अब 1 बज रहा था. नंदिनी ने लंच किया. आज लंच करतेकरते वह अकेली मुसकराती रही. आज अचानक उसे पता नहीं क्याक्या याद आने लगा. सालों पुरानी अपनी लाल चूडि़यां याद आने लगीं. मन हुआ शुरुआती दिनों की तरह खूब सजधज कर विपिन के साथ कुछ समय बिताए. लंच कर के उस ने फिर दूरबीन उठा ली. फिर कुछ नहीं दिखा. वह भी जा कर सो गई. फिर उठ कर घर के कुछ काम निबटाए.
4 बजे चाय का कप ले कर फिर दूरबीन उठा कर स्टूल पर बैठ गई. मांबेटी वाले घर में तो कोई हलचल नहीं दिखी, पर नवविवाहित जोड़ा घर की सैटिंग में व्यस्त था. दोनों मिल कर सामान ठीक कर रहे थे. शायद नएनए आए थे फ्लैट में. बीचबीच में दोनों का रोमांस भी चल रहा था. लड़के ने पत्नी को गोद में उठा कर घुमा दिया. आकर्षक जोड़ा था.
नंदिनी ने हंस कर अपनी दूरबीन को चूम लिया. आज उसे एक नया रोमांच महसूस हो रहा था. पूरा दिन कब बीत गया, पता ही नहीं चला. सब से बड़ी बात उसे पति और बच्चों की कोई बात याद कर के गुस्सा नहीं आया. आज कोई झुंझलाहट नहीं थी मन में. एकदम खिलाखिला था मन.
5 बज रहे थे. नंदिता अपनी शाम की सैर पर जाने के लिए तैयार होने लगी. वह शाम को रोज 1 घंटा सोसायटी के पार्क में सैर करती थी. आज उस के कदमों में गजब की तेजी थी. मन में स्फूर्ति थी. सैर करते हुए सोच रही थी कि इस दूरबीन का किस्सा घर में किसी को नहीं बताऊंगी.
वह जानती है यह हरकत अच्छी नहीं है पर उसे तो आज पूरा दिन मजा आया, सहीगलत के चक्कर में नहीं पड़ेगी वह. 6 बजे आ कर वह किचन में व्यस्त हो गई. शाम को सब के आने के समय नंदिनी ने दूरबीन अपनी साडि़यों की तह में छिपा दी.
विपिन राहुल और सोनी के आने के बाद नंदिनी नाश्ते के बाद डिनर की तैयारी में व्यस्त हो गई. वह बच्चों से बीचबीच में दिन भर की बातें पूछती रही. कालेज के कुछ और सवाल पूछने पर फोन में व्यस्त राहुल झुंझला गया, ‘‘मां, कितने सवाल करती हो?’’
आज नंदिनी खुद ही अपने ऊपर हैरान रह गई. उसे राहुल की इस बात पर जरा भी गुस्सा नहीं आया. वह गुनगुनाती हुई अपने काम करती रही. डिनर के बाद विपिन न्यूज देखने लगे. बच्चे अपने रूम में चले गए. नंदिनी का मन हुआ अपनी दूरबीन उठा ले पर नहीं, यह तो असंभव था. वह घर में किसी को भनक नहीं लगने देगी. उस ने फिर बड़े ही रोमांटिक अंदाज में विपिन के गले में बांहें डाल दीं, ‘‘चलो, बाहर टहल कर आते हैं.’’
विपिन को हैरत का एक तेज झटका लगा. नंदिनी को ध्यान से देख कर पूछा, ‘‘तुम्हें क्या हुआ है?’’
नंदिनी हंस पड़ी, ‘‘बस यही पूछते रहते हो तुम्हें क्या हुआ है, कभी कुछ और भी तो कहो.’’
विपिन ने मुसकराते हुए टीवी बंद कर दिया.
दोनों टहल आए. नंदिनी का मूड बहुत अच्छा था1 उस नवविवाहित जोड़े की प्रणयलीला याद कर एक भूलीभटकी सी रोमानियत उस के मन में भी उतरती जा रही थी. उस रात उस ने अपने और विपिन के प्रणयपलों को बड़ी उमंग से जीया.
सुबह नंदिनी तीनों के जाते ही जल्दी से दूरबीन उठा कर स्टूल पर बैठ गई. मांबेटी वाले फ्लैट में मां शायद कामकाजी थी, वह साड़ी पहने तैयार थी. बेटी शायद कालेज में होगी. दोनों साथ ही निकलती थीं. घर में कोई और नहीं था. कल शायद लेट गई थीं. तभी तो नाचगा रही थीं. दोनों बहुत फ्रैश और खुश लग रही थीं.
फिर नंदिनी ने दूरबीन दूसरे फ्लैट की ओर घुमाई कि क्या कर रहे होंगे ये हीरोहीरोइन. वह खुद ही जोर से हंस दी. देखा, शायद हीरो औफिस के लिए तैयार था. हीरोइन अपने हाथ से उसे नाश्ता करा रही थी. वाह, रोमांस चल रहा है. हां, यही तो दिन हैं भई… चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात. वह खुद ही सब सोच कर मुसकराती रही. तभी श्यामा आ गई तो नंदिनी ने दूरबीन छिपा दी.
आज एक अरसे बाद नंदिनी ने विपिन को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया, ‘आई लव यू.’
विपिन की हैरानी वाली बात स्माइली आई और ‘सेम टू ये, डियर’ का जवाब. नंदिनी विचित्र सी अनुभूतियों में घिरी घर के काम निबटाती रही. फिर वह दोपहर में ब्यूटीपार्लर गई. बढि़या फेशियल, मैनीक्योर, पैडीक्योर, एक मौडर्न हेयरकट करवाया, खुद को आईने में देख कर खुश हुई. फिर अपने लिए नई कुरती खरीदी.
घर आते ही दूरबीन उठाई पर कुछ नहीं दिखा. मांबेटी शायद शाम को ही वापस आती थीं. हीरोइन एकाधबार बालकनी में दिखाई दी. फिर शाम के समय एकदम सजीसंवरी हीरो का इंतजार करती. नंदिनी भी शाम के समय आज कुछ अलग ढंग से तैयार हुई.
शाम को सोनीराहुल आए तो नंदिनी को देखते ही सोनी बोली, ‘‘वाह, मां, कितनी अच्छी लग रही हो. वाह, नया हेयरकट, बहुत अच्छा है.’’
राहुल ने भी कहा, ‘‘ऐसे ही रहा करो मां, लुकिंग गुड.’’
विपिन तो कल से ही नंदिनी में आए परिवर्तन पर हैरान थे. नंदिनी को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोले, ‘‘वाह, क्या बात है. भई, क्या इरादा है?’’
नंदिनी हंसतेह हुए बोली, ‘‘अच्छा ही है.’’
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