जे से ले कर जर्जर सड़कों को भी बनवाना शुरू कर दिया. धीरेधीरे लोग उस के पास मदद मांगने आने लगे तो उसे भी अपनी तारीफें सुनने के कारण उन की मदद करने का चस्का लग गया. वह कभी किसी गरीब की बेटी की शादी करा देता तो कभी गांव में किसी बीमार के इलाज का खर्च उठा लेता.
जरूरतमंदों की खुले रूप से करता था आर्थिक मदद
उस की छवि गांव में रौबिनहुड जैसी बन गई. सामाजिक काम में इरफान किस कदर सक्रिय हो चुका था, इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2 साल पहले अपने पड़ोस में रहने वाली एक गरीब लड़की के कैंसर के औपरेशन पर उस ने 20 लाख रुपए खर्च कर दिए थे.
वह अपने गांव में हर महीने चिकित्सा शिविर का आयोजन करता था. गांव के लोगों को अब पता था कि वह बड़े शहरों का महाचोर है. इस के बावजूद गांव के लोगों के लिए वह फरिश्ता ही था, जो उन की जिंदगी में उजाला भरने के लिए चोरी कर अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहा था. इसीलिए लोग उस के नाम के आगे उजाला लगाने लगे थे.
इरफान जब लोगों की मदद करता तो इस में वह ये नहीं देखता था कि मदद मांगने वाला किस मजहब का है. इरफान के मुसलिम बहुल गांव जोगिया में केवल 4 हिंदू परिवार रहते हैं. वहां के जोगिंदर राम की भी उजाला ने मदद की है.
उस ने 3 महीने पहले ही जोगिंदर की बेटी की शादी में 4 हजार रुपए से मदद की तो कुछ साल पहले लीवर इंफेक्शन के औपरेशन के लिए उसे 5 हजार रुपए दिए थे. इसी गांव में रहने वाली रामसती का 2 साल पहले बच्चेदानी का औपरेशन कराने के लिए इरफान उर्फ उजाला ने उसे 10 हजार रुपए दिए थे.
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सामाजिक काम कर के फरिश्ते के रूप में बनाई गई छवि के कारण गांव तथा आसपास के इलाकों के लोग अब इरफान पर दबाव डालने लगे कि अगर वह राजनीति में आ जाएगा तो उन की जिंदगी संवर जाएगी. इरफान भी जानता था कि राजनीति में आने के बाद ही वह अपनी कौम और लोगों की मदद कर सकता है.
लोगों ने उस पर ज्यादा दबाव डाला तो उस ने गांव व आसपास के क्षेत्र में और तेजी से सामाजिक कार्य शुरू कर दिए. उस ने राजनीति में कदम रखने के लिए अपनी पत्नी गुलशन परवीन को आगे कर दिया.
वह गांव और इलाके की राजनीति से राजनीति में आगे बढ़ना चाहता था. इसलिए उस ने कुछ दिन पहले ही पुपरी के जिला परिषद क्षेत्र संख्या 34 से अपनी पत्नी को प्रत्याशी बनाया. नामांकन से ले कर चुनाव प्रचारप्रसार में उस ने दिल खोल कर रुपए खर्च किए.
हालांकि इस दौरान पुलिस ने गुलशन को गिरफ्तार कर के जेल भी भेजा, लेकिन जेल से निकलने के बाद उस ने नामांकन किया और लोगों ने जम कर उस के प्रचार में साथ दिया.
इसे इरफान की पत्नी की मेहनत कहें या इरफान की सामाजिक कामों से मिली शोहरत, उस की पत्नी भारी मतों से चुनाव जीत गई. दरअसल, चुनाव से कुछ दिन पहले ही इरफान ने करीब डेढ़ करोड़ रुपया खर्च कर के 7 गांवों की सड़कें बनवाई थीं. इस से इलाके के लोगों को लगने लगा कि वह चुनाव जीतने से पहले इतना विकास कर सकती है तो चुनाव जीतने के बाद इलाके को जन्नत बना देगी.
कविनगर पुलिस ने इरफान व उस के पकड़े गए साथियों से अब तक चोरी में प्रयुक्त की जाने वाली स्कौर्पियो व जगुआर समेत एक करोड़ की कीमत से अधिक के सोने व हीरे के जेवर बरामद किए हैं. उस के खिलाफ विभिन्न प्रदेशों में चोरी के 25 मामले दर्ज हैं. तथा उस ने अब तक करीब 20 करोड़ से अधिक की चोरियां की हैं.
उस ने अपनी पत्नी गुलशन परवीन से चुनाव जीतने के बाद चोरी न करने का वायदा किया था. उस की पत्नी अब जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुकी है. लेकिन रौबिनहुड बनने का उस का ख्वाब उसे जरायम की दुनिया से दूर नहीं रख पाया.
—कथा पुलिस की जांचपड़ताल व आरोपियों से हुई पूछताछ पर आधारित